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तीसरे दिन – खुशहाल जीवन के लिए दिव्य गुणों और शक्तियों को करें धारण – राजयोगिनी ऊषा दीदी

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खुशहाल जीवन के लिए दिव्य गुणों और शक्तियों को करें धारण – राजयोगिनी ऊषा दीदी
राजयोगिनी ऊषा दीदी ने ब्रह्माकुमारीज के तीन राजयोग ध्यान केंद्रों का किया उद्घाटन


ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय ग्वालियर के तीन केंद्रों का हुआ उद्घाटन।
जिसमें झूलेलाल कॉलोनी (समाधिया कॉलोनी), हक्सर कॉलोनी मुरार (टप्पा तहसील के पास) तथा विद्या नगर (न्यू कलेक्टोरेट के सामने
के)
कार्यक्रम में सिटी सेंटर केंद्र प्रभारी बीके चेतना बहन ने सभी का स्वागत किया। ततपश्चात बीके ऊषा दीदी ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि
क्रोध पर विजय पाने का तरीका
कमजोरी से कमजोरी को खत्म नही किया जाता कमजोरी को किसी शक्ति से सकारात्मकता से खत्म किया जा सकता है
मैडिटेशन के द्वारा  खुद को चार्ज किया जाता है कमजोरी को पहचानकर उसको सुधारना ही सफलता प्राप्त करना है यदि कोई आपको आपकी  कमजोरी बताए तो उसको सुनें उसका शुक्रिया करे उसको डिफेंट ना करे ऐसी कमजोरी की पैरवी करे उसको बढ़ाये नही उसको स्वीकार कर के उसको खत्म करने का उपाय् सोचे।
कमजोरियों की लिस्ट तैयार करनी है हर कोई अपनी कमजोरी को जानता है।
यदि किसी को क्रोध आता है तो क्यो आता है शांति की कमी, धैर्यता की कमी, इस शक्ति के आभाव में क्रोध आता है
उसके लिए ब्रह्ममुहूर्त (अमृतवेले) में बैठ कर सर्वशक्तिमान परमात्मा से रोज 7 दिनों तक शांति की शक्ति का आहवान करे तो उस शक्ति की अनुभूति होती रहेगी। ऐसे ही अन्य गुणों और शक्तियों से स्वयं को भरपूर कर सकते है।
निर्विघ्न और  खुशहाल जीवन जीने के लिए उन गुणों और शक्तियों को अपने अंदर भरे। विघ्न आता है तो अनुभवी बनाने के लिए आता है लेकिन अनुभवी होने के बाद उस अनुभव से उस परिस्थिति का सामना करें।
परमात्मा को अपना साथी बना लो और तो उनकी मदद अवश्य मिलेगी। कोई बात किसी से बार बार आ रही है तो जरूर कोई कार्मिक खाता है तो उसको क्यों क्या कैसे कब प्रश्नों में दुखी ना हो उसको शुभ भावना से खत्म करे।
यदि ऐसा नही किया तो वो आपकी खुशी को समाप्त करेगा।
नकारात्मक चिंतन से अपने को दूर रखें ।
यदि कोई हमसे ईर्ष्या कर रहा है। तो चिंतित न हो उसके लिए शुभ भाव रखें। क्योकि कोई हमारा भाग्य नहीं मिटा सकता। यदि कोई उस भाग्य को मिटा सकता है तो वो हम स्वयं ही है, इसलिए भाग्य को ऊंचा रखने के लिए सदैव श्रेष्ठ कर्म करते रहें।
कहावत भी है निंदा हमारी जो करे सो मित्र हमारा होय।
इसलिए निंदा करने वाले को अपना मित्र मानों तो कभी चिंता भी नहीं होगी और हम अपने जीवन को भी अच्छा बना सकेंगे।
इस अवसर पर पर म.प्र. भोपाल ज़ोन की सभी जिलों की प्रभारी बहनें भी उपस्थित रहीं।


इसके साथ ही शाम को माधवगंज स्थित प्रभु उपहार भवन में दीदी जी का व्याख्यान हुआ। जिसमें उन्होंने संस्थान से जुड़े भाई एवं बहनों को आध्यात्मिक रीति से कैसे हम अपनी उन्नति करें इसके बारे में विस्तार से बताया।

– हमारे मन में जैसे विचार उत्पन्न होते है वही कर्म में आता है – राजयोगिनी ऊषा दीदी
– प्रेम, शांति, खुशी, सम्मान जो आपको चाहिए वह दूसरों को बांटना शुरू करो – ब्रह्माकुमारी ऊषा दीदी

ग्वालियर।  जिनको प्रभु का प्यार मिल रहा है वह बड़े ही सौभाग्यशाली है। इसलिए सदैव स्मृति रखो हमारे जैसा खुशनसीब और कोई नहीं भगवान ने हम सभी को सर्व खजाने दिए हैं ज्ञान का खजाना, गुणों का खजाना, शक्तियों का खजाना, खुशी का खजाना बस इन्हें उपयोग करना आना चाहिए। जो समय पर इन खजानों को उपयोग कर पाते है वह जीवन को सुंदर तरीके से जीते है। और इन खजानों को बढ़ाने का तरीका है जितना बांटो उतना बढ़ेगा।  जो आपको चाहिए वह बांटना शुरू करो खुशी चाहिए तो खुशी बांटो, सम्मान चाहिए तो सबको सम्मान दो, प्रेम चाहिए तो सभी से प्रेम पूर्वक व्यवहार करो। संसार का नियम है जो देंगे वही मिलेगा उक्त बात राजयोगिनी बीके ऊषा दीदी ने जाने से पूर्व प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के प्रभु उपहार भवन माधौगंज केंद्र पर सभी को संबोधित करते हुए कही।
दीदी ने आगे कहा कि जीवन मे हमेशा ध्यान रखो कि हमारे शब्द कैसे है हम जो बोल रहे है वह दूसरों को मिठास देने वाले हो कोई शब्द ऐसा नहीं बोलना चाहिए जो दूसरों को दुःख दे।   घर के अंदर अगर अच्छा वातावरण बनाना है तो रोज दिव्यगुणों को धारण करने की पढ़ाई पढ़ो उस पर चिंतन करो यदि हमारे जीवन में आलस्य अलबेलापन होगा तो हम किसी भी कार्य को बेहतर ढंग से नहीं कर पाएंगे । जो हमारे मन में विचार आते हैं वही कर्म में आता है इसलिए सदैव अच्छे विचार ही अपने मन में लेकर के आएं क्योकि वही तरंगे हमारे आसपास भी फैलती हैं । इसलिए इस बात पर अटेंशन हो कि हमारे आसपास का वातावरण अच्छा बने उसके लिए सदैव सकारात्मक ही सोचें | जिससे मिलो तो ऐसे मिलो जैसे अपने परिवार का सदस्य है क्योकि सब परमात्मा शिव की संतान है। इसलिए सब आपस में भाई भाई है।
सभी के प्रति बेहद की भावना अंदर में रखो मेरे परिवार वालों का या मेरा कल्याण ही नहीं वल्कि यह भाव रखो की सबका कल्याण हो तो उसमें मैं और मेरा परिवार भी आ जायेगा।
परमपिता परमात्मा शिव बाबा सबका कल्याण करते है हम उनके बच्चे होने के नाते से हमें भी सबके प्रति कल्याण का भाव रखना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि अध्यात्म के मार्ग में जो फाउंडेशन है वह पक्का होना चाहिए तो जीवन की यात्रा सुखद होती है। हम जो यहाँ ज्ञान सुनते है या योग (ध्यान) का अभ्यास करते है। उसे प्रैक्टिकल जीवन में अमल में लाओ तब आपको सुंदर अनुभव होंगे।
दीदी ने कहा कि एक है सुनना,  दूसरा है समझना और तीसरा है स्वरूप बनना स्वरूप बनेंगे तो सभी की दुवाएं मिलेंगी।
कार्यक्रम के अंत मे बीके आदर्श दीदी ने राजयोगिनी बीके ऊषा दीदी और उनके साथ माउंट आबू से आये सभी साथियों बीके अन्नु बहन, बीके रघु भाई, बीके मुकेश भाई, बीके प्रसाद भाई, बीके प्रदीप भाई का सम्मान किया तथा सभी का आभार भी व्यक्त किया और भविष्य में भी इस तरह के आयोजन में पुनः ग्वालियर पधारने का अनुरोध भी किया।
इस अवसर पर बीके डॉ गुरचरन सिंह, बीके प्रहलाद, बीके ज्योति बहन, बीके महिमा बहन, बीके जीतू, बीके पवन, बीके लक्ष्मी, बीके अरुण, बीके सुरभि बीके रोशनी, बीके कार्तिक, बीके सौरभ, बीके विजेंद्र, बीके संजय, गजेंद्र अरोरा, राजेन्द्र अग्रवाल, संतोष बंसल, सन्तोष गुप्ता, राजेन्द्र सिंह, जगदीश मकरानी, जया लोकवानी, बीनू मकरानी, कविता पमनानी, दीपा आगीचा, नीलम मोतिरमानी, माधवी गुप्ता, आशा सिंह, राजू, पार्वती, मीरा, शिवांस, पंकज, सुरेश, राजेन्द्र सहित  बीके जयोति दीदी ने कार्यक्रम का संचालन किया। तथा इस अवसर पर संस्थान से जुड़े सैकड़ों भाई एवं बहने उपस्थित रहे ।

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तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी(न्यूज़ कवरेज)

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तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी

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24 सितंबर 2025

खुशनुमा और स्वस्थ जीवन के लिए तनाव प्रबंधन आवश्यक – बीके प्रहलाद भाई

एसएएफ 13 बटालियन में तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली विषय पर प्रेरणादायक सत्र आयोजित

ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के द्वारा 13वीं वाहिनी विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ 13 बटालियन) में “तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली” विषय पर एक प्रेरणादायक सत्र आयोजित किया गया। जिसका उद्देश्य लोगों को मानसिक शांति, सकारात्मक सोच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रेरक वक्ता एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई तथा ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र की मुख्य संचालिका बीके आदर्श दीदी उपस्थित थीं।


इस अवसर पर एस ए एफ 13 बटालियन से प्रभारी सेनानी अनुराग पांडे, सहायक सेनानी, गुलबाग सिंह, डॉक्टर ओ पी वर्मा निरीक्षक मुनेन्द्र सिंह भदोरिया, निरीक्षक, धर्मेंद्र वर्मा, निरीक्षक मुकेश परिहार, निरीक्षक पुष्पेंद्र सिंह भदौरिया, निरीक्षक जादौन, निरीक्षक राय सिंह जयंत, समस्त पी टी एस स्टाफ एवं 350 से अधिक प्रशिक्षणार्थी सहित ब्रह्माकुमारीज से बीके सुरभि, बीके रोशनी, बीके पवन उपस्थित थे।
कार्यक्रम में बीके प्रहलाद भाई ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आज के तेज रफ़्तार जीवन में तनाव हर किसी की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। जिसकी वजह से हमारे जीवन में काफी उतार चढाव आते है। इन सबसे छूटने के लिए तनाव का सही ढंग से प्रबंधन करना ही खुशनुमा और स्वस्थ जीवन जीने की कला है। यदि तनाव पर नियंत्रण न हो तो यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ को प्रभावित करता है। इसके लिए कुछ सरल उपाय अपनाकर हम संतुलित, आनंदमय और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। उन्होंने कहा कि – सकारात्मक सोच विकसित करें, हर परिस्थिति में अच्छा पक्ष देखने का प्रयास करें, नकारात्मक विचारों से दूर रहें, योग और ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाये, रोजाना 15 से 20 मिनिट ध्यान करें जिससे मन स्थिर रहता है एवं मानसिक शांति भी मिलती है, प्राणायाम और योगासन से शरीर स्वस्थ्य रहता है, 6 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद लें, संतुलित भोजन लें, नशे से दूरी बनाकर रखें, जंक फ़ूड से बचें, व्यवस्थित दिनचर्या बनायें, कोई न कोई रोज अच्छी पुस्तक पढ़ने की आदत डालें, कार्यक्रम स्थल पर किसी भी तरह का दवाव आता है तो घबरायें नहीं, परिवार के साथ समय विताएं, हर कार्य को एक खेल की तरह से लें।
बीके प्रहलाद भाई नें अनेकानेक रचनात्मक गतिविधि भी कराई जिससे सभी का मन हल्का हुआ और उमंग उत्साह भी बढ़ा। और दिन कि शुरुआत किस तरह से करें वह भी बताया।


कार्यक्रम में बीके आदर्श दीदी नें कहा कि तनाव को दूर करने के लिए योग, ध्यान, प्राणायाम, सकारात्मक चिंतन और समय प्रबंधन जैसे उपाय बेहद प्रभावी हैं। पर्याप्त नींद और रुचियों के लिए समय निकालना जीवन को सुखद और तनावमुक्त बना सकता है साथ ही कहा कि तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है यदि हम स्वस्थ दिनचर्या और आत्म नियंत्रण को अपनाएं तो जीवन अधिक खुशनुमा और आनंदमय बन सकता है। दीदी नें सभी को राजयोग ध्यान की विधि बताई तथा सभी को उसके फायदे बताते हुए अभ्यास भी कराया।
इस अवसर पर उपस्थित प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे अपने जीवन में स्वस्थ दिनचर्या, योग ध्यान और सकारात्मक सोच को अपनायेंगे और परिवार एवं समाज के प्रेरणास्त्रोत बनेगें।


कार्यक्रम में मेडिकल ऑफिसर डॉ ओपी वर्मा ने बताया कि तनाव आता है तो लोग आसानी से नशे की तरफ भागते है जबकि वह समाधान नहीं है। समाधान के लिए हमें ब्रह्माकुमारीज़ जैसे आध्यात्मिक संस्थानों से जुड़कर ध्यान के माध्यम में हमें अपने को सकारात्मक बनाना चाहिए। इस अवसर पर अन्य पदाधिकारियों नें भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में संस्थान के लोंगो का अभिनन्दन करते हुए पौधे भेंट किए गए।

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ब्रह्माकुमारीज़ के माधौगंज केंद्र पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में भव्य कार्यक्रम का हुआ आयोजन

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ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के माधौगंज स्थित प्रभु उपहार भवन में भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।


कार्यक्रम में संस्थान के बाल कलाकारों ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का मंचन किया। जिसने सभी का मन मोह लिया तो वहीं भजन गायकों द्वारा सुंदर भजनों की प्रस्तुति ने सभी को आनंदित कर दिया।
कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी ने सभी को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की बधाई दी और कहा कि आज हम भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को हर्ष और उल्लास के साथ मना रहे हैं। यह केवल एक धार्मिक त्योहार ही नहीं, बल्कि हमारे जीवन को दिशा देने वाला आध्यात्मिक संदेश है। भगवान श्रीकृष्ण जी का जीवन हमें सिखाता है कि धर्म की रक्षा और अन्याय तथा बुराइयों का अंत करना ही जीवन का सबसे बड़ा उद्देश्य होना चाहिए।


भगवान ने गीता में कहा है कि अपने कर्तव्यों को निष्ठा और ईमानदारी से करना चाहिए, फल की चिंता नहीं करनी चाहिए। यह शिक्षा आज के समाज के लिए बहुत प्रासंगिक है। यदि हर व्यक्ति अपना कर्तव्य सही भावना से निभाए, तो समाज में अन्याय, भ्रष्टाचार और असमानता स्वतः ही समाप्त हो सकती है।
भगवान श्रीकृष्ण का जीवन हमें गहन शिक्षाएँ देता है। उनका जन्म कारागार में दिखाते है, लेकिन परिस्थितियाँ कैसी भी रही हों, उन्होंने हमेशा धर्म और न्याय की स्थापना का कार्य किया। उनका पूरा जीवन हमें यह संदेश देता है कि मनुष्य को अपने कर्तव्य का पालन निस्वार्थ भाव से करना चाहिए।
यह पर्व हमें नई श्रेष्ठाचारी और पावन दुनिया की याद दिलाता है। जब-जब संसार में अन्याय, अधर्म और असत्य बढ़ता है, तब ईश्वर अवतरित होकर मानवता को सही दिशा दिखाते हैं।

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कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार महेश कुमार, प्रेरक वक्ता बीके प्रहलाद ने भी सभी को जन्माष्टमी की शुभकामनाएं देते हुए अपने विचार प्रकट किए।
कार्यक्रम में सुंदर झांकी लगाई गई थी। जिसका दर्शन लाभ सभी ने लिया। साथ ही भजनों की सुंदर प्रस्तुति एवं भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का मंचन करने वाले कलाकारों में कु. रोशनी, कु. तनवी, कु. पीहू, कु. नंदनी, कु. हंसिका, कु. रुचि, कु. नव्या, रूबी, सोनिया, पवन, अखिलेश, निलक्ष तथा बीके जीतू आदि शामिल थे।

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