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सिकंदर कम्पू पर सात दिवसीय ज्ञान सप्ताह के अंतर्गत प्रवचन
ग्वालियर। आज की भागती और व्यस्त जीवन शैली में व्यक्ति अक्सर बाहरी दुनिया की उलझनों में फंस जाता है, जबकि असली सुख और शांति तो अंदर की ओर देखने से मिलती है। उक्त बात प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्व विद्यालय, सीधी से पधारी बीके अर्चना दीदी ने सिकंदर कम्पू स्थित पानी की टंकी के पास चल रहे प्रवचन के दौरान अपने उद्बोधन में कही। यह श्रोताओं के लिए सुन्दर अवसर था जिसमें दीदी कर्मों की गुह्य गति, भाग्य और आत्मानुभूति को सरल शब्दों में और प्रेरक कहानियों के माध्यम से स्पष्ट कर रहीं थी। उन्होंने आगे कहा कि जीवन बहुत अनमोल है सत्कर्म ही व्यक्ति को शांति, सफलता और आध्यात्मिक उन्नति की ओर ले जाते है, जबकि व्यर्थ कर्म या अनजाने में किए हुए कर्म दुःख का कारण बनते है। उन्होंने कहा कि कर्म केवल बाहरी क्रिया ही नहीं, बल्कि मन, वाणी और संकल्प की ऊर्जा है, जों व्यक्ति के वर्तमान और भविष्य दोनों को प्रभावित करती है। कर्म का फल अवश्य प्राप्त होता है। चाहे आज न मिले, लेकिन कल या भविष्य में निश्चित फल मिलता है। जैसा कहा जाता है कि जितना कुआं खोदोगे, उतना पानी मिलेगा अर्थात मनुष्य के भीतर जो सोच और कर्म हैं, उनका परिणाम निश्चित ही सामने आता है। इसलिए जीवन में सदैव श्रेष्ठ कर्म और परमात्मा की याद करते रहना चाहिए। तो वर्तमान भी अच्छा होगा और भविष्य भी अच्छा होगा।
उन्होंने आगे कहा कि चार बातें जीवन में हमेशा याद रखो पहली सत्संग, दूसरी ध्यान, तीसरी धारणा और चौथी बात सेवा इससे आप अपने जीवन को अच्छा बना सकते है। सत्संग अर्थात वह दर्पण जिसमें हमें अपने कर्मों को स्पष्ट देखने का मौका मिलता है। ध्यान अर्थात परमात्मा की याद, आप कितने भी व्यस्त क्यों न हो थोड़ा समय निकालकर परमात्मा को याद करना चाहिए जिससे हमारे पुराने कर्मों का खाता हल्का होता है और हमें सकारात्मक ऊर्जा मिलती है। धारणा अर्थात जों अच्छी बाते आप सुनते है उनको जीवन में धारण करना या हम कह सकते है कि दिव्यगुणों की धारणा और फिर है सेवा अर्थात मन, वाणी और कर्म से निःस्वार्थ सेवा जों दूसरो को सुख दे। जिससे पाप कटते है और शुभ कर्मों का खाता बढ़ता है।
कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारीज लश्कर ग्वालियर केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी नें भी सभी को शुभ प्रेरणाएं देते हुए कहा कि समय परिवर्तन शील है, सदा एक जैसा नहीं रहता। इसलिए कभी भी छोटी छोटी बातों से घबराना नहीं चाहिए और दुखी नहीं होना चाहिए। जो आप अच्छा कर सकते है करते रहना चाहिए जों आपको लग रह है, ठीक नहीं है आपसे नहीं हो रहा है, वह ईश्वर पर छोड़ दो तो सब अच्छा हो जायेगा।
उन्होंने आगे सृष्टि चक्र के बारे में बताते हुए कहा कि चार युगो का यह चक्र है जिसमें सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलियुग होता है। सतयुग बीत गया, त्रेतायुग बीत गया, द्वापर युग भी बीत गया और यह कलयुग भी बीत जायेगा, तो निश्चित ही इसके बाद फिर सतयुग आएगा। क्यों कि यह चक्र है जैसे रात के बाद दिन और दिन के बाद रात आती है ठीक उसी तरह सृष्टि का चक्र भी परिवर्तन होता है। अभी जो समय चल रहा है यह प्रभु मिलन का समय है जिसे हम पुरुषोत्तम संगम युग कहते है। इसमें हम परमात्मा की याद से श्रेष्ठ कर्म करके आने वाली स्वर्णिम दुनिया के अधिकारी बन सकते है।
कार्यक्रम में सभी श्रद्धालु आंनद की अनुभूति करते दिखे।
इस अवसर पर सोनिया, महेश, संध्या, अनिल सिहारे, सीमा सहित सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित थे।

Indraganj Lashkar
सकारात्मक चिंतन से हर समस्या का समाधान मिलता है – आदर्श दीदी
04.09.2025
नारायणा स्कूल में पॉजिटिव थिंकिंग एवं मैडिटेशन विषय पर कार्यक्रम आयोजित

ग्वालियर। नारायणा ई- टेक्नो स्कूल द्वारा श्री गणेश उत्सव के उपलक्ष्य में पॉजिटिव थिंकिंग एवं मैडिटेशन विषय पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के केंद्र प्रमुख वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षका बीके आदर्श दीदी को आमंत्रित किया गया था।
कार्यक्रम में स्कूल की प्रिंसिपल निधि कुलकर्णी सहित स्टॉफ के अन्य सदस्य उमा सक्सेना, नंदिनी यादव, रिया छाबड़ा, पायल जैन, मुकुल श्रीवास्तव
आदि उपस्थित थे।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए बीके आदर्श दीदी नें सभी को श्री गणेश उत्सव की शुभकामनायें दीं और कहा कि श्री गणपति जी का जीवन हमें बहुत प्रेरणा देता है हम उनके जीवन से बहुत कुछ सीख सकते है। श्री गणपति जी की दिव्यता, अपने माता-पिता के प्रति आज्ञाकारिता तथा उनके हाथों में जो अलंकरण दिखाते है वह किसी न किसी विशेष गुण और शक्ति का प्रतीक है। दीदी नें आगे कहा कि संगठित रूप से कार्य करने से सफलता प्राप्त होती है और हर परिस्थिति में परमात्मा की याद से ही स्थिर रहना संभव है।
दीदी नें सकारात्मक चिंतन का महत्व बताते हुए कहा कि सकारात्मक सोच जीवन की दिशा और दशा बदल देती है अर्थात जीवन को अच्छा बना देती है। आज कोई भी परिस्थिति व्यक्ति के जीवन में आती है तो वह घबरा जाता है। जबकि जीवन है तो उतार चढाव तो आएंगे उनसे हमें घबराना नहीं चाहिए। हमेशा हर परिस्थिति में सकारात्मक रहने से हर समस्या का समाधान मिल जाता है। दिन कि शुरुवात राजयोग ध्यान अर्थात परमात्मा कि याद से करना चाहिए तो सारा दिन अच्छा व्यतीत होगा। दीदी नें राजयोग ध्यान कि विधि सभी को बताई और सभी को ध्यान कि गहन अनुभूति भी कराई।

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एनसीसी की 3 एमपी गर्ल्स बटालियन में आयोजित कार्यक्रम (न्यूज़ कवरेज)
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एसएएफ की 14 वीं बहिनी में खुशनुमा और स्वस्थ्य जीवन शैली विषय पर कार्यक्रम आयोजित
26.08.2025
सकारात्मक सोच इंसान को हर कठिन परिस्थिति में हिम्मत देती है – बीके प्रहलाद भाई

ग्वालियर। एसएएफ 14वीं वाहिनी विशेष सशस्त्र पुलिस बल द्वारा “पॉजिटिव थिंकिंग, हैप्पी एंड हेल्दी लिविंग” (सकारात्मक सोच, खुशनुमा और स्वस्थ्य जीवनशैली) विषय पर कार्यक्रम का आयोजन बटालियन कमांडेंट डॉ शिवदयाल सिंह (आईपीएस) के निर्देशन में आयोजित हुआ।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय से मोटिवेशनल स्पीकर बीके प्रहलाद भाई तथा राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके ज्योति बहन, बीके सुरभि बहन उपस्थित थीं। इसके साथ ही कार्यक्रम में 14 वीं वाहिनी एसएएफ के डिप्टी कमांडेंट श्री संजय कॉल, मेडिकल ऑफिसर डॉ.ओमप्रकाश वर्मा, सहायक सेनानी श्री रत्नेश तोमर, सहायक सेनानी श्री प्रमोद शाक्य, सहायक सेनानी श्री दिलीप चंद छारी, निरीक्षक श्री राकेश कुमार शर्मा आदि उपस्थित थे।
कार्यक्रम में बीके प्रहलाद भाई ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे मन में जैसे विचार आते है वैसा ही हमारा जीवन बनता है। यह विचार सुनने में सरल लगता है पर वास्तव में यही जीवन का सबसे बड़ा सत्य है कि मनुष्य का जीवन उसकी सोच का प्रतिबिंब होता है। अगर हमारा मन सकारात्मक विचारों से भरा रहेगा तो जीवन में हर परिस्थिति का सामना आसानी से किया जा सकता है। लेकिन यदि मन में नकारात्मक विचार आते है तो हमारे पास कितना भी धन, पद या सुविधाएँ क्यों ना हो पर हमें जीवन बोझ ही लगेगा। इसलिए जीवन में सफलता पाने के लिए केवल मेहनत करना ही काफी नहीं होता, बल्कि सही सोच और समय का सही उपयोग करना भी उतना ही आवश्यक होता है।

सकारात्मक सोच इंसान को हर कठिन परिस्थिति में हिम्मत से खड़े रहने की शक्ति देती है।
जब हम किसी भी समस्या का सामना करते हैं तो नकारत्मक विचार हमें कमजोर बना देते हैं। जबकि सकारात्मक सोच विश्वास जगाती है कि हर समय समस्या का समाधान मौजूद है यही विश्वास इंसान को मंजिल तक पहुंचाने के लिए प्रेरित करता है, ठीक उसी प्रकार समय प्रबंधन जीवन की सबसे बड़ी कला है समय बहुत कीमती है और एक बार चला गया तो वह समय कभी वापस नहीं आता। जो लोग समय क़ा सही महत्त्व समझते हैं वही जीवन में आगे बढ़ते हैं और सफलता प्राप्त करते हैं समय का सही उपयोग हमें अनुशासन, धैर्य और कार्य के प्रति जिम्मेदारी सिखाता है।
अगर हम सकारात्मक सोच के साथ समय का सम्मान करना सीख जाए तो न केवल हमारे जीवन में प्रगति होगी बल्कि हम दूसरों के लिए भी प्रेरणा बनेंगे यही दोनों बातें सकारात्मक सोच और समय प्रबंधन जीवन को सार्थक और सफल बनाती हैं। इसके साथ ही उन्होंने आगे कहा कि हम कितने भी व्यस्त क्यों न हों परंतु थोड़ा समय हमें अपने लिए निकलना चाहिए जिसमें हम तन और मन को स्वस्थ्य रखने के लिए ध्यान, योग, प्राणायाम आदि के लिए समय निकाल सकें। साथ ही थोड़ा समय हमें अपने परिवार और मित्र संबंधियों को भी देना चाहिए। इससे हमें सकारात्मक ऊर्जा मिलती है और जीवन भी हमारा खुशहाल होता है।
तत्पश्चात डिप्टी कमांडेंट ने जवानों को संबोधित करते हुए कहा कि सफलता का रास्ता आसान नहीं होता । यह कठिनाइयों, संघर्षों और असफलताओं से होकर गुजरता है लेकिन जो व्यक्ति अपने लक्ष्य और कार्य के प्रति अडिग रहता है, वही मंज़िल तक पहुँच पाता है।

डॉ ओपी वर्मा ने कहा कि एक स्वस्थ शरीर और स्वस्थ मन से ही इंसान अपने जीवन के हर लक्ष्य को हासिल कर सकता है। जब स्वास्थ्य अच्छा होता है तो जीवन ऊर्जा से भर जाता है, काम में उत्साह आता है और मन खुश रहता है। लेकिन जब स्वास्थ्य बिगड़ जाता है, तो सारी खुशियाँ फीकी लगने लगती हैं।
अंत में बीके ज्योति बहन ने उपस्थित जवानों को राजयोग ध्यान के बारे में विस्तार से बताया तथा सभज को ध्यान का अभ्यास भी कराया।
इसके साथ ही सारा दिन अच्छा बीते उसके लिए रचनात्मक एक्टिविटी भी सभी को कराई और कहा कि रोज हमें सबके लिए अच्छे विचार रखने चाहिए।
इस अवसर पर अनेकानेक अधिकारी एवं एक सैकड़ा से अधिक पुलिस के जवान उपस्थित थे।

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