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Indraganj Lashkar

मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का जीवन हम सबके लिए आदर्श

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मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का जीवन हम सबके लिए आदर्श – आदर्श दीदी
प्रभु श्री राम की चैतन्य झांकी ने सभी का मन मोहा।
 ग्वालियर: अगर हम सम्मान देंगे तो हमें भी सम्मान मिलेगा प्यार देंगे तो प्यार मिलेगा।
श्री रामचंद्र जी के जीवन से प्रेरणा मिलती है कि कितनी भी समस्याएं आएं, कितना भी संघर्ष करना पड़े हमें इससे घबराना नहीं चाहिए वल्कि हमें सदा अपने जीवन का लक्ष्य निर्धारित करके आगे बढ़ना चाहिए।  उक्त बात ब्रह्माकुमारी आदर्श दीदी ने श्री राम नवमीं के पावन अवसर पर सबको शुभकामनाएं देते हुए आयोजित कार्यक्रम में कही। आपको बता दें कि यह कार्यक्रम माधवगंज स्थित प्रभु उपहार भवन में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की सहयोगी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाऊंडेशन के  धार्मिक प्रभाग द्वारा आयोजित किया गया था। दीदी ने आगे कहा कि रामायण में दिखाया गया है कि कैसे दशरथ जी के चारों पुत्रों में आपस में प्रेम था। श्री राम जी के लिए कितना आदर और सम्मान उनके भाईयों में था। हमें भी उनके जीवन से प्ररेणा लेकर आपस मे प्रेम से रहना चाहिए।
कार्यक्रम में ज्योति दीदी ने सभी को रामनवमीं की शुभकामनाएं दीं और आध्यात्मिक  रीति से कहा कि हम सब आत्मा रूपी सीताए है। और परमात्मा हमारे  राम  हमें उनकी श्रीमत का पालन करते हुए। अपने जीवन में मर्यादा की लक्ष्मण रेखा बनानी चाहिए और किसी भी परिस्थिति में उन मर्यादायों को नहीं तोड़ना चाहिए। तो हम बुराइयों रूपी रावण अर्थात माया के पांच विकार काम, क्रोध, लोभ, मोह और अहंकार से बच जाएंगे। और हमारा जीवन दिव्य बन जायेगा।
आगे उन्होंने कहा कि अगर हमें ऐसी सुंदर दुनिया बनानी है तो प्रभु श्री रामचंद्र जी के आदर्शों पर चलना पड़ेगा।
एक और दृष्टांत उन्होंने सुनाया कि प्रभु श्री राम ने समुद्र में सेतु बनाते समय शिवलिंग बनाकर उसकी पूजा अर्चना की तत्पश्चात लंका पहुंचकर एक-एक  आसुरी वृत्तियों का संहार किया तो हम सबको भी प्रभु श्री राम के साथ परम पिता शिव परमात्मा को याद कर उनसे शक्ति लेना चाहिए।
ताकि हम भी आसुरी विकृतियों पर विजय पा सके।
कार्यक्रम में राम दरबार भी सजाया गया था जिसमें अनेक बच्चे चैतन्य राम बनकर सजधजकर पहुँचें।
साथ ही अनेकानेक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी बच्चों के द्वारा दी गईं।
जिसमें कुमारी महिमा, अक्षिता और पवन आदि थे।
इस अवसर पर श्रीमती ज्योति बंसल (जिला अध्यक्ष वैश्य महासम्मेलन महिला इकाई), श्रीमती साधना गोयल (अध्यक्ष सौम्या महिला इकाई), श्रीमती उमा गुप्ता (शिक्षक गवर्नमेंट हाई स्कूल सराफा ग्वालियर), श्रीमती सरला अग्रवाल  रिटायर्ड टीचर, श्रीमती प्रीति भटनागर रिटायर्ड टीचर आदि ने सभी को रामनवमी की बहुत-बहुत शुभकामनाएं दी।
इसके साथ ही कार्यक्रम में सुरभि, रोशनी, महिमा सहित अनेकानेक श्रद्धालु उपस्थित थे।

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सीआरपीएफ संतुलित आहार

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सीआरपीएफ समूह केंद्र में क्षेत्रीय परिवार कल्याण केन्द्र के सहयोग से सेमिनार का आयोजन

ग्वालियर। सीआरपीएफ समूह केंद्र में क्षेत्रीय परिवार कल्याण केन्द्र के सहयोग से एक सेमिनार व वक्तव्य का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम समूह केन्द्र के तानसेन क्लब में आयोजित हुआ। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डाईटीशियन सौम्या चड्ढा, ब्रह्माकुमारीज संस्थान से प्रेरक वक्ता बी के प्रहलाद भाई उपस्थित थे।
इस अवसर पर क्षेत्रीय कावा अध्यक्षा श्रीमती सुनीता निगम, श्रीमती भावना गुप्ता, डिप्टी कमांडेंट दिलाबर सिंह, श्रीमती गीता, श्रीमती आशा सहित क्षेत्रीय कावा के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।
केन्द्र में निवासरत महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता व उनको लाभान्वित करने के लिए विशेषज्ञों द्वारा पोषण एवं अंधत्व नियंत्रण के विषय पर चर्चा की गयी
मुख्य आहार विशेषज्ञ सौम्या चड्ढा नें सभी को सम्बोधित करते हुए कहा कि सभी को यह ध्यान रखना चाहिए कि हमारा आहार इस तरह का हो जिसमें वह सभी पोषक तत्व आ जाए जो शरीर के लिए आवश्यक है। उन्होंने बताया कि लें। थाली में अनाज, दाल/ प्रोटीन, सब्जी, फल, दूध, दही जैसी चीजें शामिल करें। समय पर भोजन करें, सीजनल फल और सब्जियां लें, दिनभर में 8 से 10 गिलास पानी पिएं, शारीरिक व्यायाम करें या कम से कम 30 मिनिट पैदल चलें, जरूरत से ज्यादा भोजन न करें।
ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के मेडिटेशन विशेषज्ञ बीके प्रहलाद भाई एवं बीके सुरभि नें सभी को मन को स्वस्थ्य रखने के लिए टिप्स दिए एवं राजयोग ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि राजयोग ध्यान करने से अनेक लाभ होते है। जैसे – यह तनाव कम करता है, मन को शांति और स्थिरता देता है, गुस्सा, चिंता और नकारात्मक सोच को घटाता है, एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ाता है, नींद की गुणवत्ता में सुधार लाता है। यह सब ठीक है तो शारीरिक स्वास्थ्य भी ठीक रहता है।
सेमिनार में ग्रुप केन्द्र के सैंकड़ों कार्मिकों एवं इस ग्रुप केन्द्र में निवासरत महिलाओं द्वारा बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया गया। सेमिनार के अंत में क्षेत्रीय कावा अध्यक्षा श्रीमती सुनीता निगम द्वारा डाईटीशियन सौम्या चड्ढा एवं बी के प्रहलाद भाई को स्मृति चिन्ह भेंट किए एवं विशेषज्ञों द्वारा इस विषय पर महत्वपूर्ण ज्ञानवर्धन करने हेतु धन्यवाद एवं आभार व्‍यक्‍त किया।

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खुशनुमा और स्वस्थ जीवन (एसएएफ 13 बटालियन)

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प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के द्वारा 13वीं वाहिनी विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ 13 बटालियन) में “तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली” विषय पर एक प्रेरणादायक सत्र आयोजित किया गया। जिसका उद्देश्य लोगों को मानसिक शांति, सकारात्मक सोच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रेरक वक्ता एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई तथा ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र की मुख्य संचालिका बीके आदर्श दीदी उपस्थित थीं।
इस अवसर पर एस ए एफ 13 बटालियन से प्रभारी सेनानी अनुराग पांडे, सहायक सेनानी, गुलबाग सिंह, डॉक्टर ओ पी वर्मा निरीक्षक मुनेन्द्र सिंह भदोरिया, निरीक्षक, धर्मेंद्र वर्मा, निरीक्षक मुकेश परिहार, निरीक्षक पुष्पेंद्र सिंह भदौरिया, निरीक्षक जादौन, निरीक्षक राय सिंह जयंत, समस्त पी टी एस स्टाफ एवं 350 से अधिक प्रशिक्षणार्थी सहित ब्रह्माकुमारीज से बीके सुरभि, बीके रोशनी, बीके पवन उपस्थित थे।
कार्यक्रम में बीके प्रहलाद भाई ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आज के तेज रफ़्तार जीवन में तनाव हर किसी की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। जिसकी वजह से हमारे जीवन में काफी उतार चढाव आते है। इन सबसे छूटने के लिए तनाव का सही ढंग से प्रबंधन करना ही खुशनुमा और स्वस्थ जीवन जीने की कला है। यदि तनाव पर नियंत्रण न हो तो यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ को प्रभावित करता है। इसके लिए कुछ सरल उपाय अपनाकर हम संतुलित, आनंदमय और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। उन्होंने कहा कि – सकारात्मक सोच विकसित करें, हर परिस्थिति में अच्छा पक्ष देखने का प्रयास करें, नकारात्मक विचारों से दूर रहें, योग और ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाये, रोजाना 15 से 20 मिनिट ध्यान करें जिससे मन स्थिर रहता है एवं मानसिक शांति भी मिलती है, प्राणायाम और योगासन से शरीर स्वस्थ्य रहता है, 6 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद लें, संतुलित भोजन लें, नशे से दूरी बनाकर रखें, जंक फ़ूड से बचें, व्यवस्थित दिनचर्या बनायें, कोई न कोई रोज अच्छी पुस्तक पढ़ने की आदत डालें, कार्यक्रम स्थल पर किसी भी तरह का दवाव आता है तो घबरायें नहीं, परिवार के साथ समय विताएं, हर कार्य को एक खेल की तरह से लें।
बीके प्रहलाद भाई नें अनेकानेक रचनात्मक गतिविधि भी कराई जिससे सभी का मन हल्का हुआ और उमंग उत्साह भी बढ़ा। और दिन कि शुरुआत किस तरह से करें वह भी बताया।
कार्यक्रम में बीके आदर्श दीदी नें कहा कि तनाव को दूर करने के लिए योग, ध्यान, प्राणायाम, सकारात्मक चिंतन और समय प्रबंधन जैसे उपाय बेहद प्रभावी हैं। पर्याप्त नींद और रुचियों के लिए समय निकालना जीवन को सुखद और तनावमुक्त बना सकता है साथ ही कहा कि तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है यदि हम स्वस्थ दिनचर्या और आत्म नियंत्रण को अपनाएं तो जीवन अधिक खुशनुमा और आनंदमय बन सकता है। दीदी नें सभी को राजयोग ध्यान की विधि बताई तथा सभी को उसके फायदे बताते हुए अभ्यास भी कराया।
इस अवसर पर उपस्थित प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे अपने जीवन में स्वस्थ दिनचर्या, योग ध्यान और सकारात्मक सोच को अपनायेंगे और परिवार एवं समाज के प्रेरणास्त्रोत बनेगें।
कार्यक्रम में मेडिकल ऑफिसर डॉ ओपी वर्मा ने बताया कि तनाव आता है तो लोग आसानी से नशे की तरफ भागते है जबकि वह समाधान नहीं है। समाधान के लिए हमें ब्रह्माकुमारीज़ जैसे आध्यात्मिक संस्थानों से जुड़कर ध्यान के माध्यम में हमें अपने को सकारात्मक बनाना चाहिए। इस अवसर पर अन्य पदाधिकारियों नें भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में संस्थान के लोंगो का अभिनन्दन करते हुए पौधे भेंट किए गए।

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तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी(न्यूज़ कवरेज)

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