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 87वीं त्रिमूर्ति शिवजयंती के उपलक्ष्य में प्रभु उपहार भवन माधौगंज सेंटर पर शिव ध्वजारोहण का कार्यक्रम आयोजित (18-02-2023)

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                                                                 87वीं त्रिमूर्ति शिवजयंती के उपलक्ष्य में प्रभु उपहार भवन माधौगंज सेंटर पर शिव ध्वजारोहण का कार्यक्रम आयोजित

 

शिवलिंग पर अक. धतूरा चढ़ाना अर्थात अपने अंदर के विषय विकारों को त्यागना – ब्रह्माकुमारी आदर्श दीदी

ग्वालियर: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय प्रभु उपहार भवन माधौगंज सेंटर पर 87वीं शिवजयंती के उपलक्ष्य में शिव ध्वजारोहण का कार्यक्रम हुआ इसके साथ  ही कार्यक्रम की शुरुवात  दीपप्रज्वलन के साथ की गई ।

कार्यक्रम में मुख्य रूप से श्री राजीव गुप्ता (मुख्य अभियंता, ग्वालियर संभाग, एम.पी.ईबी.), श्री आशीष प्रताप सिंह(प्रदेश कार्य समिति सदस्य भा.ज.पा.), श्रीमती विनीता गुप्ता (प्रिंसिपल शासकीय विद्यालय), ब्रह्माकुमारिज़ लश्कर ग्वालियर की मुख्य संचालिका बी.के. आदर्श दीदी, बी.के. ज्योति दीदी, बी.के. डॉ. गुरुचरण भाई और बी.के.प्रहलाद भाई  उपस्थित रहे ।

कार्यक्रम के शुभारम्भ में बी.के. प्रहलाद ने सभी का स्वागत अभिनन्दन किया तत्पश्चात संस्थान से जुड़े श्रेष्ठा, दृष्टी, हर्षिता, संकल्प आदि बाल कलाकारों ने शिव महिमा की नृत्य के माध्यम से प्रस्तुतियां दी  |

कार्यक्रम में पधारे श्री राजीव गुप्ता ने सभी को आज के दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि सबसे पहले तो मैं सभी का धन्यवाद करना चाहता हूँ की मुझे इस कार्यक्रम में आमंत्रित किया और शिवरात्रि को  संस्थान के द्वारा इतने धूमधाम से मनाया जा रहा है यह मनमोहक वातावरण देखने का अवसर मिला |

कार्यक्रम के शुभारंभ में ब्रह्माकुमारी आदर्श दीदी जी ने पावन पर्व महाशिवरात्रि (शिवजयंती) की हार्दिक शुभकामनाएं सभी को दी | और शिवरात्रि का आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए कहा कि  –

शिवरात्रि फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की अंतिम रात्रि (अमावस्या) से एक दिन पहले मनाई जाती है। अर्थात परमपिता परमात्मा शिव का अवतरण इस लोक में कलयुग के पूर्णान्त  से कुछ ही वर्ष पहले हुआ था जबकि सारी सृष्टि अज्ञान अंधकार में थी । इसलिए शिव का संबंध रात्रि से जोड़ा जाता है और परमात्मा शिव की रात्रि में पूजा को अधिक महत्व दिया जाता है ।

शिवलिंग पर बेल  पत्र वा अक, धतूरा चढ़ाना अर्थात अपने अंदर के विषय विकारों को त्यागने का प्रतीक है |

शिवभक्त शिवरात्रि पर उपवास भी रखते हैं।  वास्तव में सच्चा व्रत क्रोध, मोह आदि विकारों का मन से व्रत करना है। उपवास का अर्थ है परमात्मा के पास वास करना अर्थात मन से शिव की याद करना है। भक्त लोग शिवरात्रि के अवसर पर सारी रात जागरण करते हैं, अन्न का त्याग करते हैं, जिससे भगवान शिव प्रसन्न हो। परंतु मनुष्यात्मा को तमोगुण में सुलाने वाली तो माया अर्थात विकार हैं। जब तक मनुष्य इन विकारों का त्याग नहीं करता, तब तक उसकी आत्मा का सच्चा जागरण नही हो सकता । अतः रात्रि जागरण के साथ साथ बुराई, विकारो को भी त्यागे का संकल्प लेना चाहिए |

आध्यात्मिक दृष्टि से हम सभी का अनादि अविनाशी संबंध परमात्मा से है| इसलिए शिव जयंती अथवा शिरात्रि के उत्सव को बडे ही धूमधाम से सभी को मनाना चाहिए | वर्तमान समय परमात्मा के कर्तव्यों का चल रहा है, परमात्मा पिता को यथार्थ रूप से पहचानें और उनसे अपना बुद्धि योग लगाकर स्वयं को धन्य धन्य अनुभव करें | इसी समय के लिए कहा गया है कि अभी नहीं  तो कभी नहीं |

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री आशीष प्रताप सिंह ने बताया कि यह मेरा परम सौभाग्य है की  आज शिवरात्रि के पावन पर्व पर मुझे यहाँ आने का अवसर मिला यहाँ एक अलग ही उमंग उत्साह का अनुभव हो रहा है | यहाँ का वातावरण ऐसा है जो सिर्फ आप अनुभव कर सकते हैं क्योंकि आते ही सुखद और सकारात्मकता की अनुभूति महसूस होने लगती हैं | तो आज इस अवसर पर मैं यहाँ बैठे हर एक व्यक्ति को दो बातें कहना चाहूँगा पहली तो यह की वृक्ष भी हमारे देवता हैं इसलिए ज्यादा से ज्यादा वृक्ष लगा कर हमारे पर्यावरण को बचाएँ और दूसरी चीज़ पशु और पक्षी बेजुबान हैं उनकी भी रक्षा रखें उनको भी सहयोग दें |

आगे श्रीमती विनीता गुप्ता जी ने सभी को बताया कि मुझे आज ब्रह्माकुमारीज़ संस्था में आकर बहुत ही अच्छा अनुभव हो रहा है और आगे भी मेरा प्रयास रहेगा की मैं इस संस्था से जुड़ी रहूँ इसी के साथ उन्होंने कहा कि शिव की महिमा का तो सभी को  ज्ञात है |  उनका नाम लेते ही हम सभी की आधी समस्या तो ऐसे ही समाप्त हो जाती है | अतः उनकी महिमा से ही यह संसार चल रहा है वह हमें हमेशा यह शिक्षा देते हैं कि स्वयं की मदद के साथ साथ दूसरों के भी मददगार बनें |

माधवगंज केंद्र पर श्रद्धालु अनेकानेक जगहों से शिव की बारात निकालकर पहुंचें |

कार्यक्रम कुशल संचालन ब्रह्माकुमार डॉगुरचरण भाई  ने किया | तथा सभी का आभार बी.केज्योति दीदी ने प्रकट किया |

कार्यक्रम में संस्थान से जुड़े सैकड़ो श्रद्धालु एवं शहर से अनेकानेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे |

 

 

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तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी(न्यूज़ कवरेज)

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तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी

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24 सितंबर 2025

खुशनुमा और स्वस्थ जीवन के लिए तनाव प्रबंधन आवश्यक – बीके प्रहलाद भाई

एसएएफ 13 बटालियन में तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली विषय पर प्रेरणादायक सत्र आयोजित

ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के द्वारा 13वीं वाहिनी विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ 13 बटालियन) में “तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली” विषय पर एक प्रेरणादायक सत्र आयोजित किया गया। जिसका उद्देश्य लोगों को मानसिक शांति, सकारात्मक सोच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रेरक वक्ता एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई तथा ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र की मुख्य संचालिका बीके आदर्श दीदी उपस्थित थीं।


इस अवसर पर एस ए एफ 13 बटालियन से प्रभारी सेनानी अनुराग पांडे, सहायक सेनानी, गुलबाग सिंह, डॉक्टर ओ पी वर्मा निरीक्षक मुनेन्द्र सिंह भदोरिया, निरीक्षक, धर्मेंद्र वर्मा, निरीक्षक मुकेश परिहार, निरीक्षक पुष्पेंद्र सिंह भदौरिया, निरीक्षक जादौन, निरीक्षक राय सिंह जयंत, समस्त पी टी एस स्टाफ एवं 350 से अधिक प्रशिक्षणार्थी सहित ब्रह्माकुमारीज से बीके सुरभि, बीके रोशनी, बीके पवन उपस्थित थे।
कार्यक्रम में बीके प्रहलाद भाई ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आज के तेज रफ़्तार जीवन में तनाव हर किसी की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। जिसकी वजह से हमारे जीवन में काफी उतार चढाव आते है। इन सबसे छूटने के लिए तनाव का सही ढंग से प्रबंधन करना ही खुशनुमा और स्वस्थ जीवन जीने की कला है। यदि तनाव पर नियंत्रण न हो तो यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ को प्रभावित करता है। इसके लिए कुछ सरल उपाय अपनाकर हम संतुलित, आनंदमय और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। उन्होंने कहा कि – सकारात्मक सोच विकसित करें, हर परिस्थिति में अच्छा पक्ष देखने का प्रयास करें, नकारात्मक विचारों से दूर रहें, योग और ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाये, रोजाना 15 से 20 मिनिट ध्यान करें जिससे मन स्थिर रहता है एवं मानसिक शांति भी मिलती है, प्राणायाम और योगासन से शरीर स्वस्थ्य रहता है, 6 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद लें, संतुलित भोजन लें, नशे से दूरी बनाकर रखें, जंक फ़ूड से बचें, व्यवस्थित दिनचर्या बनायें, कोई न कोई रोज अच्छी पुस्तक पढ़ने की आदत डालें, कार्यक्रम स्थल पर किसी भी तरह का दवाव आता है तो घबरायें नहीं, परिवार के साथ समय विताएं, हर कार्य को एक खेल की तरह से लें।
बीके प्रहलाद भाई नें अनेकानेक रचनात्मक गतिविधि भी कराई जिससे सभी का मन हल्का हुआ और उमंग उत्साह भी बढ़ा। और दिन कि शुरुआत किस तरह से करें वह भी बताया।


कार्यक्रम में बीके आदर्श दीदी नें कहा कि तनाव को दूर करने के लिए योग, ध्यान, प्राणायाम, सकारात्मक चिंतन और समय प्रबंधन जैसे उपाय बेहद प्रभावी हैं। पर्याप्त नींद और रुचियों के लिए समय निकालना जीवन को सुखद और तनावमुक्त बना सकता है साथ ही कहा कि तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है यदि हम स्वस्थ दिनचर्या और आत्म नियंत्रण को अपनाएं तो जीवन अधिक खुशनुमा और आनंदमय बन सकता है। दीदी नें सभी को राजयोग ध्यान की विधि बताई तथा सभी को उसके फायदे बताते हुए अभ्यास भी कराया।
इस अवसर पर उपस्थित प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे अपने जीवन में स्वस्थ दिनचर्या, योग ध्यान और सकारात्मक सोच को अपनायेंगे और परिवार एवं समाज के प्रेरणास्त्रोत बनेगें।


कार्यक्रम में मेडिकल ऑफिसर डॉ ओपी वर्मा ने बताया कि तनाव आता है तो लोग आसानी से नशे की तरफ भागते है जबकि वह समाधान नहीं है। समाधान के लिए हमें ब्रह्माकुमारीज़ जैसे आध्यात्मिक संस्थानों से जुड़कर ध्यान के माध्यम में हमें अपने को सकारात्मक बनाना चाहिए। इस अवसर पर अन्य पदाधिकारियों नें भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में संस्थान के लोंगो का अभिनन्दन करते हुए पौधे भेंट किए गए।

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ब्रह्माकुमारीज़ के माधौगंज केंद्र पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में भव्य कार्यक्रम का हुआ आयोजन

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ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के माधौगंज स्थित प्रभु उपहार भवन में भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।


कार्यक्रम में संस्थान के बाल कलाकारों ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का मंचन किया। जिसने सभी का मन मोह लिया तो वहीं भजन गायकों द्वारा सुंदर भजनों की प्रस्तुति ने सभी को आनंदित कर दिया।
कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी ने सभी को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की बधाई दी और कहा कि आज हम भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को हर्ष और उल्लास के साथ मना रहे हैं। यह केवल एक धार्मिक त्योहार ही नहीं, बल्कि हमारे जीवन को दिशा देने वाला आध्यात्मिक संदेश है। भगवान श्रीकृष्ण जी का जीवन हमें सिखाता है कि धर्म की रक्षा और अन्याय तथा बुराइयों का अंत करना ही जीवन का सबसे बड़ा उद्देश्य होना चाहिए।


भगवान ने गीता में कहा है कि अपने कर्तव्यों को निष्ठा और ईमानदारी से करना चाहिए, फल की चिंता नहीं करनी चाहिए। यह शिक्षा आज के समाज के लिए बहुत प्रासंगिक है। यदि हर व्यक्ति अपना कर्तव्य सही भावना से निभाए, तो समाज में अन्याय, भ्रष्टाचार और असमानता स्वतः ही समाप्त हो सकती है।
भगवान श्रीकृष्ण का जीवन हमें गहन शिक्षाएँ देता है। उनका जन्म कारागार में दिखाते है, लेकिन परिस्थितियाँ कैसी भी रही हों, उन्होंने हमेशा धर्म और न्याय की स्थापना का कार्य किया। उनका पूरा जीवन हमें यह संदेश देता है कि मनुष्य को अपने कर्तव्य का पालन निस्वार्थ भाव से करना चाहिए।
यह पर्व हमें नई श्रेष्ठाचारी और पावन दुनिया की याद दिलाता है। जब-जब संसार में अन्याय, अधर्म और असत्य बढ़ता है, तब ईश्वर अवतरित होकर मानवता को सही दिशा दिखाते हैं।

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कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार महेश कुमार, प्रेरक वक्ता बीके प्रहलाद ने भी सभी को जन्माष्टमी की शुभकामनाएं देते हुए अपने विचार प्रकट किए।
कार्यक्रम में सुंदर झांकी लगाई गई थी। जिसका दर्शन लाभ सभी ने लिया। साथ ही भजनों की सुंदर प्रस्तुति एवं भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का मंचन करने वाले कलाकारों में कु. रोशनी, कु. तनवी, कु. पीहू, कु. नंदनी, कु. हंसिका, कु. रुचि, कु. नव्या, रूबी, सोनिया, पवन, अखिलेश, निलक्ष तथा बीके जीतू आदि शामिल थे।

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