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Indraganj Lashkar

ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा आयोजित “मेरा ग्वालियर व्यसन मुक्त ग्वालियर” अभियान के द्वारा अनेकानेक लोगों को दिया सन्देश……….. (07-12-2022)

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ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा आयोजित “मेरा ग्वालियर व्यसन मुक्त ग्वालियर” अभियान के द्वारा अनेकानेक लोगों को दिया सन्देश………..

लश्कर ग्वालियर : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की सहयोगी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के मेडिकल विंग द्वारा राष्ट्रीय अभियान “मेरा भारत व्यसन मुक्त भारत” के अंतर्गत  “मेरा ग्वालियर व्यसन मुक्त ग्वालियर” अभियान के अतंर्गत ग्वालियर ग्लोरी हाई स्कूल, बाल भवन नगर निगम, पुलिस अधीक्षक (रेडियो) ऑफिस, महात्मा गांधी लॉ  कॉलेज एवं सागर ताल रोड ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र पर व्यसन मुक्ति जागरुकता कार्यक्रम  आयोजित हुए ।

इस प्रोग्राम में बोलते हुए वक्ताओं ने बताया कि एक अध्ययन के अनुसार नशे की 71 प्रकार की कीमत है और वह सिर्फ  एक व्यक्ति नहीं बल्कि उसके साथ उसका  परिवार, हमारा समाज और पूरा राष्ट्र चुकाता है। व्यक्ति पहले नशे पर खर्च करता है, फिर उससे होने वाली बीमारी पर खर्चा करता है, दवाई लेता है,  डॉक्टर की फीस देता है नर्सिंग होम का  खर्चा देता है, नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती होता है। तो  जो धन और एनर्जी बच्चों की परवरिश पर खर्च होना चाहिए वह नशे पर खर्च होता है जो आगे चलकर परेशानी और गरीबी का कारण बन जाती है |

नशे का खर्च पूरा करने के लिए पहले घर पर चोरी करता है, फिर अपराध करता है इसलिए आज हम देख रहे दिन प्रतिदिन चोरी और अपराध बढ़ते जा रहे हैं | आज व्यक्ति  जुआ खेलता है और पूरा समाज उसके असामाजिक व्यवहार की कीमत चुकाता है |  हमारा देश प्रति वर्ष केवल तम्बाकू के नशे से होने वाली बीमारी पर 177341 करोड़ रुपया खर्च करता हैं।

तो जरा विचार तो करिए आप अपने को बीमार कर रहे है, अपने परिवार को गरीब कर रहे है,  देश को गरीब कर रहे हैं। एक कमाने वाला व्यक्ति नशे के कारण बेकार हो जाता है,  आप किसका भला कर रहे है, किसको अमीर बना रहे है,  उन अन्य कंपनियों को जो नशे का सामान बेचती है |

इसलिए हर व्यक्ति को  इस पर विचार करना चाहिए खुद भी नशे से दूर रहे और दूसरे को भी नशे से बचाएं तभी यह समाज नशे से मुक्त बन पाएगा |

अभियान में  बी.के. डॉ. गोमती, बी.के. डॉ. भारती, बी.के. रूपा, बी.के रंजू दीदी, बी.के.आदर्श दीदी, बी.के.रीता, बी.के. विनीता, बी.के. प्रहलाद, बी.के. ज्योति, बी. के. सुरभि, बी.के. विजेंद्र आदि मौजूद रहे।

वही इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के द्वारा बेसिक लाइफ सपोर्ट की ट्रेनिंग भी दी गयी जिसमें डॉ. ब्रजेश सिंघल, डॉ. राहुल सप्रा, डॉ. प्रकाश वीर आर्य, डॉ. स्नेहलता दुबे शामिल रहीं ।

IMAGE 1 to 6  – ग्वालियर ग्लोरी हाई स्कूल

  • बी.के.आदर्श दीदी

  • बी.के. डॉ. बनारसीलाल भाईजी

  • बी.के रंजू दीदी

  • बी.के. प्रहलाद

  • डॉ. ब्रजेश सिंघल

IMAGE 7 to 9बाल भन नगर निगम

  • बी.के. ज्योति

  •  बी.के. डॉ. गोमती

  • बी.के. रूपा

 

IMAGE 10 to 13  – पुलिस अधीक्षक (रेडियो) ऑफिस

  • बी.के. डॉ. भारती

  • बी.के रंजू दीदी

  • बी.के. प्रहलाद

IMAGE 14 to 17 –  महात्मा गांधी लॉ  कॉलेज  

 

  • डॉ. राहुल सप्रा

  • बी.के. रूपा



बी.के. प्रहलाद

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म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी ने ‘सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर किया सम्मानित

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Gwalior : म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी, भारत सरकार के केंद्रीय संचार मंत्री माननीय श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी, म.प्र. विधानसभा अध्यक्ष माननीय श्री नरेंद्र सिंह तोमर जी ने ग्वालियर के दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार, कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। जिसमें ब्रह्माकुमारी रोशनी, ब्रह्माकुमारी सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में प्रदेश के अनेकानेक कैबिनेट मंत्री गण, सांसद, विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधि तथा प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।

इस अवसर पर बीके रोशनी, बीके सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह ने माननीय मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी का अभिनंदन करते हुए उन्हें ईश्वरीय सौगात भेंट की।

कार्यक्रम में शहर से अनेकानेक सम्माननीय धर्मगुरु, धार्मिक संस्थान, सामाजिक संस्थान से तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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बाल व्यक्तित्व विकास शिविर

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ब्रह्माकुमारीज केंद्र पर तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का हुआ शुभारंभ

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बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास, सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक – आदर्श दीदी

जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है – प्रहलाद भाई

ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की भगिनी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाऊंडेशन के युवा प्रभाग और शिक्षा प्रभाग के द्वारा माधवगंज स्थित प्रभु उपहार भवन में तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का शुभारंभ हुआ।
इस शिविर में बच्चों के सम्पूर्ण विकास के लिए आध्यात्मिकता, नैतिक शिक्षा, व्यवहारिक ज्ञान और सकारात्मक सोच आदि विषयों को रचनात्मक ढंग से बताया जायेगा।
शिविर के शुभारंभ में मुख्य प्रशिक्षक के रूप में उपस्थित मोटिवेशनल स्पीकर एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई ने नए सभी बच्चों को मोटिवेट करते हुए मजेदार शिक्षाप्रद कहानियाँ सुनाकर शिविर की शुरुआत की। उन्होंने एक रचनात्मक एक्टिविटी के माध्यम से शिविर में उपस्थित बच्चों को सिखाया कि हमें ध्यान से सुनना चाहिए। क्योकि ध्यान से सुनने का बहुत महत्व है। जबकि सुनने से ज्यादा हम देखकर कर्म करते है, हम जैसा देखते है वैसा हम बनते चले जाते है। यदि हम कुछ गलत चीजों को देखते है या हमारे सामने कोई गलती कर रहा है तो उसका प्रभाव भी हमारे जीवन पर पड़ता है। इसलिए हमेशा टीवी या मोबाईल पर कुछ देखते है तो अच्छा ही देखे।
उन्होंने कहा कि अच्छे गुणों और संस्कारों का बीज बोने का यह सही समय है। इस समय अंदर लचीलापन होता है। सही शब्दों में कहा जाए तो व्यक्तित्व का निर्माण और जीवन को दिशा देने का काम इसी समयावधि में हो सकता है। हम जैसा बनना चाहें वैसा अपने को बना सकते हैं। आजकल कई बच्चे अपना कीमती समय मोबाइल पर नष्ट कर रहे हैं। अभिभावक और शिक्षक चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। इस समय में मोबाईल का ज्यादा उपयोग करना हमारे लिए बहुत नुकशान दायक है । मोबाईल हमारी सुविधा के लिए है पढ़ाई आदि के लिए ही हम इसे थोडा बहुत उपयोग कर सकते है। बांकी और और चीजों में हमें नहीं जाना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि सभी बच्चो को प्रातः सूर्योदय से पहले जाग जाना चाहिए तथा रात्रि को जल्दी सोना चाहिए। देर रात तक नहीं जागना चाहिए। सभी बच्चों को अपने माता पिता कहना मानना चाहिए। हरेक माता पिता अपने बच्चों की भलाई के लिए ही उन्हें समझाते है कभी भी माता पिता से नाराज नहीं होना चाहिए। जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है। और वह जीवन में आगे बढ़ते जाते है। इस पर एक रोचक कहानी भी बच्चों को सुनाई।
आगे भाई जी ने बच्चों को मन बुद्धि और संस्कार के बारे में बताया कि कैसे हम अच्छा सोचकर अपने अन्दर अच्छी आदतों को डाल सकते है। और अपनी ख़राब आदतों को छोड़ सकते है।


कार्यक्रम में बच्चो को मेडिटेशन (ध्यान) की सरल विधि सिखाई गई साथ ही ध्यान का अभ्यास भी कराया गया।
इस अवसर पर केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि हम थोडा समय पढ़ाई से पूर्व या कोई कार्य करने से पूर्व राजयोग ध्यान का अभ्यास करते है। अथवा परमात्मा को याद करते है तो हमें सफलता अवश्य मिलती है, साथ ही हमारी एकाग्रता भी बढती है। दीदी ने आगे कहा कि हमें इतना सुंदर जीवन मिला है तो उसके लिए हमें ईश्वर का शुक्रिया अदा करना चाहिए, साथ ही उन सभी का शुक्रिया करना चाहिए जो हमारे जीवन को अच्छा बनाने में हमारे मददगार है जैसे माता-पिता एवं गुरुजन आदि।
दीदी ने आगे बताया कि बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास और सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक है। यह शिविर निश्चित ही बच्चों में दिव्य गुणों की धारणा और चारित्रिक विकास में मददगार साबित होगा। जो बच्चे बचपन से ही आध्यात्मिक शिक्षा और नैतिक शिक्षा और व्यवहारिक शिक्षा से जुड़ते है, तो वह न केवल बड़े होकर एक अच्छे नागरिक बनते है, बल्कि समाज और विश्व के लिए भी एक प्रेरणा और आदर्श बनकर उभरते है।
अंत में शिक्षाप्रद गेम भी खिलाये गए जिसका बच्चों ने आनंद लिया|
इस अवसर पर बीके जीतू, बीके सुरभि, बीके रोशनी, रीता मिड्ढा सहित अनेकानेक बच्चो के पैरेंट्स भी उपस्थित थे।

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