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Indraganj Lashkar

ब्रह्माकुमारीज का आठ दिवसीय अभियान संपन्न “मेरा ग्वालियर व्यसन मुक्त ग्वालियर”

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ब्रह्माकुमारीज का आठ दिवसीय अभियान संपन्न  मेरा ग्वालियर व्यसन मुक्त ग्वालियर

 

ब्रह्माकुमारीज संस्थान से प्रेरणा लेकर अन्य लोगो को भी इस समाज हितेशी कार्य में आगे आना चाहिए महापौर डॉ. शोभा सिंह सिकरवार

 

माता पिता भी बच्चो को संस्कारवान बनाए आशीष प्रताप सिंह

 

ब्रह्माकुमारीज संस्थान एक ऐसा संगठन है जो सदैव समाज में सकारात्मक परिवर्तन के लिए कार्यरत है डॉ. आर. के. एस धाकड़

 

लश्कर ग्वालियर : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की सहयोगी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाऊंडेशन के मेडिकल विंग द्वारा राष्ट्रीय अभियान मेरा भारत व्यसन मुक्त भारत के अंतर्गत “मेरा ग्वालियर व्यसन मुक्त ग्वालियर” आठ दिवसीय अभियान आज पूरा हुआ | इसके साथ ही व्यसन मुक्ति के कार्यक्रम जारी रहेंगे |

 

इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप से महापौर श्रीमती डॉ. शोभा सिंह सिकरवार, विशिष्ट अतिथि डॉ. आर.के.एस धाकड़ (सयुंक्त संचालक एवं अधीक्षक जयारोग चिकित्सालय), श्री आशीष प्रताप सिंह (प्रदेश कार्य समिति सदस्य भा.ज.पा.), डॉ.राहुल सप्रा (अध्यक्ष इंडियन मेडिकल एसोसिएशन), डॉ. ब्रजेश सिंघल (सेक्रेटरी,आई.एम.ए), ब्रह्माकुमारीज़ लश्कर ग्वालियर की मुख्य इंचार्ज ब्रह्माकुमारी आदर्श दीदी, बी.के. डॉ.गुरुचरण भाईजी और बी.के. प्रह्लाद भाई जी उपस्थित रहे |

 

कार्यक्रम की शुरुवात में सभी अतिथियों को दुपट्टा पहनाकर और तिलक लगाकर स्वागत किया |

 

कार्यक्रम में देहली से पधारी बी.के.रूपा बहन ने सभी को बताया  कि “मेरा ग्वालियर व्यसन मुक्त ग्वालियर” अभियान को करने का उद्देश्य था व्यसन के खिलाफ ज़्यादा से ज़्यादा लोगो को जागरूक करना और शहर को और देश को व्यसन मुक्त बनाना | इस आठ दिवसीय अभियान में 50 से भी अधिक स्कूल,कॉलेज, शासकीय अशासकीय संगठन, पुलिस विभाग और पब्लिक कार्यक्रम किये और बच्चों को एक नई दिशा की तरफ बढ़ने के लिए प्रेरित किया और सभी को नशे से दूर रहने के लिए शपथ भी दिलाई|

 

कार्यक्रम में बी. के. पवन और अन्य साथी बच्चो द्वारा नशा के प्रति जगुरुकता के लिए एक ड्रामा भी किया गया |

 

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में पधारी श्रीमती डॉ. शोभा सिंह सिकरवार जी ने इस अभियान के प्रति शुभकामनाएं देते हुए बताया कि संस्थान समाज उत्थान के लिए बहुत ही कल्याणकारी कार्य कर रहा है | प्राचीन काल की बात की जाये तो लोग कहते थे विदेशों में इन सब चीज़ों का चलन है परन्तु आज हमारे भारत देश में भीं यह चलन बहुत तेज़ी से बढ़ रहा है | जिसमे से सबसे ज्यादा युवा पीड़ी इसकी चपेट में आ रही हैं | अगर देश की युवा पीड़ी ही इस रास्ते पर चलेगी तो हमारे देश का भविष्य अंधकार में चला जायेगा | तो यह संस्था बहुत ही सराहनीय कार्य कर रही है इसलिए हम सभी को इन लोगो से प्रेरणा लेनी चाहिए और समाज में जो यह बुराई फैली हुई है उसको मिटाने में इनका सहयोगी बनना चाहिए |

 

कार्यक्रम में पधारे श्री आशीष प्रताप सिंह ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि मॉडर्न युग में युवा आज दिग भ्रमित है|  नशा युवाओं के लिए आज फैशन बन गया है | जो की पूरी तरह से गलत है आज युवाओं को मैडिटेशन से जुड़ना चाहिए| जो उनके शारीरिक और मानसिक विकास में मदद करेगा | जैसे शरीर को भोजन की आवश्यकता होती है ठीक उसी तरह हमारे मस्तिष्क को अच्छे अध्यन की जरूरत है साहित्य की जरूरत है | माता पिता भी बच्चो को संस्कारवान बनाए और बह तभी होगा जब हम स्वयं व्यसन मुक्त हो |

 

कार्यक्रम में डॉ. आर. के. एस धाकड़ ने कहा कि जो बुरी आदते है वह समाज में जल्दी फैलती है | ब्रह्माकुमारीज संस्थान एक ऐसा संगठन है जो सदैव समाज में सकारात्मक परिवर्तन के लिए कार्यरत है | क्योकि इनलोगों के पास अध्यात्मिक शक्ति है जो हमें व्यसन मुक्त बना सकती है | इनके सहयोग से ही हम समाज की बुराई को दूर कर सकते है | वह विद्यालय भी शिक्षा देते है और ब्रह्माकुमारी विद्यालय भी समाज में फैली बुराई को ठीक करने का कार्य कर रही है | समाज के लिए कार्य करने वाले संगठन ही इन बुराइयों से छुड़ा सकते है |

 

आगे डॉ.राहुल सप्रा आज के समय में हमारे समाज की ज्वलंत समस्या व्यसन है जिसके लिए हम सभी को मिलकर कार्य करना है |  नशे की लत व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता को कमज़ोर करता है और कहीं न कहीं यह मानसिक और शारीरिक बीमारियों का भी कारण बनता है | आज अगर हमारे घर में नशा नहीं भी होता परन्तु जिस गति से यह समाज में बढ़ता जा रहा है | वह बहुत चिंता का विषय है|

 

इसीके साथ उन्होंने कहा कि व्यसन मुक्ति के साथ हमारी टीम के द्वारा सभी को बेसिक लाइफ सपोर्ट के बारे में भी बताया गया |

 

कार्यक्रम में बी.के.आदर्श दीदी जी ने बताया कि नशा आज के समय में जैसे आम समस्या हो गयी है परन्तु यह आम समस्या ही आज इस समाज के लिए बहुत हानिकारक बनती जा रही है | वर्तमान समय की बात की जाए तो दुनिया भर में बड़ी संख्या में लोग व्यसनों से घिरे हुए हैं | आज लोग यह सोचने लग गए हैं की नशा करने से उनका तनाव कम हो जायेगा या कुछ लोग तो अपनी वास्तविकता से बचने के लिए व्यसनों के आदि हो जाते हैं और फिर कभी उससे बाहर नहीं आ पाते जिस वजह से उनका पूरा जीवन व्यर्थ में चला जाता है |

 

तो इस समाज को व्यसन मुक्त बनाना बहुत ज़रूरी है इसलिए यह अभियान पूरे ग्वालियर और आस पास के गाँव में चलाया गया ताकि सभी लोग इस विषय को गहराई से सोचे और उस पर चिंतन करें कि व्यसन हमारे जीवन को पूरी तरह से नष्ट कर सकता है इसलिए स्वयं के साथ साथ दूसरों को भी व्यसनों से दूर रहने का रास्ता बताएं और  अपना जीवन सुखी और खुशहाल बनाएं |

इस अवसर पर डॉ. ब्रजेश सिंघल ने भी अपनी शुभकामनाएं रखीं |

 

कार्यक्रम का कुशल संचालन बी.के. डॉ.गुरुचरण भाईजी के द्वारा किया गया और आभार बी.के.प्रह्लाद भाईजी ने किया |

 


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म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी ने ‘सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर किया सम्मानित

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Gwalior : म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी, भारत सरकार के केंद्रीय संचार मंत्री माननीय श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी, म.प्र. विधानसभा अध्यक्ष माननीय श्री नरेंद्र सिंह तोमर जी ने ग्वालियर के दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार, कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। जिसमें ब्रह्माकुमारी रोशनी, ब्रह्माकुमारी सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में प्रदेश के अनेकानेक कैबिनेट मंत्री गण, सांसद, विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधि तथा प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।

इस अवसर पर बीके रोशनी, बीके सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह ने माननीय मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी का अभिनंदन करते हुए उन्हें ईश्वरीय सौगात भेंट की।

कार्यक्रम में शहर से अनेकानेक सम्माननीय धर्मगुरु, धार्मिक संस्थान, सामाजिक संस्थान से तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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बाल व्यक्तित्व विकास शिविर

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ब्रह्माकुमारीज केंद्र पर तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का हुआ शुभारंभ

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बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास, सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक – आदर्श दीदी

जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है – प्रहलाद भाई

ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की भगिनी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाऊंडेशन के युवा प्रभाग और शिक्षा प्रभाग के द्वारा माधवगंज स्थित प्रभु उपहार भवन में तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का शुभारंभ हुआ।
इस शिविर में बच्चों के सम्पूर्ण विकास के लिए आध्यात्मिकता, नैतिक शिक्षा, व्यवहारिक ज्ञान और सकारात्मक सोच आदि विषयों को रचनात्मक ढंग से बताया जायेगा।
शिविर के शुभारंभ में मुख्य प्रशिक्षक के रूप में उपस्थित मोटिवेशनल स्पीकर एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई ने नए सभी बच्चों को मोटिवेट करते हुए मजेदार शिक्षाप्रद कहानियाँ सुनाकर शिविर की शुरुआत की। उन्होंने एक रचनात्मक एक्टिविटी के माध्यम से शिविर में उपस्थित बच्चों को सिखाया कि हमें ध्यान से सुनना चाहिए। क्योकि ध्यान से सुनने का बहुत महत्व है। जबकि सुनने से ज्यादा हम देखकर कर्म करते है, हम जैसा देखते है वैसा हम बनते चले जाते है। यदि हम कुछ गलत चीजों को देखते है या हमारे सामने कोई गलती कर रहा है तो उसका प्रभाव भी हमारे जीवन पर पड़ता है। इसलिए हमेशा टीवी या मोबाईल पर कुछ देखते है तो अच्छा ही देखे।
उन्होंने कहा कि अच्छे गुणों और संस्कारों का बीज बोने का यह सही समय है। इस समय अंदर लचीलापन होता है। सही शब्दों में कहा जाए तो व्यक्तित्व का निर्माण और जीवन को दिशा देने का काम इसी समयावधि में हो सकता है। हम जैसा बनना चाहें वैसा अपने को बना सकते हैं। आजकल कई बच्चे अपना कीमती समय मोबाइल पर नष्ट कर रहे हैं। अभिभावक और शिक्षक चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। इस समय में मोबाईल का ज्यादा उपयोग करना हमारे लिए बहुत नुकशान दायक है । मोबाईल हमारी सुविधा के लिए है पढ़ाई आदि के लिए ही हम इसे थोडा बहुत उपयोग कर सकते है। बांकी और और चीजों में हमें नहीं जाना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि सभी बच्चो को प्रातः सूर्योदय से पहले जाग जाना चाहिए तथा रात्रि को जल्दी सोना चाहिए। देर रात तक नहीं जागना चाहिए। सभी बच्चों को अपने माता पिता कहना मानना चाहिए। हरेक माता पिता अपने बच्चों की भलाई के लिए ही उन्हें समझाते है कभी भी माता पिता से नाराज नहीं होना चाहिए। जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है। और वह जीवन में आगे बढ़ते जाते है। इस पर एक रोचक कहानी भी बच्चों को सुनाई।
आगे भाई जी ने बच्चों को मन बुद्धि और संस्कार के बारे में बताया कि कैसे हम अच्छा सोचकर अपने अन्दर अच्छी आदतों को डाल सकते है। और अपनी ख़राब आदतों को छोड़ सकते है।


कार्यक्रम में बच्चो को मेडिटेशन (ध्यान) की सरल विधि सिखाई गई साथ ही ध्यान का अभ्यास भी कराया गया।
इस अवसर पर केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि हम थोडा समय पढ़ाई से पूर्व या कोई कार्य करने से पूर्व राजयोग ध्यान का अभ्यास करते है। अथवा परमात्मा को याद करते है तो हमें सफलता अवश्य मिलती है, साथ ही हमारी एकाग्रता भी बढती है। दीदी ने आगे कहा कि हमें इतना सुंदर जीवन मिला है तो उसके लिए हमें ईश्वर का शुक्रिया अदा करना चाहिए, साथ ही उन सभी का शुक्रिया करना चाहिए जो हमारे जीवन को अच्छा बनाने में हमारे मददगार है जैसे माता-पिता एवं गुरुजन आदि।
दीदी ने आगे बताया कि बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास और सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक है। यह शिविर निश्चित ही बच्चों में दिव्य गुणों की धारणा और चारित्रिक विकास में मददगार साबित होगा। जो बच्चे बचपन से ही आध्यात्मिक शिक्षा और नैतिक शिक्षा और व्यवहारिक शिक्षा से जुड़ते है, तो वह न केवल बड़े होकर एक अच्छे नागरिक बनते है, बल्कि समाज और विश्व के लिए भी एक प्रेरणा और आदर्श बनकर उभरते है।
अंत में शिक्षाप्रद गेम भी खिलाये गए जिसका बच्चों ने आनंद लिया|
इस अवसर पर बीके जीतू, बीके सुरभि, बीके रोशनी, रीता मिड्ढा सहित अनेकानेक बच्चो के पैरेंट्स भी उपस्थित थे।

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