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86 वीं त्रिमूर्ति शिवजयंती के उपलक्ष्य में प्रभु उपहार भवन माधौगंज सेंटर पर शिव ध्वजारोहण का कार्यक्रम सम्पन्न (01.03.2022)
86 वीं त्रिमूर्ति शिवजयंती के उपलक्ष्य में प्रभु उपहार भवन माधौगंज सेंटर पर शिव ध्वजारोहण का कार्यक्रम सम्पन्न –
लश्कर ग्वालियर: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय प्रभु उपहार भवन माधौगंज सेंटर पर 86वीं शिवजयंती के उपलक्ष्य में शिव ध्वजारोहण का कार्यक्रम सम्पन्न हुआ इसके साथ ही कार्यक्रम की शुरुवात दीपप्रज्वलन के साथ की गई ।
कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ.प्रियंवदा भसीन (अध्यक्ष IMA ग्वालियर, चेयरमैन अपोलो हॉस्पिटल और रतन ज्योति नेत्रालय ग्वालियर ), डॉ.सुनील अग्रवाल(प्रोफेसर सर्जरी गजरा राजा मेडिकल कॉलेज ग्वालियर, अध्यक्ष मध्यप्रदेश प्रोग्रेसिव मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन), कमल माखीजानी (जिला अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी), ब्रह्माकुमारिज़ लश्कर ग्वालियर की मुख्य संचालिका बी.के. आदर्श दीदी, बी.के.ज्योति बहन, बी.के. डॉ. गुरुचरण भाई और बी.के.प्रहलाद भाई, बी.के. महिमा बहन उपस्थित थी |
कार्यक्रम के शुभारंभ में बी.के.आदर्श दीदी जी ने पावन पर्व महाशिवरात्रि (शिवजयंती) की हार्दिक शुभकामनाएं सभी को दी और बताया कि –
1- शिवरात्रि पर्व पर अक धतूरा चढ़ाते है वास्तव में हमें चढाते हैं लेकिन वास्तव में हमें अपनी अंदर के विकार – काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार आदि शिव को दे देना चाहिए जो अक धतूरे के समान है ।
2- शिवरात्रि पर व्रत का भी बहुत महत्व बताते हैं तो अगर सच्चा सच्चा व्रत रखना है तो यह रखो कि अपने कमज़ोर विचारों को, नकारात्मक संकल्पों को मिटा कर शुभ और श्रेष्ठ विचारों को धारण करेंगे | तो श्रेष्ठ वृत्ति का व्रत धारण करना ही सच्ची शिवरात्रि मानना है |
3- हम देखते है आज के दिन लोग शिव पर जल अथवा दूध चढाते हैं क्योकि अबी स्वयं परमात्मा शिव हम सभी को ज्ञान का अमृत जल पिला रहे हैं और यह प्रतिज्ञा की भी निशानी है। हम सब प्रतिज्ञा करें कि समय रुपी घंटा उस परमात्मा की याद में लगायेंगे क्योकि ईश्वर इस धरा पर स्वर्ग बसाना चाहते हैं |
इसके साथ ही उन्होंने शिव और शंकर में अंतर स्पष्ट करते हुए बताया कि आज लोग भूल बस शिव जी और शंकर जी को एक ही समझते है जबकि शिव पिता है उनका स्वरूप ज्योतिर्बिन्दु स्वरूप है इसलिए ज्योतिर्लिंग कहा जाता है और शंकर जी उनकी रचना जिनका स्वरूप आकारी है इसलिए हमेशा शंकर जी को भी शिव जी का ध्यान करते हुए दिखाया है। शिवलिंग पर तीन पत्ते बाली बेलपत्री भी चढ़ाते है क्योंकि वह तीनों देवो के भी पिता है। इसके साथ ही वह सभी धर्मात्माओं के मनुष्य आत्माओं के भी पिता है इसलिए उन्हें परमपिता परमात्मा शिव कहा जाता है।
कार्यक्रम में आगे डॉ.प्रियंवदा भसीन जी ने सभी को आज के दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि में जब भी ब्रह्माकुमारीज़ सेवाकेंद्र पर आती हूँ मुझे बहुत ही सकारात्मकता का अनुभव होता है क्योकि यहाँ का वातावरण बहुत ही पॉजिटिव है | आगे उन्होंने आज के दिवस के बारे मे बताते हुए कहा कि शिवरात्रि एक ऐसा पर्व है जहाँ प्रत्येक भक्त अपनी भक्ति की मस्ती में मस्त हो जाते हैं। व्यक्ति पूरा दिन व्रत रखता है रात्रि मे जागरण करता है तभी इसे यादगार पर्व के रूप में मनाया जाता है ।
आगे डॉ.सुनील अग्रवाल जी ने बताया कि शिव की महिमा तो अपरं अपार है। आज स्वयं ईश्वर हम सभी मनुष्यों को समझा रहे हैं कि अपना जीवन ऐसे व्यतीत करें जिसका कोई उद्देश्य हो। जिस तरह वो ईश्वर हम सब की मदद करते हैं उसी प्रकार हम भी ऐसे जीवन जियें जो किसी के काम आ जायें। अपने जीवन की बुराईयों से मुक्त होकर सच्चाई के रास्ते को अपनाये ताकि ईश्वर के मददगार बन सकें।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कमल माखीजानी जी ने कहा की जब हम सबके फ़ोन मे या फिर कंप्यूटर में कई सारी फाइल्स खुल जाती हैं तो अपने देखा होगा फोने या कंप्यूटर बहुत धीरे काम करने लग जाते है तो हम क्या करते हैं उसको रिफ्रेश करते है उसी प्रकार हमारे माइंड में भी जब बहुत सारी बातें, व्यर्थ आ जाता है। ठीक इसी प्रकार से ब्रह्माकुमारीज़ संस्था में आने से हर व्यक्ति मन से रिफ्रेश हो जाता है, आज में यहां आकर अपने आपको मन से हल्का महशूस कर रहा हूँ। क्योकि यहाँ वातावरण इतना पावरफुल है इतना शांत है कि अपने आपको शांति की शक्ति से भर देता है। यह बताकर उन्होंने सभी को आज के दिवस की शुभकामनाएं दीं |
तत्पश्चात डॉ. गुरचरण सिंह ने भी अपनी शुभकामनाएं दीं ।
कार्यक्रम का कुशल संचालन बी.के.ज्योति बहन ने किया और आभार बी.के.प्रहलाद भाई के द्वारा किया गया।
कार्यक्रम में संस्थान से जुड़े सैकड़ो श्रद्धालु उपस्थित थे।
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तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी(न्यूज़ कवरेज)
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तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी
24 सितंबर 2025
खुशनुमा और स्वस्थ जीवन के लिए तनाव प्रबंधन आवश्यक – बीके प्रहलाद भाई

एसएएफ 13 बटालियन में तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली विषय पर प्रेरणादायक सत्र आयोजित
ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के द्वारा 13वीं वाहिनी विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ 13 बटालियन) में “तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली” विषय पर एक प्रेरणादायक सत्र आयोजित किया गया। जिसका उद्देश्य लोगों को मानसिक शांति, सकारात्मक सोच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रेरक वक्ता एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई तथा ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र की मुख्य संचालिका बीके आदर्श दीदी उपस्थित थीं।

इस अवसर पर एस ए एफ 13 बटालियन से प्रभारी सेनानी अनुराग पांडे, सहायक सेनानी, गुलबाग सिंह, डॉक्टर ओ पी वर्मा निरीक्षक मुनेन्द्र सिंह भदोरिया, निरीक्षक, धर्मेंद्र वर्मा, निरीक्षक मुकेश परिहार, निरीक्षक पुष्पेंद्र सिंह भदौरिया, निरीक्षक जादौन, निरीक्षक राय सिंह जयंत, समस्त पी टी एस स्टाफ एवं 350 से अधिक प्रशिक्षणार्थी सहित ब्रह्माकुमारीज से बीके सुरभि, बीके रोशनी, बीके पवन उपस्थित थे।
कार्यक्रम में बीके प्रहलाद भाई ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आज के तेज रफ़्तार जीवन में तनाव हर किसी की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। जिसकी वजह से हमारे जीवन में काफी उतार चढाव आते है। इन सबसे छूटने के लिए तनाव का सही ढंग से प्रबंधन करना ही खुशनुमा और स्वस्थ जीवन जीने की कला है। यदि तनाव पर नियंत्रण न हो तो यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ को प्रभावित करता है। इसके लिए कुछ सरल उपाय अपनाकर हम संतुलित, आनंदमय और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। उन्होंने कहा कि – सकारात्मक सोच विकसित करें, हर परिस्थिति में अच्छा पक्ष देखने का प्रयास करें, नकारात्मक विचारों से दूर रहें, योग और ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाये, रोजाना 15 से 20 मिनिट ध्यान करें जिससे मन स्थिर रहता है एवं मानसिक शांति भी मिलती है, प्राणायाम और योगासन से शरीर स्वस्थ्य रहता है, 6 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद लें, संतुलित भोजन लें, नशे से दूरी बनाकर रखें, जंक फ़ूड से बचें, व्यवस्थित दिनचर्या बनायें, कोई न कोई रोज अच्छी पुस्तक पढ़ने की आदत डालें, कार्यक्रम स्थल पर किसी भी तरह का दवाव आता है तो घबरायें नहीं, परिवार के साथ समय विताएं, हर कार्य को एक खेल की तरह से लें।
बीके प्रहलाद भाई नें अनेकानेक रचनात्मक गतिविधि भी कराई जिससे सभी का मन हल्का हुआ और उमंग उत्साह भी बढ़ा। और दिन कि शुरुआत किस तरह से करें वह भी बताया।

कार्यक्रम में बीके आदर्श दीदी नें कहा कि तनाव को दूर करने के लिए योग, ध्यान, प्राणायाम, सकारात्मक चिंतन और समय प्रबंधन जैसे उपाय बेहद प्रभावी हैं। पर्याप्त नींद और रुचियों के लिए समय निकालना जीवन को सुखद और तनावमुक्त बना सकता है साथ ही कहा कि तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है यदि हम स्वस्थ दिनचर्या और आत्म नियंत्रण को अपनाएं तो जीवन अधिक खुशनुमा और आनंदमय बन सकता है। दीदी नें सभी को राजयोग ध्यान की विधि बताई तथा सभी को उसके फायदे बताते हुए अभ्यास भी कराया।
इस अवसर पर उपस्थित प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे अपने जीवन में स्वस्थ दिनचर्या, योग ध्यान और सकारात्मक सोच को अपनायेंगे और परिवार एवं समाज के प्रेरणास्त्रोत बनेगें।

कार्यक्रम में मेडिकल ऑफिसर डॉ ओपी वर्मा ने बताया कि तनाव आता है तो लोग आसानी से नशे की तरफ भागते है जबकि वह समाधान नहीं है। समाधान के लिए हमें ब्रह्माकुमारीज़ जैसे आध्यात्मिक संस्थानों से जुड़कर ध्यान के माध्यम में हमें अपने को सकारात्मक बनाना चाहिए। इस अवसर पर अन्य पदाधिकारियों नें भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में संस्थान के लोंगो का अभिनन्दन करते हुए पौधे भेंट किए गए।
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ब्रह्माकुमारीज़ के माधौगंज केंद्र पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में भव्य कार्यक्रम का हुआ आयोजन
ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के माधौगंज स्थित प्रभु उपहार भवन में भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।

कार्यक्रम में संस्थान के बाल कलाकारों ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का मंचन किया। जिसने सभी का मन मोह लिया तो वहीं भजन गायकों द्वारा सुंदर भजनों की प्रस्तुति ने सभी को आनंदित कर दिया।
कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी ने सभी को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की बधाई दी और कहा कि आज हम भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को हर्ष और उल्लास के साथ मना रहे हैं। यह केवल एक धार्मिक त्योहार ही नहीं, बल्कि हमारे जीवन को दिशा देने वाला आध्यात्मिक संदेश है। भगवान श्रीकृष्ण जी का जीवन हमें सिखाता है कि धर्म की रक्षा और अन्याय तथा बुराइयों का अंत करना ही जीवन का सबसे बड़ा उद्देश्य होना चाहिए।

भगवान ने गीता में कहा है कि अपने कर्तव्यों को निष्ठा और ईमानदारी से करना चाहिए, फल की चिंता नहीं करनी चाहिए। यह शिक्षा आज के समाज के लिए बहुत प्रासंगिक है। यदि हर व्यक्ति अपना कर्तव्य सही भावना से निभाए, तो समाज में अन्याय, भ्रष्टाचार और असमानता स्वतः ही समाप्त हो सकती है।
भगवान श्रीकृष्ण का जीवन हमें गहन शिक्षाएँ देता है। उनका जन्म कारागार में दिखाते है, लेकिन परिस्थितियाँ कैसी भी रही हों, उन्होंने हमेशा धर्म और न्याय की स्थापना का कार्य किया। उनका पूरा जीवन हमें यह संदेश देता है कि मनुष्य को अपने कर्तव्य का पालन निस्वार्थ भाव से करना चाहिए।
यह पर्व हमें नई श्रेष्ठाचारी और पावन दुनिया की याद दिलाता है। जब-जब संसार में अन्याय, अधर्म और असत्य बढ़ता है, तब ईश्वर अवतरित होकर मानवता को सही दिशा दिखाते हैं।
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कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार महेश कुमार, प्रेरक वक्ता बीके प्रहलाद ने भी सभी को जन्माष्टमी की शुभकामनाएं देते हुए अपने विचार प्रकट किए।
कार्यक्रम में सुंदर झांकी लगाई गई थी। जिसका दर्शन लाभ सभी ने लिया। साथ ही भजनों की सुंदर प्रस्तुति एवं भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का मंचन करने वाले कलाकारों में कु. रोशनी, कु. तनवी, कु. पीहू, कु. नंदनी, कु. हंसिका, कु. रुचि, कु. नव्या, रूबी, सोनिया, पवन, अखिलेश, निलक्ष तथा बीके जीतू आदि शामिल थे।
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