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Indraganj Lashkar

86 वीं त्रिमूर्ति शिवजयंती के उपलक्ष्य में शिव ध्वजारोहण एवं भव्य विशाल पैदल शोभायात्रा का आयोजन (28.02.2022)

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86 वीं त्रिमूर्ति शिवजयंती के उपलक्ष्य में शिव ध्वजारोहण एवं भव्य विशाल पैदल शोभायात्रा का आयोजन  – 
लश्कर ग्वालियर: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विधालय द्वारा 86वीं शिवजयंती महोत्सव का शुभारम्भ एक पैदल शोभा यात्रा के साथ किया गया जो कि माधवगंज स्थित सेवाकेंद्र से प्रारंभ होकर सराफा बाज़ार , फालका बाज़ार होते हुए हाईकोर्ट लेन सेवाकेंद्र पर जाकर समाप्त हुई | शोभायात्रा का शुभारंभ हरी झंडी एवं शिवध्वज दिखाकर किया गया जिसमें नगर निगम से भीष्म पमनानी, अजय सिंह ठाकुर, इंजी. बी.के. गुप्ता, स्वच्छता ब्रांड एम्बेसडर ब्रह्माकुमारी आदर्श दीदी जी उपस्थित थी। तत्पश्चात इस पैदल
शोभा यात्रा में परमात्मा शिव का सन्देश देने के साथ साथ स्वच्छता का भी सन्देश दिया गया।

यह शोभा यात्रा हाईकोर्ट लेंन स्थित संगम भवन पहुचने पर

एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया ।

जिसमें मुख्य रूप से डॉ.सतीश सिंह सिकरवार (विधायक , ग्वालियर पूर्व), ए.के.शर्मा (एस.ई. ट्रांसमिशन ग्वालियर संभाग, एम.पी.ई.बी.),  ब्रह्माकुमारिज़ लश्कर ग्वालियर की मुख्य संचालिका बी.के. आदर्श दीदी, चन्द्र प्रकाश गुप्ता, बी.के. डॉ. गुरुचरण भाई और बी.के.प्रहलाद भाई  उपस्थित थे |

कार्यक्रम में सभी को शिव जयंति की शुभकामनाएं देते हुए बी.के.आदर्श दीदी जी ने शिवरात्रि का आध्यात्मिक महत्व समझाते हुए बताया कि शिव जयंती अर्थात महाज्योति  परमपिता परमात्मा शिव और उनके आत्मिक स्वरुप में बच्चों के मिलन का यादगार पर्व है । भारतवासी हर वर्ष शिवरात्रि मनाते है, व्रत रखते हैं परन्तु वास्तविक अर्थ को जानना अति आवश्यक है कि शिव कौन हैं और रात्रि के साथ इनका क्या सम्बन्ध है  ?
शिव नाम परमात्मा का है। शिव का अर्थ है कल्याणकारी । परमात्मा शिव ही सब सुखों का अक्षय भंडार है , विश्व कल्याणकारी एवं सर्व के गति-सदगति दाता है। तथा शिवरात्रि का आध्यात्मिक रहस्य यह है कि परमात्मा शिव कल्पान्त के घोर अज्ञान रुपी रात्रि के समय, पुरानी सृष्टि के विनाश से कुछ समय पूर्व अवतरित होकर तमोप्रधानता एवं पापाचार का विनाश करके दुःख अशांति का समूल नष्ट करते हैं ।
तत्पश्चात मंदिरों मे चढाने वाली वस्तुएं जैसे की अक्क धतूरे का रहस्य समझाते हुए बताया कि इन वस्तुओं के स्थान पर अपने अन्दर के विकारो व बुराइयों को छोड़ने का संकल्प लेना साथ ही कोई अच्छाई को धारण करना ही सच्चे मायनें में शिवरात्रि मनाना है ।मुख्य अतिथि के रूप में पधारे ग्वालियर पूर्व से विधायक –
डॉ.सतीश सिंह सिकरवार ने बताया कि ब्रह्माकुमारीज़ संस्था बहुत ही अच्छा कार्य कर रही है, इस समाज में जो बुराइयाँ हैं उनको हटाने का और लोगों के जीवन में अच्छाई लाने का परिवर्तन लाने का।
संस्थान के द्वारा लगातार प्रयास किया जा रहा है कि यह समाज बुराईयों रुपी अंधकार से निकल कर अच्छाई रुपी सवेरे में परिवर्तन हो जाए तभी यह दुनिया स्वर्ग बन सकती है।
तत्पश्चात
एम.पी.ई.बी. से ग्वालियर संभाग के एस. ई. ए.के.शर्मा जी ने सभी को सच्चाई के रास्ते पर चलने की प्रेरणा देते हुए कहा आज सभी झूठ के मार्ग पर चल रहे है परन्तु अगर हम सब परिवर्तन करना चाहते हैं तो उसकी शुरुवात पहले स्वयं से करें तो एक दिन यह विश्व भी परिवर्तन अवश्य हो जायेगा।
कार्यक्रम के अंत में शिव ध्वजारोहण किया गया और सभी ने प्रतिज्ञा ली कि “विश्व की दुखी अशांत आत्माओं को शांति एवं शक्ति का दान देंगे और सभी के साथ सद्भावना और प्रेमपूर्ण व्यवहार करेंगे और स्वर्णिम दुनिया के कार्य में स्वयं परमात्मा का सहयोग करेंगे ।
कार्यक्रम का कुशल संचालन डॉ.बी.के गुरचरण भाईजी  ने किया तथा आभार बी.के.प्रहलाद भाईजी  द्वारा किया गया |

 

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सीआरपीएफ संतुलित आहार

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सीआरपीएफ समूह केंद्र में क्षेत्रीय परिवार कल्याण केन्द्र के सहयोग से सेमिनार का आयोजन

ग्वालियर। सीआरपीएफ समूह केंद्र में क्षेत्रीय परिवार कल्याण केन्द्र के सहयोग से एक सेमिनार व वक्तव्य का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम समूह केन्द्र के तानसेन क्लब में आयोजित हुआ। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डाईटीशियन सौम्या चड्ढा, ब्रह्माकुमारीज संस्थान से प्रेरक वक्ता बी के प्रहलाद भाई उपस्थित थे।
इस अवसर पर क्षेत्रीय कावा अध्यक्षा श्रीमती सुनीता निगम, श्रीमती भावना गुप्ता, डिप्टी कमांडेंट दिलाबर सिंह, श्रीमती गीता, श्रीमती आशा सहित क्षेत्रीय कावा के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।
केन्द्र में निवासरत महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता व उनको लाभान्वित करने के लिए विशेषज्ञों द्वारा पोषण एवं अंधत्व नियंत्रण के विषय पर चर्चा की गयी
मुख्य आहार विशेषज्ञ सौम्या चड्ढा नें सभी को सम्बोधित करते हुए कहा कि सभी को यह ध्यान रखना चाहिए कि हमारा आहार इस तरह का हो जिसमें वह सभी पोषक तत्व आ जाए जो शरीर के लिए आवश्यक है। उन्होंने बताया कि लें। थाली में अनाज, दाल/ प्रोटीन, सब्जी, फल, दूध, दही जैसी चीजें शामिल करें। समय पर भोजन करें, सीजनल फल और सब्जियां लें, दिनभर में 8 से 10 गिलास पानी पिएं, शारीरिक व्यायाम करें या कम से कम 30 मिनिट पैदल चलें, जरूरत से ज्यादा भोजन न करें।
ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के मेडिटेशन विशेषज्ञ बीके प्रहलाद भाई एवं बीके सुरभि नें सभी को मन को स्वस्थ्य रखने के लिए टिप्स दिए एवं राजयोग ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि राजयोग ध्यान करने से अनेक लाभ होते है। जैसे – यह तनाव कम करता है, मन को शांति और स्थिरता देता है, गुस्सा, चिंता और नकारात्मक सोच को घटाता है, एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ाता है, नींद की गुणवत्ता में सुधार लाता है। यह सब ठीक है तो शारीरिक स्वास्थ्य भी ठीक रहता है।
सेमिनार में ग्रुप केन्द्र के सैंकड़ों कार्मिकों एवं इस ग्रुप केन्द्र में निवासरत महिलाओं द्वारा बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया गया। सेमिनार के अंत में क्षेत्रीय कावा अध्यक्षा श्रीमती सुनीता निगम द्वारा डाईटीशियन सौम्या चड्ढा एवं बी के प्रहलाद भाई को स्मृति चिन्ह भेंट किए एवं विशेषज्ञों द्वारा इस विषय पर महत्वपूर्ण ज्ञानवर्धन करने हेतु धन्यवाद एवं आभार व्‍यक्‍त किया।

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खुशनुमा और स्वस्थ जीवन (एसएएफ 13 बटालियन)

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प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के द्वारा 13वीं वाहिनी विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ 13 बटालियन) में “तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली” विषय पर एक प्रेरणादायक सत्र आयोजित किया गया। जिसका उद्देश्य लोगों को मानसिक शांति, सकारात्मक सोच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रेरक वक्ता एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई तथा ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र की मुख्य संचालिका बीके आदर्श दीदी उपस्थित थीं।
इस अवसर पर एस ए एफ 13 बटालियन से प्रभारी सेनानी अनुराग पांडे, सहायक सेनानी, गुलबाग सिंह, डॉक्टर ओ पी वर्मा निरीक्षक मुनेन्द्र सिंह भदोरिया, निरीक्षक, धर्मेंद्र वर्मा, निरीक्षक मुकेश परिहार, निरीक्षक पुष्पेंद्र सिंह भदौरिया, निरीक्षक जादौन, निरीक्षक राय सिंह जयंत, समस्त पी टी एस स्टाफ एवं 350 से अधिक प्रशिक्षणार्थी सहित ब्रह्माकुमारीज से बीके सुरभि, बीके रोशनी, बीके पवन उपस्थित थे।
कार्यक्रम में बीके प्रहलाद भाई ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आज के तेज रफ़्तार जीवन में तनाव हर किसी की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। जिसकी वजह से हमारे जीवन में काफी उतार चढाव आते है। इन सबसे छूटने के लिए तनाव का सही ढंग से प्रबंधन करना ही खुशनुमा और स्वस्थ जीवन जीने की कला है। यदि तनाव पर नियंत्रण न हो तो यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ को प्रभावित करता है। इसके लिए कुछ सरल उपाय अपनाकर हम संतुलित, आनंदमय और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। उन्होंने कहा कि – सकारात्मक सोच विकसित करें, हर परिस्थिति में अच्छा पक्ष देखने का प्रयास करें, नकारात्मक विचारों से दूर रहें, योग और ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाये, रोजाना 15 से 20 मिनिट ध्यान करें जिससे मन स्थिर रहता है एवं मानसिक शांति भी मिलती है, प्राणायाम और योगासन से शरीर स्वस्थ्य रहता है, 6 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद लें, संतुलित भोजन लें, नशे से दूरी बनाकर रखें, जंक फ़ूड से बचें, व्यवस्थित दिनचर्या बनायें, कोई न कोई रोज अच्छी पुस्तक पढ़ने की आदत डालें, कार्यक्रम स्थल पर किसी भी तरह का दवाव आता है तो घबरायें नहीं, परिवार के साथ समय विताएं, हर कार्य को एक खेल की तरह से लें।
बीके प्रहलाद भाई नें अनेकानेक रचनात्मक गतिविधि भी कराई जिससे सभी का मन हल्का हुआ और उमंग उत्साह भी बढ़ा। और दिन कि शुरुआत किस तरह से करें वह भी बताया।
कार्यक्रम में बीके आदर्श दीदी नें कहा कि तनाव को दूर करने के लिए योग, ध्यान, प्राणायाम, सकारात्मक चिंतन और समय प्रबंधन जैसे उपाय बेहद प्रभावी हैं। पर्याप्त नींद और रुचियों के लिए समय निकालना जीवन को सुखद और तनावमुक्त बना सकता है साथ ही कहा कि तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है यदि हम स्वस्थ दिनचर्या और आत्म नियंत्रण को अपनाएं तो जीवन अधिक खुशनुमा और आनंदमय बन सकता है। दीदी नें सभी को राजयोग ध्यान की विधि बताई तथा सभी को उसके फायदे बताते हुए अभ्यास भी कराया।
इस अवसर पर उपस्थित प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे अपने जीवन में स्वस्थ दिनचर्या, योग ध्यान और सकारात्मक सोच को अपनायेंगे और परिवार एवं समाज के प्रेरणास्त्रोत बनेगें।
कार्यक्रम में मेडिकल ऑफिसर डॉ ओपी वर्मा ने बताया कि तनाव आता है तो लोग आसानी से नशे की तरफ भागते है जबकि वह समाधान नहीं है। समाधान के लिए हमें ब्रह्माकुमारीज़ जैसे आध्यात्मिक संस्थानों से जुड़कर ध्यान के माध्यम में हमें अपने को सकारात्मक बनाना चाहिए। इस अवसर पर अन्य पदाधिकारियों नें भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में संस्थान के लोंगो का अभिनन्दन करते हुए पौधे भेंट किए गए।

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तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी(न्यूज़ कवरेज)

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