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ब्रह्माकुमारीज़ के व्यवसाय एवं उद्योग प्रभाग द्वारा व्यापारियों के लिए आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम(13.02.2022)

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ब्रह्माकुमारीज़ के व्यवसाय एवं उद्योग प्रभाग द्वारा व्यापारियों के लिए आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम


ग्वालियर: नेशनल प्रोडक्टिविटी डे पर ऑनलाइन सेमिनार का आयोजन व्यवसाय और उद्योग के माध्यम से समृद्ध भारत अभियान के अंतर्गत राजयोगा एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के व्यवसाय एवं उद्योग प्रभाग तथा ब्रह्माकुमारीज ग्वालियर के सहयोग से आज उत्पादकता में सुधार के लिए महत्वपूर्ण कदम नामक एक ऑनलाइन सेमिनार का आयोजन किया गया जिसमें मध्यप्रदेश चेंबर ऑफ कॉमर्स के मानसेवी सचिव डॉ प्रवीण अग्रवाल जी साथ में श्री मनोज चौरसिया चेयरमैन प्रतीक इंस्टिट्यूट ऑफ इन्फॉर्मेशन एंड टेक्नोलॉजी ने विशेष रूप से भाग लिया । कार्यक्रम का कुशल संचालन करते हुए ब्रह्मा कुमार जीतू भाई ने दिन के महत्व के बारे में और इस अभियान का परिचय दिया । राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के विभिन्न प्रभागों में से व्यवसाय एवं उद्योग प्रभाग व्यवसाय एवं उद्योगों के पुनरुत्थान एवं इससे जुड़े हुए महानुभावों को विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से मानसिक और आध्यात्मिक रूप से सशक्त बनाकर उनकी  कार्यकुशलता और कार्यक्षमता में वृद्धि लाने का बेहद कार्य कर रहा है । इसी तारतम्य में इस ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन किया गया कि किस प्रकार से हम अपनी उन्नति से देश की उन्नति में सहयोग प्रदान कर सकते हैं ।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री प्रवीण अग्रवाल जी ने कहा कि बहुत सारे भाई बहनें जो कि व्यवसायिक पृष्ठभूमि से होते हुए भी आज के समय पर व्यापार-व्यवसाय छोड़ कर नौकरी आदि की तलाश में यहां-वहां भटक रहे हैं । जबकि होना यह चाहिए कि अपने व्यवसाय को अपने मानसिक स्तर के द्वारा वृद्धि की ओर ले जाना चाहिए जिसका आज के समय पर अभाव महसूस किया जा रहा है । आपने कहा कि उन्हें खुशी है कि प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय इसी लक्ष्य को लेकर इस प्रकार के कार्यक्रम भी आयोजित करता है । उन्होंने कहा कि बहुत सारे युवा जो कि आज के समय पर जानकारी के अभाव में जो सरकारों की योजनाएं चल रही हैं, उन पर ध्यान ना देते हुए नौकरी की तलाश में यहां-वहां भटक रहे हैं । जबकि होना चाहिए हर एक अपने व्यवसाय चाहे छोटा है चाहे बड़ा है उसमें ध्यान लगकर अपना नाम रोशन कर सकते हैं । ग्वालियर चंबल संभाग में कई इस प्रकार के छोटे बड़े व्यवसाय हैं जो कि बहुत मशहूर हैं इनकी सप्लाई पूरे देश तक जाती हैं जैसे की मुरैना की गजक तथा पेड़े । आपने कहा कि एम पी चेंबर ऑफ कॉमर्स ऐसे लोगों को जागरूक किया जा सके इस प्रकार के कार्यक्रम यत्र तत्र सर्वत्र आयोजित करता रहता है और उन्होंने प्रजापिता ब्रह्माकुमारी के साथ सहभागिता में कार्यक्रम करने के लिए भी अपना प्रस्ताव पेश किया ।

श्री मनोज चौरसिया जी ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि अपनी उत्पादन क्षमता तथा अपनी टीम को सशक्त बनाने के लिए टीमस्पिरिट के साथ अपना कार्य करना है जिसके आधार पर बड़े से बड़े लक्ष्य को हासिल कर सकते हैं । इसके लिये हमें संगठित रूप में कार्य करना पड़ेगा और एक लक्ष्य को लेकर अपने लक्ष्य की ओर निरंतर अग्रसर होना पड़ेगा । इसमें राजयोग हमें बहुत मदद करता है, अपने लक्ष्य को हासिल करने में अपने बाहुबल पर विश्वास के साथ साथ अपनी रचनात्मक बुद्धि का भी इस्तेमाल बखूबी करना होगा । कई बार हम परिस्थितियों से निराश हताश होकर संघर्ष करना छोड़ देते हैं जिस वजह से हम अपने लक्ष्य को हासिल नहीं कर पाते, लेकिन राजयोग हमें दृढ़ता के साथ अपने लक्ष्य को हासिल करने में मदद करता है ।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बी के डॉ गुरचरन सिंह ने कहा कि हमें आत्मनिर्भर बनने के लिए आत्म स्थिति में स्थित होना पड़ेगा ताकि हम हर कार्य शक्तिशाली बनकर कर सकते हैं । इसके लिए हमें अपने जीवन में दैवी गुणों की धारणा करनी पड़ेगी जिसमें मुख्य रुप से-

1- डिटरमिनेशन अर्थात दृढ़ता
2- कॉनसन्ट्रेशन या एकाग्रता
3- कमिटमेंट या प्रतिबद्धता
4- पोसिटिव एटीट्यूड या सकारात्मक दृष्टिकोण
5- पिता परमात्मा के प्रति संपूर्ण समर्पणता जिससे कि हम सर्व प्रकार के बोझ से मुक्त हो सकें । क्योंकि लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जहां एक और जानकारी की आवश्यकता है वहीं दूसरी ओर दृढ़ता की अति आवश्यकता है । पिता परमात्मा बताते हैं कि दृढ़ता ही सफलता की चाबी है इसलिए इस गुण को धारण करने के लिए हमें राजयोग का अभ्यास बहुत ही मदद करता है । जो कि पूर्णरूपेण निशुल्क रूप से सभी सेवा केंद्रों पर सिखाया जाता है इसके लिए सभी को हार्दिक ईश्वरीय निमंत्रण दिया गया ।
अंत में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्थानीय सेवा केंद्र प्रभारी राजयोगिनी बी के आदर्श दीदी जी ने कहा कि व्यवसायिक रूप से हमें सशक्त बनने के लिए आध्यात्मिक रूप से सशक्त होना अति आवश्यक है । हम अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़ संकल्पित रहे, पिता परमात्मा से शक्तियां लेकर अपने कार्यों को सुचारु रुप से करने के लिए सदैव तत्पर रहें और आगे वाली विघ्न बाधाओं से घबराए नहीं अपितु निरंतर आगे बढ़ते रहें । तत्पश्चात आपने राजयोग का व्यवहारिक रूप से अभ्यास करा कर सभी को और परमात्म शक्तियों का दिव्य अनुभव कराया कार्यक्रम का समापन धन्यवाद ज्ञापित कर परमात्म याद से किया गया ।

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म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी ने ‘सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर किया सम्मानित

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Gwalior : म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी, भारत सरकार के केंद्रीय संचार मंत्री माननीय श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी, म.प्र. विधानसभा अध्यक्ष माननीय श्री नरेंद्र सिंह तोमर जी ने ग्वालियर के दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार, कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। जिसमें ब्रह्माकुमारी रोशनी, ब्रह्माकुमारी सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में प्रदेश के अनेकानेक कैबिनेट मंत्री गण, सांसद, विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधि तथा प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।

इस अवसर पर बीके रोशनी, बीके सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह ने माननीय मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी का अभिनंदन करते हुए उन्हें ईश्वरीय सौगात भेंट की।

कार्यक्रम में शहर से अनेकानेक सम्माननीय धर्मगुरु, धार्मिक संस्थान, सामाजिक संस्थान से तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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बाल व्यक्तित्व विकास शिविर

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ब्रह्माकुमारीज केंद्र पर तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का हुआ शुभारंभ

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बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास, सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक – आदर्श दीदी

जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है – प्रहलाद भाई

ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की भगिनी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाऊंडेशन के युवा प्रभाग और शिक्षा प्रभाग के द्वारा माधवगंज स्थित प्रभु उपहार भवन में तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का शुभारंभ हुआ।
इस शिविर में बच्चों के सम्पूर्ण विकास के लिए आध्यात्मिकता, नैतिक शिक्षा, व्यवहारिक ज्ञान और सकारात्मक सोच आदि विषयों को रचनात्मक ढंग से बताया जायेगा।
शिविर के शुभारंभ में मुख्य प्रशिक्षक के रूप में उपस्थित मोटिवेशनल स्पीकर एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई ने नए सभी बच्चों को मोटिवेट करते हुए मजेदार शिक्षाप्रद कहानियाँ सुनाकर शिविर की शुरुआत की। उन्होंने एक रचनात्मक एक्टिविटी के माध्यम से शिविर में उपस्थित बच्चों को सिखाया कि हमें ध्यान से सुनना चाहिए। क्योकि ध्यान से सुनने का बहुत महत्व है। जबकि सुनने से ज्यादा हम देखकर कर्म करते है, हम जैसा देखते है वैसा हम बनते चले जाते है। यदि हम कुछ गलत चीजों को देखते है या हमारे सामने कोई गलती कर रहा है तो उसका प्रभाव भी हमारे जीवन पर पड़ता है। इसलिए हमेशा टीवी या मोबाईल पर कुछ देखते है तो अच्छा ही देखे।
उन्होंने कहा कि अच्छे गुणों और संस्कारों का बीज बोने का यह सही समय है। इस समय अंदर लचीलापन होता है। सही शब्दों में कहा जाए तो व्यक्तित्व का निर्माण और जीवन को दिशा देने का काम इसी समयावधि में हो सकता है। हम जैसा बनना चाहें वैसा अपने को बना सकते हैं। आजकल कई बच्चे अपना कीमती समय मोबाइल पर नष्ट कर रहे हैं। अभिभावक और शिक्षक चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। इस समय में मोबाईल का ज्यादा उपयोग करना हमारे लिए बहुत नुकशान दायक है । मोबाईल हमारी सुविधा के लिए है पढ़ाई आदि के लिए ही हम इसे थोडा बहुत उपयोग कर सकते है। बांकी और और चीजों में हमें नहीं जाना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि सभी बच्चो को प्रातः सूर्योदय से पहले जाग जाना चाहिए तथा रात्रि को जल्दी सोना चाहिए। देर रात तक नहीं जागना चाहिए। सभी बच्चों को अपने माता पिता कहना मानना चाहिए। हरेक माता पिता अपने बच्चों की भलाई के लिए ही उन्हें समझाते है कभी भी माता पिता से नाराज नहीं होना चाहिए। जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है। और वह जीवन में आगे बढ़ते जाते है। इस पर एक रोचक कहानी भी बच्चों को सुनाई।
आगे भाई जी ने बच्चों को मन बुद्धि और संस्कार के बारे में बताया कि कैसे हम अच्छा सोचकर अपने अन्दर अच्छी आदतों को डाल सकते है। और अपनी ख़राब आदतों को छोड़ सकते है।


कार्यक्रम में बच्चो को मेडिटेशन (ध्यान) की सरल विधि सिखाई गई साथ ही ध्यान का अभ्यास भी कराया गया।
इस अवसर पर केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि हम थोडा समय पढ़ाई से पूर्व या कोई कार्य करने से पूर्व राजयोग ध्यान का अभ्यास करते है। अथवा परमात्मा को याद करते है तो हमें सफलता अवश्य मिलती है, साथ ही हमारी एकाग्रता भी बढती है। दीदी ने आगे कहा कि हमें इतना सुंदर जीवन मिला है तो उसके लिए हमें ईश्वर का शुक्रिया अदा करना चाहिए, साथ ही उन सभी का शुक्रिया करना चाहिए जो हमारे जीवन को अच्छा बनाने में हमारे मददगार है जैसे माता-पिता एवं गुरुजन आदि।
दीदी ने आगे बताया कि बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास और सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक है। यह शिविर निश्चित ही बच्चों में दिव्य गुणों की धारणा और चारित्रिक विकास में मददगार साबित होगा। जो बच्चे बचपन से ही आध्यात्मिक शिक्षा और नैतिक शिक्षा और व्यवहारिक शिक्षा से जुड़ते है, तो वह न केवल बड़े होकर एक अच्छे नागरिक बनते है, बल्कि समाज और विश्व के लिए भी एक प्रेरणा और आदर्श बनकर उभरते है।
अंत में शिक्षाप्रद गेम भी खिलाये गए जिसका बच्चों ने आनंद लिया|
इस अवसर पर बीके जीतू, बीके सुरभि, बीके रोशनी, रीता मिड्ढा सहित अनेकानेक बच्चो के पैरेंट्स भी उपस्थित थे।

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