Indraganj Lashkar
आज़ादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर अभियान के अंतर्गत प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की स्थानीय शाखा एवं राजयोगा एज्युकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के दो प्रभागों द्वारा दो कार्यक्रमों का आयोजन किया गया (12.02.2022)
आज़ादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर अभियान के अंतर्गत प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की स्थानीय शाखा एवं राजयोगा एज्युकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के दो प्रभागों द्वारा दो कार्यक्रमों का आयोजन किया गया ।
प्रातः कालीन सत्र में “वर्ल्ड डे ऑफ सिक” के अंतर्गत विश्व में अनेक प्रकार की बीमारियों से पीड़ित आत्माओं को पिता परमात्मा की शक्तियों का दान देकर उनके शीघ्र स्वस्थ होने के लिए संस्थान के भाई बहनों के द्वारा संगठित योग भी किया गया । कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सेवाकेंद्र प्रभारी बी के आदर्श दीदी जी ने कहा कि दवा के साथ साथ परमात्म दुआऐं भी बीमारी से मुक्त होने में बहुत आवश्यक हैं । राजयोग एक ऐसी विधि है जिसके माध्यम से हम बीमारी से पीड़ित लोगों को बीमारी से मुक्त होने की शक्ति पिता परमात्मा से लेकर दे सकते हैं । कार्यक्रम में विशेष रूप से उपस्थित ओम साईं नाक कान गला अस्पताल के निदेशक डॉ एस पी साहनी और डॉ सुनिति साहनी जी ने भी अस्वस्थ लोगों के लिए योग किया । डॉ साहनी ने कहा कि किसी भी बीमारी में स्वास्थ्य लाभ के लिए सकारात्मक सोच की बहुत जरूरत होती है जिसे अभी विज्ञान वाले भी स्वीकार करते हैं । हमें भी शीघ्र स्वास्थ्य लाभ के लिए जहाँ स्वयं सकारात्मक सोच रखनी है वहीं औरों को भी सकारात्मक सोच के लिए प्रेरित करना चाहिए ।
मेडिकल विंग के जोनल कोऑर्डिनेटर बी के डॉ गुरचरन सिंह ने कहा कि-
1- हमे स्वस्थ रहने के लिए पिता परमात्मा द्वारा दिये जा रहे ज्ञान योग रूपी सेब का प्रतिदिन सेवन करना चाहिए ।
2-संतुष्ट रह संतुष्ट करने की सेवा कर सभी को दुआ देनी है और दुआ लेनी है ।
3- कभी भी रास्ते में मिलने वाली एम्बुलेंस को अवश्य रास्ता देना है इस शुभ भावना के साथ कि इसमें जो भी उसे अति शीघ्र स्वस्थ लाभ प्राप्त हो ।
कार्यक्रम के अंत में बी के प्रहलाद भाई जी ने सभी का धन्यवाद किया ।
सांय कालीन सत्र में संस्थान के महिला प्रभाग के द्वारा “इंटरनेशनल डे ऑफ वीमेन एंड गर्ल्स इन साइंस” के उपलक्ष्य में एक ऑनलाइन सेमिनार का आयोजन किया गया । जिसमें विशेष रूप से कई भाई बहनों सहित साइंस के क्षेत्र से बहन साधना तिवारी ने भाग लिया । आपने अपने जीवन में आने वाले संघर्षों के बारे में बताया कि किस प्रकार से वो बहुत ही साधारण से परिवार से होते हुए भी अपनी सकारात्मक सोच के आधार पर साथ साथ माता पिता के सहयोग से सफल जीवन जी रहे है। आपने कहा कि अगर हम ठान लें तो जीवन मे कोई भी कार्य मुश्किल नहीं है ।
सेवाकेंद्र प्रभारी बी के आदर्श दीदी जी ने कहा कि वर्तमान समय स्वयं पिता परमात्मा इस धरा पर अवतरित होकर नारी शक्ति को आगे रख कर सृष्टि परिवर्तन का कार्य करा रहे हैं । इसलिए हमें स्वयं को कमजोर न समझ सदैव शिव शक्ति समझ अपने हर कार्य करने हैं । आपने सभी भाई बहनों को राजयोग का अभ्यास कराया कि कैसे हम पिता परमात्मा से शक्ति प्राप्त कर अपने हर कार्य सुचारू रूप से कर सकते हैं ।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बी के डॉ गुरचरन सिंह ने कहा कि-
1- माता पिता को चाहिए कि बेटा बेटी में भेदभाव समाप्त कर बेटियों को भी प्रोत्साहित करना चाहिए ।
2- बहनों को भी अपने मन से हीन भावना समाप्त कर हमेशा सकारात्मक रहना चाहिए। हमेशा ये याद रखते हुए कि ये हमारा ही यादगार है जिसकी पूजा भारतवर्ष में कई जाती है ।
3- हमे नारी पुरूष के भेद भाव से ऊपर उठ आत्मिक स्थिति में स्थित रह समान भावना रखनी चाहिये ।
4- अनेक प्रकार की विविधता होते हुए भी समानता का भाव मन में रखना है ।
5- भौतिक विज्ञान के साथ साथ आध्यात्मिक विज्ञान की शिक्षा प्राप्त कर इसका समावेश अपने कार्य व्यवहार में करना है ।
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सीआरपीएफ संतुलित आहार
सीआरपीएफ समूह केंद्र में क्षेत्रीय परिवार कल्याण केन्द्र के सहयोग से सेमिनार का आयोजन
ग्वालियर। सीआरपीएफ समूह केंद्र में क्षेत्रीय परिवार कल्याण केन्द्र के सहयोग से एक सेमिनार व वक्तव्य का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम समूह केन्द्र के तानसेन क्लब में आयोजित हुआ। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डाईटीशियन सौम्या चड्ढा, ब्रह्माकुमारीज संस्थान से प्रेरक वक्ता बी के प्रहलाद भाई उपस्थित थे।
इस अवसर पर क्षेत्रीय कावा अध्यक्षा श्रीमती सुनीता निगम, श्रीमती भावना गुप्ता, डिप्टी कमांडेंट दिलाबर सिंह, श्रीमती गीता, श्रीमती आशा सहित क्षेत्रीय कावा के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।
केन्द्र में निवासरत महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता व उनको लाभान्वित करने के लिए विशेषज्ञों द्वारा पोषण एवं अंधत्व नियंत्रण के विषय पर चर्चा की गयी
मुख्य आहार विशेषज्ञ सौम्या चड्ढा नें सभी को सम्बोधित करते हुए कहा कि सभी को यह ध्यान रखना चाहिए कि हमारा आहार इस तरह का हो जिसमें वह सभी पोषक तत्व आ जाए जो शरीर के लिए आवश्यक है। उन्होंने बताया कि
लें। थाली में अनाज, दाल/ प्रोटीन, सब्जी, फल, दूध, दही जैसी चीजें शामिल करें। समय पर भोजन करें, सीजनल फल और सब्जियां लें, दिनभर में 8 से 10 गिलास पानी पिएं, शारीरिक व्यायाम करें या कम से कम 30 मिनिट पैदल चलें, जरूरत से ज्यादा भोजन न करें।
ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के मेडिटेशन विशेषज्ञ बीके प्रहलाद भाई एवं बीके सुरभि नें सभी को मन को स्वस्थ्य रखने के लिए टिप्स दिए एवं राजयोग ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि राजयोग ध्यान करने से अनेक लाभ होते है। जैसे – यह तनाव कम करता है, मन को शांति और स्थिरता देता है, गुस्सा, चिंता और नकारात्मक सोच को घटाता है, एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ाता है, नींद की गुणवत्ता में सुधार लाता है। यह सब ठीक है तो शारीरिक स्वास्थ्य भी ठीक रहता है।
सेमिनार में ग्रुप केन्द्र के सैंकड़ों कार्मिकों एवं इस ग्रुप केन्द्र में निवासरत महिलाओं द्वारा बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया गया। सेमिनार के अंत में क्षेत्रीय कावा अध्यक्षा श्रीमती सुनीता निगम द्वारा डाईटीशियन सौम्या चड्ढा एवं बी के प्रहलाद भाई को स्मृति चिन्ह भेंट किए एवं विशेषज्ञों द्वारा इस विषय पर महत्वपूर्ण ज्ञानवर्धन करने हेतु धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किया।
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खुशनुमा और स्वस्थ जीवन (एसएएफ 13 बटालियन)
प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के द्वारा 13वीं वाहिनी विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ 13 बटालियन) में “तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली” विषय पर एक प्रेरणादायक सत्र आयोजित किया गया। जिसका उद्देश्य लोगों को मानसिक शांति, सकारात्मक सोच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रेरक वक्ता एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई तथा ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र की मुख्य संचालिका बीके आदर्श दीदी उपस्थित थीं।
इस अवसर पर एस ए एफ 13 बटालियन से प्रभारी सेनानी अनुराग पांडे, सहायक सेनानी, गुलबाग सिंह, डॉक्टर ओ पी वर्मा निरीक्षक मुनेन्द्र सिंह भदोरिया, निरीक्षक, धर्मेंद्र वर्मा, निरीक्षक मुकेश परिहार, निरीक्षक पुष्पेंद्र सिंह भदौरिया, निरीक्षक जादौन, निरीक्षक राय सिंह जयंत, समस्त पी टी एस स्टाफ एवं 350 से अधिक प्रशिक्षणार्थी सहित ब्रह्माकुमारीज से बीके सुरभि, बीके रोशनी, बीके पवन उपस्थित थे।
कार्यक्रम में बीके प्रहलाद भाई ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आज के तेज रफ़्तार जीवन में तनाव हर किसी की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। जिसकी वजह से हमारे जीवन में काफी उतार चढाव आते है। इन सबसे छूटने के लिए तनाव का सही ढंग से प्रबंधन करना ही खुशनुमा और स्वस्थ जीवन जीने की कला है। यदि तनाव पर नियंत्रण न हो तो यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ को प्रभावित करता है। इसके लिए कुछ सरल उपाय अपनाकर हम संतुलित, आनंदमय और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। उन्होंने कहा कि – सकारात्मक सोच विकसित करें, हर परिस्थिति में अच्छा पक्ष देखने का प्रयास करें, नकारात्मक विचारों से दूर रहें, योग और ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाये, रोजाना 15 से 20 मिनिट ध्यान करें जिससे मन स्थिर रहता है एवं मानसिक शांति भी मिलती है, प्राणायाम और योगासन से शरीर स्वस्थ्य रहता है, 6 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद लें, संतुलित भोजन लें, नशे से दूरी बनाकर रखें, जंक फ़ूड से बचें, व्यवस्थित दिनचर्या बनायें, कोई न कोई रोज अच्छी पुस्तक पढ़ने की आदत डालें, कार्यक्रम स्थल पर किसी भी तरह का दवाव आता है तो घबरायें नहीं, परिवार के साथ समय विताएं, हर कार्य को एक खेल की तरह से लें।
बीके प्रहलाद भाई नें अनेकानेक रचनात्मक गतिविधि भी कराई जिससे सभी का मन हल्का हुआ और उमंग उत्साह भी बढ़ा। और दिन कि शुरुआत किस तरह से करें वह भी बताया।
कार्यक्रम में बीके आदर्श दीदी नें कहा कि तनाव को दूर करने के लिए योग, ध्यान, प्राणायाम, सकारात्मक चिंतन और समय प्रबंधन जैसे उपाय बेहद प्रभावी हैं। पर्याप्त नींद और रुचियों के लिए समय निकालना जीवन को सुखद और तनावमुक्त बना सकता है साथ ही कहा कि तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है यदि हम स्वस्थ दिनचर्या और आत्म नियंत्रण को अपनाएं तो जीवन अधिक खुशनुमा और आनंदमय बन सकता है। दीदी नें सभी को राजयोग ध्यान की विधि बताई तथा सभी को उसके फायदे बताते हुए अभ्यास भी कराया।
इस अवसर पर उपस्थित प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे अपने जीवन में स्वस्थ दिनचर्या, योग ध्यान और सकारात्मक सोच को अपनायेंगे और परिवार एवं समाज के प्रेरणास्त्रोत बनेगें।
कार्यक्रम में मेडिकल ऑफिसर डॉ ओपी वर्मा ने बताया कि तनाव आता है तो लोग आसानी से नशे की तरफ भागते है जबकि वह समाधान नहीं है। समाधान के लिए हमें ब्रह्माकुमारीज़ जैसे आध्यात्मिक संस्थानों से जुड़कर ध्यान के माध्यम में हमें अपने को सकारात्मक बनाना चाहिए। इस अवसर पर अन्य पदाधिकारियों नें भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में संस्थान के लोंगो का अभिनन्दन करते हुए पौधे भेंट किए गए।

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