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Indraganj Lashkar

आज़ादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर अभियान की धूम(14.02.2022)

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आज़ादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर अभियान की धूम

ग्वालियर: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय ग्वालियर की स्थानीय शाखा के द्वारा आज 3 दिनों को सम्मुख रखते हुए 3 कार्यक्रमों का आयोजन किया गया । सर्वप्रथम एम्पलाई लीगल अवेयरनेस डे के उपलक्ष्य में ओल्ड हाई कोर्ट स्थित स्थानीय सेवा केंद्र पर एक जन जागृति का कार्यक्रम आयोजित किया गया । जिसमें मुख्य रुप से एडवोकेट लेबर बार एसोसिएशन ग्वालियर के अध्यक्ष श्री भगवान सिंह बैंस जी ने मुख्य रूप से और एडवोकेट अनिरुद्ध प्रताप सिंह ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया । संस्थान की भगिनी संस्था राजयोगा एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के न्यायविद प्रभाग द्वारा इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया । जिसमें कर्मचारियों की जागृति हेतु विशेष टिप्स बताए गए जिसके आधार पर वे अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होकर अपने कार्यों को सुचारु रुप से कर सकें । कार्यक्रम को संबोधित करते हुए श्री भगवान सिंह जी ने कहा कि कर्मचारियों का और अधिकारियों का रिश्ता तो पुराने समय से चला आ रहा है । पुराने समय पर जहां अधिकारी लोग कर्मचारियों को अपने कार्यों के लिए उनका शोषण किया करते थे यहां तक की ताजमहल बनाने वालों के तो उनके हाथ काट दिए थे । जिसके परिणाम स्वरुप वह भविष्य में कार्य करने के काबिल ना रह सके । परंतु वर्तमान समय सरकारें इस ओर विशेष रुप से ध्यान देते हुए इस प्रकार के कानून नए-नए ला रही है जिस आधार पर कर्मचारी अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होकर अपने अधिकारों के लिए लड़ सकता है तथा उनकी मांग कर सकता है । सिर्फ आवश्यकता है इसके लिए जागृति की, हम जागृत रहकर जहां अपने अधिकारों के लिए अपनी बात रख सकें, वही साथ-साथ अपने कर्तव्यों का भी विधिवत रूप से पालन कर सकें । आपने कहा कि मुझे खुशी है कि संस्थान ने इस प्रकार का कार्यक्रम आयोजन करके उन्हें आमंत्रित कर इस विशेष सेवा का अवसर प्रदान किया । आपने कहा कि भविष्य में किसी भी प्रकार के परामर्श के लिए सदैव सेवा में तत्पर रहेंगे । कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एडवोकेट अनिरुद्ध जी ने कहा की विभिन्न लेबर लॉज में इस प्रकार का जिक्र है- एक कर्मचारी से कितना समय कार्य कराया जा सकता है, किस विधि से कराया जा सकता है, मिनिमम वेजेस कितने होंगे और गर्भवती महिलाओं के कार्य संबंधी दिशा निर्देश भी इन लॉज में बताए गए हैं, जिसकी सम्पूर्ण जानकारी होना अति आवश्यक है । आपने कहा कि आज के समय पर हम किसी का शोषण ना करते हुए विधि विधान के अनुसार उनसे अगर कार्य कराएं तो हम होने वाली कानूनी कार्रवाई से बच सकते हैं ।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बी के डॉ गुरचरण सिंह ने कहा कि जिस प्रकार से हमारे भारत का संविधान जहां एक ओर कर्मचारियों की सुरक्षा एवं उनके मौलिक अधिकारों साथ साथ उनकी जिम्मेदारियों के प्रति हमें दिशा निर्देश देता है, उसी प्रकार से वर्तमान समय ईश्वरीय संविधान जिसके अनुसार स्वयं पिता परमात्मा सच्ची सरकार इस धरा पर अवतरित होकर हम सभी मनुष्य आत्माओं को, जिनका शोषण अनेक समय से विकार कर रहे हैं । उन्हें इस प्रकार के शोषण से मुक्त कराने के लिए विधि विधान बनाकर हमें इस प्रकार के दिशा निर्देश वर्तमान समय प्रजापिता ब्रह्मा के माध्यम से दे रहे हैं । आवश्यकता है कि हम जागरूक रहें जिसके आधार पर हम अपनी बुराइयों से मुक्त होकर, अपने अधिकारों के प्रति सचेत रहकर, अपनी कमी कमजोरियों से मुक्त बन सकें । साथ-साथ अपने विश्व कल्याण के जिम्मेवारी के प्रति भी जागरूकता अति आवश्यक है जिसका हमें बखूबी निर्वहन करना है । वर्तमान समय पिता परमात्मा हमें विश्व कल्याण की जिम्मेवारी का ताज भी दे रहे हैं तो जहां हमें अपने अधिकारों के प्रति जागरूकता आवश्यक है वहीं अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन भी जरूरी है । अंत में अपनी शुभ आशीष देते हुए स्थानीय सेवा केंद्र प्रभारी ने कहा कि जिस प्रकार से हमारा शोषण हो रहा है इसका मूल कारण है हमारी अज्ञानता है चाहे वह आध्यात्मिक स्तर पर हो या भौतिक स्तर पर हो, इसके लिए हमें जागरुक होने की अति आवश्यकता है । आपने कहा हमें जागरूक और सतर्क रहना है, जहां अपने कार्यों के प्रति, अपनी जिम्मेदारियों के प्रति वहीं अपने अधिकारों के प्रति भी । अन्त में सभी ने परमात्म याद से स्वयं की जागृति से सभी को जागृत करने का प्रण भी किया ।

दूसरा कार्यक्रम राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में संस्थान के कला एवं संस्कृति प्रभाग के द्वारा स्थानीय सेवा केंद्र माधव गंज स्थित प्रभु उपहार भवन में किया गया । जहां पर हमारे देश की शान माननीया सरोजिनी नायडू जी के योगदानों को याद किया गया तथा भारत रत्न स्वर्गीय लता मंगेशकर जी को श्रद्धा सुमन अर्पित करने हेतु सामूहिक योगाभ्यास का विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया । जिसमें सभी भाई बहनों ने संगठित रूप से दोनों विशेष हस्तियों के प्रति अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए और पिता परमात्मा से शक्तियां लेकर उन्हें प्रदान किया । कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बी के डॉ गुरचरन सिंह ने कहा कि जिस प्रकार से इन विशेष आत्माओं ने आज से कई वर्ष पूर्व जबकि महिलाओं को घर की चार दिवारी के अंदर रखा जाता था, वह संघर्ष किया, वह अभ्यास किया जिसकी वजह से आज उनका नाम पूरे विश्व भर में रोशन है तथा भारत का नाम सर्वत्र रोशन किया । हमें भी उनके जीवन से यह शिक्षा अपने जीवन में धारण करनी है कि हमें अनेक प्रकार के बंधनों की बेड़ियों को तोड़कर, अपनी कमी कमजोरियों से मुक्त बनकर अपने लक्ष्य की ओर निरंतर अग्रसर होना है । इसके लिए जो अभ्यास पिता परमात्मा करा रहे हैं वह सदैव ईमानदारी के साथ करना है । जैसा की  लता जी ने संगीत के अभ्यास को इतनी तन्मयता के साथ किया कि जिस वजह से उनके रग रग में  संगीत बसा हुआ था, सरोजिनी नायडू जी को भारत कोकिला के रूप में याद किया जाता है । इस प्रकार से हमें भी देवी गुणों की धारणाओं का अभ्यास, पिता परमात्मा की याद का अभ्यास इतना करना है जिससे यह सभी धारणाएं हमारी स्वाभाविक रूप से हो सकें ।

आज का तीसरा कार्यक्रम जो कि वर्ल्ड रेडियो दिवस पर संस्थान के मीडिया प्रभाग के द्वारा आयोजित किया गया । जिसमें विशेष रूप से राष्ट्रीय कलाकार देवी भ्राता जावेद जी ने पिता परमात्मा की याद के भजनों के द्वारा सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया । आपने कहा कि संगीत ऐसी विद्या है जिसके आधार पर हम निरंतर पिता परमात्मा से योग लगा सकते हैं । आपने भजनों के माध्यम से पिता परमात्मा के दरबार में अपनी हाजिरी लगाई, साथ-साथ सभी भाई बहनों के प्रति अपनी शुभकामनाएं व्यक्त की । रेडियो के महत्व को बताते हुए कहा कि आज बहुत सारे भाई बहनें रेडियो के माध्यम से संगीत से जुड़े हुए हैं । एफएम या और प्रकार के जो चैनल हैं उसके माध्यम से हम यत्र तत्र सर्वत्र संगीत का आनंद ले सकते हैं । कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बी के डॉ गुरचरन सिंह ने कहा कि वर्तमान समय कई भाई बहनें रेडियो के माध्यम पर विश्वास करते हुए उसके द्वारा दी गई जानकारी को सत्य के रूप में देखते हैं । इसी वजह से इस वर्ष का जो थीम है वह रेडियो और विश्वास अर्थात ट्रस्ट एंड रेडियो है । पिता परमात्मा भी हमें यह शिक्षा दे रहे हैं कि बच्चे निश्चय बुद्धि विजयंती संशय बुद्धि विनश्यन्ति, निश्चय हमारी विजय का आधार है । तो सदैव हमें निश्चय बुद्धि बनकर ही रहना है, सदैव पिता परमात्मा पर निश्चय और उनके द्वारा दिए जा रहे ज्ञान पर निश्चय । जो कम्युनिटी रेडियो मधुबन मुख्यालय से चलाया जा रहा है उसके कार्यक्रमों का भरपूर आनंद हम सभी को लेना है । तो जहां रेडियो से प्राप्त जानकारी के ऊपर विश्वास रखना है साथ साथ हमें अपनी मन बुद्धि के आधार पर हर बात को परख करके उसको स्वीकार करना है, यह बहुत आवश्यक बात है । अंत में अपनी शुभ भावनाएं शुभ कामनाएं व्यक्त करते हुए स्थानीय सेवाकेंद्र प्रभारी बी के आदर्श दीदी जी ने कहा कि संगीत पिता परमात्मा से जुड़ने का और खुश रहने का एक ऐसा माध्यम है जिसके आधार पर हम निरंतर उमंग उत्साह में रह सकते हैं । जिसका उदाहरण हम कलाकारों के जीवन को देख सकते हैं जो सदैव उमंग उत्साह में रहकर अपनी कला में मगन रहते हैं । इसी प्रकार से हमें भी अपनी तपस्या में लीन रहकर सर्व प्रकार की बातों से मुक्त रहना है । अंत में आपने राजयोग का अभ्यास करा कर सभी को पिता परमात्मा की शक्तियों का दिव्य अनुभव कराया ।

 

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तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी(न्यूज़ कवरेज)

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तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी

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24 सितंबर 2025

खुशनुमा और स्वस्थ जीवन के लिए तनाव प्रबंधन आवश्यक – बीके प्रहलाद भाई

एसएएफ 13 बटालियन में तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली विषय पर प्रेरणादायक सत्र आयोजित

ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के द्वारा 13वीं वाहिनी विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ 13 बटालियन) में “तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली” विषय पर एक प्रेरणादायक सत्र आयोजित किया गया। जिसका उद्देश्य लोगों को मानसिक शांति, सकारात्मक सोच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रेरक वक्ता एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई तथा ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र की मुख्य संचालिका बीके आदर्श दीदी उपस्थित थीं।


इस अवसर पर एस ए एफ 13 बटालियन से प्रभारी सेनानी अनुराग पांडे, सहायक सेनानी, गुलबाग सिंह, डॉक्टर ओ पी वर्मा निरीक्षक मुनेन्द्र सिंह भदोरिया, निरीक्षक, धर्मेंद्र वर्मा, निरीक्षक मुकेश परिहार, निरीक्षक पुष्पेंद्र सिंह भदौरिया, निरीक्षक जादौन, निरीक्षक राय सिंह जयंत, समस्त पी टी एस स्टाफ एवं 350 से अधिक प्रशिक्षणार्थी सहित ब्रह्माकुमारीज से बीके सुरभि, बीके रोशनी, बीके पवन उपस्थित थे।
कार्यक्रम में बीके प्रहलाद भाई ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आज के तेज रफ़्तार जीवन में तनाव हर किसी की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। जिसकी वजह से हमारे जीवन में काफी उतार चढाव आते है। इन सबसे छूटने के लिए तनाव का सही ढंग से प्रबंधन करना ही खुशनुमा और स्वस्थ जीवन जीने की कला है। यदि तनाव पर नियंत्रण न हो तो यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ को प्रभावित करता है। इसके लिए कुछ सरल उपाय अपनाकर हम संतुलित, आनंदमय और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। उन्होंने कहा कि – सकारात्मक सोच विकसित करें, हर परिस्थिति में अच्छा पक्ष देखने का प्रयास करें, नकारात्मक विचारों से दूर रहें, योग और ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाये, रोजाना 15 से 20 मिनिट ध्यान करें जिससे मन स्थिर रहता है एवं मानसिक शांति भी मिलती है, प्राणायाम और योगासन से शरीर स्वस्थ्य रहता है, 6 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद लें, संतुलित भोजन लें, नशे से दूरी बनाकर रखें, जंक फ़ूड से बचें, व्यवस्थित दिनचर्या बनायें, कोई न कोई रोज अच्छी पुस्तक पढ़ने की आदत डालें, कार्यक्रम स्थल पर किसी भी तरह का दवाव आता है तो घबरायें नहीं, परिवार के साथ समय विताएं, हर कार्य को एक खेल की तरह से लें।
बीके प्रहलाद भाई नें अनेकानेक रचनात्मक गतिविधि भी कराई जिससे सभी का मन हल्का हुआ और उमंग उत्साह भी बढ़ा। और दिन कि शुरुआत किस तरह से करें वह भी बताया।


कार्यक्रम में बीके आदर्श दीदी नें कहा कि तनाव को दूर करने के लिए योग, ध्यान, प्राणायाम, सकारात्मक चिंतन और समय प्रबंधन जैसे उपाय बेहद प्रभावी हैं। पर्याप्त नींद और रुचियों के लिए समय निकालना जीवन को सुखद और तनावमुक्त बना सकता है साथ ही कहा कि तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है यदि हम स्वस्थ दिनचर्या और आत्म नियंत्रण को अपनाएं तो जीवन अधिक खुशनुमा और आनंदमय बन सकता है। दीदी नें सभी को राजयोग ध्यान की विधि बताई तथा सभी को उसके फायदे बताते हुए अभ्यास भी कराया।
इस अवसर पर उपस्थित प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे अपने जीवन में स्वस्थ दिनचर्या, योग ध्यान और सकारात्मक सोच को अपनायेंगे और परिवार एवं समाज के प्रेरणास्त्रोत बनेगें।


कार्यक्रम में मेडिकल ऑफिसर डॉ ओपी वर्मा ने बताया कि तनाव आता है तो लोग आसानी से नशे की तरफ भागते है जबकि वह समाधान नहीं है। समाधान के लिए हमें ब्रह्माकुमारीज़ जैसे आध्यात्मिक संस्थानों से जुड़कर ध्यान के माध्यम में हमें अपने को सकारात्मक बनाना चाहिए। इस अवसर पर अन्य पदाधिकारियों नें भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में संस्थान के लोंगो का अभिनन्दन करते हुए पौधे भेंट किए गए।

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ब्रह्माकुमारीज़ के माधौगंज केंद्र पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में भव्य कार्यक्रम का हुआ आयोजन

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ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के माधौगंज स्थित प्रभु उपहार भवन में भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।


कार्यक्रम में संस्थान के बाल कलाकारों ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का मंचन किया। जिसने सभी का मन मोह लिया तो वहीं भजन गायकों द्वारा सुंदर भजनों की प्रस्तुति ने सभी को आनंदित कर दिया।
कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी ने सभी को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की बधाई दी और कहा कि आज हम भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को हर्ष और उल्लास के साथ मना रहे हैं। यह केवल एक धार्मिक त्योहार ही नहीं, बल्कि हमारे जीवन को दिशा देने वाला आध्यात्मिक संदेश है। भगवान श्रीकृष्ण जी का जीवन हमें सिखाता है कि धर्म की रक्षा और अन्याय तथा बुराइयों का अंत करना ही जीवन का सबसे बड़ा उद्देश्य होना चाहिए।


भगवान ने गीता में कहा है कि अपने कर्तव्यों को निष्ठा और ईमानदारी से करना चाहिए, फल की चिंता नहीं करनी चाहिए। यह शिक्षा आज के समाज के लिए बहुत प्रासंगिक है। यदि हर व्यक्ति अपना कर्तव्य सही भावना से निभाए, तो समाज में अन्याय, भ्रष्टाचार और असमानता स्वतः ही समाप्त हो सकती है।
भगवान श्रीकृष्ण का जीवन हमें गहन शिक्षाएँ देता है। उनका जन्म कारागार में दिखाते है, लेकिन परिस्थितियाँ कैसी भी रही हों, उन्होंने हमेशा धर्म और न्याय की स्थापना का कार्य किया। उनका पूरा जीवन हमें यह संदेश देता है कि मनुष्य को अपने कर्तव्य का पालन निस्वार्थ भाव से करना चाहिए।
यह पर्व हमें नई श्रेष्ठाचारी और पावन दुनिया की याद दिलाता है। जब-जब संसार में अन्याय, अधर्म और असत्य बढ़ता है, तब ईश्वर अवतरित होकर मानवता को सही दिशा दिखाते हैं।

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कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार महेश कुमार, प्रेरक वक्ता बीके प्रहलाद ने भी सभी को जन्माष्टमी की शुभकामनाएं देते हुए अपने विचार प्रकट किए।
कार्यक्रम में सुंदर झांकी लगाई गई थी। जिसका दर्शन लाभ सभी ने लिया। साथ ही भजनों की सुंदर प्रस्तुति एवं भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का मंचन करने वाले कलाकारों में कु. रोशनी, कु. तनवी, कु. पीहू, कु. नंदनी, कु. हंसिका, कु. रुचि, कु. नव्या, रूबी, सोनिया, पवन, अखिलेश, निलक्ष तथा बीके जीतू आदि शामिल थे।

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