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Indraganj Lashkar

वेबिनार आयोजित – खुले दिल से करें प्रकृति से प्रेम (06-06-2021)

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खुले दिल से करें प्रकृति से प्रेम पर वेबिनार आयोजित

ग्वालियर: प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविधालय की भगिनी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के युवा प्रभाग के द्वारा “ यूथ फॉर ग्लोबल पीस “  के अंतर्गत  एक वेबिनार का आयोजन किया जिसका विषय रखा – “खुले दिल से करें प्रकृति से प्रेम” |

इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से वरिष्ठ राजयोग प्रशिक्षिका बी.के.ज्योति दीदी (ग्वालियर), वरिष्ठ राजयोग प्रशिक्षिका बी.के. विध्या दीदी (सेन्टर इंचार्ज खजुराहो), रोहित उपाध्याय (राष्ट्रीय संयोजक भारत मिशन 100 करोड़ वृक्ष) और बी.के. प्रह्लाद  भाई  (कमेटी मेम्बर, युवा प्रभाग भोपाल ज़ोन) उपस्थित रहे |

बी.के.प्रह्लाद भाई ने इस कार्यक्रम का संचालन किया और सभी का स्वागत अभिनन्दन करते हुए बताया कि आज  आवश्यकता है कि हम इस पर्यावरण को बचाने में विशेष सहयोग दे क्योंकि अगर वृक्ष नहीं तो कुछ भी नहीं, साथ ही साथ आज हम देख रहे हैं कि ऐसा समय चल रहा है कि हर व्यक्ति को ऑक्सीजन की ज़रूरत है और सभी को ऑक्सीजन की महत्वता भी समझ आ गई है, इस महामारी में लोगो ने कितना धन देकर ऑक्सीजन लिया है  परन्तु वृक्ष हमें निशुल्क ये सब देते है लेकिन फिर भी हम सब प्रकृति का सम्मान नहीं करते हैं मानो जैसे सम्मान करना भूल ही गए हो तो कहीं ना कहीं प्रकृति का सम्मान करना, संरक्षण करना अतिआवश्यक है |

बी.के.विध्या दीदी ने बताया की आज विश्व में सबसे ज्वलंत समस्या जो हम देख रहे हैं वह है पर्यावरण प्रदुषण  आज मानव ने प्रकृति का अधिक से अधिक सुख लेने की होड़ में अन्धाधुंध शोषण किया और शहरीकरण के लिए जंगलों को साफ़ किया इन्हीं  पेड़ों पौधों की कमी के कारण आज वायु प्रदुषण, ध्वनि प्रदुषण आदि हमारे सामने हैं,  वृक्ष हमारी धरती माँ का श्रृंगार है |  जिस प्रकार फेफड़े साँस लेने में बहुत ही अहम् कार्य करते हैं उसी प्रकार वृक्ष भी मनुष्यों को शुद्ध हवा देने में अति सहयोगी है| आध्यात्मिकता हम सभी को प्रकृति के प्रति जो हमारी ज़िम्मेदारी है वो महसूस कराती है साथ ही साथ प्रकृति के धर्म को निभाते हुए यह संसार फिर से  प्रदुषण मुक्त हो जाये इसकी भी प्रेरणा देती है  और अंत में उन्होंने सभी से विनम्र अनुरोध करते हुए ज्यादा से ज्यादा वृक्ष लगाने के लिए कहा और उसकी देखभाल की ज़िम्मेदारी लेने के लिए कहा |

100 करोड़ वृक्ष मिशन से रोहित उपाध्याय  ने बताया कि प्रकृति हमारी है हमे उससे प्रेम करना है और वर्तमान समय में यह बात बहुत स्पष्ट है की आज भी प्रकृति हम सब से बहुत प्रेम करती है क्योकि वो हमारी माँ है और माँ अपने बच्चों को कभी नहीं भूलती परन्तु हम सभी उनका मान सम्मान करना, उनसे प्रेम करना भूल गए हैं | आज के समय में सभी मनुष्यों को अपने जीवन में हर प्रकार की सुविधाएं चाहिए फिर उसके लिए चाहे हमारी प्रकृति को कितना भी नुकसान पहुँचे परन्तु सभी को इस बात पर विशेष रूप से ध्यान देने की ज़रूरत है कि वृक्षों को नुक्सान पहुचाये बिना अपने कार्य करें तथा ऐसी विधियाँ बनाये की ज्यादा से ज्यादा वृक्ष लगायें  और  यह भी ध्यान रखे की  जो पुराने पेड़ हैं  उन्हें जितना हो सके बचे रहने दे | नए पेड़ लगाना बहुत ही आवश्यक है परन्तु उसके साथ पुराने पेड़ों का ध्यान रखना भी महत्वपूर्ण है, पेड़ों  को गले लगाये उनसे बातें करें | और अंत में वृक्षों को कैसे विधि पूर्वक लगायें इसका भी तरीका सभी को बताया

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म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी ने ‘सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर किया सम्मानित

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Gwalior : म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी, भारत सरकार के केंद्रीय संचार मंत्री माननीय श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी, म.प्र. विधानसभा अध्यक्ष माननीय श्री नरेंद्र सिंह तोमर जी ने ग्वालियर के दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार, कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। जिसमें ब्रह्माकुमारी रोशनी, ब्रह्माकुमारी सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में प्रदेश के अनेकानेक कैबिनेट मंत्री गण, सांसद, विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधि तथा प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।

इस अवसर पर बीके रोशनी, बीके सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह ने माननीय मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी का अभिनंदन करते हुए उन्हें ईश्वरीय सौगात भेंट की।

कार्यक्रम में शहर से अनेकानेक सम्माननीय धर्मगुरु, धार्मिक संस्थान, सामाजिक संस्थान से तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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बाल व्यक्तित्व विकास शिविर

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ब्रह्माकुमारीज केंद्र पर तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का हुआ शुभारंभ

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बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास, सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक – आदर्श दीदी

जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है – प्रहलाद भाई

ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की भगिनी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाऊंडेशन के युवा प्रभाग और शिक्षा प्रभाग के द्वारा माधवगंज स्थित प्रभु उपहार भवन में तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का शुभारंभ हुआ।
इस शिविर में बच्चों के सम्पूर्ण विकास के लिए आध्यात्मिकता, नैतिक शिक्षा, व्यवहारिक ज्ञान और सकारात्मक सोच आदि विषयों को रचनात्मक ढंग से बताया जायेगा।
शिविर के शुभारंभ में मुख्य प्रशिक्षक के रूप में उपस्थित मोटिवेशनल स्पीकर एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई ने नए सभी बच्चों को मोटिवेट करते हुए मजेदार शिक्षाप्रद कहानियाँ सुनाकर शिविर की शुरुआत की। उन्होंने एक रचनात्मक एक्टिविटी के माध्यम से शिविर में उपस्थित बच्चों को सिखाया कि हमें ध्यान से सुनना चाहिए। क्योकि ध्यान से सुनने का बहुत महत्व है। जबकि सुनने से ज्यादा हम देखकर कर्म करते है, हम जैसा देखते है वैसा हम बनते चले जाते है। यदि हम कुछ गलत चीजों को देखते है या हमारे सामने कोई गलती कर रहा है तो उसका प्रभाव भी हमारे जीवन पर पड़ता है। इसलिए हमेशा टीवी या मोबाईल पर कुछ देखते है तो अच्छा ही देखे।
उन्होंने कहा कि अच्छे गुणों और संस्कारों का बीज बोने का यह सही समय है। इस समय अंदर लचीलापन होता है। सही शब्दों में कहा जाए तो व्यक्तित्व का निर्माण और जीवन को दिशा देने का काम इसी समयावधि में हो सकता है। हम जैसा बनना चाहें वैसा अपने को बना सकते हैं। आजकल कई बच्चे अपना कीमती समय मोबाइल पर नष्ट कर रहे हैं। अभिभावक और शिक्षक चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। इस समय में मोबाईल का ज्यादा उपयोग करना हमारे लिए बहुत नुकशान दायक है । मोबाईल हमारी सुविधा के लिए है पढ़ाई आदि के लिए ही हम इसे थोडा बहुत उपयोग कर सकते है। बांकी और और चीजों में हमें नहीं जाना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि सभी बच्चो को प्रातः सूर्योदय से पहले जाग जाना चाहिए तथा रात्रि को जल्दी सोना चाहिए। देर रात तक नहीं जागना चाहिए। सभी बच्चों को अपने माता पिता कहना मानना चाहिए। हरेक माता पिता अपने बच्चों की भलाई के लिए ही उन्हें समझाते है कभी भी माता पिता से नाराज नहीं होना चाहिए। जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है। और वह जीवन में आगे बढ़ते जाते है। इस पर एक रोचक कहानी भी बच्चों को सुनाई।
आगे भाई जी ने बच्चों को मन बुद्धि और संस्कार के बारे में बताया कि कैसे हम अच्छा सोचकर अपने अन्दर अच्छी आदतों को डाल सकते है। और अपनी ख़राब आदतों को छोड़ सकते है।


कार्यक्रम में बच्चो को मेडिटेशन (ध्यान) की सरल विधि सिखाई गई साथ ही ध्यान का अभ्यास भी कराया गया।
इस अवसर पर केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि हम थोडा समय पढ़ाई से पूर्व या कोई कार्य करने से पूर्व राजयोग ध्यान का अभ्यास करते है। अथवा परमात्मा को याद करते है तो हमें सफलता अवश्य मिलती है, साथ ही हमारी एकाग्रता भी बढती है। दीदी ने आगे कहा कि हमें इतना सुंदर जीवन मिला है तो उसके लिए हमें ईश्वर का शुक्रिया अदा करना चाहिए, साथ ही उन सभी का शुक्रिया करना चाहिए जो हमारे जीवन को अच्छा बनाने में हमारे मददगार है जैसे माता-पिता एवं गुरुजन आदि।
दीदी ने आगे बताया कि बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास और सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक है। यह शिविर निश्चित ही बच्चों में दिव्य गुणों की धारणा और चारित्रिक विकास में मददगार साबित होगा। जो बच्चे बचपन से ही आध्यात्मिक शिक्षा और नैतिक शिक्षा और व्यवहारिक शिक्षा से जुड़ते है, तो वह न केवल बड़े होकर एक अच्छे नागरिक बनते है, बल्कि समाज और विश्व के लिए भी एक प्रेरणा और आदर्श बनकर उभरते है।
अंत में शिक्षाप्रद गेम भी खिलाये गए जिसका बच्चों ने आनंद लिया|
इस अवसर पर बीके जीतू, बीके सुरभि, बीके रोशनी, रीता मिड्ढा सहित अनेकानेक बच्चो के पैरेंट्स भी उपस्थित थे।

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