Indraganj Lashkar
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की पूर्व संध्या पर 8 दिवसीय वेबिनार का शुभारम्भ – युवा और योग (20.06.2021)

ग्वालियर :- प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय की भगिनी संस्थान राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के युवा प्रभाग के द्वारा “ यूथ फॉर ग्लोबल पीस” के अंतर्गत एक ऑनलाइन वेबिनार का आयोजन किया जिसका विषय – युवा और योग था | इस वेबिनार का उद्देश्य सभी युवाओं को योग के प्रति जागरुक करना था |
जिसमें मुख्य रूप से बी.के.निर्मला दीदी (उपक्षेत्रीय प्रभारी, रीवा), बी.के.शैलजा दीदी (उपक्षेत्रीय प्रभारी, छतरपुर), बी.के.रेखा दीदी (उपक्षेत्रीय प्रभारी, मुरेना), बी.के.नीता दीदी (उपक्षेत्रीय प्रभारी, नीलबड़, भोपाल), बी.के.पंचशिला दीदी (उपक्षेत्रीय प्रभारी, सीहोर), डॉ.संतोष कुमार गुजरे (संकाय सदस्य योग अध्यनशाला, डॉ. बी. आर.अम्बेडकर सामाजिक विज्ञान विश्व विद्यालय, महू), श्रीमती मीना शर्मा (व्याख्याता, राज्य स्तरीय शासकीय योग प्रशिक्षण केंद्र भोपाल ), बी.के.सरोज दीदी (उपक्षेत्रीय प्रभारी, बीना), बी.के.रेखा (संयोजिका युवा प्रभाग भोपाल ज़ोन सीधी), बी.के. नीलम बहन, सागर (सदस्य युवा प्रभाग ), बी.के. सुनीता होसंगाबाद (सह संयोजिका युवा प्रभाग) उपस्थित रहे |
कार्यक्रम के शुभारम्भ में बी.के.रेखा (सीधी, म.प्र.) ने सभी का स्वागत अभिनन्दन किया एवं युवा प्रभाग के द्वारा चलाये जा रहे प्रोजेक्ट के बारे में बताया
तत्पश्चात बी.के. नीता बहन जी ने योग का महत्व बताते हुए कहा कि आज वर्तमान समय में शारीरिक योग करना तो अति आवश्यक है ही परन्तु उसके साथ साथ मन का स्वस्थ्य होना भी ज़रूरी है तभी कहेंगे योगी जीवन | आज वर्तमान समय में आपसी मन मुटाव, चिंता, भय, तनाव, बीमारियाँ दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं तो उसके लिए ज़रूरी है शारीरिक योग के साथ-साथ हम अपने जीवन में ध्यान, योग को भी बढ़ाये तथा उसे अपने जीवन का हिस्सा बनालें |
इस अवसर पर विशिष्ठ अतिथि के रूप में डॉ.संतोष कुमार गुजरे जी ने बताया कि संस्थान के द्वारा जो सुन्दर आयोजन किया उसकी में भूरी-भूरी प्रशंसा करता हूँ, विषय भी बहुत सुन्दर है “युवा और योग” | आज के समय में हम लोगों के पास सब कुछ तो है लेकिन धैर्य और शांति नहीं इसको पाने के लिए युवा लोग और दूसरे लोग भी सुख और शांति की लालसा में भटक रहे हैं | पर योग एक ऐसी परम औषधि है की इसके शरण में आते ही हमको सारी चीज़ें हासिल हो जाती है | कई प्रकार के योग हैं कर्म योग, भक्ति योग, हठ योग आदि-आदि सबका उद्देश्य शांति को पाना ही है | इसी के साथ उन्होंने सभी को योग से जुड़ने के लिए प्रेरित किया और साथ ही उसका महत्व भी बताया |
बी.के. शैलजा बहन जी ने सभी को शारीरिक योग और आध्यात्मिक योग के बीच के अंतर को बहुत ही सुन्दर रीती समझाया| उन्होंने बताया कि शारीरिक योग शारीरिक गतिविधियों के लिए लाभ दायक है वहीं आध्यात्मिक योग आत्मा का परमात्मा के साथ जोड़ या सम्बन्ध है | अपने सर्व सम्बन्ध उस परमात्मा के साथ जोड़ ले और परमात्मा की शक्तियों का अनुभव करें जिससे हम मानसिक रूप से शक्तिशाली तो हो ही जायेंगे साथ ही स्वयं को शारीरिक रूप से भी शक्तिशाली अनुभव करने लगेंगे | योग हमारे जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है आज 80 प्रतिशत बीमारियों को, चिन्ताओं को या निजी जीवन में आने वाली हर प्रकार की परस्थितियों को आसानी से पार करने में राजयोग हमारी मदद करता है |
बी. के. निर्मला बहन जी ने बताया कि हम सभी को प्रकृति से बहुत स्नेह करना चाहिए क्योकि सही मायने में प्रकृति के बिना ये जीवन चल ही नहीं सकता जैसे की आज हम देखते हैं की सभी मनुष्यों के मन इतने दूषित हो गए हैं एवं सभी के संकल्प समर्थ से व्यर्थ में परिवर्तन हो गए हैं और वही प्रकम्पन पूरे वातावरण में फ़ैल कर उसको भी दूषित बना रहे हैं, पर्यावरण हमारे मन के आधार से ही परिवर्तन होता है और मन को शुद्ध शक्तिशाली तभी बना सकते हैं जब हम अपना कनेक्शन उस पिता परमात्मा के साथ जोड़ लेंगे | योग के लिए चार बातों का ध्यान रखना बहुत ही आवश्यक है –
1-स्वयं के साथ साथ उस परमपिता का परिचय |
2- परमात्मा में निश्चय |
3- आत्मा का उस परमात्मा के साथ सम्बन्ध |
4- पिता परमात्मा से मुझ आत्मा को प्राप्ति |
जिस प्रकार हमारे जीवन में भोजन ज़रूरी है उसी प्रकार योग करने के लिए ये चार बातें ध्यान में रखना भी ज़रूरी है, तो अधिक से अधिक समय निकालकर उस परमात्मा को याद करें तो हर कार्य में सफलता अवश्य मिल जाएगी |
इसी क्रम में विशिष्ठ अतिथि श्रीमती मीना शर्मा जी ने सभी को संबोधित करते हुए बताया कि युवा सभी विषय में बहुत तीव्र गति से आगे चल रहे हैं परन्तु योग के विषय में आज भी बहुत पीछे हैं तो वर्तमान समय में अगर सभी को अपने जीवन के हर कदम में सफलता तथा एक स्वस्थ जीवन चाहिए तो उसके लिए ज़रूरी है स्वयं को एकाग्र करना और वह तभी हो सकेगा जब योग और अध्यात्म को अपने जीवन का एक हिस्सा बना लेंगे | अगर हम सभी शारीरिक योग के साथ साथ अपने मन को ईश्वर में लगायें तो स्वयं को अनेक बीमारियों से भी बचा सकते हैं क्योकि आज सभी को ज़्यादातर बीमारियाँ तनाव के कारण हो रही हैं इसलिए प्रतिदिन योग करने से हम अपने जीवन को सुखमय बना सकते हैं तथा उसका सही रीती से आनंद ले सकते हैं|
बी. के. रेखा बहन जी (मुरैना) ने बताया की योग जीवन की एक कला है | राजयोग करने से हमारे जीवन मे आने वाली परिस्थियों में हम घबराते नहीं हैं, यह हमारा आत्मविश्वास बढ़ाने में भी मदद करता है| यह स्वयं को अपने अनादी स्वरुप में स्थित करने की एक सुन्दर कला है | राजयोग से हमारे जीवन में बहुत सारे फायदे हैं जो हम सभी अपने व्यावहारिक जीवन में भी अनुभव कर सकते हैं |
बी.के. सरोज बहन जी ने सभी को बताया की राजयोग मैडिटेशन करने से हम अपने जीवन में ख़ुशी का, सुख-शांति का अनुभव करने लग जाते हैं तथा शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ और शक्तिशाली बन जाते हैं साथ ही किसी भी परिस्थिथि में घबराने के बजाये उसका ख़ुशी ख़ुशी सामना करते है | लेकिन उसके लिए हमें परमात्मा के साथ सर्व सम्बन्ध जोड़ कर उसे प्यार से याद करना अतिआवश्यक है |
बी.के. पंचशिला बहन जी ने बताया की युवा जीवन में योग का बहुत महत्व है, युवा अपने जीवन में योग का प्रयोग करें तो स्वयं के जीवन को परिवर्तन कर सकते है और दूसरो को स्वयं के जीवन से प्रेरित कर सकते हैं, जैसे की कहते हैं “पहला सुख निरोगी काया” | इसी के साथ दीदीजी ने सभी को राजयोग मैडिटेशन का अभ्यास करवाया |
कार्यक्रम के अंत में बी. के.सुनीता बहन ने सभी अतिथियों का और वेबिनार में उपस्थित युवाओं का आभार व्यक्त किया |
कार्यक्रम का कुशल संचालन बी. के. नीलम बहन के द्वारा किया गया |
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म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी ने ‘सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर किया सम्मानित

Gwalior : म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी, भारत सरकार के केंद्रीय संचार मंत्री माननीय श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी, म.प्र. विधानसभा अध्यक्ष माननीय श्री नरेंद्र सिंह तोमर जी ने ग्वालियर के दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार, कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित ‘सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। जिसमें ब्रह्माकुमारी रोशनी, ब्रह्माकुमारी सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह को सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम में प्रदेश के अनेकानेक कैबिनेट मंत्री गण, सांसद, विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधि तथा प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।
इस अवसर पर बीके रोशनी, बीके सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह ने माननीय मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी का अभिनंदन करते हुए उन्हें ईश्वरीय सौगात भेंट की।
कार्यक्रम में शहर से अनेकानेक सम्माननीय धर्मगुरु, धार्मिक संस्थान, सामाजिक संस्थान से तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
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बाल व्यक्तित्व विकास शिविर
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ब्रह्माकुमारीज केंद्र पर तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का हुआ शुभारंभ

बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास, सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक – आदर्श दीदी
जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है – प्रहलाद भाई
ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की भगिनी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाऊंडेशन के युवा प्रभाग और शिक्षा प्रभाग के द्वारा माधवगंज स्थित प्रभु उपहार भवन में तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का शुभारंभ हुआ।
इस शिविर में बच्चों के सम्पूर्ण विकास के लिए आध्यात्मिकता, नैतिक शिक्षा, व्यवहारिक ज्ञान और सकारात्मक सोच आदि विषयों को रचनात्मक ढंग से बताया जायेगा।
शिविर के शुभारंभ में मुख्य प्रशिक्षक के रूप में उपस्थित मोटिवेशनल स्पीकर एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई ने नए सभी बच्चों को मोटिवेट करते हुए मजेदार शिक्षाप्रद कहानियाँ सुनाकर शिविर की शुरुआत की। उन्होंने एक रचनात्मक एक्टिविटी के माध्यम से शिविर में उपस्थित बच्चों को सिखाया कि हमें ध्यान से सुनना चाहिए। क्योकि ध्यान से सुनने का बहुत महत्व है। जबकि सुनने से ज्यादा हम देखकर कर्म करते है, हम जैसा देखते है वैसा हम बनते चले जाते है। यदि हम कुछ गलत चीजों को देखते है या हमारे सामने कोई गलती कर रहा है तो उसका प्रभाव भी हमारे जीवन पर पड़ता है। इसलिए हमेशा टीवी या मोबाईल पर कुछ देखते है तो अच्छा ही देखे।
उन्होंने कहा कि अच्छे गुणों और संस्कारों का बीज बोने का यह सही समय है। इस समय अंदर लचीलापन होता है। सही शब्दों में कहा जाए तो व्यक्तित्व का निर्माण और जीवन को दिशा देने का काम इसी समयावधि में हो सकता है। हम जैसा बनना चाहें वैसा अपने को बना सकते हैं। आजकल कई बच्चे अपना कीमती समय मोबाइल पर नष्ट कर रहे हैं। अभिभावक और शिक्षक चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। इस समय में मोबाईल का ज्यादा उपयोग करना हमारे लिए बहुत नुकशान दायक है । मोबाईल हमारी सुविधा के लिए है पढ़ाई आदि के लिए ही हम इसे थोडा बहुत उपयोग कर सकते है। बांकी और और चीजों में हमें नहीं जाना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि सभी बच्चो को प्रातः सूर्योदय से पहले जाग जाना चाहिए तथा रात्रि को जल्दी सोना चाहिए। देर रात तक नहीं जागना चाहिए। सभी बच्चों को अपने माता पिता कहना मानना चाहिए। हरेक माता पिता अपने बच्चों की भलाई के लिए ही उन्हें समझाते है कभी भी माता पिता से नाराज नहीं होना चाहिए। जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है। और वह जीवन में आगे बढ़ते जाते है। इस पर एक रोचक कहानी भी बच्चों को सुनाई।
आगे भाई जी ने बच्चों को मन बुद्धि और संस्कार के बारे में बताया कि कैसे हम अच्छा सोचकर अपने अन्दर अच्छी आदतों को डाल सकते है। और अपनी ख़राब आदतों को छोड़ सकते है।
कार्यक्रम में बच्चो को मेडिटेशन (ध्यान) की सरल विधि सिखाई गई साथ ही ध्यान का अभ्यास भी कराया गया।
इस अवसर पर केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि हम थोडा समय पढ़ाई से पूर्व या कोई कार्य करने से पूर्व राजयोग ध्यान का अभ्यास करते है। अथवा परमात्मा को याद करते है तो हमें सफलता अवश्य मिलती है, साथ ही हमारी एकाग्रता भी बढती है। दीदी ने आगे कहा कि हमें इतना सुंदर जीवन मिला है तो उसके लिए हमें ईश्वर का शुक्रिया अदा करना चाहिए, साथ ही उन सभी का शुक्रिया करना चाहिए जो हमारे जीवन को अच्छा बनाने में हमारे मददगार है जैसे माता-पिता एवं गुरुजन आदि।
दीदी ने आगे बताया कि बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास और सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक है। यह शिविर निश्चित ही बच्चों में दिव्य गुणों की धारणा और चारित्रिक विकास में मददगार साबित होगा। जो बच्चे बचपन से ही आध्यात्मिक शिक्षा और नैतिक शिक्षा और व्यवहारिक शिक्षा से जुड़ते है, तो वह न केवल बड़े होकर एक अच्छे नागरिक बनते है, बल्कि समाज और विश्व के लिए भी एक प्रेरणा और आदर्श बनकर उभरते है।
अंत में शिक्षाप्रद गेम भी खिलाये गए जिसका बच्चों ने आनंद लिया|
इस अवसर पर बीके जीतू, बीके सुरभि, बीके रोशनी, रीता मिड्ढा सहित अनेकानेक बच्चो के पैरेंट्स भी उपस्थित थे।
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