Connect with us

Indraganj Lashkar

जीवन में ख़ुशी का आधार सकारात्मक सोच – बी. के. प्रह्लाद

Published

on

जीवन में ख़ुशी का आधार सकारात्मक सोच – बी. के. प्रह्लाद

ग्वालियर : रोटरी क्लब ग्वालियर सेन्ट्रल की महिला विंग माय सेल्फ नारी के द्वारा चार दिवसीय ऑनलाईन ट्रेनिंग कार्यक्रम सकारात्मक सोच विषय पर रखा गया |

मुख्य वक्ता के रूप में ब्रह्माकुमारीज संसथान से मेडिटेशन एक्सपर्ट एवं मोटिवेशनल ट्रेनर बी. के. प्रह्लाद भाई ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि सकारात्मक सोच हमारे जीवन का आधार है | जितना हम सकारात्मक सोचते है उतना हम खुश रह सकते है| आज यदि जीवन में दुःख अशांति या क्रोध जैसी चीजें है तो इसका मतलब है दिव्यगुण और शक्तियों की कमी क्योकि यह चींजे तभी हमारे जीवन में आती है जब आत्मा के सात गुणों का परसेंटेज घट जाता है | वह सात गुण है ज्ञान, पवित्रता, शांति, प्रेम, ख़ुशी, आनंद, और शक्ति | ध्यान और मेडिटेशन से हम इन गुणों का परसेंटज बढ़ा सकते है | जैसे ही इनका परसेंटज बढेगा हर प्रकार की नकारात्मकता हमारे जीवन से हट जाएगी |

इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अगर सारा दिन खुश रहना है तो सारे दिन की प्रोग्रामिंग मन में सुबह ही कर दें तो आप जैसा चाहते है वैसा ही दिन आप व्यतीत करेंगे |

जीवन में हर कदम में आपको सफलता चाहिए तो तीन सर्टिफिकेट अपने पास रखें –

1 स्व पसंद अर्थात अपने लिए अच्छा सोचे बुरा नहीं सोचे

2 लोक पसंद अर्थात आप जिनके बीच में रहते है उनके प्रिय बनें और उनकी दुवाएं ले |

3 प्रभु पसंद अर्थात हर कर्म को करने से पहले चैक करें की क्या भगवान् इस कर्म को करने की इजाजत देता है तो ही करें |

ईश्वर बात करने के लिए एक नंबर है 000 ट्रिपल ज़ीरो अर्थात

प्रथम बिंदी का अर्थ बीती बातों पर पूर्ण विराम लगा देना

दूसरी बिंदी अर्थात खुद को ज्योति बिंदु रूपी आत्मा समझना

तीसरी बिंदी अर्थात शिव परमात्मा को प्वाइंट आफ लाईट अर्थात प्रकाश पुंज के रूप में याद करना |

मेडिटेशन से पहले सावन में शिव पूजा की सामग्री का अर्थ बताया कि

जो कड़वाहट के समान हमें शिव जी को अर्पित करने चाहिए वो है हमारे अंदर के विकार है, जो अक धतूरे के समान है| बेलपत्री की तीन पत्तियां (ब्रह्मा विष्णु महेश) का प्रतीक है मटके से बूंद बूंद जल अर्पित करना अर्थात श्वास श्वास प्रभु का स्मरण करना, मंदिर में घंटा बजाना अर्थात अर्थात 24 घंटो में से 1 घंटा शिव भोलेनाथ की याद का बजाना।

कार्यक्रम के अंत सभी को मेडिटेशन की गहन अनुभूति भी कराई |

कार्यक्रम को कोर्डिनेट कर रही जानवी रोहिरा ने रोटरी क्लब सेंट्रल की महिला विंग्स “माय सेल्फ नारी” की ओर से प्रहलाद भाई का धन्यवाद करते हुए कहा कि अपने जीवन के अनमोल स्वर्ण जड़ित उपहार से रक्षा बन्धन से पहले ही हम सभी को लाभान्वित किया। इस अवसर ऑनलाईन जुडी सपना गोयल, रेखा अग्रवाल, अंजलि बत्रा, लीना, रेखा श्रीवास्तव, सीमा गर्ग, संगीता, दीपा संघी, कमलेश रंजना बत्रा रंजीता आदि की भागीदारी रही।

Indraganj Lashkar

म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी ने ‘सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर किया सम्मानित

Published

on

By

Gwalior : म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी, भारत सरकार के केंद्रीय संचार मंत्री माननीय श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी, म.प्र. विधानसभा अध्यक्ष माननीय श्री नरेंद्र सिंह तोमर जी ने ग्वालियर के दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार, कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। जिसमें ब्रह्माकुमारी रोशनी, ब्रह्माकुमारी सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में प्रदेश के अनेकानेक कैबिनेट मंत्री गण, सांसद, विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधि तथा प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।

इस अवसर पर बीके रोशनी, बीके सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह ने माननीय मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी का अभिनंदन करते हुए उन्हें ईश्वरीय सौगात भेंट की।

कार्यक्रम में शहर से अनेकानेक सम्माननीय धर्मगुरु, धार्मिक संस्थान, सामाजिक संस्थान से तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

Continue Reading

Indraganj Lashkar

बाल व्यक्तित्व विकास शिविर

Published

on

Continue Reading

Indraganj Lashkar

ब्रह्माकुमारीज केंद्र पर तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का हुआ शुभारंभ

Published

on

बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास, सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक – आदर्श दीदी

जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है – प्रहलाद भाई

ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की भगिनी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाऊंडेशन के युवा प्रभाग और शिक्षा प्रभाग के द्वारा माधवगंज स्थित प्रभु उपहार भवन में तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का शुभारंभ हुआ।
इस शिविर में बच्चों के सम्पूर्ण विकास के लिए आध्यात्मिकता, नैतिक शिक्षा, व्यवहारिक ज्ञान और सकारात्मक सोच आदि विषयों को रचनात्मक ढंग से बताया जायेगा।
शिविर के शुभारंभ में मुख्य प्रशिक्षक के रूप में उपस्थित मोटिवेशनल स्पीकर एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई ने नए सभी बच्चों को मोटिवेट करते हुए मजेदार शिक्षाप्रद कहानियाँ सुनाकर शिविर की शुरुआत की। उन्होंने एक रचनात्मक एक्टिविटी के माध्यम से शिविर में उपस्थित बच्चों को सिखाया कि हमें ध्यान से सुनना चाहिए। क्योकि ध्यान से सुनने का बहुत महत्व है। जबकि सुनने से ज्यादा हम देखकर कर्म करते है, हम जैसा देखते है वैसा हम बनते चले जाते है। यदि हम कुछ गलत चीजों को देखते है या हमारे सामने कोई गलती कर रहा है तो उसका प्रभाव भी हमारे जीवन पर पड़ता है। इसलिए हमेशा टीवी या मोबाईल पर कुछ देखते है तो अच्छा ही देखे।
उन्होंने कहा कि अच्छे गुणों और संस्कारों का बीज बोने का यह सही समय है। इस समय अंदर लचीलापन होता है। सही शब्दों में कहा जाए तो व्यक्तित्व का निर्माण और जीवन को दिशा देने का काम इसी समयावधि में हो सकता है। हम जैसा बनना चाहें वैसा अपने को बना सकते हैं। आजकल कई बच्चे अपना कीमती समय मोबाइल पर नष्ट कर रहे हैं। अभिभावक और शिक्षक चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। इस समय में मोबाईल का ज्यादा उपयोग करना हमारे लिए बहुत नुकशान दायक है । मोबाईल हमारी सुविधा के लिए है पढ़ाई आदि के लिए ही हम इसे थोडा बहुत उपयोग कर सकते है। बांकी और और चीजों में हमें नहीं जाना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि सभी बच्चो को प्रातः सूर्योदय से पहले जाग जाना चाहिए तथा रात्रि को जल्दी सोना चाहिए। देर रात तक नहीं जागना चाहिए। सभी बच्चों को अपने माता पिता कहना मानना चाहिए। हरेक माता पिता अपने बच्चों की भलाई के लिए ही उन्हें समझाते है कभी भी माता पिता से नाराज नहीं होना चाहिए। जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है। और वह जीवन में आगे बढ़ते जाते है। इस पर एक रोचक कहानी भी बच्चों को सुनाई।
आगे भाई जी ने बच्चों को मन बुद्धि और संस्कार के बारे में बताया कि कैसे हम अच्छा सोचकर अपने अन्दर अच्छी आदतों को डाल सकते है। और अपनी ख़राब आदतों को छोड़ सकते है।


कार्यक्रम में बच्चो को मेडिटेशन (ध्यान) की सरल विधि सिखाई गई साथ ही ध्यान का अभ्यास भी कराया गया।
इस अवसर पर केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि हम थोडा समय पढ़ाई से पूर्व या कोई कार्य करने से पूर्व राजयोग ध्यान का अभ्यास करते है। अथवा परमात्मा को याद करते है तो हमें सफलता अवश्य मिलती है, साथ ही हमारी एकाग्रता भी बढती है। दीदी ने आगे कहा कि हमें इतना सुंदर जीवन मिला है तो उसके लिए हमें ईश्वर का शुक्रिया अदा करना चाहिए, साथ ही उन सभी का शुक्रिया करना चाहिए जो हमारे जीवन को अच्छा बनाने में हमारे मददगार है जैसे माता-पिता एवं गुरुजन आदि।
दीदी ने आगे बताया कि बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास और सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक है। यह शिविर निश्चित ही बच्चों में दिव्य गुणों की धारणा और चारित्रिक विकास में मददगार साबित होगा। जो बच्चे बचपन से ही आध्यात्मिक शिक्षा और नैतिक शिक्षा और व्यवहारिक शिक्षा से जुड़ते है, तो वह न केवल बड़े होकर एक अच्छे नागरिक बनते है, बल्कि समाज और विश्व के लिए भी एक प्रेरणा और आदर्श बनकर उभरते है।
अंत में शिक्षाप्रद गेम भी खिलाये गए जिसका बच्चों ने आनंद लिया|
इस अवसर पर बीके जीतू, बीके सुरभि, बीके रोशनी, रीता मिड्ढा सहित अनेकानेक बच्चो के पैरेंट्स भी उपस्थित थे।

Continue Reading

Brahmakumaris