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Indraganj Lashkar

ऊँची सोच युवा की खोज

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दिनांक : 17 सितम्बर 2020
ऊँची सोच युवा की खोज

आज प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की सहयोगी संस्था राजयोग एज्युकेशन एण्ड रिसर्च फाउंडेशन के युवा प्रभाग के द्वारा ऑनलाइन वेविनार के माध्यम से एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसका विषय था| जिसका विषय था “ऊँची सोच युवा की खोज” इसमें मध्य प्रदेश के सीधी, ग्वालियर सहित बिभिन्न जिलो के युवाओं ने भाग लिया | कार्यक्रम का संचालन युवा प्रभाग की क्षेत्रीय सयोंजिका बी. के. रेखा दीदी (सीधी) ने किया | और सभी का स्वागत करते हुए कहा कि आज युवाओं को सही और श्रेष्ठ मार्गदर्शन की आवश्यकता है जिससे वह सही दिशा में रचनात्मक कार्य कर सके| ब्रह्माकुमारीज संसथान लगातार युवाओं के उत्थान के लिए इस तरह के आयोजन समय प्रति समय करता रहता है|

तत्पश्चात कार्यक्रम में ग्वालियर से मुख्य वक्ता के रूप में मोटिवेशन ट्रेनर बी. के. प्रह्लाद भाई ने सभी को संबोधित किया और कहा कि –

सोच का जीवन में बड़ा महत्व है फिर वह सोच कैसी भी हो | क्योंकि हम आज अपने जीवन में जो कुछ भी अनुभव कर रहे हैं वह हमारी सोच का ही परिणाम है | लेकिन दुनिया में बहुत थोड़े लोग ऐसे हैं जो इस बात का अनुभव कर पाते हैं | कई बार आपने भी देखा होगा आपके जीवन में अनेकानेक उतार चढाव आते हैं और उसको देख कर हम उसी तरह का चिंतन करने लगते है और धीरे धीरे हम उसमे फंसते नज़र आते हैं | हम ऐसा मानते हैं की जो चीज़ हमारे लिए ठीक नहीं है हम उसको बोलकर ठीक कर देंगे जबकि ऐसा होता नहीं है | जैसे किसी कमरे में अँधेरा हो और उसको आपको दूर करना हो तो क्या करना पड़ेगा ‘अँधेरा भाग जा’ कहे ऐसे तो नहीं भागेगा बल्कि आपको प्रकाश का स्विच ऑन करना पड़ेगा तो अंधेरा स्वतः ही भाग जायेगा क्योकि अँधेरा कुछ होता ही नहीं हैं बल्कि प्रकाश का अभाव ही अंधियारा है | ठीक ऐसे ही मै मानता हूँ कि नकारात्मकता और व्यर्थ कुछ भी नहीं है बल्कि सकारात्मकता का अभाव ही इन सब चीजों को जन्म देता है | इसलिए हम आज से पक्का पक्का संकल्प कर ले की आज से हर बात के लिए हम सकारात्मक (पॉजिटिव) ही रहेंगे तो आप खुद देखेंगे की आपके साथ सब कुछ वही होने लगेगा जो आप सोच रहे हैं | इतनी पॉवर हमारी सोच में है “as you think so you become” और आज दुनिया में जितने भी बड़े परिवर्तन हुए हैं वह सब युवाओं की ऊँची सोच का ही परिणाम है | वैसे भी अगर देखें तो युवा का उल्टा वायु होता है और वायु की गति सबसे तेज़ और हल्की होती है | |

लेकिन आज वर्तमान समय युवा फैशन और व्यसन में घिरता नज़र आ रहा है | वह अपने गुणों और शक्तियों को भूलकर व्यर्थ में अपना समय गवां रहा है | वहीँ दूसरी और ऐसे युवा भी है जो परमात्म श्रीमत पर चलकर उसकी आज्ञानुसार स्व परिवर्तन से विश्व परिवर्तन के श्रेष्ठ कार्य में लगे हुए हैं | अब हमें ये तय करना है कि हम कौन से युवा हैं | यदि हम ये स्मृति रखते हैं की हम सर्व शक्तिमान परमात्मा की संतान हैं तो जिसका पिता सर्वशक्तिमान हो उसके बच्चे साधारण नहीं हो सकते | सिर्फ हमे अपने स्मृति का स्विच ऑन करना है | तो परमात्म की शक्ति से हम हर असंभव कार्य को संभव कर सकते हैं | आज इस भागती दौड़ती ज़िन्दगी में बाहर की दुनिया में वह इतना व्यस्त हो गया है की उसे स्वयं के लिए समय ही नहीं है | इसलिए आज वह हर छोटी छोटी बात में दुखी अशांत और परेशान हो जाता है | जबकि जीवन की वास्तविकता यह है की सृष्टि एक रंगमंच है और हम सब इसमें अभिनय कर्ता है और परमात्मा इस सृष्टि के निर्देशक हैं | अब यदि हमारा सम्बन्ध उस निर्देशक के साथ नहीं है तो हम इस जीवन के खेल को अच्छी तरह से नहीं खेल सकते हैं |

यह ठीक वैसे ही है जैसे आपके घर बिजली से चलने बाले अनेक साधन हो जैसे कूलर, पंखा , टी. व्ही., कम्प्यूटर इत्यादि | लेकिन बिजली का कनेक्शन नहीं हो तो यह सब बेकार है |

इसी प्रकार हमारे पास सुख सुबिधायों के सारे साधन है लेकिन परमपिता परमात्मा शिव के साथ सम्बन्ध नहीं है तो जीवन में सुख शांति आ ही नहीं सकती |

आज हरेक को चाहिए कि वह अपने मन की तार उससे जोड़े और उसके द्वारा दी जा रही शिक्षाओं को अपने जीवन में लेकर आयें तो वह आपका जीवन दूसरों के लिए उदहारण मूर्त आदर्श बन सकता है | जो अपने मन में सदेव सकारात्मकता विचार करते हैं उनको व्यर्थ और नकारात्मकता छू भी नहीं सकती |

आदर्श युवाओं में अनेकानेक विशेषताएं होती है जिनमें से कुछ इस प्रकार है –

· आदर्श युवा किसी की कमी कमजोरियों पर ध्यान नहीं देता बल्कि उसकी विशेषताओं को देखता हैं |

· आदर्श युवा अपनी श्रेष्ठ भावना से हिम्मतहीन को हिम्मतवान बना सकता है |

· आदर्श युवा नि:स्वार्थ सेवा और परोपकार की भावना से कार्य करता है |

· श्रेष्ठ भावना से युवा किसी भी आत्मा के भाग्य की रेखा बदल सकता है |

· आदर्श युवा के मन में सदेव शुभ विचार ओर श्रेष्ठ विचार ही आते हैं |

· आदर्श युवा की वाणी में मधुरता और व्यव्हार में सरलता होती है |

· आदर्श युवा हमेशा रचनात्मक कार्य करता है |

· आदर्श युवा बुराइयों से व्यस्नों (नशे) से अपने को दूर रखता है |

इस अवसर पर कार्यक्रम में होसंगाबाद से बी. के. सुनीता दीदी ने अपनी शुभकामनाएं रखीं साथ ही अनेक युवाओं ने भी अपने विचार रखे |

कार्यक्रम के अंत में बी. के. अर्चना दीदी (सीधी) ने सभी का आभार व्यक्त किया|

सधन्यवाद |

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सीआरपीएफ संतुलित आहार

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सीआरपीएफ समूह केंद्र में क्षेत्रीय परिवार कल्याण केन्द्र के सहयोग से सेमिनार का आयोजन

ग्वालियर। सीआरपीएफ समूह केंद्र में क्षेत्रीय परिवार कल्याण केन्द्र के सहयोग से एक सेमिनार व वक्तव्य का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम समूह केन्द्र के तानसेन क्लब में आयोजित हुआ। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डाईटीशियन सौम्या चड्ढा, ब्रह्माकुमारीज संस्थान से प्रेरक वक्ता बी के प्रहलाद भाई उपस्थित थे।
इस अवसर पर क्षेत्रीय कावा अध्यक्षा श्रीमती सुनीता निगम, श्रीमती भावना गुप्ता, डिप्टी कमांडेंट दिलाबर सिंह, श्रीमती गीता, श्रीमती आशा सहित क्षेत्रीय कावा के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।
केन्द्र में निवासरत महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता व उनको लाभान्वित करने के लिए विशेषज्ञों द्वारा पोषण एवं अंधत्व नियंत्रण के विषय पर चर्चा की गयी
मुख्य आहार विशेषज्ञ सौम्या चड्ढा नें सभी को सम्बोधित करते हुए कहा कि सभी को यह ध्यान रखना चाहिए कि हमारा आहार इस तरह का हो जिसमें वह सभी पोषक तत्व आ जाए जो शरीर के लिए आवश्यक है। उन्होंने बताया कि लें। थाली में अनाज, दाल/ प्रोटीन, सब्जी, फल, दूध, दही जैसी चीजें शामिल करें। समय पर भोजन करें, सीजनल फल और सब्जियां लें, दिनभर में 8 से 10 गिलास पानी पिएं, शारीरिक व्यायाम करें या कम से कम 30 मिनिट पैदल चलें, जरूरत से ज्यादा भोजन न करें।
ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के मेडिटेशन विशेषज्ञ बीके प्रहलाद भाई एवं बीके सुरभि नें सभी को मन को स्वस्थ्य रखने के लिए टिप्स दिए एवं राजयोग ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि राजयोग ध्यान करने से अनेक लाभ होते है। जैसे – यह तनाव कम करता है, मन को शांति और स्थिरता देता है, गुस्सा, चिंता और नकारात्मक सोच को घटाता है, एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ाता है, नींद की गुणवत्ता में सुधार लाता है। यह सब ठीक है तो शारीरिक स्वास्थ्य भी ठीक रहता है।
सेमिनार में ग्रुप केन्द्र के सैंकड़ों कार्मिकों एवं इस ग्रुप केन्द्र में निवासरत महिलाओं द्वारा बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया गया। सेमिनार के अंत में क्षेत्रीय कावा अध्यक्षा श्रीमती सुनीता निगम द्वारा डाईटीशियन सौम्या चड्ढा एवं बी के प्रहलाद भाई को स्मृति चिन्ह भेंट किए एवं विशेषज्ञों द्वारा इस विषय पर महत्वपूर्ण ज्ञानवर्धन करने हेतु धन्यवाद एवं आभार व्‍यक्‍त किया।

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खुशनुमा और स्वस्थ जीवन (एसएएफ 13 बटालियन)

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प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के द्वारा 13वीं वाहिनी विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ 13 बटालियन) में “तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली” विषय पर एक प्रेरणादायक सत्र आयोजित किया गया। जिसका उद्देश्य लोगों को मानसिक शांति, सकारात्मक सोच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रेरक वक्ता एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई तथा ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र की मुख्य संचालिका बीके आदर्श दीदी उपस्थित थीं।
इस अवसर पर एस ए एफ 13 बटालियन से प्रभारी सेनानी अनुराग पांडे, सहायक सेनानी, गुलबाग सिंह, डॉक्टर ओ पी वर्मा निरीक्षक मुनेन्द्र सिंह भदोरिया, निरीक्षक, धर्मेंद्र वर्मा, निरीक्षक मुकेश परिहार, निरीक्षक पुष्पेंद्र सिंह भदौरिया, निरीक्षक जादौन, निरीक्षक राय सिंह जयंत, समस्त पी टी एस स्टाफ एवं 350 से अधिक प्रशिक्षणार्थी सहित ब्रह्माकुमारीज से बीके सुरभि, बीके रोशनी, बीके पवन उपस्थित थे।
कार्यक्रम में बीके प्रहलाद भाई ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आज के तेज रफ़्तार जीवन में तनाव हर किसी की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। जिसकी वजह से हमारे जीवन में काफी उतार चढाव आते है। इन सबसे छूटने के लिए तनाव का सही ढंग से प्रबंधन करना ही खुशनुमा और स्वस्थ जीवन जीने की कला है। यदि तनाव पर नियंत्रण न हो तो यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ को प्रभावित करता है। इसके लिए कुछ सरल उपाय अपनाकर हम संतुलित, आनंदमय और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। उन्होंने कहा कि – सकारात्मक सोच विकसित करें, हर परिस्थिति में अच्छा पक्ष देखने का प्रयास करें, नकारात्मक विचारों से दूर रहें, योग और ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाये, रोजाना 15 से 20 मिनिट ध्यान करें जिससे मन स्थिर रहता है एवं मानसिक शांति भी मिलती है, प्राणायाम और योगासन से शरीर स्वस्थ्य रहता है, 6 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद लें, संतुलित भोजन लें, नशे से दूरी बनाकर रखें, जंक फ़ूड से बचें, व्यवस्थित दिनचर्या बनायें, कोई न कोई रोज अच्छी पुस्तक पढ़ने की आदत डालें, कार्यक्रम स्थल पर किसी भी तरह का दवाव आता है तो घबरायें नहीं, परिवार के साथ समय विताएं, हर कार्य को एक खेल की तरह से लें।
बीके प्रहलाद भाई नें अनेकानेक रचनात्मक गतिविधि भी कराई जिससे सभी का मन हल्का हुआ और उमंग उत्साह भी बढ़ा। और दिन कि शुरुआत किस तरह से करें वह भी बताया।
कार्यक्रम में बीके आदर्श दीदी नें कहा कि तनाव को दूर करने के लिए योग, ध्यान, प्राणायाम, सकारात्मक चिंतन और समय प्रबंधन जैसे उपाय बेहद प्रभावी हैं। पर्याप्त नींद और रुचियों के लिए समय निकालना जीवन को सुखद और तनावमुक्त बना सकता है साथ ही कहा कि तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है यदि हम स्वस्थ दिनचर्या और आत्म नियंत्रण को अपनाएं तो जीवन अधिक खुशनुमा और आनंदमय बन सकता है। दीदी नें सभी को राजयोग ध्यान की विधि बताई तथा सभी को उसके फायदे बताते हुए अभ्यास भी कराया।
इस अवसर पर उपस्थित प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे अपने जीवन में स्वस्थ दिनचर्या, योग ध्यान और सकारात्मक सोच को अपनायेंगे और परिवार एवं समाज के प्रेरणास्त्रोत बनेगें।
कार्यक्रम में मेडिकल ऑफिसर डॉ ओपी वर्मा ने बताया कि तनाव आता है तो लोग आसानी से नशे की तरफ भागते है जबकि वह समाधान नहीं है। समाधान के लिए हमें ब्रह्माकुमारीज़ जैसे आध्यात्मिक संस्थानों से जुड़कर ध्यान के माध्यम में हमें अपने को सकारात्मक बनाना चाहिए। इस अवसर पर अन्य पदाधिकारियों नें भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में संस्थान के लोंगो का अभिनन्दन करते हुए पौधे भेंट किए गए।

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तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी(न्यूज़ कवरेज)

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