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Indraganj Lashkar

अंतराष्ट्रीय योग दिवस पर ऑनलाईन योगाभ्यास संपन्न

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 दिनांक – 21 जून 2020

अंतराष्ट्रीय योग दिवस पर ऑनलाईन योगाभ्यास संपन्न

ग्वालियर: आज अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के दिन पूरे विश्व भर में हमारे ऋषि मुनियों द्वारा सिखाये गये प्राचीन योग को सभी के द्वारा सामूहिक योगाभ्यास के माध्यम से किया जाता है । अतः सभी के द्वारा इस योग प्राणायाम को अपने जीवन में शामिल होने का प्रण भी किया जाता है। आज ऐसे समय में जहाँ चारो ओर महामारी फैली हुई तो लोग एकत्रित तो नहीं हो सकते लेकिन सभी अपने अपने घरों में रहकर योग अवश्य कर सकते है | इसी बात को ध्यान में रखकर सभी को योग के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की स्थानीय शाखा लश्कर ग्वालियर द्वारा आज के दिन संस्थान से जुड़े हुए सभी भाई बहनों के लिए ऑनलाईन कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें सभी ने अपने अपने घरों पर रहकर ऑनलाइन एक साथ योगाभ्यास किया। कार्यक्रम की शुरुआत पिता परमात्मा कि याद से की गई । तत्पश्चात बी.के. ज्योति बहन ने परमात्मा के महावाक्य के आधार पर योग का जीवन में महत्त्व बताया और निरंतर योगी जीवन जीवन जीने की बात कही|

इसके बाद बी के डॉ गुरचरन भाई जी ने सभी का शब्दों के द्वारा स्वागत किया और कहा कि जहाँ एक ओर हम शारीरिक स्वस्थ्य की ओर ध्यान देते है वही साथ साथ हमें अपने आध्यात्मिक स्वास्थ्य की ओर भी ध्यान देना चाहिये। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि आज के दिन सभी को संकल्प लेना चाहिए कि योग, प्राणायाम, ध्यान को हम अपने जीवन का हिस्सा बनायेंगे |

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सेवाकेंद्र संचालिका बी के आदर्श दीदी जी ने सभी को योग दिवस कि शुभकामनाएँ दी और कहा कि पिछले 84 वर्षों से पिता परमात्मा शिव हमे योगी जीवन जीने की शिक्षाएं प्रदान कर रहे है, आवश्यकता है हमे जीवन में इन्हें आत्मसात करने की जिससे हम अपने जीवन को सशक्त और खुशहाल बना सकेंगें | इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यदि हमें स्वस्थ्य रहना है तो योगा करें, एक्सरसाइज करें या सुबह शाम वॉक करें| इसके साथ ही उन्होंने परमात्मा से सभी के स्वस्थ्य रहने कि मंगल कामना भी की |

इसके तत्पश्चात मुख्य वक्ता के रूप में मुख्यालय माउंट आबू से ऑनलाइन जुड़े बी के गंगाधर भाई जी, जो कि ओम शांति मीडिया के मुख्य संपादक है | उन्होंने आज के दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि योग हमारी आतंरिक समरसता का ही दूसरा नाम है । पिता परमात्मा द्वारा सिखाये जा रहे योग में हम अपने आप को स्व स्थिति में स्थित कर पिता परमात्मा से अपना सम्बन्ध जोड़ते है। क्योकि योग का शाब्दिक अर्थ सम्बन्ध जोड़ या कनेक्शन भी होता है अर्थात् हम आत्माओं का सम्बन्ध उस सर्वोच्च सत्ता के साथ जोड़ना जिसके आधार पर हम अपने आप को स्वस्थ्य और शक्तिशाली बना सकते हैं जिसे हम राजयोग भी कहते हैं  । उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में अगर हम विभिन्न शारीरिक क्रियाओं के साथ ही पिता परमात्मा की याद का भी समावेश कर लें तो हमें संपूर्ण स्वास्थ लाभ प्राप्त हो सकता है । क्योंकि ज्यादातर बीमारियां आज तनाव के कारण हो रही हैं तो स्वयं को अनेक बीमारियों से बचाने के लिए परमात्मा की याद को अपने जीवन का अभिन्न अंग बनाना अति आवश्यक है । तो हम तन से और मन से स्वस्थ्य रह सकते है | इसके साथ ही आपने कहा कि योग के द्वारा हमारे कर्मों में भी कुशलता आती है | हर व्यक्ति को थोडा समय प्रितिदिन अपनी दिनचर्या में से योगाभ्यास और ध्यान के लिए समय निकलना ही चाहिए | ऐसे करने पर वह अपने जीवन का सही रीति से आनंद ले सकता है |

कार्यक्रम के अंत में बी के प्रह्लाद भाई ने सभी को 45 मिनट तक योग क्रियाओं का अभ्यास कराया । जिसका लाभ अनेकानेक लोंगो ने लिया |

इसके साथ ही कार्यक्रम के अंत में उन्होंने सभी को धन्यवाद भी दिया |

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सीआरपीएफ संतुलित आहार

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सीआरपीएफ समूह केंद्र में क्षेत्रीय परिवार कल्याण केन्द्र के सहयोग से सेमिनार का आयोजन

ग्वालियर। सीआरपीएफ समूह केंद्र में क्षेत्रीय परिवार कल्याण केन्द्र के सहयोग से एक सेमिनार व वक्तव्य का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम समूह केन्द्र के तानसेन क्लब में आयोजित हुआ। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डाईटीशियन सौम्या चड्ढा, ब्रह्माकुमारीज संस्थान से प्रेरक वक्ता बी के प्रहलाद भाई उपस्थित थे।
इस अवसर पर क्षेत्रीय कावा अध्यक्षा श्रीमती सुनीता निगम, श्रीमती भावना गुप्ता, डिप्टी कमांडेंट दिलाबर सिंह, श्रीमती गीता, श्रीमती आशा सहित क्षेत्रीय कावा के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।
केन्द्र में निवासरत महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता व उनको लाभान्वित करने के लिए विशेषज्ञों द्वारा पोषण एवं अंधत्व नियंत्रण के विषय पर चर्चा की गयी
मुख्य आहार विशेषज्ञ सौम्या चड्ढा नें सभी को सम्बोधित करते हुए कहा कि सभी को यह ध्यान रखना चाहिए कि हमारा आहार इस तरह का हो जिसमें वह सभी पोषक तत्व आ जाए जो शरीर के लिए आवश्यक है। उन्होंने बताया कि लें। थाली में अनाज, दाल/ प्रोटीन, सब्जी, फल, दूध, दही जैसी चीजें शामिल करें। समय पर भोजन करें, सीजनल फल और सब्जियां लें, दिनभर में 8 से 10 गिलास पानी पिएं, शारीरिक व्यायाम करें या कम से कम 30 मिनिट पैदल चलें, जरूरत से ज्यादा भोजन न करें।
ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के मेडिटेशन विशेषज्ञ बीके प्रहलाद भाई एवं बीके सुरभि नें सभी को मन को स्वस्थ्य रखने के लिए टिप्स दिए एवं राजयोग ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि राजयोग ध्यान करने से अनेक लाभ होते है। जैसे – यह तनाव कम करता है, मन को शांति और स्थिरता देता है, गुस्सा, चिंता और नकारात्मक सोच को घटाता है, एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ाता है, नींद की गुणवत्ता में सुधार लाता है। यह सब ठीक है तो शारीरिक स्वास्थ्य भी ठीक रहता है।
सेमिनार में ग्रुप केन्द्र के सैंकड़ों कार्मिकों एवं इस ग्रुप केन्द्र में निवासरत महिलाओं द्वारा बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया गया। सेमिनार के अंत में क्षेत्रीय कावा अध्यक्षा श्रीमती सुनीता निगम द्वारा डाईटीशियन सौम्या चड्ढा एवं बी के प्रहलाद भाई को स्मृति चिन्ह भेंट किए एवं विशेषज्ञों द्वारा इस विषय पर महत्वपूर्ण ज्ञानवर्धन करने हेतु धन्यवाद एवं आभार व्‍यक्‍त किया।

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खुशनुमा और स्वस्थ जीवन (एसएएफ 13 बटालियन)

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प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के द्वारा 13वीं वाहिनी विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ 13 बटालियन) में “तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली” विषय पर एक प्रेरणादायक सत्र आयोजित किया गया। जिसका उद्देश्य लोगों को मानसिक शांति, सकारात्मक सोच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रेरक वक्ता एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई तथा ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र की मुख्य संचालिका बीके आदर्श दीदी उपस्थित थीं।
इस अवसर पर एस ए एफ 13 बटालियन से प्रभारी सेनानी अनुराग पांडे, सहायक सेनानी, गुलबाग सिंह, डॉक्टर ओ पी वर्मा निरीक्षक मुनेन्द्र सिंह भदोरिया, निरीक्षक, धर्मेंद्र वर्मा, निरीक्षक मुकेश परिहार, निरीक्षक पुष्पेंद्र सिंह भदौरिया, निरीक्षक जादौन, निरीक्षक राय सिंह जयंत, समस्त पी टी एस स्टाफ एवं 350 से अधिक प्रशिक्षणार्थी सहित ब्रह्माकुमारीज से बीके सुरभि, बीके रोशनी, बीके पवन उपस्थित थे।
कार्यक्रम में बीके प्रहलाद भाई ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आज के तेज रफ़्तार जीवन में तनाव हर किसी की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। जिसकी वजह से हमारे जीवन में काफी उतार चढाव आते है। इन सबसे छूटने के लिए तनाव का सही ढंग से प्रबंधन करना ही खुशनुमा और स्वस्थ जीवन जीने की कला है। यदि तनाव पर नियंत्रण न हो तो यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ को प्रभावित करता है। इसके लिए कुछ सरल उपाय अपनाकर हम संतुलित, आनंदमय और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। उन्होंने कहा कि – सकारात्मक सोच विकसित करें, हर परिस्थिति में अच्छा पक्ष देखने का प्रयास करें, नकारात्मक विचारों से दूर रहें, योग और ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाये, रोजाना 15 से 20 मिनिट ध्यान करें जिससे मन स्थिर रहता है एवं मानसिक शांति भी मिलती है, प्राणायाम और योगासन से शरीर स्वस्थ्य रहता है, 6 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद लें, संतुलित भोजन लें, नशे से दूरी बनाकर रखें, जंक फ़ूड से बचें, व्यवस्थित दिनचर्या बनायें, कोई न कोई रोज अच्छी पुस्तक पढ़ने की आदत डालें, कार्यक्रम स्थल पर किसी भी तरह का दवाव आता है तो घबरायें नहीं, परिवार के साथ समय विताएं, हर कार्य को एक खेल की तरह से लें।
बीके प्रहलाद भाई नें अनेकानेक रचनात्मक गतिविधि भी कराई जिससे सभी का मन हल्का हुआ और उमंग उत्साह भी बढ़ा। और दिन कि शुरुआत किस तरह से करें वह भी बताया।
कार्यक्रम में बीके आदर्श दीदी नें कहा कि तनाव को दूर करने के लिए योग, ध्यान, प्राणायाम, सकारात्मक चिंतन और समय प्रबंधन जैसे उपाय बेहद प्रभावी हैं। पर्याप्त नींद और रुचियों के लिए समय निकालना जीवन को सुखद और तनावमुक्त बना सकता है साथ ही कहा कि तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है यदि हम स्वस्थ दिनचर्या और आत्म नियंत्रण को अपनाएं तो जीवन अधिक खुशनुमा और आनंदमय बन सकता है। दीदी नें सभी को राजयोग ध्यान की विधि बताई तथा सभी को उसके फायदे बताते हुए अभ्यास भी कराया।
इस अवसर पर उपस्थित प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे अपने जीवन में स्वस्थ दिनचर्या, योग ध्यान और सकारात्मक सोच को अपनायेंगे और परिवार एवं समाज के प्रेरणास्त्रोत बनेगें।
कार्यक्रम में मेडिकल ऑफिसर डॉ ओपी वर्मा ने बताया कि तनाव आता है तो लोग आसानी से नशे की तरफ भागते है जबकि वह समाधान नहीं है। समाधान के लिए हमें ब्रह्माकुमारीज़ जैसे आध्यात्मिक संस्थानों से जुड़कर ध्यान के माध्यम में हमें अपने को सकारात्मक बनाना चाहिए। इस अवसर पर अन्य पदाधिकारियों नें भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में संस्थान के लोंगो का अभिनन्दन करते हुए पौधे भेंट किए गए।

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तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी(न्यूज़ कवरेज)

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