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सदा खुश रहना है तो सुबह ही कर लें मन की प्रोग्रामिंग – बी.के. प्रह्लाद

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निःशुल्क ऑनलाइन कोर्स के माध्यम से लोगों को मन की शांति और सकारात्मकता के लिए सिखा रहे है मेडिटेशन

सदा खुश रहना है तो सुबह ही कर लें मन की प्रोग्रामिंग – बी.के. प्रह्लाद

ग्वालियर: प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्व विद्यालय लश्कर ग्वालियर के द्वारा निःशुल्क ऑनलाइन राजयोग मेडिटेशन कोर्स की शुरुवात की गयी है जिसके माध्यम से विभिन्न वर्ग के अनेकानेक लोग अपने घर बैठे पिछले 2 महीने से राजयोग मेडिटेशन का लाभ ले रहे है|
ब्रह्माकुमारीज लश्कर सेवाकेंद्र संचालिका आदरणीया राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी आदर्श दीदी ने कहा कि वर्तमान समय में लोगो को तनावमुक्त, शांत व सुखी रहने के लिए मेडिटेशन एक अच्छा उपाय है | यदि हम थोडा समय अपनी दिनचर्या में से मेडिटेशन के लिए निकालते है तो हम अपने आपको लम्बे समय तक मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रख सकते हैं| क्योकि यह चुनौतीपूर्ण समय हमारा वर्तमान है लेकिन हमारे आज के संकल्प से सुसज्जित होने वाला स्वर्णिम भविष्य हमारा इन्तजार कर रहा है अतः आज के इस अमूल्य समय को नकारात्मक चिंतन, तनाव और भय में व्यर्थ न गवाएं बल्कि अपने घर पर परिवार के साथ समय बिताते हुए कुछ रचनात्मक कार्य करें और अपने वर्तमान और भविष्य को बेहतर बनायें |

इसके साथ ही विभिन्न राज्यों के अनेकानेक लोगों को ऑनलाइन संबोधित करते हुए मोटिवेशनल ट्रेनर और मेडिटेशन एक्सपर्ट बी.के. प्रह्लाद भाई ने बताया कि आज हर व्यक्ति खुश रहना चाहता है, सकारात्मक रहना चाहता है लेकिन रह नहीं पाता है उसका कारण है बाहरी परिस्थियों का हावी होना। यदि व्यक्ति के जीवन में सब कुछ अच्छा चल रहा होता है लेकिन अचानक कोई ऐसी परिस्थिति आती है जो उसके अनुकूल नहीं है तो उसको बड़ा मानते हुए वह उससे हार मान लेता है और दु:खी हो जाता है जबकि वास्तविकता यह है कि हमारी स्वस्थिति इतनी शक्तिशाली होनी चाहिए कि बाहर के वातावरण का, परिस्थितियों का हम पर प्रभाव न पड़े। और यह तब हो सकता है जब हम अपनी सोच को अच्छा या सकारात्मक रखें क्योंकि हम जैसा सोचते है हमारे जीवन में वैसा ही होने लग जाता है| हमारी सोच ही हमारे जीवन का निर्धारण करती है |
सृष्टी एक रंगमंच है और हम सब इसमें अभिनयकर्ता है जिसे हम आत्मा, रूह, प्राण या एनर्जी कहते हैं और शरीर एक माध्यम है जिसके द्वारा हम अभिनय कर रहे है | जैसे बाहर के अभिनय के लिए प प्रैक्टिस या अभ्यास की आवश्यकता होती है बिना अभ्यास के आप अभिनय को अच्छे से नहीं निभा सकते। ठीक उसी प्रकार हम जैसा अपना दिन व्यतीत करता चाहते हैं या दिन भर में जो कुछ अच्छा महसूस करना चाहते हैं उसके लिए हमें सुबह ही उसकी स्क्रिप्ट बना लेनी चाहिए और उसी आधार पर अपने मन को सकारात्मक चिंतन देकर मन की प्रोग्रामिंग करनी चाहिए। तथा बुद्धि रुपी नेत्र के द्वारा उसको चित्रित (विजुलाईज) करना चाहिए| ऐसा करने पर आप जैसा दिन व्यतीत करना चाहते है वैसा आपके साथ हो सकेगा और आप सदा खुश रह सकेंगें | क्योंकि हमारे अन्दर तीन शक्तियां होती है जिनके द्वारा हम कार्य करते है – मन, बुद्धि और संस्कार | मन और बुद्धि को चेतन मन कहते है जबकि संस्कार को अवचेतन मन कहते है| हम 10 प्रतिशत कर्म चेतन मन के द्वारा करते है जबकि 90 प्रतिशत कर्म अवचेतन मन के द्वारा करते है | और अवचेतन मन में सारा दिन वही विचार रहते है जो आपने सुबह -सुबह चेतन मन में उत्पन्न किये थे| इसलिए कभी अपने भाग्य को दोषारोपण न करके सदैव सकारात्मक ही सोचें | इसके आलावा सात गुण होते है 1.ज्ञान 2.पवित्रता 3.शांति 4.प्रेम 5.ख़ुशी/सुख 6.आनंद 7.शक्ति इन्हीं गुणों की अनुभूति करने के लिए हम जीवन भर प्रयासरत रहते है जिनका आत्मा में प्रतिशत घटने से दुःख व् अशांति कि अनुभूति होती है लेकिन यह बाहर से खरीदने बाली वस्तु नहीं है जो खरीदकर उनका प्रतिशत बढ़ा दें बल्कि यह हमारे आन्तरिक गुण हैं जिनका प्रतिशत प्रतिदिन मेडिटेशन के अभ्यास से बढाया जा सकता है और अपने जीवन को आनंदित करके खुश रहा जा सकता है |

मेडिटेशन के लिए दिन की शुरुवात में इस तरह सकारात्मक चिंतन करें –
मै एक शांत स्वरुप आत्मा हूँ…… शांति मेरा स्वाभाव है……. मै पवित्र आत्मा हूँ…….. मेरे मन, वाणी और कर्म में पवित्रता समाई हुई है……..मै ज्ञान स्वरुप आत्मा हूँ….. हर कर्म को श्रेष्ठ रीति से करने का ज्ञान मेरे पास है……मै प्रेम स्वरूप आत्मा हूँ…….. सभी के प्रति प्रेम भाव रखना मेरा स्वाभाव है……..मै सदैव खुश रहने बाली आत्मा हूँ………. ख़ुशी मेरा अपना संस्कार है………मैं आनन्द स्वरुप हूँ………. मुझे अतीन्द्रीय सुख का अनुभव हो रहा है……….मै शक्ति स्वरुप हूँ……… हर प्रकार की बुराई और विकृति को भष्म करने कि शक्ति मुझमें है…….मै पुर्णतः स्वस्थ्य आत्मा हूँ………. मन से और शरीर से…………मेरी वाणी में मधुरता है……….. मुझे सभी से अच्छे बोल बोलने है………मेरे स्वाभाव में सरलता है……… अर्थात मेरा व्यबहार सभी के प्रति बहुत सरल है………..मै महशूस कर रहा हूँ कि आज का मेरा दिन बहुत अच्छा व्यतीत हो रहा है ………..मेरे परिवार के सभी सदस्य भी मुझसे मिलकर बहुत प्रसनं हो रहे है………..जो भी लोग आज मेरे संपर्क में आयेंगें मै उन सबके प्रति अपनी शुभकामनायें रख रहा हूँ……..मै सर्वशक्तिमान परमपित्ता परमात्मा की संतान हूँ……. उनसे निकलती हुई पवित्र उर्जा और शक्तिशाली उर्जा के प्रकम्पन्न मेरे ऊपर आ रहे है जिससे मै अपने आपको शक्तिशाली महशूस कर रहा हूँ……… मेरे पूरे शरीर में एक सकारातमक उर्जा फ़ैल रही है……. मेरे चारो ओर यह उर्जा एक सुरक्षा कवच के रूप में है अब बाहर कि कोई भी निगेटिविटी या व्यर्थ बातें मुझे डिस्टर्ब नहीं कर सकती… में. पूरी तरह से सुरक्षित हूँ….. मुझसे निकलकर यह पवित्र उर्जा और सकारात्मक उर्जा चारो ओर वातावरण में फ़ैल रही है मेरे आसपास का वातावरण शक्तिशाली हो रहा है | सभी लोग अपने आप को इस वातावरण में स्वस्थ्य और शक्तिशाली महसूस कर रहे है……. पूरा विश्व एक परिवार है…….. मै सभी के लिए स्वस्थ्य रहने कि…….. और सभी के कल्याण की कामना करता हूँ………..सबकुछ बहुत अच्छा हो रहा है……… आदि आदि |

इसके अलाबा मै जो अच्छा सोच सकता हूँ वह चिंतन करें ऐसा करने पर आप सकारात्मक उर्जा से भर जायेंगे|
इस तरह से हम अनेकानेक सकारात्मक विचारों से अपने दिन कि शुरुवात करें तो आप देखेंगे कि आपका पूरा दिन बहुत अच्छा व्यतीत होगा और आपको भी ख़ुशी की अनुभूति होगी |

इसके आलावा वरिष्ठ राजयोग प्रशिक्षक बी. के. डॉ. गुरचरण भाई ने भी सभी को उमंग उत्साह दिलाते हुए कहा कि जीवन में अगर तनाव मुक्त रहना है तो अपनी दूसरों से एक्सपेक्टेशन अर्थात उम्मीदों को कम करें और परिस्थितियों के साथ एडजस्ट अर्थात समायोजित होना सीखें अपनी दिनचर्या को व्यवस्थित बनायें तो हर परिस्थिति में हम जीवन का भरपूर आनंद ले सकते है |

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सीआरपीएफ संतुलित आहार

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सीआरपीएफ समूह केंद्र में क्षेत्रीय परिवार कल्याण केन्द्र के सहयोग से सेमिनार का आयोजन

ग्वालियर। सीआरपीएफ समूह केंद्र में क्षेत्रीय परिवार कल्याण केन्द्र के सहयोग से एक सेमिनार व वक्तव्य का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम समूह केन्द्र के तानसेन क्लब में आयोजित हुआ। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डाईटीशियन सौम्या चड्ढा, ब्रह्माकुमारीज संस्थान से प्रेरक वक्ता बी के प्रहलाद भाई उपस्थित थे।
इस अवसर पर क्षेत्रीय कावा अध्यक्षा श्रीमती सुनीता निगम, श्रीमती भावना गुप्ता, डिप्टी कमांडेंट दिलाबर सिंह, श्रीमती गीता, श्रीमती आशा सहित क्षेत्रीय कावा के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।
केन्द्र में निवासरत महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता व उनको लाभान्वित करने के लिए विशेषज्ञों द्वारा पोषण एवं अंधत्व नियंत्रण के विषय पर चर्चा की गयी
मुख्य आहार विशेषज्ञ सौम्या चड्ढा नें सभी को सम्बोधित करते हुए कहा कि सभी को यह ध्यान रखना चाहिए कि हमारा आहार इस तरह का हो जिसमें वह सभी पोषक तत्व आ जाए जो शरीर के लिए आवश्यक है। उन्होंने बताया कि लें। थाली में अनाज, दाल/ प्रोटीन, सब्जी, फल, दूध, दही जैसी चीजें शामिल करें। समय पर भोजन करें, सीजनल फल और सब्जियां लें, दिनभर में 8 से 10 गिलास पानी पिएं, शारीरिक व्यायाम करें या कम से कम 30 मिनिट पैदल चलें, जरूरत से ज्यादा भोजन न करें।
ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के मेडिटेशन विशेषज्ञ बीके प्रहलाद भाई एवं बीके सुरभि नें सभी को मन को स्वस्थ्य रखने के लिए टिप्स दिए एवं राजयोग ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि राजयोग ध्यान करने से अनेक लाभ होते है। जैसे – यह तनाव कम करता है, मन को शांति और स्थिरता देता है, गुस्सा, चिंता और नकारात्मक सोच को घटाता है, एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ाता है, नींद की गुणवत्ता में सुधार लाता है। यह सब ठीक है तो शारीरिक स्वास्थ्य भी ठीक रहता है।
सेमिनार में ग्रुप केन्द्र के सैंकड़ों कार्मिकों एवं इस ग्रुप केन्द्र में निवासरत महिलाओं द्वारा बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया गया। सेमिनार के अंत में क्षेत्रीय कावा अध्यक्षा श्रीमती सुनीता निगम द्वारा डाईटीशियन सौम्या चड्ढा एवं बी के प्रहलाद भाई को स्मृति चिन्ह भेंट किए एवं विशेषज्ञों द्वारा इस विषय पर महत्वपूर्ण ज्ञानवर्धन करने हेतु धन्यवाद एवं आभार व्‍यक्‍त किया।

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खुशनुमा और स्वस्थ जीवन (एसएएफ 13 बटालियन)

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प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के द्वारा 13वीं वाहिनी विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ 13 बटालियन) में “तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली” विषय पर एक प्रेरणादायक सत्र आयोजित किया गया। जिसका उद्देश्य लोगों को मानसिक शांति, सकारात्मक सोच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रेरक वक्ता एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई तथा ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र की मुख्य संचालिका बीके आदर्श दीदी उपस्थित थीं।
इस अवसर पर एस ए एफ 13 बटालियन से प्रभारी सेनानी अनुराग पांडे, सहायक सेनानी, गुलबाग सिंह, डॉक्टर ओ पी वर्मा निरीक्षक मुनेन्द्र सिंह भदोरिया, निरीक्षक, धर्मेंद्र वर्मा, निरीक्षक मुकेश परिहार, निरीक्षक पुष्पेंद्र सिंह भदौरिया, निरीक्षक जादौन, निरीक्षक राय सिंह जयंत, समस्त पी टी एस स्टाफ एवं 350 से अधिक प्रशिक्षणार्थी सहित ब्रह्माकुमारीज से बीके सुरभि, बीके रोशनी, बीके पवन उपस्थित थे।
कार्यक्रम में बीके प्रहलाद भाई ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आज के तेज रफ़्तार जीवन में तनाव हर किसी की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। जिसकी वजह से हमारे जीवन में काफी उतार चढाव आते है। इन सबसे छूटने के लिए तनाव का सही ढंग से प्रबंधन करना ही खुशनुमा और स्वस्थ जीवन जीने की कला है। यदि तनाव पर नियंत्रण न हो तो यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ को प्रभावित करता है। इसके लिए कुछ सरल उपाय अपनाकर हम संतुलित, आनंदमय और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। उन्होंने कहा कि – सकारात्मक सोच विकसित करें, हर परिस्थिति में अच्छा पक्ष देखने का प्रयास करें, नकारात्मक विचारों से दूर रहें, योग और ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाये, रोजाना 15 से 20 मिनिट ध्यान करें जिससे मन स्थिर रहता है एवं मानसिक शांति भी मिलती है, प्राणायाम और योगासन से शरीर स्वस्थ्य रहता है, 6 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद लें, संतुलित भोजन लें, नशे से दूरी बनाकर रखें, जंक फ़ूड से बचें, व्यवस्थित दिनचर्या बनायें, कोई न कोई रोज अच्छी पुस्तक पढ़ने की आदत डालें, कार्यक्रम स्थल पर किसी भी तरह का दवाव आता है तो घबरायें नहीं, परिवार के साथ समय विताएं, हर कार्य को एक खेल की तरह से लें।
बीके प्रहलाद भाई नें अनेकानेक रचनात्मक गतिविधि भी कराई जिससे सभी का मन हल्का हुआ और उमंग उत्साह भी बढ़ा। और दिन कि शुरुआत किस तरह से करें वह भी बताया।
कार्यक्रम में बीके आदर्श दीदी नें कहा कि तनाव को दूर करने के लिए योग, ध्यान, प्राणायाम, सकारात्मक चिंतन और समय प्रबंधन जैसे उपाय बेहद प्रभावी हैं। पर्याप्त नींद और रुचियों के लिए समय निकालना जीवन को सुखद और तनावमुक्त बना सकता है साथ ही कहा कि तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है यदि हम स्वस्थ दिनचर्या और आत्म नियंत्रण को अपनाएं तो जीवन अधिक खुशनुमा और आनंदमय बन सकता है। दीदी नें सभी को राजयोग ध्यान की विधि बताई तथा सभी को उसके फायदे बताते हुए अभ्यास भी कराया।
इस अवसर पर उपस्थित प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे अपने जीवन में स्वस्थ दिनचर्या, योग ध्यान और सकारात्मक सोच को अपनायेंगे और परिवार एवं समाज के प्रेरणास्त्रोत बनेगें।
कार्यक्रम में मेडिकल ऑफिसर डॉ ओपी वर्मा ने बताया कि तनाव आता है तो लोग आसानी से नशे की तरफ भागते है जबकि वह समाधान नहीं है। समाधान के लिए हमें ब्रह्माकुमारीज़ जैसे आध्यात्मिक संस्थानों से जुड़कर ध्यान के माध्यम में हमें अपने को सकारात्मक बनाना चाहिए। इस अवसर पर अन्य पदाधिकारियों नें भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में संस्थान के लोंगो का अभिनन्दन करते हुए पौधे भेंट किए गए।

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तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी(न्यूज़ कवरेज)

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