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ग्वालियर। दुसरे दिन – तनावमुक्ति रहने के लिए करें नियमित करे मेडीटेशन: मोटीवेशनल स्पीकर उषा दीदी ने दिए तमामुक्त जीवन के मंत्र

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 जब व्यक्ति की आध्यात्मिक क्षमता क्षीण हो जाती है, तो उसके जीवन में तनाव बढऩे लगता है। फिर उसका दिमाग भी उसी तरह रिएक्ट करने लगता है। छोटी छोटी बात पर तनाव हो जाना हमारी मानसिक कमजोरी को प्रकट करता है। ब्रह्माकुमारीज के अंतरराष्ट्रीय मुख्यालय माउंट आबू से आई प्रेरक वक्ता बी के उषा दीदी ने चेंबर ऑफ  कॉमर्स के राजमाता विजयाराजे सिंधिया सभागार में तनाव मुक्त जीवन विषय पर बोलते हुए व्यक्त किए। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी के ग्वालियर केंद्र द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि तनाव का नकारात्मक प्रभाव हमारे मन के साथ हमारे तन पर भी पड़ता है। जब हम गहरे अवसाद में चले जाते हैं, तो नींद नहीं आती और हमें मनोचिकित्सकों का सहारा लेना पड़ता है। मोटी फीस लेने के बाद भी वह हमें एक ही सलाह देते हैं कि आप नियमित रूप से मेडिटेशन करें। इससे अच्छा तो यह है कि हम तनावग्रस्त हो, उससे पहले ही मेडिटेशन आरंभ कर दें। दिमाग पर जब दबाव बढ़ता है तो तनाव आना स्वाभाविक है। तनाव मुक्त होने के लिए अपनी स्पिरिचुअल इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए प्रयास करें। जिस प्रकार से हमें स्वस्थ शरीर के लिए स्वस्थ खुराक की जरूरत होती है, इसी प्रकार स्वस्थ मन के लिए भी अच्छे विचारों की खुराक की जरूरत होती है। जब हमारा मन विचारों से पुष्ट होता तो छोटी-छोटी बातें दिमाग को प्रभावित नहीं करती। जब हम थोड़ी देर के लिए भी मेडिटेशन के लिए बैठते हैं तो व्यक्ति दिन भर के लिए असीम ऊर्जा से भर जाता है । इसलिए अपने जीवन को संवारने के लिए आधा घंटा अवश्य निकालें। उन्होंने एक घटना का उदाहरण देते हुए कहा कि जिस तरह कुल्हाड़ी से लकड़ी काटने के लिए उसे लगातार धार देनी होती है। इसी तरह मन को तनाव मुक्त रखने के लिए लगातार उसे मेडिटेशन और सकारात्मक विचारों की खुराक देनी पड़ती है। आज घरों में तनाव की वजह से रिश्ते खराब हो रहे हैं, जिन्हें बचाने के लिए बुद्धि की धार को तेज करना जरूरी है और वह आध्यात्मिक भोजन से ही तेज होगी l उन्होंने बताया जापान में मेडिटेशन करने वाले और नहीं करने वालों पर शोध हो चुका है। मेडिटेशन करने वाले व्यक्ति तनाव मुक्त और अधिक क्षमतावान होते हैं। जापान की फैक्ट्री में भी काम शुरू करने से पहले मेडिटेशन कराया जाता है ताकि घर का तनाव कार्यक्षेत्र में न पहुंचे और घर आते समय भी मेडिटेशन कराया जाता है ताकि काम का तनाव घर ना ले जाए।
*6 बहनों ने चुनी ब्रह्माकुमारी बन जग कल्याण की राह 
शाम के सत्र में अंतरराष्ट्रीय प्रेरक वक्ता राजयोगिनी उषा दीदी ने आध्यात्मिक सशक्तिकरण विषय पर प्रेरक व्याख्यान दिया। आपने कहा कि व्यक्ति के सर्वांगीण व्यक्तित्व विकास के लिए आध्यात्मिक सशक्तिकरण की बेहद आवश्यता है । इससे पूर्व ब्रह्माकुमारी बहनों का समर्पण समारोह आयोजित किया गया ।जिसमें एक बहिन बीके महिमा (पीजी ह्यूमन रिसोर्स) ने पूर्णत: स्वयं को जगत कल्याण के लिए समर्पित कर भगवान शिव से विवाह किया। पूर्व में ही समर्पण कर चुकी दो बहिनों का रिसेप्शन हुआ बीके रोशनी, बीके सुरभि, तथा तीन बहिनों बीके कुमकुम, बीके काजल, बीके पूनम ने बुद्धि समर्पण कर शिव से विवाह करने का संकल्प लेकर ईश्वरीय राह की ओर कदम बढ़ा दिया।
इस मौके पर ठीक उसी तरह उत्सव मनाया गया, जैसे किसी कन्या के विवाह मेें मनाया जाता है। हल्दी मेंहदी और साज श्रृंगार से लेकर शिव बाबा की बारात में शिव के भक्त झूमकर नाचे।
जबकि व्याख्यान कार्यक्रम के शुभारंभ में दीप प्रज्वलन किया गया। सुबह के सत्र में डॉ प्रशांत लहारिया (आई एम ए अध्यक्ष), डॉ जे पी गुप्ता, वरिष्ठ समाज सेविका श्रीमती आशा सिंह, श्री शालिग्राम गोयल (भारत विकास परिषद), श्री निगम (पूर्व डिप्टी कमीश्नर ट्रांसपोर्ट), श्रीमती कल्पना बोहरे, श्री अभय चौधरी (भाजपा अध्यक्ष) श्री रमेश अग्रवाल (पूर्व विधायक), श्री प्रवीण अग्रवाल, श्री महेश कुमार (स्थानीय सम्पादक दैनिक भास्कर), श्री बसंत गोड़याले (प्रांतीय पदाधिकारी हिन्दू जागरण मंच), डॉ निर्मला शर्मा सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
जवकि कार्यक्रम के अंत में चैम्बर ऑफ़ कॉमर्स, नया बाजार असोसिएशन, पंजाबी सेवा समिति, भारत विकास परिषद, अखिल भारतीय स्वास्थ्य संघ सहित विभिन्न संगठनों ने आदरणीय दीदी जी का सम्मान किया । दीदी ने उन्हें ब्रह्माकुमारी की ओर से स्मृति चिन्ह प्रदान किया।

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म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी ने ‘सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर किया सम्मानित

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Gwalior : म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी, भारत सरकार के केंद्रीय संचार मंत्री माननीय श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी, म.प्र. विधानसभा अध्यक्ष माननीय श्री नरेंद्र सिंह तोमर जी ने ग्वालियर के दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार, कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। जिसमें ब्रह्माकुमारी रोशनी, ब्रह्माकुमारी सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में प्रदेश के अनेकानेक कैबिनेट मंत्री गण, सांसद, विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधि तथा प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।

इस अवसर पर बीके रोशनी, बीके सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह ने माननीय मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी का अभिनंदन करते हुए उन्हें ईश्वरीय सौगात भेंट की।

कार्यक्रम में शहर से अनेकानेक सम्माननीय धर्मगुरु, धार्मिक संस्थान, सामाजिक संस्थान से तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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बाल व्यक्तित्व विकास शिविर

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ब्रह्माकुमारीज केंद्र पर तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का हुआ शुभारंभ

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बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास, सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक – आदर्श दीदी

जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है – प्रहलाद भाई

ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की भगिनी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाऊंडेशन के युवा प्रभाग और शिक्षा प्रभाग के द्वारा माधवगंज स्थित प्रभु उपहार भवन में तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का शुभारंभ हुआ।
इस शिविर में बच्चों के सम्पूर्ण विकास के लिए आध्यात्मिकता, नैतिक शिक्षा, व्यवहारिक ज्ञान और सकारात्मक सोच आदि विषयों को रचनात्मक ढंग से बताया जायेगा।
शिविर के शुभारंभ में मुख्य प्रशिक्षक के रूप में उपस्थित मोटिवेशनल स्पीकर एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई ने नए सभी बच्चों को मोटिवेट करते हुए मजेदार शिक्षाप्रद कहानियाँ सुनाकर शिविर की शुरुआत की। उन्होंने एक रचनात्मक एक्टिविटी के माध्यम से शिविर में उपस्थित बच्चों को सिखाया कि हमें ध्यान से सुनना चाहिए। क्योकि ध्यान से सुनने का बहुत महत्व है। जबकि सुनने से ज्यादा हम देखकर कर्म करते है, हम जैसा देखते है वैसा हम बनते चले जाते है। यदि हम कुछ गलत चीजों को देखते है या हमारे सामने कोई गलती कर रहा है तो उसका प्रभाव भी हमारे जीवन पर पड़ता है। इसलिए हमेशा टीवी या मोबाईल पर कुछ देखते है तो अच्छा ही देखे।
उन्होंने कहा कि अच्छे गुणों और संस्कारों का बीज बोने का यह सही समय है। इस समय अंदर लचीलापन होता है। सही शब्दों में कहा जाए तो व्यक्तित्व का निर्माण और जीवन को दिशा देने का काम इसी समयावधि में हो सकता है। हम जैसा बनना चाहें वैसा अपने को बना सकते हैं। आजकल कई बच्चे अपना कीमती समय मोबाइल पर नष्ट कर रहे हैं। अभिभावक और शिक्षक चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। इस समय में मोबाईल का ज्यादा उपयोग करना हमारे लिए बहुत नुकशान दायक है । मोबाईल हमारी सुविधा के लिए है पढ़ाई आदि के लिए ही हम इसे थोडा बहुत उपयोग कर सकते है। बांकी और और चीजों में हमें नहीं जाना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि सभी बच्चो को प्रातः सूर्योदय से पहले जाग जाना चाहिए तथा रात्रि को जल्दी सोना चाहिए। देर रात तक नहीं जागना चाहिए। सभी बच्चों को अपने माता पिता कहना मानना चाहिए। हरेक माता पिता अपने बच्चों की भलाई के लिए ही उन्हें समझाते है कभी भी माता पिता से नाराज नहीं होना चाहिए। जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है। और वह जीवन में आगे बढ़ते जाते है। इस पर एक रोचक कहानी भी बच्चों को सुनाई।
आगे भाई जी ने बच्चों को मन बुद्धि और संस्कार के बारे में बताया कि कैसे हम अच्छा सोचकर अपने अन्दर अच्छी आदतों को डाल सकते है। और अपनी ख़राब आदतों को छोड़ सकते है।


कार्यक्रम में बच्चो को मेडिटेशन (ध्यान) की सरल विधि सिखाई गई साथ ही ध्यान का अभ्यास भी कराया गया।
इस अवसर पर केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि हम थोडा समय पढ़ाई से पूर्व या कोई कार्य करने से पूर्व राजयोग ध्यान का अभ्यास करते है। अथवा परमात्मा को याद करते है तो हमें सफलता अवश्य मिलती है, साथ ही हमारी एकाग्रता भी बढती है। दीदी ने आगे कहा कि हमें इतना सुंदर जीवन मिला है तो उसके लिए हमें ईश्वर का शुक्रिया अदा करना चाहिए, साथ ही उन सभी का शुक्रिया करना चाहिए जो हमारे जीवन को अच्छा बनाने में हमारे मददगार है जैसे माता-पिता एवं गुरुजन आदि।
दीदी ने आगे बताया कि बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास और सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक है। यह शिविर निश्चित ही बच्चों में दिव्य गुणों की धारणा और चारित्रिक विकास में मददगार साबित होगा। जो बच्चे बचपन से ही आध्यात्मिक शिक्षा और नैतिक शिक्षा और व्यवहारिक शिक्षा से जुड़ते है, तो वह न केवल बड़े होकर एक अच्छे नागरिक बनते है, बल्कि समाज और विश्व के लिए भी एक प्रेरणा और आदर्श बनकर उभरते है।
अंत में शिक्षाप्रद गेम भी खिलाये गए जिसका बच्चों ने आनंद लिया|
इस अवसर पर बीके जीतू, बीके सुरभि, बीके रोशनी, रीता मिड्ढा सहित अनेकानेक बच्चो के पैरेंट्स भी उपस्थित थे।

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