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Indraganj Lashkar

“इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ग्वालियर” के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों का किया सम्मान” (09-10-2022)

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इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ग्वालियर” के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों का किया सम्मान”

लश्कर ग्वालियर  :  प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की सहयोगी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के मेडिकल विंग द्वारा प्रभु उपहार भवन माधौगंज केंद्र पर “इंडियन  मेडिकल एसोसिएशन ग्वालियर” के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों एवं सदस्यों के लिए सम्मान समारोह का कार्यक्रम आयोजित किया गया l

कार्यक्रम में मुख्य रूप से  डॉꓸ राहुल सप्रा (अध्यक्ष IMA), डॉꓸ प्रशांत लहारिया (इलेक्ट अध्यक्ष), डॉꓸ ब्रजेश सिंघल (सेक्रेटरी IMA), माउंट आबू राजस्थान से ऑनलाइन जुड़े डॉꓸ बनारसीलाल भाई (सेक्रेटरी मेडिकल विंग ब्रह्माकुमारीज),  ब्रह्माकुमारीज़ लश्कर ग्वालियर की मुख्य इंचार्ज ब्रह्माकुमारी आदर्श दीदी और ब्रह्माकुमार प्रहलाद भाई उपस्थित रहे l

साथ ही IMA के अन्य पदाधिकारी डॉꓸ स्नेहलता दुबे, डॉꓸ गजराज सिंह गुर्जर, डॉꓸपीꓸवीꓸ आर्य,  डॉꓸ अमित निरंजन, डॉꓸ जी एस गुप्ता, डॉꓸ अलोक श्रीवास्तव, डॉꓸ जितेन्द्र अग्रवाल, डॉꓸ प्रतीक जैन, डॉꓸअमित अग्रवाल, डॉꓸ संदीप वाजपेयी, डॉꓸ ज्योति प्रियदर्शनी, डॉꓸएच पी अग्रवाल, डॉꓸ मनोज बंसल, डॉꓸ मेघा बांदिल, डॉꓸ सुरेखा सप्रा, डॉꓸ निर्मला कंचन एवं डॉꓸ हिना सहित अनेकानेक लोग उपस्थित थे |

कार्यक्रम के शुभारम्भ में ब्रह्माकुमार प्रहलाद भाई  ने सभी का स्वागत अभिनन्दन किया सभी को शुभकामनाएँ दी| साथ ही  संस्था का परिचय देते हुए सभी को हर परिस्थिति में खुश रहने के लिए बातें भी बताई –

  • प्रतिदिन दिन की शुरुवात सकारात्मक संकल्पों के साथ करें l
  • मैडिटेशन का अभ्यास प्रतिदिन करें l
  • हर एक के प्रति सहयोग और दया का भाव रखें l
  • सब में विशेषता का गुण ही देखें l
  • व्यर्थ और नकारात्मक विचारों से बचे l

तत्पश्चात ब्रह्माकुमारी आदर्श दीदी जी  ने सभी को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि वर्तमान समय की बात की जाए तो बीमारियों का लेवल दिन प्रतिदिन कितना तेज़ी से बढ़ता जा रहा है और सबसे बड़ा बीमारी का कारण है – चिंता, भय और तनाव l आज मनुष्य मानसिक और शारीरिक दोनों ही रूप  से बीमार हो गया हैं। क्योंकि  प्रत्येक मनुष्य की दिनचर्या एक दम व्यस्ताओं से घिरी हुई हैl  ऐसे समय में हर व्यक्ति स्वस्थ्य रहे खुश रहे उसके लिए प्रतिदिन सुबह उठते ही सबसे पहले ईश्वर का धन्यवाद करें और स्वयं को सकारात्मक और शक्तिशाली  विचारों से भरपूर करें तो आप देखेंगे आपका पूरा दिन कितना अच्छा व्यतीत होगा और कार्य करने की क्षमता भी बढ़ जाएगी l तो आज मैं सभी डॉक्टर्स से यह कहना चाहूंगी की आप सभी बीमार व्यक्ति को ठीक करने में विशेष भूमिका निभाते हैं l तो स्वयं भी प्रतिदिन ईश्वर की शक्तियों से खुद को भरपूर करें और हॉस्पिटल में आने वाले हर व्यक्ति को सकारात्मकता की ओर प्रेरित करें l

 

डॉ बी के बनारसीलाल भाई ने सभी उपस्थित सभी डॉक्टर्स को शुभकामनाएं दीं और कहा की हम सभी आज से एक संकल्प पक्का करें की शहर के साथ – साथ गाँव में रहने वाले भाइयों, बहनों, बच्चों और बुजुर्गों को भी व्यसन मुक्त और बीमारियों से मुक्त बनाने का कार्य करें  तथा उनको आध्यात्मिक शिक्षा के साथ साथ मैडिटेशन की शिक्षा भी प्रदान करें तब यह भारत पूर्ण रूप से स्वस्थ और व्यसन मुक्त कहलायेगा l

 

डॉ राहुल सप्रा  ने कहा की पहले की बात अगर मैं करूँ  तो छोटी – छोटी बात पर मुझे बहुत गुस्सा आता था l परन्तु जब से मैं ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के संपर्क में आया हूँ तो स्वयं में एक परिवर्तन अनुभव कर रह हूँ l अब मैं ज़्यादातर यह  प्रयास करता हूँ की अगर कोई मुझ से आकर कुछ बोलता भी है तो मैं गुस्सा करने के बजाये सामने वाले व्यक्ति के प्रति सकारात्मक  भाव ही रखता हूँ l और दूसरी जो बात इस संस्था में आकर मुझे सीखने को मिली वो है की बदले की भावना को हटा कर सबके लिए सहयोग और प्रेम का भाव रखना ज़रूरी है  l

डॉ प्रशांत लहारिया जी  ने संस्था की प्रशंसा करते हुए कहा कि मैं बस सबको यही बताना चाहूँगा कि जीवन में हम शांत रह कर जो काम कर सकते हैं वो गुस्से से नहीं कर सकते हैं और यह मेरा खुद का अनुभव हैl अगर आप शांत हैं तो आपसे बाकी सबको भी शांति अनुभव होगी और आपके कार्यस्थल का माहौल भी एक दम शांतमय होगा l

डॉ ब्रजेश सिंघल ने भी इस अवसर पर अपनी शुभ कामनाएं रखीं और संस्थान के साथ जुड़नें के अनुभव सभी के साथ शेयर कियेl

कार्यक्रम के अंत में बी के आदर्श दीदी  एवं अन्य अतिथियों के द्वारा सभी को दुपट्टा ओढाकर, एवं स्मृति चिन्ह, प्रसाद एवं ईश्वरीय सौगात देकर सम्मानित किया गया l

अंत में बी के पवन ने सभी का आभार व्यक्त किया l

कार्यक्रम में बीके सुरभि, खुशबू, रोशनी, विजेंद्र, संजय, सुरेन्द्र, वीरेंद्र, सतीश, गणेश, देवेन्द्र, सहित अनेकानेक सेवाधारी उपस्थित रहे l

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म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी ने ‘सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर किया सम्मानित

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Gwalior : म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी, भारत सरकार के केंद्रीय संचार मंत्री माननीय श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी, म.प्र. विधानसभा अध्यक्ष माननीय श्री नरेंद्र सिंह तोमर जी ने ग्वालियर के दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार, कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। जिसमें ब्रह्माकुमारी रोशनी, ब्रह्माकुमारी सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में प्रदेश के अनेकानेक कैबिनेट मंत्री गण, सांसद, विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधि तथा प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।

इस अवसर पर बीके रोशनी, बीके सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह ने माननीय मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी का अभिनंदन करते हुए उन्हें ईश्वरीय सौगात भेंट की।

कार्यक्रम में शहर से अनेकानेक सम्माननीय धर्मगुरु, धार्मिक संस्थान, सामाजिक संस्थान से तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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बाल व्यक्तित्व विकास शिविर

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ब्रह्माकुमारीज केंद्र पर तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का हुआ शुभारंभ

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बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास, सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक – आदर्श दीदी

जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है – प्रहलाद भाई

ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की भगिनी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाऊंडेशन के युवा प्रभाग और शिक्षा प्रभाग के द्वारा माधवगंज स्थित प्रभु उपहार भवन में तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का शुभारंभ हुआ।
इस शिविर में बच्चों के सम्पूर्ण विकास के लिए आध्यात्मिकता, नैतिक शिक्षा, व्यवहारिक ज्ञान और सकारात्मक सोच आदि विषयों को रचनात्मक ढंग से बताया जायेगा।
शिविर के शुभारंभ में मुख्य प्रशिक्षक के रूप में उपस्थित मोटिवेशनल स्पीकर एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई ने नए सभी बच्चों को मोटिवेट करते हुए मजेदार शिक्षाप्रद कहानियाँ सुनाकर शिविर की शुरुआत की। उन्होंने एक रचनात्मक एक्टिविटी के माध्यम से शिविर में उपस्थित बच्चों को सिखाया कि हमें ध्यान से सुनना चाहिए। क्योकि ध्यान से सुनने का बहुत महत्व है। जबकि सुनने से ज्यादा हम देखकर कर्म करते है, हम जैसा देखते है वैसा हम बनते चले जाते है। यदि हम कुछ गलत चीजों को देखते है या हमारे सामने कोई गलती कर रहा है तो उसका प्रभाव भी हमारे जीवन पर पड़ता है। इसलिए हमेशा टीवी या मोबाईल पर कुछ देखते है तो अच्छा ही देखे।
उन्होंने कहा कि अच्छे गुणों और संस्कारों का बीज बोने का यह सही समय है। इस समय अंदर लचीलापन होता है। सही शब्दों में कहा जाए तो व्यक्तित्व का निर्माण और जीवन को दिशा देने का काम इसी समयावधि में हो सकता है। हम जैसा बनना चाहें वैसा अपने को बना सकते हैं। आजकल कई बच्चे अपना कीमती समय मोबाइल पर नष्ट कर रहे हैं। अभिभावक और शिक्षक चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। इस समय में मोबाईल का ज्यादा उपयोग करना हमारे लिए बहुत नुकशान दायक है । मोबाईल हमारी सुविधा के लिए है पढ़ाई आदि के लिए ही हम इसे थोडा बहुत उपयोग कर सकते है। बांकी और और चीजों में हमें नहीं जाना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि सभी बच्चो को प्रातः सूर्योदय से पहले जाग जाना चाहिए तथा रात्रि को जल्दी सोना चाहिए। देर रात तक नहीं जागना चाहिए। सभी बच्चों को अपने माता पिता कहना मानना चाहिए। हरेक माता पिता अपने बच्चों की भलाई के लिए ही उन्हें समझाते है कभी भी माता पिता से नाराज नहीं होना चाहिए। जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है। और वह जीवन में आगे बढ़ते जाते है। इस पर एक रोचक कहानी भी बच्चों को सुनाई।
आगे भाई जी ने बच्चों को मन बुद्धि और संस्कार के बारे में बताया कि कैसे हम अच्छा सोचकर अपने अन्दर अच्छी आदतों को डाल सकते है। और अपनी ख़राब आदतों को छोड़ सकते है।


कार्यक्रम में बच्चो को मेडिटेशन (ध्यान) की सरल विधि सिखाई गई साथ ही ध्यान का अभ्यास भी कराया गया।
इस अवसर पर केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि हम थोडा समय पढ़ाई से पूर्व या कोई कार्य करने से पूर्व राजयोग ध्यान का अभ्यास करते है। अथवा परमात्मा को याद करते है तो हमें सफलता अवश्य मिलती है, साथ ही हमारी एकाग्रता भी बढती है। दीदी ने आगे कहा कि हमें इतना सुंदर जीवन मिला है तो उसके लिए हमें ईश्वर का शुक्रिया अदा करना चाहिए, साथ ही उन सभी का शुक्रिया करना चाहिए जो हमारे जीवन को अच्छा बनाने में हमारे मददगार है जैसे माता-पिता एवं गुरुजन आदि।
दीदी ने आगे बताया कि बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास और सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक है। यह शिविर निश्चित ही बच्चों में दिव्य गुणों की धारणा और चारित्रिक विकास में मददगार साबित होगा। जो बच्चे बचपन से ही आध्यात्मिक शिक्षा और नैतिक शिक्षा और व्यवहारिक शिक्षा से जुड़ते है, तो वह न केवल बड़े होकर एक अच्छे नागरिक बनते है, बल्कि समाज और विश्व के लिए भी एक प्रेरणा और आदर्श बनकर उभरते है।
अंत में शिक्षाप्रद गेम भी खिलाये गए जिसका बच्चों ने आनंद लिया|
इस अवसर पर बीके जीतू, बीके सुरभि, बीके रोशनी, रीता मिड्ढा सहित अनेकानेक बच्चो के पैरेंट्स भी उपस्थित थे।

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