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Indraganj Lashkar

जीवन को श्रेष्ठ बनाने का साधन “आर्ट ऑफ़ लीविंग” का अभ्यास – ब्रह्माकुमार डॉ.गुरुचरण भाई (27-09-2022)

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http://www.newindiatimes.net/?p=90186

लश्कर ग्वालियर : आज़ादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर थीम के अंतर्गत प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की सहयोगी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के व्यवसाय एवं उद्योग प्रभाग द्वारा नवरात्री के पावन पर्व पर कार्यक्रम का आयोजन किया गयाl

इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से ब्रह्माकुमारीज़ लश्कर की मुख्य इंचार्ज ब्रह्माकुमारी आदर्श दीदी जी, ब्रह्माकुमार डॉ. गुरुचरण भाई, ब्रह्माकुमार प्रहलाद भाई उपस्थित थे l साथ ही व्यापारिक क्षेत्र से राजकुमार गंगवानी, संतोष वाधवानी, गिरधारी लाल, अशोक कुमार, सुरेश खत्री सहित अनेकानेक लोग उपस्थित रहे।

कार्यक्रम में ब्रह्माकुमार डॉ.गुरुचरण भाईजी ने सभी को नवरात्री का आध्यात्मिक रहस्य स्पष्ट किया तत्पश्चात जीवन के आवश्यक बातों को बताते हुए कहा कि आज जिस भी क्षेत्र की हम बात करें सबमें ट्रेनिंग मानो एक अहम् हिस्सा बन गया हैl तो उसी तरह से जीवन को जीने की भी ट्रेनिंग होती है उसे कहते है “आर्ट ऑफ़ लिविंग ” अर्थात किस रीती से हम अपने जीवन को अच्छे से अच्छा बना कर जिएं यह भी एक कला हैl

अगर महाभारत की बात करें तो कहते है ईश्वर ने सभी पांडवो को युद्ध के मैदान में ट्रैनिंग दी कि किस प्रकार युद्ध को लड़ना है और उस ज्ञान की वजह से ही पांडवो को जीत भी हासिल हुई उसी प्रकार आज स्वयं पिता परमात्मा भी हम सबको एक महत्वपूर्ण ट्रैनिंग दे रहे और वह है “आर्ट ऑफ़ लीविंग” अर्थात छोड़ना l परमात्मा हम सभी को शिक्षा दे रहे हैं की जो भी पुराने स्वाभाव – संस्कार हैं, पुरानी बातें हैं जिन्हें हम सभी ने आज तक पकड़कर रखा है उन्हें छोड़ना है l वर्तमान समय में बीमारी चिंता आदि बढ़ने का मुख्य कारण है की हमारे मन ने अभी तक उन बातों को, संस्कारो को पकड़ कर रखा है इसीलिए हमारे तन को भी आदत हो गयी है बीमारियों को पकड़ कर रखने की l परन्तु अगर अपने मन को और तन को स्वस्थ बनाना चाहते हैं तो “आर्ट ऑफ़ लिविंग ” के साथ साथ “आर्ट ऑफ़ लीविंग” पर भी काम करना अनिवार्य है तब आपका जीवन स्वतः ही श्रेष्ठ और खुशहाल बन जायेगा l

ब्रह्माकुमारी आदर्श दीदी जी ने सभी को नवरात्री के पावन पर्व की शुभकामनाएं दीं और बताया कि वर्तमान समय की बात की जाए तो व्यक्ति अपने कारोबार में इतना व्यस्त हो गयें है की स्वयं के लिए ही समय निकालना बहुत मुश्किल लगता है l आज कारोबार में एक बात जो बहुत सुनने में आती है कि व्यापार करते – करते लोग एक दूसरे को धोखा दे देते हैं, क्योंकि लोगो की सोच ऐसी हो गयी है कि मैं सामने वाले से ज़्यादा धनवान कैसे बनूँ और उसके लिए गलत तरीके से धन कमाने लग जाते हैं, यही फिर व्यक्ति के जीवन में अशांति एवं दुख का कारण बनता है। इसलिए सभी को आज अच्छा जीवन जीने के लिए सही मार्गदर्शन की आवश्यकता है l सबसे पहले अपने जीवन में राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास रोज़ाना करें तो आप देखेंगे हर एक समस्या का समाधान आपको ज़रूर मिल जायेगा और यह आपको जीवन में सही रास्ते पर चलने की भी शिक्षा देगाl मेडिटेशन का अभ्यास करने से आपका वर्तमान तो अच्छा बनेगा ही साथ ही भविष्य भी सुधर जायेगाl

दूसरी बात जो हम सभी को आज से अपने जीवन में पक्का करने की आवश्यकता है वो है की सबके प्रति प्यार और स्नेह की भावना रखनी है किसी के भी प्रति बदले की भावना, इर्ष्या भाव नहीं रखना है क्योंकि आपके विचार सबके लिए सकारात्मक हो जायेंगे तो आपका जीवन स्वतः ही संपन्न बन जायेगा l

कार्यक्रम का कुशल संचालन तथा आभार ब्रह्माकुमार प्रहलाद भाई के द्वारा किया गया l

कार्यक्रम में बी.के. पवन, सुरभि, बिजेंद्र एवं व्यापार से जुड़े अनेक भाई एवं बहनें उपस्थित रहे l

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सीआरपीएफ संतुलित आहार

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सीआरपीएफ समूह केंद्र में क्षेत्रीय परिवार कल्याण केन्द्र के सहयोग से सेमिनार का आयोजन

ग्वालियर। सीआरपीएफ समूह केंद्र में क्षेत्रीय परिवार कल्याण केन्द्र के सहयोग से एक सेमिनार व वक्तव्य का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम समूह केन्द्र के तानसेन क्लब में आयोजित हुआ। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डाईटीशियन सौम्या चड्ढा, ब्रह्माकुमारीज संस्थान से प्रेरक वक्ता बी के प्रहलाद भाई उपस्थित थे।
इस अवसर पर क्षेत्रीय कावा अध्यक्षा श्रीमती सुनीता निगम, श्रीमती भावना गुप्ता, डिप्टी कमांडेंट दिलाबर सिंह, श्रीमती गीता, श्रीमती आशा सहित क्षेत्रीय कावा के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।
केन्द्र में निवासरत महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता व उनको लाभान्वित करने के लिए विशेषज्ञों द्वारा पोषण एवं अंधत्व नियंत्रण के विषय पर चर्चा की गयी
मुख्य आहार विशेषज्ञ सौम्या चड्ढा नें सभी को सम्बोधित करते हुए कहा कि सभी को यह ध्यान रखना चाहिए कि हमारा आहार इस तरह का हो जिसमें वह सभी पोषक तत्व आ जाए जो शरीर के लिए आवश्यक है। उन्होंने बताया कि लें। थाली में अनाज, दाल/ प्रोटीन, सब्जी, फल, दूध, दही जैसी चीजें शामिल करें। समय पर भोजन करें, सीजनल फल और सब्जियां लें, दिनभर में 8 से 10 गिलास पानी पिएं, शारीरिक व्यायाम करें या कम से कम 30 मिनिट पैदल चलें, जरूरत से ज्यादा भोजन न करें।
ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के मेडिटेशन विशेषज्ञ बीके प्रहलाद भाई एवं बीके सुरभि नें सभी को मन को स्वस्थ्य रखने के लिए टिप्स दिए एवं राजयोग ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि राजयोग ध्यान करने से अनेक लाभ होते है। जैसे – यह तनाव कम करता है, मन को शांति और स्थिरता देता है, गुस्सा, चिंता और नकारात्मक सोच को घटाता है, एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ाता है, नींद की गुणवत्ता में सुधार लाता है। यह सब ठीक है तो शारीरिक स्वास्थ्य भी ठीक रहता है।
सेमिनार में ग्रुप केन्द्र के सैंकड़ों कार्मिकों एवं इस ग्रुप केन्द्र में निवासरत महिलाओं द्वारा बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया गया। सेमिनार के अंत में क्षेत्रीय कावा अध्यक्षा श्रीमती सुनीता निगम द्वारा डाईटीशियन सौम्या चड्ढा एवं बी के प्रहलाद भाई को स्मृति चिन्ह भेंट किए एवं विशेषज्ञों द्वारा इस विषय पर महत्वपूर्ण ज्ञानवर्धन करने हेतु धन्यवाद एवं आभार व्‍यक्‍त किया।

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खुशनुमा और स्वस्थ जीवन (एसएएफ 13 बटालियन)

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प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के द्वारा 13वीं वाहिनी विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ 13 बटालियन) में “तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली” विषय पर एक प्रेरणादायक सत्र आयोजित किया गया। जिसका उद्देश्य लोगों को मानसिक शांति, सकारात्मक सोच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रेरक वक्ता एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई तथा ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र की मुख्य संचालिका बीके आदर्श दीदी उपस्थित थीं।
इस अवसर पर एस ए एफ 13 बटालियन से प्रभारी सेनानी अनुराग पांडे, सहायक सेनानी, गुलबाग सिंह, डॉक्टर ओ पी वर्मा निरीक्षक मुनेन्द्र सिंह भदोरिया, निरीक्षक, धर्मेंद्र वर्मा, निरीक्षक मुकेश परिहार, निरीक्षक पुष्पेंद्र सिंह भदौरिया, निरीक्षक जादौन, निरीक्षक राय सिंह जयंत, समस्त पी टी एस स्टाफ एवं 350 से अधिक प्रशिक्षणार्थी सहित ब्रह्माकुमारीज से बीके सुरभि, बीके रोशनी, बीके पवन उपस्थित थे।
कार्यक्रम में बीके प्रहलाद भाई ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आज के तेज रफ़्तार जीवन में तनाव हर किसी की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। जिसकी वजह से हमारे जीवन में काफी उतार चढाव आते है। इन सबसे छूटने के लिए तनाव का सही ढंग से प्रबंधन करना ही खुशनुमा और स्वस्थ जीवन जीने की कला है। यदि तनाव पर नियंत्रण न हो तो यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ को प्रभावित करता है। इसके लिए कुछ सरल उपाय अपनाकर हम संतुलित, आनंदमय और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। उन्होंने कहा कि – सकारात्मक सोच विकसित करें, हर परिस्थिति में अच्छा पक्ष देखने का प्रयास करें, नकारात्मक विचारों से दूर रहें, योग और ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाये, रोजाना 15 से 20 मिनिट ध्यान करें जिससे मन स्थिर रहता है एवं मानसिक शांति भी मिलती है, प्राणायाम और योगासन से शरीर स्वस्थ्य रहता है, 6 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद लें, संतुलित भोजन लें, नशे से दूरी बनाकर रखें, जंक फ़ूड से बचें, व्यवस्थित दिनचर्या बनायें, कोई न कोई रोज अच्छी पुस्तक पढ़ने की आदत डालें, कार्यक्रम स्थल पर किसी भी तरह का दवाव आता है तो घबरायें नहीं, परिवार के साथ समय विताएं, हर कार्य को एक खेल की तरह से लें।
बीके प्रहलाद भाई नें अनेकानेक रचनात्मक गतिविधि भी कराई जिससे सभी का मन हल्का हुआ और उमंग उत्साह भी बढ़ा। और दिन कि शुरुआत किस तरह से करें वह भी बताया।
कार्यक्रम में बीके आदर्श दीदी नें कहा कि तनाव को दूर करने के लिए योग, ध्यान, प्राणायाम, सकारात्मक चिंतन और समय प्रबंधन जैसे उपाय बेहद प्रभावी हैं। पर्याप्त नींद और रुचियों के लिए समय निकालना जीवन को सुखद और तनावमुक्त बना सकता है साथ ही कहा कि तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है यदि हम स्वस्थ दिनचर्या और आत्म नियंत्रण को अपनाएं तो जीवन अधिक खुशनुमा और आनंदमय बन सकता है। दीदी नें सभी को राजयोग ध्यान की विधि बताई तथा सभी को उसके फायदे बताते हुए अभ्यास भी कराया।
इस अवसर पर उपस्थित प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे अपने जीवन में स्वस्थ दिनचर्या, योग ध्यान और सकारात्मक सोच को अपनायेंगे और परिवार एवं समाज के प्रेरणास्त्रोत बनेगें।
कार्यक्रम में मेडिकल ऑफिसर डॉ ओपी वर्मा ने बताया कि तनाव आता है तो लोग आसानी से नशे की तरफ भागते है जबकि वह समाधान नहीं है। समाधान के लिए हमें ब्रह्माकुमारीज़ जैसे आध्यात्मिक संस्थानों से जुड़कर ध्यान के माध्यम में हमें अपने को सकारात्मक बनाना चाहिए। इस अवसर पर अन्य पदाधिकारियों नें भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में संस्थान के लोंगो का अभिनन्दन करते हुए पौधे भेंट किए गए।

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तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी(न्यूज़ कवरेज)

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