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Indraganj Lashkar

जीवन को श्रेष्ठ बनाने का साधन “आर्ट ऑफ़ लीविंग” का अभ्यास – ब्रह्माकुमार डॉ.गुरुचरण भाई (27-09-2022)

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लश्कर ग्वालियर : आज़ादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर थीम के अंतर्गत प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की सहयोगी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के व्यवसाय एवं उद्योग प्रभाग द्वारा नवरात्री के पावन पर्व पर कार्यक्रम का आयोजन किया गयाl

इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से ब्रह्माकुमारीज़ लश्कर की मुख्य इंचार्ज ब्रह्माकुमारी आदर्श दीदी जी, ब्रह्माकुमार डॉ. गुरुचरण भाई, ब्रह्माकुमार प्रहलाद भाई उपस्थित थे l साथ ही व्यापारिक क्षेत्र से राजकुमार गंगवानी, संतोष वाधवानी, गिरधारी लाल, अशोक कुमार, सुरेश खत्री सहित अनेकानेक लोग उपस्थित रहे।

कार्यक्रम में ब्रह्माकुमार डॉ.गुरुचरण भाईजी ने सभी को नवरात्री का आध्यात्मिक रहस्य स्पष्ट किया तत्पश्चात जीवन के आवश्यक बातों को बताते हुए कहा कि आज जिस भी क्षेत्र की हम बात करें सबमें ट्रेनिंग मानो एक अहम् हिस्सा बन गया हैl तो उसी तरह से जीवन को जीने की भी ट्रेनिंग होती है उसे कहते है “आर्ट ऑफ़ लिविंग ” अर्थात किस रीती से हम अपने जीवन को अच्छे से अच्छा बना कर जिएं यह भी एक कला हैl

अगर महाभारत की बात करें तो कहते है ईश्वर ने सभी पांडवो को युद्ध के मैदान में ट्रैनिंग दी कि किस प्रकार युद्ध को लड़ना है और उस ज्ञान की वजह से ही पांडवो को जीत भी हासिल हुई उसी प्रकार आज स्वयं पिता परमात्मा भी हम सबको एक महत्वपूर्ण ट्रैनिंग दे रहे और वह है “आर्ट ऑफ़ लीविंग” अर्थात छोड़ना l परमात्मा हम सभी को शिक्षा दे रहे हैं की जो भी पुराने स्वाभाव – संस्कार हैं, पुरानी बातें हैं जिन्हें हम सभी ने आज तक पकड़कर रखा है उन्हें छोड़ना है l वर्तमान समय में बीमारी चिंता आदि बढ़ने का मुख्य कारण है की हमारे मन ने अभी तक उन बातों को, संस्कारो को पकड़ कर रखा है इसीलिए हमारे तन को भी आदत हो गयी है बीमारियों को पकड़ कर रखने की l परन्तु अगर अपने मन को और तन को स्वस्थ बनाना चाहते हैं तो “आर्ट ऑफ़ लिविंग ” के साथ साथ “आर्ट ऑफ़ लीविंग” पर भी काम करना अनिवार्य है तब आपका जीवन स्वतः ही श्रेष्ठ और खुशहाल बन जायेगा l

ब्रह्माकुमारी आदर्श दीदी जी ने सभी को नवरात्री के पावन पर्व की शुभकामनाएं दीं और बताया कि वर्तमान समय की बात की जाए तो व्यक्ति अपने कारोबार में इतना व्यस्त हो गयें है की स्वयं के लिए ही समय निकालना बहुत मुश्किल लगता है l आज कारोबार में एक बात जो बहुत सुनने में आती है कि व्यापार करते – करते लोग एक दूसरे को धोखा दे देते हैं, क्योंकि लोगो की सोच ऐसी हो गयी है कि मैं सामने वाले से ज़्यादा धनवान कैसे बनूँ और उसके लिए गलत तरीके से धन कमाने लग जाते हैं, यही फिर व्यक्ति के जीवन में अशांति एवं दुख का कारण बनता है। इसलिए सभी को आज अच्छा जीवन जीने के लिए सही मार्गदर्शन की आवश्यकता है l सबसे पहले अपने जीवन में राजयोग मेडिटेशन का अभ्यास रोज़ाना करें तो आप देखेंगे हर एक समस्या का समाधान आपको ज़रूर मिल जायेगा और यह आपको जीवन में सही रास्ते पर चलने की भी शिक्षा देगाl मेडिटेशन का अभ्यास करने से आपका वर्तमान तो अच्छा बनेगा ही साथ ही भविष्य भी सुधर जायेगाl

दूसरी बात जो हम सभी को आज से अपने जीवन में पक्का करने की आवश्यकता है वो है की सबके प्रति प्यार और स्नेह की भावना रखनी है किसी के भी प्रति बदले की भावना, इर्ष्या भाव नहीं रखना है क्योंकि आपके विचार सबके लिए सकारात्मक हो जायेंगे तो आपका जीवन स्वतः ही संपन्न बन जायेगा l

कार्यक्रम का कुशल संचालन तथा आभार ब्रह्माकुमार प्रहलाद भाई के द्वारा किया गया l

कार्यक्रम में बी.के. पवन, सुरभि, बिजेंद्र एवं व्यापार से जुड़े अनेक भाई एवं बहनें उपस्थित रहे l

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म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी ने ‘सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर किया सम्मानित

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Gwalior : म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी, भारत सरकार के केंद्रीय संचार मंत्री माननीय श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी, म.प्र. विधानसभा अध्यक्ष माननीय श्री नरेंद्र सिंह तोमर जी ने ग्वालियर के दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार, कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। जिसमें ब्रह्माकुमारी रोशनी, ब्रह्माकुमारी सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में प्रदेश के अनेकानेक कैबिनेट मंत्री गण, सांसद, विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधि तथा प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।

इस अवसर पर बीके रोशनी, बीके सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह ने माननीय मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी का अभिनंदन करते हुए उन्हें ईश्वरीय सौगात भेंट की।

कार्यक्रम में शहर से अनेकानेक सम्माननीय धर्मगुरु, धार्मिक संस्थान, सामाजिक संस्थान से तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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बाल व्यक्तित्व विकास शिविर

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ब्रह्माकुमारीज केंद्र पर तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का हुआ शुभारंभ

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बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास, सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक – आदर्श दीदी

जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है – प्रहलाद भाई

ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की भगिनी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाऊंडेशन के युवा प्रभाग और शिक्षा प्रभाग के द्वारा माधवगंज स्थित प्रभु उपहार भवन में तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का शुभारंभ हुआ।
इस शिविर में बच्चों के सम्पूर्ण विकास के लिए आध्यात्मिकता, नैतिक शिक्षा, व्यवहारिक ज्ञान और सकारात्मक सोच आदि विषयों को रचनात्मक ढंग से बताया जायेगा।
शिविर के शुभारंभ में मुख्य प्रशिक्षक के रूप में उपस्थित मोटिवेशनल स्पीकर एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई ने नए सभी बच्चों को मोटिवेट करते हुए मजेदार शिक्षाप्रद कहानियाँ सुनाकर शिविर की शुरुआत की। उन्होंने एक रचनात्मक एक्टिविटी के माध्यम से शिविर में उपस्थित बच्चों को सिखाया कि हमें ध्यान से सुनना चाहिए। क्योकि ध्यान से सुनने का बहुत महत्व है। जबकि सुनने से ज्यादा हम देखकर कर्म करते है, हम जैसा देखते है वैसा हम बनते चले जाते है। यदि हम कुछ गलत चीजों को देखते है या हमारे सामने कोई गलती कर रहा है तो उसका प्रभाव भी हमारे जीवन पर पड़ता है। इसलिए हमेशा टीवी या मोबाईल पर कुछ देखते है तो अच्छा ही देखे।
उन्होंने कहा कि अच्छे गुणों और संस्कारों का बीज बोने का यह सही समय है। इस समय अंदर लचीलापन होता है। सही शब्दों में कहा जाए तो व्यक्तित्व का निर्माण और जीवन को दिशा देने का काम इसी समयावधि में हो सकता है। हम जैसा बनना चाहें वैसा अपने को बना सकते हैं। आजकल कई बच्चे अपना कीमती समय मोबाइल पर नष्ट कर रहे हैं। अभिभावक और शिक्षक चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। इस समय में मोबाईल का ज्यादा उपयोग करना हमारे लिए बहुत नुकशान दायक है । मोबाईल हमारी सुविधा के लिए है पढ़ाई आदि के लिए ही हम इसे थोडा बहुत उपयोग कर सकते है। बांकी और और चीजों में हमें नहीं जाना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि सभी बच्चो को प्रातः सूर्योदय से पहले जाग जाना चाहिए तथा रात्रि को जल्दी सोना चाहिए। देर रात तक नहीं जागना चाहिए। सभी बच्चों को अपने माता पिता कहना मानना चाहिए। हरेक माता पिता अपने बच्चों की भलाई के लिए ही उन्हें समझाते है कभी भी माता पिता से नाराज नहीं होना चाहिए। जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है। और वह जीवन में आगे बढ़ते जाते है। इस पर एक रोचक कहानी भी बच्चों को सुनाई।
आगे भाई जी ने बच्चों को मन बुद्धि और संस्कार के बारे में बताया कि कैसे हम अच्छा सोचकर अपने अन्दर अच्छी आदतों को डाल सकते है। और अपनी ख़राब आदतों को छोड़ सकते है।


कार्यक्रम में बच्चो को मेडिटेशन (ध्यान) की सरल विधि सिखाई गई साथ ही ध्यान का अभ्यास भी कराया गया।
इस अवसर पर केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि हम थोडा समय पढ़ाई से पूर्व या कोई कार्य करने से पूर्व राजयोग ध्यान का अभ्यास करते है। अथवा परमात्मा को याद करते है तो हमें सफलता अवश्य मिलती है, साथ ही हमारी एकाग्रता भी बढती है। दीदी ने आगे कहा कि हमें इतना सुंदर जीवन मिला है तो उसके लिए हमें ईश्वर का शुक्रिया अदा करना चाहिए, साथ ही उन सभी का शुक्रिया करना चाहिए जो हमारे जीवन को अच्छा बनाने में हमारे मददगार है जैसे माता-पिता एवं गुरुजन आदि।
दीदी ने आगे बताया कि बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास और सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक है। यह शिविर निश्चित ही बच्चों में दिव्य गुणों की धारणा और चारित्रिक विकास में मददगार साबित होगा। जो बच्चे बचपन से ही आध्यात्मिक शिक्षा और नैतिक शिक्षा और व्यवहारिक शिक्षा से जुड़ते है, तो वह न केवल बड़े होकर एक अच्छे नागरिक बनते है, बल्कि समाज और विश्व के लिए भी एक प्रेरणा और आदर्श बनकर उभरते है।
अंत में शिक्षाप्रद गेम भी खिलाये गए जिसका बच्चों ने आनंद लिया|
इस अवसर पर बीके जीतू, बीके सुरभि, बीके रोशनी, रीता मिड्ढा सहित अनेकानेक बच्चो के पैरेंट्स भी उपस्थित थे।

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