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Indraganj Lashkar

“सर्व के सहयोग से सुखमय संसार” –  आदर्श दीदी (27-09-2022)

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सर्व के सहयोग से सुखमय संसार” –  आदर्श दीदी

लश्कर ग्वालियर : आज़ादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर, “दया एवं करुणा के लिए आध्यात्मिक सशक्तिकरण” थीम के अंतर्गत प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की सहयोगी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के समाज सेवा प्रभाग द्वारा “सर्व के सहयोग से सुखमय संसार” विषय पर कार्यक्रम आयोजित किया गया l

इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से पूर्व महापौर श्रीमती समीक्षा गुप्ता, ब्रह्माकुमारीज़ लश्कर ग्वालियर की मुख्य इंचार्ज ब्रह्माकुमारी आदर्श दीदी जी, श्रीमती राखी गेढ़ा (अध्यक्ष गहोई वैश्य चम्बल संभाग), श्रीमती शकुंतला सेठ (अध्यक्ष गहोई महिला मंडल फलका बाज़ार), श्रीमती साधना खांगट (कम्पू गहोई महिला मंडल अध्यक्ष), श्रीमती रचना छिरोलिया (दौलतगंज गहोई महिला मंडल अध्यक्ष) और ब्रह्माकुमार प्रहलाद भाई उपस्थित रहे l

कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ l

तत्पश्चात

ब्रह्माकुमारी आदर्श दीदी जी ने सभी का स्वागत अभिनन्दन किया और नवरात्रि के पावन पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि नवरात्रि में चारों तरफ देवियों का गायन पूजन होता है , उनके प्रति व्रत भी रखते है। सभी लोग देवी मां को याद करते l तो यह वास्तव में नारी शक्ति का ही प्रतीक है l नारी शक्ति की बड़ी महिमा गाई हुई है उसी प्रकार आज की नारी को भी अगर अपनी शक्तियों का ज्ञान हो जाए तो वह सिर्फ परिवार को ही नहीं इस समाज को और  इस विश्व को सुखमय बना सकती है l अगर वर्तमान समय की बात की जाए तो आज विश्व में चिंताएं, भय, अशांति का वातावरण हो गया है क्योंकि चारों तरफ नकारात्मक ऊर्जा का संचार हो रहा है, सभी आज विकारो में गृसित होते जा रहे हैं और जिसकी वजह से हमारी  शक्तियां क्षीण हो रहीं हैं तो अगर हम सच में इस विश्व को सुखमय बनाना चाहते हैं तो मन से, वचन से और अपने कर्मों से सारे विश्व में सकारात्मक ऊर्जा को  फैलाये, सबकी प्रति शुभ संकल्प रखें, सबको सहयोग देने का कार्य करें तब आपके जीवन का सही रीती सदुपयोग होगा l

श्रीमती समीक्षा गुप्ता ने सभी को नवरात्री के पावन  पर्व की हार्दिक बधाइयाँ दीं और बताया कि आज के विषय को ध्यान में रखते हुए बात की जाए तो में सबको यह  कहना चाहूंगी की जिस प्रकार लोग नौ दिन भक्ति, पाठ पूजा में लीन हो जाते हैं अगर उसी तरह रोज़ कुछ समय अपनी दिनचर्या में से ईश्वर के लिए निकाले तो हमारी सोच स्वतः ही सकारात्माक होने लग जाएगी और हमारे जीवन में कभी कुछ गलत नही होगा और ना हम किसी के लिए गलत विचार रखेंगे l

तो उसके लिए आज आध्यात्म से जुड़ना बहुत ज़रूरी है क्योंकि यह ऐसी चीज़ है जो मनुष्य के जीवन को पूरी तरह से परिवर्तन कर देती है l आज हर किसी के जीवन में कितनी समस्या हैं, परेशानियाँ हैं लेकिन जब किसी धार्मिक जगह पर जाते हैं तो आप मन से शांति का अनुभव करने लग जाते हैं और शायद आपको अपनी समस्या का समाधान भी मिल जाता है क्योंकि वातावरण का हमारे जीवन पर बहुत प्रभाव पड़ता है l तो आज आज़ादी  का अमृत महोत्सव तो हर कोई मना रहा है परन्तु अपने आप को आध्यात्म से जोड़े और स्वयं को नकारात्माक विचारों से आज़ाद करें तब सच्ची आज़ादी कहलाएगी l

इसके साथ ही

 श्रीमती राखी गेढ़ा ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि में सबसे पहले यह कहना चाहूंगी की आज ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान में आकर मुझे अन्दर से ही एक शांति और सुकून का अनुभव हो रहा है और यहाँ आने के बाद में बस यही बोलूंगी की जीवन में आध्यात्म से जुड़ना कितना ज़रूरी हो गया है क्योंकि यह हमें  सही मार्ग दर्शन पर चलने का रास्ता बताता और  हम अपने जीवन को कैसे श्रेष्ठ बनाएं, दूसरों के प्रति कैसे सकारात्माक भाव रखें इसका भी ज्ञान देता है l

कार्यक्रम में श्रीमती शकुंतला सेठ  ने अपने उद्बोधन में कहा कि जैसे आज हम विश्व को सुखी बनाने की बात कर रहे तो उसके लिए सबसे पहले ज़रूरी है कि स्वयं को बदले। आज एक समाज में रहते हुए भी हम आपस में बैर – भाव रखते हैं तो ऐसे में समाज का कल्याण कैसे हो l तो समाज को अगर सुखमय बनाना है तो सबसे ज़रूरी है एक दूसरे के प्रति अच्छे विचार रखना l

आगे उन्होंने अपने जीवन का एक अनुभव वहाँ उपस्थित सभी श्रोताओं के सामने रखते हुए कहा कि ब्रह्माकुमारीज संस्थान के लोगो को मैने कई बार सुना है और उनको सुनने के बाद मैं पहले और आज की बात करूँ तो मेरे विचारों में बहुत अंतर आया है  दूसरों के प्रति मेरी भावना, मेरी सोच में परिवर्तन आया है।

इसके साथ ही श्रीमती साधना खांगट और बहन रचना छिरोलिया ने भी सभी को अपनी शुभ कामनाएं दीं l

कार्यक्रम का कुशल संचालन तथा आभार ब्रह्माकुमार प्रहलाद भाई के द्वारा किया गया ।

कार्यक्रम में माधवी गुप्ता, बंदना गुप्ता, सुमन गुप्ता, डॉ. ओमप्रकाश सहित गहोई वैश्य संगठन के पदाधिकारी और सदस्य अनेक संगठनों से अनेकानेक लोग उपस्थित रहे।

 

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म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी ने ‘सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर किया सम्मानित

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Gwalior : म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी, भारत सरकार के केंद्रीय संचार मंत्री माननीय श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी, म.प्र. विधानसभा अध्यक्ष माननीय श्री नरेंद्र सिंह तोमर जी ने ग्वालियर के दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार, कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। जिसमें ब्रह्माकुमारी रोशनी, ब्रह्माकुमारी सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में प्रदेश के अनेकानेक कैबिनेट मंत्री गण, सांसद, विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधि तथा प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।

इस अवसर पर बीके रोशनी, बीके सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह ने माननीय मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी का अभिनंदन करते हुए उन्हें ईश्वरीय सौगात भेंट की।

कार्यक्रम में शहर से अनेकानेक सम्माननीय धर्मगुरु, धार्मिक संस्थान, सामाजिक संस्थान से तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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बाल व्यक्तित्व विकास शिविर

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ब्रह्माकुमारीज केंद्र पर तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का हुआ शुभारंभ

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बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास, सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक – आदर्श दीदी

जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है – प्रहलाद भाई

ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की भगिनी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाऊंडेशन के युवा प्रभाग और शिक्षा प्रभाग के द्वारा माधवगंज स्थित प्रभु उपहार भवन में तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का शुभारंभ हुआ।
इस शिविर में बच्चों के सम्पूर्ण विकास के लिए आध्यात्मिकता, नैतिक शिक्षा, व्यवहारिक ज्ञान और सकारात्मक सोच आदि विषयों को रचनात्मक ढंग से बताया जायेगा।
शिविर के शुभारंभ में मुख्य प्रशिक्षक के रूप में उपस्थित मोटिवेशनल स्पीकर एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई ने नए सभी बच्चों को मोटिवेट करते हुए मजेदार शिक्षाप्रद कहानियाँ सुनाकर शिविर की शुरुआत की। उन्होंने एक रचनात्मक एक्टिविटी के माध्यम से शिविर में उपस्थित बच्चों को सिखाया कि हमें ध्यान से सुनना चाहिए। क्योकि ध्यान से सुनने का बहुत महत्व है। जबकि सुनने से ज्यादा हम देखकर कर्म करते है, हम जैसा देखते है वैसा हम बनते चले जाते है। यदि हम कुछ गलत चीजों को देखते है या हमारे सामने कोई गलती कर रहा है तो उसका प्रभाव भी हमारे जीवन पर पड़ता है। इसलिए हमेशा टीवी या मोबाईल पर कुछ देखते है तो अच्छा ही देखे।
उन्होंने कहा कि अच्छे गुणों और संस्कारों का बीज बोने का यह सही समय है। इस समय अंदर लचीलापन होता है। सही शब्दों में कहा जाए तो व्यक्तित्व का निर्माण और जीवन को दिशा देने का काम इसी समयावधि में हो सकता है। हम जैसा बनना चाहें वैसा अपने को बना सकते हैं। आजकल कई बच्चे अपना कीमती समय मोबाइल पर नष्ट कर रहे हैं। अभिभावक और शिक्षक चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। इस समय में मोबाईल का ज्यादा उपयोग करना हमारे लिए बहुत नुकशान दायक है । मोबाईल हमारी सुविधा के लिए है पढ़ाई आदि के लिए ही हम इसे थोडा बहुत उपयोग कर सकते है। बांकी और और चीजों में हमें नहीं जाना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि सभी बच्चो को प्रातः सूर्योदय से पहले जाग जाना चाहिए तथा रात्रि को जल्दी सोना चाहिए। देर रात तक नहीं जागना चाहिए। सभी बच्चों को अपने माता पिता कहना मानना चाहिए। हरेक माता पिता अपने बच्चों की भलाई के लिए ही उन्हें समझाते है कभी भी माता पिता से नाराज नहीं होना चाहिए। जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है। और वह जीवन में आगे बढ़ते जाते है। इस पर एक रोचक कहानी भी बच्चों को सुनाई।
आगे भाई जी ने बच्चों को मन बुद्धि और संस्कार के बारे में बताया कि कैसे हम अच्छा सोचकर अपने अन्दर अच्छी आदतों को डाल सकते है। और अपनी ख़राब आदतों को छोड़ सकते है।


कार्यक्रम में बच्चो को मेडिटेशन (ध्यान) की सरल विधि सिखाई गई साथ ही ध्यान का अभ्यास भी कराया गया।
इस अवसर पर केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि हम थोडा समय पढ़ाई से पूर्व या कोई कार्य करने से पूर्व राजयोग ध्यान का अभ्यास करते है। अथवा परमात्मा को याद करते है तो हमें सफलता अवश्य मिलती है, साथ ही हमारी एकाग्रता भी बढती है। दीदी ने आगे कहा कि हमें इतना सुंदर जीवन मिला है तो उसके लिए हमें ईश्वर का शुक्रिया अदा करना चाहिए, साथ ही उन सभी का शुक्रिया करना चाहिए जो हमारे जीवन को अच्छा बनाने में हमारे मददगार है जैसे माता-पिता एवं गुरुजन आदि।
दीदी ने आगे बताया कि बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास और सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक है। यह शिविर निश्चित ही बच्चों में दिव्य गुणों की धारणा और चारित्रिक विकास में मददगार साबित होगा। जो बच्चे बचपन से ही आध्यात्मिक शिक्षा और नैतिक शिक्षा और व्यवहारिक शिक्षा से जुड़ते है, तो वह न केवल बड़े होकर एक अच्छे नागरिक बनते है, बल्कि समाज और विश्व के लिए भी एक प्रेरणा और आदर्श बनकर उभरते है।
अंत में शिक्षाप्रद गेम भी खिलाये गए जिसका बच्चों ने आनंद लिया|
इस अवसर पर बीके जीतू, बीके सुरभि, बीके रोशनी, रीता मिड्ढा सहित अनेकानेक बच्चो के पैरेंट्स भी उपस्थित थे।

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