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दो दिवसीय स्व-उन्नति साधना शिविर का हुआ शुभारम्भ (14.05.2022)

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          दो दिवसीय स्व-उन्नति साधना शिविर का हुआ शुभारम्भ

लश्कर ग्वालियर :  प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्व विद्यालय की स्थानीय शाखा माधौगंज प्रभु उपहार भवन सेवाकेंद्र  पर “दो दिवसीय स्व-उन्नति साधना शिविर” का शुभारम्भ हुआ | यह आयोजन आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर थीम के अंतर्गत किया गया | इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से बी.के. डॉ. मुकुल भाई (पुणे),  लश्कर ग्वालियर की मुख्य इंचार्ज बी.के.आदर्श दीदीजी, बी.के.प्रहलाद भाई उपस्थित थे |

कार्यक्रम में बी. के. आदर्श दीदी जी ने सभी का स्वागत अभिनन्दन किया और स्व उन्नति साधना शिविर का उद्द्देश्य स्पष्ट किया और बताया कि स्व उन्नति अगर करनी है तो राजयोग की विधि को जानना और उसे प्रयोग में लाना अति आवश्यक है | आज हर व्यक्ति खुश रहना चाहता पर अनेकानेक बातें उसके जीवन में ख़ुशी को कम कर देती है | इस दो दिवसीय शिविर में आप अपनी अध्यात्मिक रीति से स्व उन्नति कर सकते है और अपने आन्तरिक गुणों और शक्तियों का बढ़ा सकते है |

तत्पश्चात  बी.के.मुकुल भाई जी  ने सभी को संबोधित करते हुए बताया कि मैडिटेशन को अगर हम अपनी दिनचर्या का एक हिस्सा बना ले तो आपको स्वयं ही उसके प्रयोग अपने जीवन में अनुभव होने लग जायेंगे | उन्होंने योग की विधि एवं प्रयोग के कुछ मुख्य पॉइंट्स पर प्रकाश डालते हुए समझाया  –

1-       पॉइंट ऑफ़ लाइट  –  आज बहुत आवश्यक है  हर कर्म करते बीच – बीच में अपने मन, वाणी और संकल्पों को एकाग्र करना  | बस एक उस ईश्वर की लगन में मगन रहने का अभ्यास करें | व्यर्थ संकल्प, व्यर्थ बोल से परे और अपने आप को पॉइंट ऑफ़ लाइट के समान अनुभव करने का अभ्यास करें और अपना कनेक्शन उस परमात्मा के साथ जोडें |

2-       स्मृति का स्वरुप  –  हमें जो स्वमान या  वरदान  ईश्वर से प्राप्त हुए हैं उसको बार – बार स्मृति में लाओ और उसका अपनी दिनचर्या मे प्रयोग करो तो आपको स्वत: ही शांति का, ख़ुशी का अनुभव होने लग जायेगा क्योकि जब तक आप शांति की अनुभूति नहीं करेंगे तब तक दूसरो को भी वह अनुभूति नहीं कर वा सकते हैं |

3-       संकल्प  द्वारा  सेवा – कहते हैं संकल्प की शक्ति सबसे बड़ी शक्ति होती है तो आज से हम सभी एक अभ्यास को अपनी दिनचर्या मे लायेंगे की जो भी व्यक्ति मेरे संपर्क मे आ रहा है मैं उन सभी के प्रति शुभ सोचूंगी, सकारात्मक चिंतन करुँगी तो आप देखेंगे की सामने वाला मनुष्य आपके लिए भी सकारात्माक  और शुभ  सोचने लग जायेगा क्योकि आपकी तरफ से उस मनुष्य को सकारात्मकता का अनुभव हो रहा है |

4-       संस्कार  परिवर्तन  –  आज इस कलयुगी दुनिया मे रहते हम सभी को जो रंग चढ़ा है अब उसे हटाकर सच्चा रंग चढ़ाना है अर्थात कड़वाहट का रंग निकालकर अच्छाई का रंग लगाना है इसे ही कहते है संस्कार परिवर्तन  |

कार्यक्रम के अंत में बी.के. मुकुल भाईजी  ने सभी को मैडिटेशन करवाया |

कार्यक्रम का कुशल संचालन एवं आभार बी.के.प्रहलाद भाई द्वारा किया गया |

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तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी(न्यूज़ कवरेज)

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तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी

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24 सितंबर 2025

खुशनुमा और स्वस्थ जीवन के लिए तनाव प्रबंधन आवश्यक – बीके प्रहलाद भाई

एसएएफ 13 बटालियन में तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली विषय पर प्रेरणादायक सत्र आयोजित

ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के द्वारा 13वीं वाहिनी विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ 13 बटालियन) में “तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली” विषय पर एक प्रेरणादायक सत्र आयोजित किया गया। जिसका उद्देश्य लोगों को मानसिक शांति, सकारात्मक सोच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रेरक वक्ता एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई तथा ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र की मुख्य संचालिका बीके आदर्श दीदी उपस्थित थीं।


इस अवसर पर एस ए एफ 13 बटालियन से प्रभारी सेनानी अनुराग पांडे, सहायक सेनानी, गुलबाग सिंह, डॉक्टर ओ पी वर्मा निरीक्षक मुनेन्द्र सिंह भदोरिया, निरीक्षक, धर्मेंद्र वर्मा, निरीक्षक मुकेश परिहार, निरीक्षक पुष्पेंद्र सिंह भदौरिया, निरीक्षक जादौन, निरीक्षक राय सिंह जयंत, समस्त पी टी एस स्टाफ एवं 350 से अधिक प्रशिक्षणार्थी सहित ब्रह्माकुमारीज से बीके सुरभि, बीके रोशनी, बीके पवन उपस्थित थे।
कार्यक्रम में बीके प्रहलाद भाई ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आज के तेज रफ़्तार जीवन में तनाव हर किसी की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। जिसकी वजह से हमारे जीवन में काफी उतार चढाव आते है। इन सबसे छूटने के लिए तनाव का सही ढंग से प्रबंधन करना ही खुशनुमा और स्वस्थ जीवन जीने की कला है। यदि तनाव पर नियंत्रण न हो तो यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ को प्रभावित करता है। इसके लिए कुछ सरल उपाय अपनाकर हम संतुलित, आनंदमय और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। उन्होंने कहा कि – सकारात्मक सोच विकसित करें, हर परिस्थिति में अच्छा पक्ष देखने का प्रयास करें, नकारात्मक विचारों से दूर रहें, योग और ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाये, रोजाना 15 से 20 मिनिट ध्यान करें जिससे मन स्थिर रहता है एवं मानसिक शांति भी मिलती है, प्राणायाम और योगासन से शरीर स्वस्थ्य रहता है, 6 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद लें, संतुलित भोजन लें, नशे से दूरी बनाकर रखें, जंक फ़ूड से बचें, व्यवस्थित दिनचर्या बनायें, कोई न कोई रोज अच्छी पुस्तक पढ़ने की आदत डालें, कार्यक्रम स्थल पर किसी भी तरह का दवाव आता है तो घबरायें नहीं, परिवार के साथ समय विताएं, हर कार्य को एक खेल की तरह से लें।
बीके प्रहलाद भाई नें अनेकानेक रचनात्मक गतिविधि भी कराई जिससे सभी का मन हल्का हुआ और उमंग उत्साह भी बढ़ा। और दिन कि शुरुआत किस तरह से करें वह भी बताया।


कार्यक्रम में बीके आदर्श दीदी नें कहा कि तनाव को दूर करने के लिए योग, ध्यान, प्राणायाम, सकारात्मक चिंतन और समय प्रबंधन जैसे उपाय बेहद प्रभावी हैं। पर्याप्त नींद और रुचियों के लिए समय निकालना जीवन को सुखद और तनावमुक्त बना सकता है साथ ही कहा कि तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है यदि हम स्वस्थ दिनचर्या और आत्म नियंत्रण को अपनाएं तो जीवन अधिक खुशनुमा और आनंदमय बन सकता है। दीदी नें सभी को राजयोग ध्यान की विधि बताई तथा सभी को उसके फायदे बताते हुए अभ्यास भी कराया।
इस अवसर पर उपस्थित प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे अपने जीवन में स्वस्थ दिनचर्या, योग ध्यान और सकारात्मक सोच को अपनायेंगे और परिवार एवं समाज के प्रेरणास्त्रोत बनेगें।


कार्यक्रम में मेडिकल ऑफिसर डॉ ओपी वर्मा ने बताया कि तनाव आता है तो लोग आसानी से नशे की तरफ भागते है जबकि वह समाधान नहीं है। समाधान के लिए हमें ब्रह्माकुमारीज़ जैसे आध्यात्मिक संस्थानों से जुड़कर ध्यान के माध्यम में हमें अपने को सकारात्मक बनाना चाहिए। इस अवसर पर अन्य पदाधिकारियों नें भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में संस्थान के लोंगो का अभिनन्दन करते हुए पौधे भेंट किए गए।

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ब्रह्माकुमारीज़ के माधौगंज केंद्र पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में भव्य कार्यक्रम का हुआ आयोजन

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ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के माधौगंज स्थित प्रभु उपहार भवन में भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।


कार्यक्रम में संस्थान के बाल कलाकारों ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का मंचन किया। जिसने सभी का मन मोह लिया तो वहीं भजन गायकों द्वारा सुंदर भजनों की प्रस्तुति ने सभी को आनंदित कर दिया।
कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी ने सभी को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की बधाई दी और कहा कि आज हम भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को हर्ष और उल्लास के साथ मना रहे हैं। यह केवल एक धार्मिक त्योहार ही नहीं, बल्कि हमारे जीवन को दिशा देने वाला आध्यात्मिक संदेश है। भगवान श्रीकृष्ण जी का जीवन हमें सिखाता है कि धर्म की रक्षा और अन्याय तथा बुराइयों का अंत करना ही जीवन का सबसे बड़ा उद्देश्य होना चाहिए।


भगवान ने गीता में कहा है कि अपने कर्तव्यों को निष्ठा और ईमानदारी से करना चाहिए, फल की चिंता नहीं करनी चाहिए। यह शिक्षा आज के समाज के लिए बहुत प्रासंगिक है। यदि हर व्यक्ति अपना कर्तव्य सही भावना से निभाए, तो समाज में अन्याय, भ्रष्टाचार और असमानता स्वतः ही समाप्त हो सकती है।
भगवान श्रीकृष्ण का जीवन हमें गहन शिक्षाएँ देता है। उनका जन्म कारागार में दिखाते है, लेकिन परिस्थितियाँ कैसी भी रही हों, उन्होंने हमेशा धर्म और न्याय की स्थापना का कार्य किया। उनका पूरा जीवन हमें यह संदेश देता है कि मनुष्य को अपने कर्तव्य का पालन निस्वार्थ भाव से करना चाहिए।
यह पर्व हमें नई श्रेष्ठाचारी और पावन दुनिया की याद दिलाता है। जब-जब संसार में अन्याय, अधर्म और असत्य बढ़ता है, तब ईश्वर अवतरित होकर मानवता को सही दिशा दिखाते हैं।

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कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार महेश कुमार, प्रेरक वक्ता बीके प्रहलाद ने भी सभी को जन्माष्टमी की शुभकामनाएं देते हुए अपने विचार प्रकट किए।
कार्यक्रम में सुंदर झांकी लगाई गई थी। जिसका दर्शन लाभ सभी ने लिया। साथ ही भजनों की सुंदर प्रस्तुति एवं भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का मंचन करने वाले कलाकारों में कु. रोशनी, कु. तनवी, कु. पीहू, कु. नंदनी, कु. हंसिका, कु. रुचि, कु. नव्या, रूबी, सोनिया, पवन, अखिलेश, निलक्ष तथा बीके जीतू आदि शामिल थे।

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