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विश्व तम्बाकू निषेध दिवस (31.05.2021)

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विश्व तम्बाकू निषेध दिवस

पर जागरूकता के लिए आयोजित वेबिनार

ग्वालियर : आज प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की भगिनी संस्था राजयोग एज्युकेशन एण्ड रिसर्च फाउंडेशन के मेडिकल विंग द्वारा “विश्व तम्बाकू निषेध दिवस” पर एक वेबिनार का आयोजन, तम्बाकू निषेध जागरूकता के लिए किया गया | इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य लोगो को तम्बाकू, सिगरेट, आदि से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक करना था |

इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ. अलोक पुरोहित जिला नोडल अधिकारी (तम्बाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ ग्वालियर), बी.के. डॉ.गुरचरण भाई, मैडिटेशन एक्सपर्ट (ब्रह्माकुमारीज़ ग्वालियर ), श्रीमती आशा सिंह (वरिष्ठ समाजसेविका ग्वालियर), बी.के. ज्योति दीदी (राजयोग प्रशिक्षका) और बी.के प्रह्लाद (मोटिवेशनल स्पीकर) उपस्थित रहे |

बी.के प्रह्लाद ने कार्यक्रम में जुड़े सभी का स्वागत अभिनन्दन किया और बताया कि व्यसन (नशा) एक ऐसा मार्ग है जो धीरे धीरे हमारे स्वास्थ को नष्ट कर देता है | आज लाखो लोग इन व्यसन का सेवन करने से शारीर छोड़ते हैं तो समाज में सभी लोगो को इसके प्रति जागरुकत होने की आवश्यकता है |

ततपश्चात डॉ. आलोक पुरोहित (नोडल ऑफिसर,जिला तंबाकू नियंत्रण प्रकोष्ठ) ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आज सार्वजनिक जगहों पर या स्कूल कॉलेजों के आसपास कोई भी धूम्रपान का न तो सेवन कर सकता है और न ही इन्हें बेच सकता है | इसके लिए कानून बना हुआ है | अब कानून की धाराएं एवं उनका क्रियान्वयन के लिए सामाजिक व धार्मिक संस्थाओं को आगे आना होगा हो | समाज को कितना नुकसान हैं इससे, सभी के सहयोग से इसको कम किया जा सकता है| नशा करने वाले लोगो पर किस स्थिति में और कहाँ पर जुर्माना लगाया जा सकता है और कौन लगा सकता है यह भी स्पष्ट किया | इसके साथ ही नशा न करने की सलाह भी दी |

बी.के. डॉ.गुरचरण भाई  ने बताया कि इन सब व्यसनों का जब सेवन करते है तो कई सारी बिमारियों का शिकार बन जाते हैं | कोई भी आज अगर नशा करता हैं तो वो समझते हैं की हम बहुत अच्छा कार्य कर रहे हैं और आस पास के सभी लोगो पर भी वो उस बात का प्रभाव डालते हैं जिससे एक दूसरे के संग के रंग में आकर वो भी उन्ही की तरह नशा करने लग जाते हैं | ज्ञान सभी को है की नशा करना सेहत के लिए हानिकारक है परन्तु फिर भी सभी इन व्यसनों से घिरे हुए हैं, क्योकि आज कल व्यक्ति आंतरिक रूप से, मानसिक रूप से कमज़ोर हो गया है जिस वजह से वो बुराई पर विजय नहीं प्राप्त कर पा रहा है तो आज सभी को आध्यात्मिक शक्ति की ज़रूरत है|

अगर नशा करना ही है तो उस परमात्मा के प्यार का नशा करें और दूसरो को भी करवाएं क्योकि अगर एक बार उस परमात्म प्यार का नशा चढ़ गया तो बांकी सभी नशों से आसानी से मुक्ति पा सकेंगे |

तत्पश्चात श्रीमती आशा सिंह (समाज सेविका) ने बताया कि आज युवा पीढ़ी सब से ज्यादा इन व्यसनों की गिरफ्त में आती जा रही है| युवा पीढ़ी सिर्फ इन सब चीज़ों का सेवन ही नहीं करती परन्तु सभी ने इस चीजों का एक धंधा भी बना लिया है जो कि आज बहुत बड़ा जाल बन गया है और सब इस जाल में फंसते जा रहे हैं| आज कितने लोग दुखी, तनाव , डिप्रेशन वाला जीवन जी रहे हैं, क्योकि अधिकतर लोगों को इन व्यसनों की आदत हो गयी है जिसके कारण आज कितने घर परिवार बर्बाद हो गए हैं, सुख शांति चली गयी है तो ऐसे नशे का क्या फायदा जिससे की आप अपने सुखमय जीवन को ही ख़राब कर दे तो इन सब से निजात पाना भी बहुत ज़रूरी है उसके लिए अपने मन को आध्यात्मिक की तरफ लगाये, ब्रह्माकुमारीज पिछले कई वर्षो से इस फील्ड में बहुत अच्छा कार्य कर रहा है |

इस अवसर पर ब्रह्माकुमारी ज्योति दीदी ने कहा कि जागरूकता के लिए तरह तरह के प्रोग्राम रखे जाये| राजयोग मैडिटेशन सीखे जो कि बहुत आसन तरीका है इन व्यसनों से मुक्त होने का| उन्होंने कहा कि मैंने बहुत सारे ऐसे लोगो को देखा है, जो हमारे संस्थान में मैडिटेशन सीखने आए उन्होंने सहज ही व्यसनों को छोड़ दिया | इसके लिए खुद जागरूक हो और दूसरो को भी जागरूक करें | इसके बाद उन्होंने सभी को राजयोग की सहज विधि बताई और इसका अभ्यास भी कराया | और सकारात्मक चिंतन करने के लिए प्रेरित भी किया |

कार्यक्रम के अंत में बी. के. प्रहलाद ने सभी का आभार व्यक्त किया | और कहा कि हम सभी को मिलकर ऐसे समाज का निर्माण करना है जहाँ किसी भी प्रकार का नशा और दुःख ना हो |

इसके साथ ही कुछ स्लोगन भी कहे –

1.व्यसन मुक्त हो हमारा भारत, सबको यह राह बताएँगे |

अपने कर्मो के द्वारा हम इस धरती को स्वर्ग बनायेंगे ||

  1. आईये यह संकल्प करें, कभी न हाथ इन्हें लगायेंगे |

और अपने भाईओं बहनों को भी इन व्यसनों से बचायेंगे ||

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तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी(न्यूज़ कवरेज)

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तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी

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24 सितंबर 2025

खुशनुमा और स्वस्थ जीवन के लिए तनाव प्रबंधन आवश्यक – बीके प्रहलाद भाई

एसएएफ 13 बटालियन में तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली विषय पर प्रेरणादायक सत्र आयोजित

ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के द्वारा 13वीं वाहिनी विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ 13 बटालियन) में “तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली” विषय पर एक प्रेरणादायक सत्र आयोजित किया गया। जिसका उद्देश्य लोगों को मानसिक शांति, सकारात्मक सोच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रेरक वक्ता एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई तथा ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र की मुख्य संचालिका बीके आदर्श दीदी उपस्थित थीं।


इस अवसर पर एस ए एफ 13 बटालियन से प्रभारी सेनानी अनुराग पांडे, सहायक सेनानी, गुलबाग सिंह, डॉक्टर ओ पी वर्मा निरीक्षक मुनेन्द्र सिंह भदोरिया, निरीक्षक, धर्मेंद्र वर्मा, निरीक्षक मुकेश परिहार, निरीक्षक पुष्पेंद्र सिंह भदौरिया, निरीक्षक जादौन, निरीक्षक राय सिंह जयंत, समस्त पी टी एस स्टाफ एवं 350 से अधिक प्रशिक्षणार्थी सहित ब्रह्माकुमारीज से बीके सुरभि, बीके रोशनी, बीके पवन उपस्थित थे।
कार्यक्रम में बीके प्रहलाद भाई ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आज के तेज रफ़्तार जीवन में तनाव हर किसी की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। जिसकी वजह से हमारे जीवन में काफी उतार चढाव आते है। इन सबसे छूटने के लिए तनाव का सही ढंग से प्रबंधन करना ही खुशनुमा और स्वस्थ जीवन जीने की कला है। यदि तनाव पर नियंत्रण न हो तो यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ को प्रभावित करता है। इसके लिए कुछ सरल उपाय अपनाकर हम संतुलित, आनंदमय और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। उन्होंने कहा कि – सकारात्मक सोच विकसित करें, हर परिस्थिति में अच्छा पक्ष देखने का प्रयास करें, नकारात्मक विचारों से दूर रहें, योग और ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाये, रोजाना 15 से 20 मिनिट ध्यान करें जिससे मन स्थिर रहता है एवं मानसिक शांति भी मिलती है, प्राणायाम और योगासन से शरीर स्वस्थ्य रहता है, 6 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद लें, संतुलित भोजन लें, नशे से दूरी बनाकर रखें, जंक फ़ूड से बचें, व्यवस्थित दिनचर्या बनायें, कोई न कोई रोज अच्छी पुस्तक पढ़ने की आदत डालें, कार्यक्रम स्थल पर किसी भी तरह का दवाव आता है तो घबरायें नहीं, परिवार के साथ समय विताएं, हर कार्य को एक खेल की तरह से लें।
बीके प्रहलाद भाई नें अनेकानेक रचनात्मक गतिविधि भी कराई जिससे सभी का मन हल्का हुआ और उमंग उत्साह भी बढ़ा। और दिन कि शुरुआत किस तरह से करें वह भी बताया।


कार्यक्रम में बीके आदर्श दीदी नें कहा कि तनाव को दूर करने के लिए योग, ध्यान, प्राणायाम, सकारात्मक चिंतन और समय प्रबंधन जैसे उपाय बेहद प्रभावी हैं। पर्याप्त नींद और रुचियों के लिए समय निकालना जीवन को सुखद और तनावमुक्त बना सकता है साथ ही कहा कि तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है यदि हम स्वस्थ दिनचर्या और आत्म नियंत्रण को अपनाएं तो जीवन अधिक खुशनुमा और आनंदमय बन सकता है। दीदी नें सभी को राजयोग ध्यान की विधि बताई तथा सभी को उसके फायदे बताते हुए अभ्यास भी कराया।
इस अवसर पर उपस्थित प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे अपने जीवन में स्वस्थ दिनचर्या, योग ध्यान और सकारात्मक सोच को अपनायेंगे और परिवार एवं समाज के प्रेरणास्त्रोत बनेगें।


कार्यक्रम में मेडिकल ऑफिसर डॉ ओपी वर्मा ने बताया कि तनाव आता है तो लोग आसानी से नशे की तरफ भागते है जबकि वह समाधान नहीं है। समाधान के लिए हमें ब्रह्माकुमारीज़ जैसे आध्यात्मिक संस्थानों से जुड़कर ध्यान के माध्यम में हमें अपने को सकारात्मक बनाना चाहिए। इस अवसर पर अन्य पदाधिकारियों नें भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में संस्थान के लोंगो का अभिनन्दन करते हुए पौधे भेंट किए गए।

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ब्रह्माकुमारीज़ के माधौगंज केंद्र पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में भव्य कार्यक्रम का हुआ आयोजन

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ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के माधौगंज स्थित प्रभु उपहार भवन में भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।


कार्यक्रम में संस्थान के बाल कलाकारों ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का मंचन किया। जिसने सभी का मन मोह लिया तो वहीं भजन गायकों द्वारा सुंदर भजनों की प्रस्तुति ने सभी को आनंदित कर दिया।
कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी ने सभी को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की बधाई दी और कहा कि आज हम भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को हर्ष और उल्लास के साथ मना रहे हैं। यह केवल एक धार्मिक त्योहार ही नहीं, बल्कि हमारे जीवन को दिशा देने वाला आध्यात्मिक संदेश है। भगवान श्रीकृष्ण जी का जीवन हमें सिखाता है कि धर्म की रक्षा और अन्याय तथा बुराइयों का अंत करना ही जीवन का सबसे बड़ा उद्देश्य होना चाहिए।


भगवान ने गीता में कहा है कि अपने कर्तव्यों को निष्ठा और ईमानदारी से करना चाहिए, फल की चिंता नहीं करनी चाहिए। यह शिक्षा आज के समाज के लिए बहुत प्रासंगिक है। यदि हर व्यक्ति अपना कर्तव्य सही भावना से निभाए, तो समाज में अन्याय, भ्रष्टाचार और असमानता स्वतः ही समाप्त हो सकती है।
भगवान श्रीकृष्ण का जीवन हमें गहन शिक्षाएँ देता है। उनका जन्म कारागार में दिखाते है, लेकिन परिस्थितियाँ कैसी भी रही हों, उन्होंने हमेशा धर्म और न्याय की स्थापना का कार्य किया। उनका पूरा जीवन हमें यह संदेश देता है कि मनुष्य को अपने कर्तव्य का पालन निस्वार्थ भाव से करना चाहिए।
यह पर्व हमें नई श्रेष्ठाचारी और पावन दुनिया की याद दिलाता है। जब-जब संसार में अन्याय, अधर्म और असत्य बढ़ता है, तब ईश्वर अवतरित होकर मानवता को सही दिशा दिखाते हैं।

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कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार महेश कुमार, प्रेरक वक्ता बीके प्रहलाद ने भी सभी को जन्माष्टमी की शुभकामनाएं देते हुए अपने विचार प्रकट किए।
कार्यक्रम में सुंदर झांकी लगाई गई थी। जिसका दर्शन लाभ सभी ने लिया। साथ ही भजनों की सुंदर प्रस्तुति एवं भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का मंचन करने वाले कलाकारों में कु. रोशनी, कु. तनवी, कु. पीहू, कु. नंदनी, कु. हंसिका, कु. रुचि, कु. नव्या, रूबी, सोनिया, पवन, अखिलेश, निलक्ष तथा बीके जीतू आदि शामिल थे।

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