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Indraganj Lashkar

85 वी. त्रिमूर्ति शिवजयंती के उपलक्ष्य में शिव ध्वजारोहण एवं विशाल पैदल शोभायात्रा का आयोजन

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दिनांक :- 10-03-2021

85 वी. त्रिमूर्ति शिवजयंती के उपलक्ष्य में शिव ध्वजारोहण एवं विशाल पैदल शोभायात्रा का आयोजन

लश्कर ग्वालियर: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विधालय द्वारा शिवरात्रि के पावन अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया | जिसका विषय था सच्ची सच्ची शिवरात्रि कैसे मनाये |

कार्यक्रम में मुख्य रूप से श्री लाल जी जादौन (पूर्व सभापति न. नि.), डॉ.वी.के जैन और श्रीमति कंचन जैन उपस्थित थे साथ ही ब्रह्माकुमारिज़ लश्कर ग्वालियर की मुख्य संचालिका बी.के. आदर्श दीदी, बी.के.डॉ. गुरुचरण भाई और बी.के.प्रहलाद भाई शामिल हुए |

कार्यक्रम के शुभारम्भ में सभी का तिलक और फूल से स्वागत किया गया इसके तत्पश्चात बी.के.आदर्श दीदीजी ने सभी को शिवरात्रि का अध्यात्मिक महत्व बताया और मंदिरों मे चढाने वाली वस्तुएं जैसे की अक्क धतूरे का रहस्य समझाते हुए बताया की इन वस्तुओं के स्थान पर अपने अन्दर के विकारो व बुराइयों को छोड़ने का संकल्प लेना साथ ही कोई अच्छाई को धारण करना ही सच्चे मायनें में शिवरात्रि मनाना है |

इसके साथ ही कहा कि यही समय है जब परमात्मा इस धरा पर आकर आध्यात्मिक ज्ञान और राजयोग की शिक्षा देकर नई दुनिया की पुर्नस्थापना का कार्य करते हैं। राजयोग के सतत् अभ्यास से मन की वृत्तियॉं शुद्घ होती हैं तथा सभी को आत्मिक रूप में समान दृष्टि से देखने के परिणामस्वरूप समाज में सद्भावना की स्थापना होती है। उन्होंने कहां कि वर्तमान चुनौतियों का सामना करने के लिए जीवन में शक्ति की आवश्यकता है, और वह शक्ति हमें परमपिता परमात्मा शिव से ही प्राप्त हो सकती हैं।

हम जब शिव की बात करते है तो सामने शंकर जी की एक प्रतिमा आ जाती है ज्यादातर लोग शिव और शंकर को एक ही मानते है जबकि शिव और शंकर में महान अंतर है शिव सभी आत्माओं के पिता है जबकि शंकर उनकी एक रचना है | इसलिए शंकर जी को हमेशा शिव की याद में बैठा हुआ दिखाते है, परमात्मा शिव निराकार ज्योति स्वरुप है और उन्ही का प्रतीक शिवलिंग है जबकि शंकर जी एक देवता है | अब हमें परमात्मा के सत्य निराकार दिव्य ज्योतीर्बिंदु स्वरुप को जानना है और अपनी अंतर आत्मा को उनसे जोड़ना है |

इसके साथ ही कार्यक्रम में पधारे लाल जी जादौन एवं डॉ. वी.के. जैन ने भी अपनी शुभकामनाएं दी और अनुभव बताते हुए सुनाया कि ईश्वर से जब शक्तियां प्राप्त होती हैं तब स्वत: ही जीवन में शक्ति का अनुभव होता है जिससे आप आने वाली परिस्थितियों को आराम से पार कर लेते हैं और साथ ही साथ सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर हो जाते हैं |

कार्यक्रम के अंत में शिव ध्वजारोहण किया गया जिसमे सभी ने प्रतिज्ञा ली कि “आपसी वैर विरोध, नफरत, घृणा को छोड़कर सभी के साथ सद्भावना और प्रेमपूर्ण व्यवहार करेंगे और स्वर्णिम दुनिया के कार्य में स्वयं परमात्मा का सहयोग करेंगे |”

कार्यक्रम का कुशल संचालन बी.के.प्रहलाद भाईजी ने किया तथा आभार डॉ.बी.के गुरचरण भाईजी द्वारा किया गया |

इसके साथ शिवरात्रि की पूर्व संध्या पर एक विशाल पैदल शोभा यात्रा का आयोजन किया गया जिसमें निराकार ज्योति स्वरुप शिव भोले नाथ की झांकी भीं सजाई गयी थी |

शिव की वारात बैंड बाजे के साथ निकाली गई जिसमें सभी नाचते हुए चल रहे थे

यह पैदल शोभा यात्रा हाईकोर्ट लेन सेवाकेंद्र से प्रारंभ होकर, इन्द्रगंज चौराहा, ऊँट पुल , पाटनकर चौराहा , दौलतगंज , महाराज बाड़ा, माधवगंज चौराहा होते हुए ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र माधौगंज सेंटर पर जाकर समाप्त हुयी | जगह जगह यात्रा का बहुत जोर शोर से स्वागत किया गया |

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म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी ने ‘सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर किया सम्मानित

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Gwalior : म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी, भारत सरकार के केंद्रीय संचार मंत्री माननीय श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी, म.प्र. विधानसभा अध्यक्ष माननीय श्री नरेंद्र सिंह तोमर जी ने ग्वालियर के दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार, कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। जिसमें ब्रह्माकुमारी रोशनी, ब्रह्माकुमारी सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में प्रदेश के अनेकानेक कैबिनेट मंत्री गण, सांसद, विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधि तथा प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।

इस अवसर पर बीके रोशनी, बीके सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह ने माननीय मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी का अभिनंदन करते हुए उन्हें ईश्वरीय सौगात भेंट की।

कार्यक्रम में शहर से अनेकानेक सम्माननीय धर्मगुरु, धार्मिक संस्थान, सामाजिक संस्थान से तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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बाल व्यक्तित्व विकास शिविर

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ब्रह्माकुमारीज केंद्र पर तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का हुआ शुभारंभ

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बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास, सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक – आदर्श दीदी

जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है – प्रहलाद भाई

ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की भगिनी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाऊंडेशन के युवा प्रभाग और शिक्षा प्रभाग के द्वारा माधवगंज स्थित प्रभु उपहार भवन में तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का शुभारंभ हुआ।
इस शिविर में बच्चों के सम्पूर्ण विकास के लिए आध्यात्मिकता, नैतिक शिक्षा, व्यवहारिक ज्ञान और सकारात्मक सोच आदि विषयों को रचनात्मक ढंग से बताया जायेगा।
शिविर के शुभारंभ में मुख्य प्रशिक्षक के रूप में उपस्थित मोटिवेशनल स्पीकर एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई ने नए सभी बच्चों को मोटिवेट करते हुए मजेदार शिक्षाप्रद कहानियाँ सुनाकर शिविर की शुरुआत की। उन्होंने एक रचनात्मक एक्टिविटी के माध्यम से शिविर में उपस्थित बच्चों को सिखाया कि हमें ध्यान से सुनना चाहिए। क्योकि ध्यान से सुनने का बहुत महत्व है। जबकि सुनने से ज्यादा हम देखकर कर्म करते है, हम जैसा देखते है वैसा हम बनते चले जाते है। यदि हम कुछ गलत चीजों को देखते है या हमारे सामने कोई गलती कर रहा है तो उसका प्रभाव भी हमारे जीवन पर पड़ता है। इसलिए हमेशा टीवी या मोबाईल पर कुछ देखते है तो अच्छा ही देखे।
उन्होंने कहा कि अच्छे गुणों और संस्कारों का बीज बोने का यह सही समय है। इस समय अंदर लचीलापन होता है। सही शब्दों में कहा जाए तो व्यक्तित्व का निर्माण और जीवन को दिशा देने का काम इसी समयावधि में हो सकता है। हम जैसा बनना चाहें वैसा अपने को बना सकते हैं। आजकल कई बच्चे अपना कीमती समय मोबाइल पर नष्ट कर रहे हैं। अभिभावक और शिक्षक चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। इस समय में मोबाईल का ज्यादा उपयोग करना हमारे लिए बहुत नुकशान दायक है । मोबाईल हमारी सुविधा के लिए है पढ़ाई आदि के लिए ही हम इसे थोडा बहुत उपयोग कर सकते है। बांकी और और चीजों में हमें नहीं जाना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि सभी बच्चो को प्रातः सूर्योदय से पहले जाग जाना चाहिए तथा रात्रि को जल्दी सोना चाहिए। देर रात तक नहीं जागना चाहिए। सभी बच्चों को अपने माता पिता कहना मानना चाहिए। हरेक माता पिता अपने बच्चों की भलाई के लिए ही उन्हें समझाते है कभी भी माता पिता से नाराज नहीं होना चाहिए। जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है। और वह जीवन में आगे बढ़ते जाते है। इस पर एक रोचक कहानी भी बच्चों को सुनाई।
आगे भाई जी ने बच्चों को मन बुद्धि और संस्कार के बारे में बताया कि कैसे हम अच्छा सोचकर अपने अन्दर अच्छी आदतों को डाल सकते है। और अपनी ख़राब आदतों को छोड़ सकते है।


कार्यक्रम में बच्चो को मेडिटेशन (ध्यान) की सरल विधि सिखाई गई साथ ही ध्यान का अभ्यास भी कराया गया।
इस अवसर पर केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि हम थोडा समय पढ़ाई से पूर्व या कोई कार्य करने से पूर्व राजयोग ध्यान का अभ्यास करते है। अथवा परमात्मा को याद करते है तो हमें सफलता अवश्य मिलती है, साथ ही हमारी एकाग्रता भी बढती है। दीदी ने आगे कहा कि हमें इतना सुंदर जीवन मिला है तो उसके लिए हमें ईश्वर का शुक्रिया अदा करना चाहिए, साथ ही उन सभी का शुक्रिया करना चाहिए जो हमारे जीवन को अच्छा बनाने में हमारे मददगार है जैसे माता-पिता एवं गुरुजन आदि।
दीदी ने आगे बताया कि बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास और सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक है। यह शिविर निश्चित ही बच्चों में दिव्य गुणों की धारणा और चारित्रिक विकास में मददगार साबित होगा। जो बच्चे बचपन से ही आध्यात्मिक शिक्षा और नैतिक शिक्षा और व्यवहारिक शिक्षा से जुड़ते है, तो वह न केवल बड़े होकर एक अच्छे नागरिक बनते है, बल्कि समाज और विश्व के लिए भी एक प्रेरणा और आदर्श बनकर उभरते है।
अंत में शिक्षाप्रद गेम भी खिलाये गए जिसका बच्चों ने आनंद लिया|
इस अवसर पर बीके जीतू, बीके सुरभि, बीके रोशनी, रीता मिड्ढा सहित अनेकानेक बच्चो के पैरेंट्स भी उपस्थित थे।

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