Indraganj Lashkar
“संस्कृति की संरक्षक महिला” ( 08.03.2021 )
“संस्कृति की संरक्षक महिला”
ग्वालियर: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विधालय की भगिनी संस्था राजयोग एज्युकेशन एण्ड रिसर्च फाउंडेशन के महिला प्रभाग द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर एक कार्यक्रम का आयोजन माधौगंज सेवाकेंद्र पर किया गया | जिसका विषय था “संस्कृति की संरक्षक महिला”
कार्यक्रम में मुख्य रूप से माधवी सिंह (संचालिका नशा मुक्ति केंद्र ), श्रीमति पद्मा शर्मा (महिला मोर्चा मंडल अध्यक्ष ), श्रीमति बबिता डाबर (समाज सेवी), ऋचा शिवहरे, नीलम जगदीश गुप्ता (संस्थापिका संस्कार मंजरी), कल्पना मेहता (पूर्व अध्यक्ष इनर विल क्लब ) ब्रह्माकुमारी आदर्श दीदी (मुख्य इंचार्ज लश्कर ग्वालियर), डॉ. साधना शंकर श्रीमति आशा सिंह (समाज सेविका) बी. के. प्रहलाद भाई शामिल हुए |
कार्यक्रम के शुभारम्भ में सभी का तिलक और फूल से स्वागत किया गया साथ ही कु. बुलबुल ने स्वागत नृत्य किया|
इसके बाद कार्यक्रम का शुभारम्भ विधिवत दीप प्रज्वलन के साथ किया गया |
तत्पश्चात ब्रह्माकुमारी आदर्श दीदी (मुख्य इंचार्ज लश्कर ग्वालियर) ने आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर सभी को शुभकामनायें दीं साथ संस्थान का परिचय देते हुए महिला प्रभाग के बारे में बताया कि ब्रह्माकुमारीज के महिला द्वारा समय समय पर राष्ट्रीय स्तर पर महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए बिभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जाते है|
उसी के अंतर्गत आज अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर “संस्कृति की संरक्षक महिला” विषय पर कार्यक्रम आयोजित किया गया| इसके साथ ही विषय को विस्तार से सपष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि संस्कृति का सम्बन्ध संस्कारों से है व्यक्ति का रहन सहन, खान-पान, वेशभूषा, आचरण, चरित्र संस्कृति के अंतर्गत आते हैं | भारतीय संस्कृति आदि काल से उच्च, श्रेष्ठ देवी संस्कृति रही है जिसके आदर्श बहुत ऊंचे थे | काल चक्र घूमने के साथ स्तिथियों में परिवर्तन हुआ, अनेक विदेशी आक्रमण होने से अनेक संस्कृतियों का समावेश भारतीय संस्कृति में होने लगा | माहिलाओं को सुरक्षा के कारण चार दीवारी में रखा जाने लगा इससे नारी की गरिमा कम हुई व अनेक कुरीतियों , रूढ़िवादी सोच में जकड़ने लगी | वर्तमान २१ वीं सदी में जब पाश्चात्य संस्कृति संपूर्ण विश्व पर हावी है, तब भी भेदभाव, शोषण, कुप्रथाएँ जारी हैं | अतः संस्कृति और संस्कारों की रक्षा का बीड़ा स्वयं महिलायों को उठाना होगा | वह स्वयं सुसंस्कृत हो , सशक्त हो तो भावी पीढ़ी का श्रेष्ठ संस्कारों से सिंचन कर भारतीय संस्कृति के आदर्शों के प्रति उनमे आस्था जाग्रत कर सकती है पर उसमे रूढियो एवं कुरीतियों का स्थान नहीं हो | अतः महिलायों के भी नैतिक एवं आध्यात्मिक सशक्तिकरण की आवश्यकता है जिससे वह भारतीय संस्कारों एवं संस्कृति की संरक्षक हो | प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के माध्यम से स्वयं परमात्मा शिव धरा पर अवतरित होकर आदि सनातन देवी संस्कृति की स्थापना नारी को निमित्त बनाकर कर रहें हैं | अतः इस परिवर्तन के समय में महिलाएं परमात्मा की श्रीमत पर चलकर अपने जीवन एवं परिवार को दिव्य श्रेष्ठ बनाएं |
इसके साथ ही कार्यक्रम में पधारे सभी वक्ताओं नें विषय के अंतर्गत अपनी शुभकामनयें रखीं और नारी के सम्मान पर जोर दिया और कहा की जहाँ नारी का सम्मान होता है वहां देवता रमण करते है |
कार्यक्रम का कुशल संचालन श्रीमति आशा सिंह ने किया तथा अंत में सभी का धन्यवाद /आभार बी. के. प्रहलाद भाई द्वारा किया गया |
https://sandhyadesh.com/full_news.php?newsid=5701
https://www.gnews24.co.in/2021/03/bk.html
Indraganj Lashkar
सीआरपीएफ संतुलित आहार
सीआरपीएफ समूह केंद्र में क्षेत्रीय परिवार कल्याण केन्द्र के सहयोग से सेमिनार का आयोजन
ग्वालियर। सीआरपीएफ समूह केंद्र में क्षेत्रीय परिवार कल्याण केन्द्र के सहयोग से एक सेमिनार व वक्तव्य का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम समूह केन्द्र के तानसेन क्लब में आयोजित हुआ। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डाईटीशियन सौम्या चड्ढा, ब्रह्माकुमारीज संस्थान से प्रेरक वक्ता बी के प्रहलाद भाई उपस्थित थे।
इस अवसर पर क्षेत्रीय कावा अध्यक्षा श्रीमती सुनीता निगम, श्रीमती भावना गुप्ता, डिप्टी कमांडेंट दिलाबर सिंह, श्रीमती गीता, श्रीमती आशा सहित क्षेत्रीय कावा के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।
केन्द्र में निवासरत महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता व उनको लाभान्वित करने के लिए विशेषज्ञों द्वारा पोषण एवं अंधत्व नियंत्रण के विषय पर चर्चा की गयी
मुख्य आहार विशेषज्ञ सौम्या चड्ढा नें सभी को सम्बोधित करते हुए कहा कि सभी को यह ध्यान रखना चाहिए कि हमारा आहार इस तरह का हो जिसमें वह सभी पोषक तत्व आ जाए जो शरीर के लिए आवश्यक है। उन्होंने बताया कि
लें। थाली में अनाज, दाल/ प्रोटीन, सब्जी, फल, दूध, दही जैसी चीजें शामिल करें। समय पर भोजन करें, सीजनल फल और सब्जियां लें, दिनभर में 8 से 10 गिलास पानी पिएं, शारीरिक व्यायाम करें या कम से कम 30 मिनिट पैदल चलें, जरूरत से ज्यादा भोजन न करें।
ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के मेडिटेशन विशेषज्ञ बीके प्रहलाद भाई एवं बीके सुरभि नें सभी को मन को स्वस्थ्य रखने के लिए टिप्स दिए एवं राजयोग ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि राजयोग ध्यान करने से अनेक लाभ होते है। जैसे – यह तनाव कम करता है, मन को शांति और स्थिरता देता है, गुस्सा, चिंता और नकारात्मक सोच को घटाता है, एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ाता है, नींद की गुणवत्ता में सुधार लाता है। यह सब ठीक है तो शारीरिक स्वास्थ्य भी ठीक रहता है।
सेमिनार में ग्रुप केन्द्र के सैंकड़ों कार्मिकों एवं इस ग्रुप केन्द्र में निवासरत महिलाओं द्वारा बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया गया। सेमिनार के अंत में क्षेत्रीय कावा अध्यक्षा श्रीमती सुनीता निगम द्वारा डाईटीशियन सौम्या चड्ढा एवं बी के प्रहलाद भाई को स्मृति चिन्ह भेंट किए एवं विशेषज्ञों द्वारा इस विषय पर महत्वपूर्ण ज्ञानवर्धन करने हेतु धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किया।
Indraganj Lashkar
खुशनुमा और स्वस्थ जीवन (एसएएफ 13 बटालियन)
प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के द्वारा 13वीं वाहिनी विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ 13 बटालियन) में “तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली” विषय पर एक प्रेरणादायक सत्र आयोजित किया गया। जिसका उद्देश्य लोगों को मानसिक शांति, सकारात्मक सोच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रेरक वक्ता एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई तथा ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र की मुख्य संचालिका बीके आदर्श दीदी उपस्थित थीं।
इस अवसर पर एस ए एफ 13 बटालियन से प्रभारी सेनानी अनुराग पांडे, सहायक सेनानी, गुलबाग सिंह, डॉक्टर ओ पी वर्मा निरीक्षक मुनेन्द्र सिंह भदोरिया, निरीक्षक, धर्मेंद्र वर्मा, निरीक्षक मुकेश परिहार, निरीक्षक पुष्पेंद्र सिंह भदौरिया, निरीक्षक जादौन, निरीक्षक राय सिंह जयंत, समस्त पी टी एस स्टाफ एवं 350 से अधिक प्रशिक्षणार्थी सहित ब्रह्माकुमारीज से बीके सुरभि, बीके रोशनी, बीके पवन उपस्थित थे।
कार्यक्रम में बीके प्रहलाद भाई ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आज के तेज रफ़्तार जीवन में तनाव हर किसी की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। जिसकी वजह से हमारे जीवन में काफी उतार चढाव आते है। इन सबसे छूटने के लिए तनाव का सही ढंग से प्रबंधन करना ही खुशनुमा और स्वस्थ जीवन जीने की कला है। यदि तनाव पर नियंत्रण न हो तो यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ को प्रभावित करता है। इसके लिए कुछ सरल उपाय अपनाकर हम संतुलित, आनंदमय और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। उन्होंने कहा कि – सकारात्मक सोच विकसित करें, हर परिस्थिति में अच्छा पक्ष देखने का प्रयास करें, नकारात्मक विचारों से दूर रहें, योग और ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाये, रोजाना 15 से 20 मिनिट ध्यान करें जिससे मन स्थिर रहता है एवं मानसिक शांति भी मिलती है, प्राणायाम और योगासन से शरीर स्वस्थ्य रहता है, 6 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद लें, संतुलित भोजन लें, नशे से दूरी बनाकर रखें, जंक फ़ूड से बचें, व्यवस्थित दिनचर्या बनायें, कोई न कोई रोज अच्छी पुस्तक पढ़ने की आदत डालें, कार्यक्रम स्थल पर किसी भी तरह का दवाव आता है तो घबरायें नहीं, परिवार के साथ समय विताएं, हर कार्य को एक खेल की तरह से लें।
बीके प्रहलाद भाई नें अनेकानेक रचनात्मक गतिविधि भी कराई जिससे सभी का मन हल्का हुआ और उमंग उत्साह भी बढ़ा। और दिन कि शुरुआत किस तरह से करें वह भी बताया।
कार्यक्रम में बीके आदर्श दीदी नें कहा कि तनाव को दूर करने के लिए योग, ध्यान, प्राणायाम, सकारात्मक चिंतन और समय प्रबंधन जैसे उपाय बेहद प्रभावी हैं। पर्याप्त नींद और रुचियों के लिए समय निकालना जीवन को सुखद और तनावमुक्त बना सकता है साथ ही कहा कि तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है यदि हम स्वस्थ दिनचर्या और आत्म नियंत्रण को अपनाएं तो जीवन अधिक खुशनुमा और आनंदमय बन सकता है। दीदी नें सभी को राजयोग ध्यान की विधि बताई तथा सभी को उसके फायदे बताते हुए अभ्यास भी कराया।
इस अवसर पर उपस्थित प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे अपने जीवन में स्वस्थ दिनचर्या, योग ध्यान और सकारात्मक सोच को अपनायेंगे और परिवार एवं समाज के प्रेरणास्त्रोत बनेगें।
कार्यक्रम में मेडिकल ऑफिसर डॉ ओपी वर्मा ने बताया कि तनाव आता है तो लोग आसानी से नशे की तरफ भागते है जबकि वह समाधान नहीं है। समाधान के लिए हमें ब्रह्माकुमारीज़ जैसे आध्यात्मिक संस्थानों से जुड़कर ध्यान के माध्यम में हमें अपने को सकारात्मक बनाना चाहिए। इस अवसर पर अन्य पदाधिकारियों नें भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में संस्थान के लोंगो का अभिनन्दन करते हुए पौधे भेंट किए गए।

Indraganj Lashkar
तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी(न्यूज़ कवरेज)
-
Indraganj Lashkar5 months agoमीडिया कवरेज – राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस पर ब्रह्माकुमारीज नें किया डॉक्टर्स का सम्मान
-
Indraganj Lashkar3 months ago
ब्रह्माकुमारीज़ के माधौगंज केंद्र पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में भव्य कार्यक्रम का हुआ आयोजन
-
Uncategorized4 months ago
एसएएफ की 14 वीं बहिनी में खुशनुमा और स्वस्थ्य जीवन शैली विषय पर कार्यक्रम आयोजित
-
Indraganj Lashkar6 months agoबाल व्यक्तित्व विकास शिविर
-
Indraganj Lashkar3 months ago
तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी
-
Govindpuri (city center)5 months agoलश्कर ग्वालियर – ग्यारहवें अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस पर ज़िला स्तरीय सामूहिक योग अभ्यास में ब्रह्माकुमारीज संस्थान के भाई बहनें हुए शामिल
-
Indraganj Lashkar5 months agoलश्कर ग्वालियर – राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस पर ब्रह्माकुमारीज नें किया डॉक्टर्स का सम्मान
-
Indraganj Lashkar3 months ago
तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी(न्यूज़ कवरेज)





























