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Indraganj Lashkar

“श्रीमद् भगवद्गीता का अद्भुत रहस्य एवं पारिवारिक शांति और परमात्म अनुभूति शिविर” कार्यक्रम संपन्न

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अपने आंतरिक युद्ध का नाम ही है श्रीमद् भगवद्गीता : ब्रह्माकुमारी वीणा दीदी

श्रीमद्भगवद्गीता जीवन जीने की कला सिखाती है यह एक अद्भुत परामर्श विधि है : वीणा दीदी

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय  की लश्कर शाखा द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन हुआ जिसका विषय था “श्रीमद् भगवद्गीता का अद्भुत रहस्य एवं पारिवारिक शांति और परमात्म अनुभूति शिविर” जिसमें मुख्य वक्ता के रूप में कर्नाटक(सिरसी) से श्रीमद् भगवद्गीता विशेषज्ञा राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी वीणा दीदीजी पहुँची। कार्यक्रम में डॉ. कमल विशेष रूप से मौजूद  रहे इसके साथ ही ब्रह्माकुमारी अभिलाषा बहिन (भोपाल), ब्रह्माकुमारी आदर्श दीदी (संचालिका ब्रह्माकुमारीज लश्कर ग्वालियर), डॉ. गुरूचरण सिंह, ब्रह्माकुमारी ज्योति बहिन  उपस्थित थे।

कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्जवलन के साथ किया गया । तत्पश्चात ब्रह्माकुमारी आदर्श दीदीजी के द्वारा सभी का स्वागत अभिनन्दन करते हुए कहा कि यह हम सबके लिए बड़ी ही खुशी की बात है कि आदरणीया वीणा दीदी जी के द्वारा सर्व शास्त्रमयी शिरोमणि श्रीमद्भगवद गीता का आध्यात्मिक  रहस्य बताया जाएगा और उससे हम सभी निश्चित ही लाभान्वित होंगे एवं उस ज्ञान को जीवन मे धारण करने से हम तनाव से मुक्त हो सकेंगे।

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में कर्नाटक सिरसी से पधारी राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी वीणा दीदी जी ने सभी को संबोधित करते हुए श्रीमद् भगवद्गीता का आध्यात्मिक रहस्य स्पष्ट किया और उन्होंने बताया कि श्रीमद्भगवद्गीता जीवन जीने की कला सिखाती है यह एक अद्भुत परामर्श विधि है। हमारी मानसिक धारणा है कि भगवद्गीता का अध्ययन वृद्ध अवस्था में  करना चाहिए लेकिन भगवद्गीता का उपयोग युवा अवस्था में जरुरी है। उन्होंने बताया यह कोई युद्ध शास्त्र नहीं है वरन एक योग शास्त्र है यह अपने आंतरिक युद्ध का नाम है। श्रीमद् भगवद्गीता कर्मयोग सिखाती है। कर्म को योग में परिवर्तन करने की विधि भगवद्गीता ही सिखाती है।

उन्होंने बताया कि मूल्यों का कभी पतन नहीं होता बल्कि हमारे द्वारा मूल्यों का दुरूपयोग करने  से ही हमारा पतन होता जाता है । आज के समय में सामाजिक, राजनैतिक, सांसारिक सभी समस्याओं का समाधान आध्यात्मिकता ही है। उन्होंने कहा जीवन का उद्देश्य जीतना नहीं बल्कि जीवन जीने का नाम है। यह हमारे कर्मों में बदलाव लाने की विधि हमें सिखाती है।

वर्तमान समय जीवन में हर किसी को तनाव है और तनाव का मुख्य कारण है कि हमें वस्तुओं से, व्यक्तियों से, अपनी देह से अति लगाव और मोह हो गया है  तनाव से यदि मुक्त होना है तो  हर एक को अपने आपको आध्यात्मिक रीति से सशक्त करना होगा। जब तक हमारे अंदर आत्माभाव नहीं आएगा तब तक हम ईश्वर से ताकत नहीं ले सकेंगे। ईश्वर से शक्ति लेनी है थोड़ा समय अपने लिए निकाले और ईश्वर से अपना मानसिक संबध जोड़े।

इस अवसर पर डॉ कमल ने भी अपनी शुभकामनाएं व्यक्त की। वेलफेयर फाउंडेशन से आशा बहिन के द्वारा वीणा दीदी जी का सम्मान भी किया गया।

कार्यक्रम का कुशल संचालन ब्रह्माकुमारी ज्योति बहिन ने किया।एवं कार्यक्रम के अंत मे डॉ. गुरूचरण सिंह जी ने सभी का धन्यवाद किया।

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तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी(न्यूज़ कवरेज)

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तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी

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24 सितंबर 2025

खुशनुमा और स्वस्थ जीवन के लिए तनाव प्रबंधन आवश्यक – बीके प्रहलाद भाई

एसएएफ 13 बटालियन में तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली विषय पर प्रेरणादायक सत्र आयोजित

ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के द्वारा 13वीं वाहिनी विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ 13 बटालियन) में “तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली” विषय पर एक प्रेरणादायक सत्र आयोजित किया गया। जिसका उद्देश्य लोगों को मानसिक शांति, सकारात्मक सोच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रेरक वक्ता एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई तथा ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र की मुख्य संचालिका बीके आदर्श दीदी उपस्थित थीं।


इस अवसर पर एस ए एफ 13 बटालियन से प्रभारी सेनानी अनुराग पांडे, सहायक सेनानी, गुलबाग सिंह, डॉक्टर ओ पी वर्मा निरीक्षक मुनेन्द्र सिंह भदोरिया, निरीक्षक, धर्मेंद्र वर्मा, निरीक्षक मुकेश परिहार, निरीक्षक पुष्पेंद्र सिंह भदौरिया, निरीक्षक जादौन, निरीक्षक राय सिंह जयंत, समस्त पी टी एस स्टाफ एवं 350 से अधिक प्रशिक्षणार्थी सहित ब्रह्माकुमारीज से बीके सुरभि, बीके रोशनी, बीके पवन उपस्थित थे।
कार्यक्रम में बीके प्रहलाद भाई ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आज के तेज रफ़्तार जीवन में तनाव हर किसी की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। जिसकी वजह से हमारे जीवन में काफी उतार चढाव आते है। इन सबसे छूटने के लिए तनाव का सही ढंग से प्रबंधन करना ही खुशनुमा और स्वस्थ जीवन जीने की कला है। यदि तनाव पर नियंत्रण न हो तो यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ को प्रभावित करता है। इसके लिए कुछ सरल उपाय अपनाकर हम संतुलित, आनंदमय और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। उन्होंने कहा कि – सकारात्मक सोच विकसित करें, हर परिस्थिति में अच्छा पक्ष देखने का प्रयास करें, नकारात्मक विचारों से दूर रहें, योग और ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाये, रोजाना 15 से 20 मिनिट ध्यान करें जिससे मन स्थिर रहता है एवं मानसिक शांति भी मिलती है, प्राणायाम और योगासन से शरीर स्वस्थ्य रहता है, 6 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद लें, संतुलित भोजन लें, नशे से दूरी बनाकर रखें, जंक फ़ूड से बचें, व्यवस्थित दिनचर्या बनायें, कोई न कोई रोज अच्छी पुस्तक पढ़ने की आदत डालें, कार्यक्रम स्थल पर किसी भी तरह का दवाव आता है तो घबरायें नहीं, परिवार के साथ समय विताएं, हर कार्य को एक खेल की तरह से लें।
बीके प्रहलाद भाई नें अनेकानेक रचनात्मक गतिविधि भी कराई जिससे सभी का मन हल्का हुआ और उमंग उत्साह भी बढ़ा। और दिन कि शुरुआत किस तरह से करें वह भी बताया।


कार्यक्रम में बीके आदर्श दीदी नें कहा कि तनाव को दूर करने के लिए योग, ध्यान, प्राणायाम, सकारात्मक चिंतन और समय प्रबंधन जैसे उपाय बेहद प्रभावी हैं। पर्याप्त नींद और रुचियों के लिए समय निकालना जीवन को सुखद और तनावमुक्त बना सकता है साथ ही कहा कि तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है यदि हम स्वस्थ दिनचर्या और आत्म नियंत्रण को अपनाएं तो जीवन अधिक खुशनुमा और आनंदमय बन सकता है। दीदी नें सभी को राजयोग ध्यान की विधि बताई तथा सभी को उसके फायदे बताते हुए अभ्यास भी कराया।
इस अवसर पर उपस्थित प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे अपने जीवन में स्वस्थ दिनचर्या, योग ध्यान और सकारात्मक सोच को अपनायेंगे और परिवार एवं समाज के प्रेरणास्त्रोत बनेगें।


कार्यक्रम में मेडिकल ऑफिसर डॉ ओपी वर्मा ने बताया कि तनाव आता है तो लोग आसानी से नशे की तरफ भागते है जबकि वह समाधान नहीं है। समाधान के लिए हमें ब्रह्माकुमारीज़ जैसे आध्यात्मिक संस्थानों से जुड़कर ध्यान के माध्यम में हमें अपने को सकारात्मक बनाना चाहिए। इस अवसर पर अन्य पदाधिकारियों नें भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में संस्थान के लोंगो का अभिनन्दन करते हुए पौधे भेंट किए गए।

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ब्रह्माकुमारीज़ के माधौगंज केंद्र पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में भव्य कार्यक्रम का हुआ आयोजन

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ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के माधौगंज स्थित प्रभु उपहार भवन में भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।


कार्यक्रम में संस्थान के बाल कलाकारों ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का मंचन किया। जिसने सभी का मन मोह लिया तो वहीं भजन गायकों द्वारा सुंदर भजनों की प्रस्तुति ने सभी को आनंदित कर दिया।
कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी ने सभी को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की बधाई दी और कहा कि आज हम भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को हर्ष और उल्लास के साथ मना रहे हैं। यह केवल एक धार्मिक त्योहार ही नहीं, बल्कि हमारे जीवन को दिशा देने वाला आध्यात्मिक संदेश है। भगवान श्रीकृष्ण जी का जीवन हमें सिखाता है कि धर्म की रक्षा और अन्याय तथा बुराइयों का अंत करना ही जीवन का सबसे बड़ा उद्देश्य होना चाहिए।


भगवान ने गीता में कहा है कि अपने कर्तव्यों को निष्ठा और ईमानदारी से करना चाहिए, फल की चिंता नहीं करनी चाहिए। यह शिक्षा आज के समाज के लिए बहुत प्रासंगिक है। यदि हर व्यक्ति अपना कर्तव्य सही भावना से निभाए, तो समाज में अन्याय, भ्रष्टाचार और असमानता स्वतः ही समाप्त हो सकती है।
भगवान श्रीकृष्ण का जीवन हमें गहन शिक्षाएँ देता है। उनका जन्म कारागार में दिखाते है, लेकिन परिस्थितियाँ कैसी भी रही हों, उन्होंने हमेशा धर्म और न्याय की स्थापना का कार्य किया। उनका पूरा जीवन हमें यह संदेश देता है कि मनुष्य को अपने कर्तव्य का पालन निस्वार्थ भाव से करना चाहिए।
यह पर्व हमें नई श्रेष्ठाचारी और पावन दुनिया की याद दिलाता है। जब-जब संसार में अन्याय, अधर्म और असत्य बढ़ता है, तब ईश्वर अवतरित होकर मानवता को सही दिशा दिखाते हैं।

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कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार महेश कुमार, प्रेरक वक्ता बीके प्रहलाद ने भी सभी को जन्माष्टमी की शुभकामनाएं देते हुए अपने विचार प्रकट किए।
कार्यक्रम में सुंदर झांकी लगाई गई थी। जिसका दर्शन लाभ सभी ने लिया। साथ ही भजनों की सुंदर प्रस्तुति एवं भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का मंचन करने वाले कलाकारों में कु. रोशनी, कु. तनवी, कु. पीहू, कु. नंदनी, कु. हंसिका, कु. रुचि, कु. नव्या, रूबी, सोनिया, पवन, अखिलेश, निलक्ष तथा बीके जीतू आदि शामिल थे।

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