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भारत को विश्व गुरु बनाने में सर्व वर्गों का योगदान चार दिवसीय अभियान
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय एवं राजयोग एजुकेशन एन्ड रिसर्च फाउंडेशन के तत्वाधान में भारत को विश्व गुरु बनाने में सर्व वर्गों का योगदान चार दिवसीय अभियान के अंतर्गत ग्वालियर शहर के विभिन्न ब्रह्माकुमारी सेवाकेन्द्रों लश्कर शाखा, सिटी सेंटर, तानसेन नगर, दीनदयाल नगर, विनय नगर, टेकनपुर शाखा आदि के द्वारा विभिन्न स्कूल कॉलेज सरकारी गैर सरकारी संस्थान व संगठनों IPS कॉलेज,ग्वालियर ग्लोरी स्कूल, होटल प्रह्लाद इन, ऑडिट भवन,स्वदेश न्यूज़ पेपर प्रेस, 2nd बटालियन, 14 बटालियन,रेडिओ पुलिस अधीक्षक ऑफिस, मीडिया कांफ्रेंस, RJIT कॉलेज, BSF एकेडेमी टेकनपुर, B.ED , M. ED COLLEGE, विभिन्न कोचिंग इंस्टिट्यूट, एग्रीकल्चर कॉलेज, LNIUPE कॉलेज आदि जगहों पर अनेकानेक कार्यक्रम किये गए|
बी.के. सुधा बहिन ने संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा समाज व देश की रीढ़ की हड्डी है लेकिन नैतिक मूल्यों व संस्कारों के अभाव में शिक्षा कहीं न कहीं अधूरी है| संसार में श्रेष्ठ परिवर्तन के लिए मूल्यों की आवश्यकता है मूल्यों की गिरावट के कारण ही मनुष्य का पतन हुआ है और होते जा रहा है जिसके परिणाम स्वरुप हम आज नकारात्मकता, दूषित-विकृत मानसिकता और अपराधों से भरे इस परिवेश में चिंता, भय, अनिश्चितता के साथ जीवन यापन कर रहे हैं|युवाओं को आज तकनीकी शिक्षा के साथ रचनात्मक कार्य, मूल्यनिष्ठ शिक्षा की जरूरत है इसके प्रशिक्षण से ही युवा आंतरिक रूप से सशक्त बनेंगे|
बी. के. पियूष भाई ने बताया कि हमारी सोच ही हमारा व्यक्तित्व गढ़ती है सोच ही हमको बड़ा व महान बनाती है| जिस प्रकार तालाब एक ही होता है लेकिन उस तालाब से हंस मोती चुंगता है और बगुला मछली| अंतर सिर्फ सोच का है| अत: जरूरत है अपनी सोच को सकारात्मक व श्रेष्ठ बनाने की| बी. के.लक्ष्मी बहिन के द्वारा सभी को राजयोग मैडिटेशन के विषय में बताया साथ ही सभी को मैडिटेशन कि गहन अनुभूति करायी|
बी. के. प्रहलाद भाई ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि ‘जीवन में बुराई हो सकती है मगर जीवन कभी बुरा नहीं हो सकता| जीवन एक अवसर है श्रेष्ठ बनने का, कुछ श्रेष्ठ करने का और समाज को कुछ श्रेष्ठ देने का’| जैसा कि एक प्रसिद्ध कहावत है जब जागो तभी सवेरा तो क्यों ना इसे चरितार्थ किया जाये|
स्वदेश न्यूज़ पेपर प्रेस में आयोजित कार्यक्रम ‘मैडिटेशन से मीडिया बने स्वस्थ’ विषय पर बी. के. सुशांत भाई द्वारा सभी को संबोधित किया गया साथ ही स्वस्थ मन के लिए मैडिटेशन को नियमित दिनचर्या में शामिल करने पर जोर दिया|
लश्कर सेवाकेंद्र संचालिका बी के आदर्श दीदी जी ने कहा कि वर्तमान समय इस अनिश्चितता व प्रतिस्पर्धा के दौर में तनाव होना स्वाभाविक है| उन्होंने टेक्नोलॉजी का सीमित उपयोग करने पर जोर दिया| साथ ही बताया कि वर्तमान में जियें और तनाव मुक्त रहने के लिए मैडिटेशन को अपने जीवन का हिस्सा बनाएं| आज के समय में यदि आत्मा का ध्यान न रखा गया उसे रिचार्ज नहीं किया गया तो हम घड़ी-घड़ी तनाव में आ सकते हैं|
ग्वालियर शहर के सभी प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया कर्मियों के लिए आयोजित सम्मलेन “मैडिटेशन द्वारा मीडिया बने स्वस्थ” कार्यक्रम में सभी मीडिया कर्मियों को संबोधित करते हुए बी. के. सुशांत भाई ने कहा कि आज मीडिया कर्मियों के आंतरिक सशक्तिकरण की आवश्यकता है| पत्रकारिता में दो चीजें महत्वपूर्ण हैं रचनात्मकता और मानसिक ऊर्जा | और ये दोनों तभी आ पाएंगे जब मन स्वस्थ होगा, बलवान होगा और मन को स्वस्थ बनाने के लिए जरुरी है मैडिटेशन को अपने जीवन का स्वाभाविक नेचर बना लें ताकि हम आंतरिक रूप से स्वस्थ बन सकें|कार्यक्रम में बी.के. सुधा बहन के द्वारा सभी को मैडिटेशन के विषय में बताया गया साथ ही मैडिटेशन की अनुभूति भी कराई गयी|
लश्कर सेवाकेंद्र संचालिका बी. के. आदर्श दीदी जी के द्वारा सभी मीडिया बंधुओं के निरंतर सहयोग एवं अपनी उपस्थिति के लिए अभिनन्दन एवं आभार किया गया| कार्यक्रम का कुशल संचालन बी. के. प्रहलाद भाई के द्वारा किया गया|
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तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी(न्यूज़ कवरेज)
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तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी
24 सितंबर 2025
खुशनुमा और स्वस्थ जीवन के लिए तनाव प्रबंधन आवश्यक – बीके प्रहलाद भाई

एसएएफ 13 बटालियन में तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली विषय पर प्रेरणादायक सत्र आयोजित
ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के द्वारा 13वीं वाहिनी विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ 13 बटालियन) में “तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली” विषय पर एक प्रेरणादायक सत्र आयोजित किया गया। जिसका उद्देश्य लोगों को मानसिक शांति, सकारात्मक सोच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रेरक वक्ता एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई तथा ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र की मुख्य संचालिका बीके आदर्श दीदी उपस्थित थीं।

इस अवसर पर एस ए एफ 13 बटालियन से प्रभारी सेनानी अनुराग पांडे, सहायक सेनानी, गुलबाग सिंह, डॉक्टर ओ पी वर्मा निरीक्षक मुनेन्द्र सिंह भदोरिया, निरीक्षक, धर्मेंद्र वर्मा, निरीक्षक मुकेश परिहार, निरीक्षक पुष्पेंद्र सिंह भदौरिया, निरीक्षक जादौन, निरीक्षक राय सिंह जयंत, समस्त पी टी एस स्टाफ एवं 350 से अधिक प्रशिक्षणार्थी सहित ब्रह्माकुमारीज से बीके सुरभि, बीके रोशनी, बीके पवन उपस्थित थे।
कार्यक्रम में बीके प्रहलाद भाई ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आज के तेज रफ़्तार जीवन में तनाव हर किसी की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। जिसकी वजह से हमारे जीवन में काफी उतार चढाव आते है। इन सबसे छूटने के लिए तनाव का सही ढंग से प्रबंधन करना ही खुशनुमा और स्वस्थ जीवन जीने की कला है। यदि तनाव पर नियंत्रण न हो तो यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ को प्रभावित करता है। इसके लिए कुछ सरल उपाय अपनाकर हम संतुलित, आनंदमय और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। उन्होंने कहा कि – सकारात्मक सोच विकसित करें, हर परिस्थिति में अच्छा पक्ष देखने का प्रयास करें, नकारात्मक विचारों से दूर रहें, योग और ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाये, रोजाना 15 से 20 मिनिट ध्यान करें जिससे मन स्थिर रहता है एवं मानसिक शांति भी मिलती है, प्राणायाम और योगासन से शरीर स्वस्थ्य रहता है, 6 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद लें, संतुलित भोजन लें, नशे से दूरी बनाकर रखें, जंक फ़ूड से बचें, व्यवस्थित दिनचर्या बनायें, कोई न कोई रोज अच्छी पुस्तक पढ़ने की आदत डालें, कार्यक्रम स्थल पर किसी भी तरह का दवाव आता है तो घबरायें नहीं, परिवार के साथ समय विताएं, हर कार्य को एक खेल की तरह से लें।
बीके प्रहलाद भाई नें अनेकानेक रचनात्मक गतिविधि भी कराई जिससे सभी का मन हल्का हुआ और उमंग उत्साह भी बढ़ा। और दिन कि शुरुआत किस तरह से करें वह भी बताया।

कार्यक्रम में बीके आदर्श दीदी नें कहा कि तनाव को दूर करने के लिए योग, ध्यान, प्राणायाम, सकारात्मक चिंतन और समय प्रबंधन जैसे उपाय बेहद प्रभावी हैं। पर्याप्त नींद और रुचियों के लिए समय निकालना जीवन को सुखद और तनावमुक्त बना सकता है साथ ही कहा कि तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है यदि हम स्वस्थ दिनचर्या और आत्म नियंत्रण को अपनाएं तो जीवन अधिक खुशनुमा और आनंदमय बन सकता है। दीदी नें सभी को राजयोग ध्यान की विधि बताई तथा सभी को उसके फायदे बताते हुए अभ्यास भी कराया।
इस अवसर पर उपस्थित प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे अपने जीवन में स्वस्थ दिनचर्या, योग ध्यान और सकारात्मक सोच को अपनायेंगे और परिवार एवं समाज के प्रेरणास्त्रोत बनेगें।

कार्यक्रम में मेडिकल ऑफिसर डॉ ओपी वर्मा ने बताया कि तनाव आता है तो लोग आसानी से नशे की तरफ भागते है जबकि वह समाधान नहीं है। समाधान के लिए हमें ब्रह्माकुमारीज़ जैसे आध्यात्मिक संस्थानों से जुड़कर ध्यान के माध्यम में हमें अपने को सकारात्मक बनाना चाहिए। इस अवसर पर अन्य पदाधिकारियों नें भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में संस्थान के लोंगो का अभिनन्दन करते हुए पौधे भेंट किए गए।
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ब्रह्माकुमारीज़ के माधौगंज केंद्र पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में भव्य कार्यक्रम का हुआ आयोजन
ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के माधौगंज स्थित प्रभु उपहार भवन में भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।

कार्यक्रम में संस्थान के बाल कलाकारों ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का मंचन किया। जिसने सभी का मन मोह लिया तो वहीं भजन गायकों द्वारा सुंदर भजनों की प्रस्तुति ने सभी को आनंदित कर दिया।
कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी ने सभी को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की बधाई दी और कहा कि आज हम भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को हर्ष और उल्लास के साथ मना रहे हैं। यह केवल एक धार्मिक त्योहार ही नहीं, बल्कि हमारे जीवन को दिशा देने वाला आध्यात्मिक संदेश है। भगवान श्रीकृष्ण जी का जीवन हमें सिखाता है कि धर्म की रक्षा और अन्याय तथा बुराइयों का अंत करना ही जीवन का सबसे बड़ा उद्देश्य होना चाहिए।

भगवान ने गीता में कहा है कि अपने कर्तव्यों को निष्ठा और ईमानदारी से करना चाहिए, फल की चिंता नहीं करनी चाहिए। यह शिक्षा आज के समाज के लिए बहुत प्रासंगिक है। यदि हर व्यक्ति अपना कर्तव्य सही भावना से निभाए, तो समाज में अन्याय, भ्रष्टाचार और असमानता स्वतः ही समाप्त हो सकती है।
भगवान श्रीकृष्ण का जीवन हमें गहन शिक्षाएँ देता है। उनका जन्म कारागार में दिखाते है, लेकिन परिस्थितियाँ कैसी भी रही हों, उन्होंने हमेशा धर्म और न्याय की स्थापना का कार्य किया। उनका पूरा जीवन हमें यह संदेश देता है कि मनुष्य को अपने कर्तव्य का पालन निस्वार्थ भाव से करना चाहिए।
यह पर्व हमें नई श्रेष्ठाचारी और पावन दुनिया की याद दिलाता है। जब-जब संसार में अन्याय, अधर्म और असत्य बढ़ता है, तब ईश्वर अवतरित होकर मानवता को सही दिशा दिखाते हैं।
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कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार महेश कुमार, प्रेरक वक्ता बीके प्रहलाद ने भी सभी को जन्माष्टमी की शुभकामनाएं देते हुए अपने विचार प्रकट किए।
कार्यक्रम में सुंदर झांकी लगाई गई थी। जिसका दर्शन लाभ सभी ने लिया। साथ ही भजनों की सुंदर प्रस्तुति एवं भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का मंचन करने वाले कलाकारों में कु. रोशनी, कु. तनवी, कु. पीहू, कु. नंदनी, कु. हंसिका, कु. रुचि, कु. नव्या, रूबी, सोनिया, पवन, अखिलेश, निलक्ष तथा बीके जीतू आदि शामिल थे।
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