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Indraganj Lashkar

तनाव कम करने का सबसे अच्छा उपाय राजयोग मेडीटेशन: बी. के. प्रहलाद

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तनाव कम करने का सबसे अच्छा उपाय राजयोग मेडीटेशन: बी. के. प्रहलाद

दैनिक भास्कर प्रेस ग्वालियर द्वारा तनाव प्रबंधन एवं मेडिटेशन विषय पर एक कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें ब्रह्माकुमारीज संस्थान से स्वप्रबंधन विशेषज्ञ एवं राजयोग मैडिटेशन एक्सपर्ट बी के प्रहलाद भाई को आमंत्रित किया गया| बी के प्रह्लाद भाई ने सभी को सम्बोधित करते हुए कहा क़ि तनाव वर्तमान समय की सबसे बड़ी समस्या के रूप में उभरकर आमने आया है चाहे वह कार्यस्थल का तनाव हो, घर का हो,स्कूल व कॉलेज का हो या कोई भी सम्बन्ध संपर्क का हो, धनाभाव हो आज इससे लगभग सभी आयु व क्षेत्र के लोग प्रभावित हैं सभी मनुष्य अपने जीवन में सुख शांति चाहते हैं तनाव फ्री रहना चाहते हैं लेकिन वे यह नहीं जानते क़ि जीवन में स्थायी सुख शांति व आनंद कैसे प्राप्त किया जाए| अतः मनुष्य के स्वभावत: यदि सभी चीज़ें उसके अनुसार चलती रहती है तो वह सुखी रहता खुश रहता है जहाँ एक भी चीज़ यदि उसके अनुसार नहीं होती तो वही उसके तनाव का कारण बन जाती हैं| तो इसके लिए सर्वप्रथम जरुरी है क़ि हम स्वयं को जाने खुद को पहचानें क़ि “मैं कौन हूँ”| मेरा अनादि ओरिजिनल स्वरुप क्या है मेरे गुण व मेरी शक्तियां क्या हैं इस सृष्टि रंगमंच के खेल को पहचानें| साथ ही कर्मों क़ि गुह्य गति का हमें ज्ञान हो| तब जाकर हम सभी अपने किरदार को बहुत सुन्दर व अच्छे ढंग से अदा कर सकते हैं| जिसमें सर्व के प्रति सहयोग,स्नेह की कामना हो शुभभावना हो और बताया कि कैसे हम छोटी-छोटी सी अपनी रोज़मर्रा की बातों से तनाव पैदा कर लेते हैं जबकि हमें उन्हें इग्नोर करना सीखना होगा साथ ही उन्होने बताया कि कार्यस्थल पर किस प्रकार भिन्न-भिन्न प्रकार के तनाव के कारण सामने आते हैं और उन्हें किस प्रकार से हैंडल करना चाहिए विस्तार से सभी को बताया|
साथ ही तनाव के विभिन्न कारणों व उसको कम करने के लिए कुछ टिप्स भी शेयर किये :
• हम सभी को अपनी दिनचर्या सेट करनी चाहिए | जहाँ दिनचर्या सेट होगी वहां हम अपने तनाव को आसानी से कम कर सकते हैं|
• तनाव कहीं न कहीं इस बात का सूचक है क़ि हमें दिनचर्या में परिवर्तन करने क़ि आवश्यकता है एक ही तरीके का कार्य यदि हम अधिक समय तक करते हैं तो वह भी तनाव का कारण बन जाता है यदि हमें एक ही कार्य करते रहना पड़ता है तो बीच-बीच में उसमें बदलाव करते रहें| साथ ही हफ्ते में एक दिन बाहर घूमने फिरने जाएँ,अपनी पसंद का कोई भी कार्य करें,अपने दोस्तों व परिवार के साथ समय व्यतीत करें, प्रकृति के सानिध्य में समय बिताएं हर सात दिन में अपनी दिनचर्या चेंज करें|
• तनाव कम करने के लिए नियमित रूप से सभी को मैडिटेशन करना चाहिए साथ ही रोज रात को अपनी दिनचर्या लिखनी चाहिए क़ि आज दिन भर में मैंने क्या अच्छा किया क्या गलत किया| ऐसा करने से आपका मन हल्का हो जायेगा और जो कार्य आप नहीं कर पाए उस कार्य को आगे आप कब करना चाहते हैं उसके लिए जो प्रेशर दिमाग पर है वह हट जायेगा |
• अगर कोई ऐसी बात है जो तनाव का कारण बन रही है तो अपने दोस्तों या जो भी आपके घनिष्ठ हों उनसे शेयर करें ताकि जो दिमाग पर बोझ है वो कम हो जायेगा यदि आप किसी से शेयर नहीं करना चाहते तो सबसे अच्छा तरीका है खुदा के नाम एक खत लिखें और उसमें अपनी सभी बातें भगवान के साथ शेयर करें|
• ऐसे लोगों का संग नहीं करें जिनकी सोच नकारात्मक हैं व्यर्थ का लड़ाई- झगड़ा करते हों एक दूसरे की कमी कमजोरी, परचिन्तन परदर्शन में रहते हों| यदि आप ऐसा संग करेंगे तो आप चाहें या न चाहें ये बातें आप पर प्रभाव डालेंगी और अनावश्यक ही आप पर प्रेशर क्रिएट होगा|
• आज तनाव का प्रमुख कारण है हमारा अधिकांश समय सोशल साइट्स पर व्यतीत करना, कार्यक्षेत्र और सम्बन्ध संपर्क में कड़वाहट है इसलिए हो सके तो अपनी दिनचर्या में से थोड़ा समय आध्यात्मिक और प्रेरक किताबें पढ़ने के लिए जरूर निकालें क्यों कि किताबें ही हमारी सबसे अच्छी मित्र होती हैं यदि सभी सकारात्मक चिंतन व मोटिवेशनल किताबों को नियमित रूप से पढ़ना अपनी दिनचर्या में शामिल करें| तो निश्चित ही आपका तनाव तो कम होगा ही साथ ही और भी कई फायदे होंगे|

कार्यक्रम के अंत में सभी को बी. के. प्रहलाद भाई ने मैडिटेशन कि गहन अनुभूति भी कराई |

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म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी ने ‘सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर किया सम्मानित

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Gwalior : म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी, भारत सरकार के केंद्रीय संचार मंत्री माननीय श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी, म.प्र. विधानसभा अध्यक्ष माननीय श्री नरेंद्र सिंह तोमर जी ने ग्वालियर के दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार, कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। जिसमें ब्रह्माकुमारी रोशनी, ब्रह्माकुमारी सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में प्रदेश के अनेकानेक कैबिनेट मंत्री गण, सांसद, विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधि तथा प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।

इस अवसर पर बीके रोशनी, बीके सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह ने माननीय मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी का अभिनंदन करते हुए उन्हें ईश्वरीय सौगात भेंट की।

कार्यक्रम में शहर से अनेकानेक सम्माननीय धर्मगुरु, धार्मिक संस्थान, सामाजिक संस्थान से तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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बाल व्यक्तित्व विकास शिविर

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ब्रह्माकुमारीज केंद्र पर तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का हुआ शुभारंभ

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बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास, सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक – आदर्श दीदी

जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है – प्रहलाद भाई

ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की भगिनी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाऊंडेशन के युवा प्रभाग और शिक्षा प्रभाग के द्वारा माधवगंज स्थित प्रभु उपहार भवन में तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का शुभारंभ हुआ।
इस शिविर में बच्चों के सम्पूर्ण विकास के लिए आध्यात्मिकता, नैतिक शिक्षा, व्यवहारिक ज्ञान और सकारात्मक सोच आदि विषयों को रचनात्मक ढंग से बताया जायेगा।
शिविर के शुभारंभ में मुख्य प्रशिक्षक के रूप में उपस्थित मोटिवेशनल स्पीकर एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई ने नए सभी बच्चों को मोटिवेट करते हुए मजेदार शिक्षाप्रद कहानियाँ सुनाकर शिविर की शुरुआत की। उन्होंने एक रचनात्मक एक्टिविटी के माध्यम से शिविर में उपस्थित बच्चों को सिखाया कि हमें ध्यान से सुनना चाहिए। क्योकि ध्यान से सुनने का बहुत महत्व है। जबकि सुनने से ज्यादा हम देखकर कर्म करते है, हम जैसा देखते है वैसा हम बनते चले जाते है। यदि हम कुछ गलत चीजों को देखते है या हमारे सामने कोई गलती कर रहा है तो उसका प्रभाव भी हमारे जीवन पर पड़ता है। इसलिए हमेशा टीवी या मोबाईल पर कुछ देखते है तो अच्छा ही देखे।
उन्होंने कहा कि अच्छे गुणों और संस्कारों का बीज बोने का यह सही समय है। इस समय अंदर लचीलापन होता है। सही शब्दों में कहा जाए तो व्यक्तित्व का निर्माण और जीवन को दिशा देने का काम इसी समयावधि में हो सकता है। हम जैसा बनना चाहें वैसा अपने को बना सकते हैं। आजकल कई बच्चे अपना कीमती समय मोबाइल पर नष्ट कर रहे हैं। अभिभावक और शिक्षक चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। इस समय में मोबाईल का ज्यादा उपयोग करना हमारे लिए बहुत नुकशान दायक है । मोबाईल हमारी सुविधा के लिए है पढ़ाई आदि के लिए ही हम इसे थोडा बहुत उपयोग कर सकते है। बांकी और और चीजों में हमें नहीं जाना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि सभी बच्चो को प्रातः सूर्योदय से पहले जाग जाना चाहिए तथा रात्रि को जल्दी सोना चाहिए। देर रात तक नहीं जागना चाहिए। सभी बच्चों को अपने माता पिता कहना मानना चाहिए। हरेक माता पिता अपने बच्चों की भलाई के लिए ही उन्हें समझाते है कभी भी माता पिता से नाराज नहीं होना चाहिए। जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है। और वह जीवन में आगे बढ़ते जाते है। इस पर एक रोचक कहानी भी बच्चों को सुनाई।
आगे भाई जी ने बच्चों को मन बुद्धि और संस्कार के बारे में बताया कि कैसे हम अच्छा सोचकर अपने अन्दर अच्छी आदतों को डाल सकते है। और अपनी ख़राब आदतों को छोड़ सकते है।


कार्यक्रम में बच्चो को मेडिटेशन (ध्यान) की सरल विधि सिखाई गई साथ ही ध्यान का अभ्यास भी कराया गया।
इस अवसर पर केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि हम थोडा समय पढ़ाई से पूर्व या कोई कार्य करने से पूर्व राजयोग ध्यान का अभ्यास करते है। अथवा परमात्मा को याद करते है तो हमें सफलता अवश्य मिलती है, साथ ही हमारी एकाग्रता भी बढती है। दीदी ने आगे कहा कि हमें इतना सुंदर जीवन मिला है तो उसके लिए हमें ईश्वर का शुक्रिया अदा करना चाहिए, साथ ही उन सभी का शुक्रिया करना चाहिए जो हमारे जीवन को अच्छा बनाने में हमारे मददगार है जैसे माता-पिता एवं गुरुजन आदि।
दीदी ने आगे बताया कि बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास और सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक है। यह शिविर निश्चित ही बच्चों में दिव्य गुणों की धारणा और चारित्रिक विकास में मददगार साबित होगा। जो बच्चे बचपन से ही आध्यात्मिक शिक्षा और नैतिक शिक्षा और व्यवहारिक शिक्षा से जुड़ते है, तो वह न केवल बड़े होकर एक अच्छे नागरिक बनते है, बल्कि समाज और विश्व के लिए भी एक प्रेरणा और आदर्श बनकर उभरते है।
अंत में शिक्षाप्रद गेम भी खिलाये गए जिसका बच्चों ने आनंद लिया|
इस अवसर पर बीके जीतू, बीके सुरभि, बीके रोशनी, रीता मिड्ढा सहित अनेकानेक बच्चो के पैरेंट्स भी उपस्थित थे।

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