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Indraganj Lashkar

जीवन की छोटी-छोटी खुशियों को एंजॉय करना सीखें

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जीवन की छोटी-छोटी खुशियों को एंजॉय करना सीखें

ग्वालियर: प्रजापिता ब्रहमाकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा आयोजित त्रिदिवसीय विशेष राजयोग ध्यान शिविर (योग तपस्या भट्टी) का आयोजन म. प्र. चेम्बर ऑफ कॉमर्स के राजमाता विजयराजे सिंधिया सभागार मे किया गया | इस अवसर पर माउंट आबू से पधारे राजयोगी ब्रह्माकुमार सूरज भाई जी, राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी गीता बहन जी, पुणे से बी. के. संदीप भाई आदि उपस्थित भट्टी का शुभारंभ मे लश्कर सेवाकेन्द्र संचालिका ब्रह्माकुमारी आदर्श दीदी ने पुष्पगुछ एवं फूल मालाओ के द्वारा सभी का स्वागत किया गया | इस अवसर पर ग्वालियर के विभिन्न सेवाकेंद्रों की संचालिका बी.के. सुधा बहन जी, बी. के.रूखमणी बहन जी, बी. के. चेतना बहन जी, बी.के. मंजरी बहन जी, बी.के. ज्योति बहन जी, बी.के.पूनम बहन जी, बी.के.राधा बहन जी बी. के. मोहिनी बहन जी, रीता बहन जी सहित अनेकानेक बहनें उपस्थित थी |
तत्पश्चात माउंट आबू से आए मुख्य वक्ता ब्रह्माकुमार सूरज भाई जी ने सभी को विभिन्न स्वमान के साथ योग भट्टी कराई साथ ही बताया कि जीवन में हर व्यक्ति यही इच्छा व स्वप्न के साथ जीता है कि मेरा जीवन सदा प्रसन्नता व खुशियों से भरपूर हो लेकिन जीवन के रास्तों में आने वाले अनेक परिस्थिति रूपी कंकड़, पत्थर व प्रतिकूल परिस्थितियों के मध्य वह असहजता का शिकार हो जाता है उसे समझ ही नहीं आता क्या करूँ क्या न करूँ वह उसी सोच के भंवर में उलझ जाता है उसे चारों ओर अँधियारा ही अँधियारा दिखता है ऐसे में थोड़ा सा स्वयं को अवकाश देकर स्वयं के लिए थोड़ा सा वक़्त निकालकर उस घटित घटना या परिस्थिति से हटकर सोचें कि जो हुआ वो तो हो गया लेकिन अब मेरे पास जो भी है उसी में मुझे सुकून महसूस करना है यही तो मेरे हाथ में हैं और यही मेरी प्राथमिकता भी| उस सकारात्मक चिंतन और द्रष्टिकोण को अपनाकर स्वयं को रिफ्रेश करें न कि बीती बातों में उलझें| अपनी जीवन यात्रा को प्रसन्नता व खुशियों से भरपूरे बनाने के लिए सबसे महत्वपूर्ण चीज़ है सबसे पहले अपने मन को रिफ्रेश करें,रीचार्ज करें और रिलेक्स करें और मन को शांत रखें|
बी. के. गीता बहिन जी ने बताया कि आज हम सभी की ज़िंदगी मुश्किलों से भर गयी है और मुश्किलात कहाँ से पैदा होते हैं? ये जो हमारी सोचने की विचार करने की शक्ति है यहीं से समस्याएँ भी पैदा होती हैं और यहीं से उन समस्याओं के समाधान भी निकलते हैं| क्यों कि हम जो भी सोचते हैं उस चीज़ का आह्वान अपने जीवन में कर रहे होते हैं| उन्होने बताया कि परेशानियाँ हमारे जीवन का छोटा सा हिस्सा होती हैं लेकिन हम अपना पूरा ध्यान इन्हीं पर लगा देते हैं कोई अपने कैरियर को लेकर चिंता में डूबा रहता है, कोई पैसों का रोना रोता रहता है,कोई दूसरे कि छोटी सी गलती को अपने दिमाग में रखे रहता है क्यों नहीं हम अपनी ब्लेसिंग व प्राप्तियों को गिनकर खुश होते| क्यों नहीं हम भर पेट खाने के लिए परमात्मा का शुक्रिया अदा करते| क्यों नहीं हम अपनी प्यारी सी फेमिली के लिए शुक्रगुजार होते| क्यों नहीं हम जीवन की उन 99% चीजों कि ओर ध्यान देते जो सचमुच हमारे जीवन को अच्छा बनाती हैं| तो आइये आज से हम अपनी ज़िंदगी कि समस्याओं को गंभीरता से लेना बंद करें, अपने मित्र संबंधियों की गलतियों के लिए उन्हें माफ करें और जीवन की छोटी-छोटी खुशियों को एंजॉय करना सीखें तभी सही मायने में हम अपनी ज़िंदगी को आसान बना सकेंगे|

पुणे से आए हुए बी. के. संदीप भाई ने कहा कि हमें क्षमा करना सीखना होगा दूसरों को भी और स्वयं को भी| कई बार हम तनाव की `बातों को अपने अंदर रखे हुए पूरी की पूरी ज़िंदगी निकाल देते हैं| किसी के प्रति ईर्ष्या, द्वेष की भावना इस हद तक अपने अंदर रखते हैं कि कभी इतने घातक रूप में ये सामने आता है और इन बातों में दु:खी होकर कई बार तो हम कहते हैं कि मेरे अपनों ने ही मुझे दु:खी बनाया है, कई बार खुद से भी नफरत करने लगते हैं कि मैं गलत हूँ, या इसने मेरे साथ गलत किया है| यह एक चुनौतीपूर्ण परिस्थिति है| लेकिन इन सबके लिए एक ही समाधान है कि क्षमा करो ओर भूल जाओ, हल्के हो जाओ और अपने वर्तमान को अच्छा बनाने का प्रयत्न करो|

लश्कर सेवाकेन्द्र संचालिका बी के आदर्श दीदी जी ने मंच संचालन किया |
एस अवसर पर 2000 से भी अधिक बी. के. भाई एवं बहनों ने योग तपस्या भट्टी का लाभ लिया |अंत मेँ बी के डॉ गुरुचरण भाई के द्वारा सभी का आभार व्यक्त किया गया|

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म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी ने ‘सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर किया सम्मानित

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Gwalior : म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी, भारत सरकार के केंद्रीय संचार मंत्री माननीय श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी, म.प्र. विधानसभा अध्यक्ष माननीय श्री नरेंद्र सिंह तोमर जी ने ग्वालियर के दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार, कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। जिसमें ब्रह्माकुमारी रोशनी, ब्रह्माकुमारी सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में प्रदेश के अनेकानेक कैबिनेट मंत्री गण, सांसद, विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधि तथा प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।

इस अवसर पर बीके रोशनी, बीके सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह ने माननीय मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी का अभिनंदन करते हुए उन्हें ईश्वरीय सौगात भेंट की।

कार्यक्रम में शहर से अनेकानेक सम्माननीय धर्मगुरु, धार्मिक संस्थान, सामाजिक संस्थान से तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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बाल व्यक्तित्व विकास शिविर

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ब्रह्माकुमारीज केंद्र पर तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का हुआ शुभारंभ

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बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास, सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक – आदर्श दीदी

जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है – प्रहलाद भाई

ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की भगिनी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाऊंडेशन के युवा प्रभाग और शिक्षा प्रभाग के द्वारा माधवगंज स्थित प्रभु उपहार भवन में तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का शुभारंभ हुआ।
इस शिविर में बच्चों के सम्पूर्ण विकास के लिए आध्यात्मिकता, नैतिक शिक्षा, व्यवहारिक ज्ञान और सकारात्मक सोच आदि विषयों को रचनात्मक ढंग से बताया जायेगा।
शिविर के शुभारंभ में मुख्य प्रशिक्षक के रूप में उपस्थित मोटिवेशनल स्पीकर एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई ने नए सभी बच्चों को मोटिवेट करते हुए मजेदार शिक्षाप्रद कहानियाँ सुनाकर शिविर की शुरुआत की। उन्होंने एक रचनात्मक एक्टिविटी के माध्यम से शिविर में उपस्थित बच्चों को सिखाया कि हमें ध्यान से सुनना चाहिए। क्योकि ध्यान से सुनने का बहुत महत्व है। जबकि सुनने से ज्यादा हम देखकर कर्म करते है, हम जैसा देखते है वैसा हम बनते चले जाते है। यदि हम कुछ गलत चीजों को देखते है या हमारे सामने कोई गलती कर रहा है तो उसका प्रभाव भी हमारे जीवन पर पड़ता है। इसलिए हमेशा टीवी या मोबाईल पर कुछ देखते है तो अच्छा ही देखे।
उन्होंने कहा कि अच्छे गुणों और संस्कारों का बीज बोने का यह सही समय है। इस समय अंदर लचीलापन होता है। सही शब्दों में कहा जाए तो व्यक्तित्व का निर्माण और जीवन को दिशा देने का काम इसी समयावधि में हो सकता है। हम जैसा बनना चाहें वैसा अपने को बना सकते हैं। आजकल कई बच्चे अपना कीमती समय मोबाइल पर नष्ट कर रहे हैं। अभिभावक और शिक्षक चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। इस समय में मोबाईल का ज्यादा उपयोग करना हमारे लिए बहुत नुकशान दायक है । मोबाईल हमारी सुविधा के लिए है पढ़ाई आदि के लिए ही हम इसे थोडा बहुत उपयोग कर सकते है। बांकी और और चीजों में हमें नहीं जाना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि सभी बच्चो को प्रातः सूर्योदय से पहले जाग जाना चाहिए तथा रात्रि को जल्दी सोना चाहिए। देर रात तक नहीं जागना चाहिए। सभी बच्चों को अपने माता पिता कहना मानना चाहिए। हरेक माता पिता अपने बच्चों की भलाई के लिए ही उन्हें समझाते है कभी भी माता पिता से नाराज नहीं होना चाहिए। जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है। और वह जीवन में आगे बढ़ते जाते है। इस पर एक रोचक कहानी भी बच्चों को सुनाई।
आगे भाई जी ने बच्चों को मन बुद्धि और संस्कार के बारे में बताया कि कैसे हम अच्छा सोचकर अपने अन्दर अच्छी आदतों को डाल सकते है। और अपनी ख़राब आदतों को छोड़ सकते है।


कार्यक्रम में बच्चो को मेडिटेशन (ध्यान) की सरल विधि सिखाई गई साथ ही ध्यान का अभ्यास भी कराया गया।
इस अवसर पर केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि हम थोडा समय पढ़ाई से पूर्व या कोई कार्य करने से पूर्व राजयोग ध्यान का अभ्यास करते है। अथवा परमात्मा को याद करते है तो हमें सफलता अवश्य मिलती है, साथ ही हमारी एकाग्रता भी बढती है। दीदी ने आगे कहा कि हमें इतना सुंदर जीवन मिला है तो उसके लिए हमें ईश्वर का शुक्रिया अदा करना चाहिए, साथ ही उन सभी का शुक्रिया करना चाहिए जो हमारे जीवन को अच्छा बनाने में हमारे मददगार है जैसे माता-पिता एवं गुरुजन आदि।
दीदी ने आगे बताया कि बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास और सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक है। यह शिविर निश्चित ही बच्चों में दिव्य गुणों की धारणा और चारित्रिक विकास में मददगार साबित होगा। जो बच्चे बचपन से ही आध्यात्मिक शिक्षा और नैतिक शिक्षा और व्यवहारिक शिक्षा से जुड़ते है, तो वह न केवल बड़े होकर एक अच्छे नागरिक बनते है, बल्कि समाज और विश्व के लिए भी एक प्रेरणा और आदर्श बनकर उभरते है।
अंत में शिक्षाप्रद गेम भी खिलाये गए जिसका बच्चों ने आनंद लिया|
इस अवसर पर बीके जीतू, बीके सुरभि, बीके रोशनी, रीता मिड्ढा सहित अनेकानेक बच्चो के पैरेंट्स भी उपस्थित थे।

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