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Indraganj Lashkar

Gwalior : Celebrating Greatness by Dr Gurcharan Singh

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हमेशा रखें याद मेरा जन्म ही महान कार्य के लिये हुआ है – बी.के. डॉ. गुरचरण सिंह
ग्वालियर: बी.के. डॉ गुरचरण भाई ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि हर व्यक्ति यदि यह याद रखे की मेरा जन्म ही महान कार्य के लिये हुआ है तो वह जीवन हर क्षण को आनंदित महसूस कर सकता है, हम सभी महानता के साथ ही इस धरा पर आते हैं, पर कभी कभी यह भूल जाते हैं|जबकि सदैव याद रखें कि हम साधारण नहीं हैं क्योंकि हम उस सर्व शक्तिमान परमपिता परमात्मा शिव की संतान हैं जो इस पूरी सृष्टि का निर्देशक है | जितना हम अपने जीवन को सराहेंगे और आनंदित होकर हर बात का उत्सव मनाएंगे, उतना ही जिंदगी हमें उत्सवों का मौका प्रदान करेगी | जीवन में छोटी छोटी बातें ही होतीं हैं जो की हमें बड़ा अनुभव कराती हैं | हमारी महानता हमारी संपत्ति पैसा या गाड़ी से नहीं आंकी जा सकती, परन्तु हमारी परिपक्वता और हमारे आस पास के वातावरण को सकारात्मक तरीके से प्रभावित करने से ही हमारी महानता का अंदाजा लगाया जा सकता है |अगर हम बड़े काम नहीं कर सकते तो छोटे छोटे कामों को बड़े रूप में करने का अभ्यास करें| हमें अपने जीवन में हर एक बात का उत्सव मनाना चाहिए जैसे कि नया जॉब, सालगिरह, छोटी जीत एवं अपने जीवन में प्राप्त अवसर. इसके लिये हमें कुछ बड़ा करने की जरुरत नहीं है, सिर्फ हम जो साधारण करते हैं उससे हट कर कुछ करें | जीवन को हम जितना विशेष बनाने की कोशिश करेंगे उतना ही हमारा जीवन विशेषता संपन्न बन जायेगा, बस आवश्यकता है उन सभी छोटी बड़ी चीज़ों को महत्व देने की जिनकी वजह से हमारा जीवन विशेष बन सकता है|
जीवन को मनाने के लिये सुझाव-
1. जीवन में छोटी छोटी बातों से खुश होने की आदत डालें.
2. अपने जीवन के हर अच्छे अनुभव को सभी के साथ साझा करें.
3. हमारे जीवन के कल्याण के लिये जिन्होंने भी छोटा या बड़ा योगदान दिया है उनका आभार और साथ को स्वीकार करें.
4. अपने हर छोटे बड़े कार्य को पूरी लगन के साथ और नवीनता के साथ ख़ुशी ख़ुशी से करें|
5. हम इस धरा पर कुछ विशेष करने के लिये आये हैं इसलिए अपनी सभी विशेषताओं को कार्य में लगा कर विश्व कल्याण करने के निमित्त बनें.
अपनी उमंग उत्साह संपन्न एवं अपने जीवन की महानता को मनाने का संस्कार पक्का करने के लिये तीन बातों का अभ्यास करना चाहिए-
1- स्वमान का अभ्यास- बार बार स्वयं को अपनी महानता की स्मृति दिलाएं.
2- अपनी विशेषताएं और शक्तियों का प्रदर्शन करें- अपने आत्मसम्मान को बढ़ने के लिये अपने कर्मों द्वारा अपने अन्दर सुशुप्त पड़ी हुई विशेषताएं और शक्तियों को खोजकर उनका साक्षात्कार कराने का अभ्यास करें.
3- रात्रि सोने से पहले अपने द्वारा किये हुए अच्छे कार्यों का पोतामेल पिता परमात्मा को दें- जिसके आधार पर हमारी विशेषताओं में वृद्धि होगी और हमारी कमी कमजोरियां समाप्त हो जाएँगी |
आज से ये अभ्यास करें कि मुझे खुश होने या उत्सव मनाने के लिये किसी विशेष दिन या त्यौहार का इंतज़ार नहीं करना है, बल्कि हर घडी पिता परमात्मा की याद और उसके द्वारा दिए हुए ज्ञान के चिन्तन के आधार पर खुश रह कर जीवन को उत्सव की तरह मनाना है और सबको ख़ुशी बाँटते हुए बिताना है | स्थूल गीत और नृत्य के साथ साथ अपने मन में सदा ख़ुशी के गीत गाते उमंग उत्साह में नृत्य करना है |कैसी भी परिस्थिति में ख़ुशी को कायम रखना है|अगर हम अपने हाथ मानवता की सेवा के लिये बढाते हैं तो समझना चाहिए की मेरे हाथ उसके काम आ गए हैं |
• अगर मेरी आँखें किसी की तकलीफ देख पा रही हैं तो समझना चाहिए की वो मेरी आँखों से देख रहा है |
• अगर मेरा मुख किसी को उमंग उत्साह के दो बोल बोल रहा है तो समझें की वो मेरे मुख से बोल रहा है |
• अगर मेरे पैर उसकी सेवा के निमित्त कुछ दूर चल पा रहे हैं तो समझें की वो अपने कार्य के लिये मेरे क़दमों का इस्तेमाल कर रहा है |
• इसलिए हमेशा दिल से उससे प्रार्थना करें कि मेरे प्यारे पिता परमात्मा मैं आपकी शरण में हूँ मुझे आप अपने महान कार्य के लिये इस्तेमाल करें |

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सीआरपीएफ संतुलित आहार

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सीआरपीएफ समूह केंद्र में क्षेत्रीय परिवार कल्याण केन्द्र के सहयोग से सेमिनार का आयोजन

ग्वालियर। सीआरपीएफ समूह केंद्र में क्षेत्रीय परिवार कल्याण केन्द्र के सहयोग से एक सेमिनार व वक्तव्य का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम समूह केन्द्र के तानसेन क्लब में आयोजित हुआ। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डाईटीशियन सौम्या चड्ढा, ब्रह्माकुमारीज संस्थान से प्रेरक वक्ता बी के प्रहलाद भाई उपस्थित थे।
इस अवसर पर क्षेत्रीय कावा अध्यक्षा श्रीमती सुनीता निगम, श्रीमती भावना गुप्ता, डिप्टी कमांडेंट दिलाबर सिंह, श्रीमती गीता, श्रीमती आशा सहित क्षेत्रीय कावा के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।
केन्द्र में निवासरत महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता व उनको लाभान्वित करने के लिए विशेषज्ञों द्वारा पोषण एवं अंधत्व नियंत्रण के विषय पर चर्चा की गयी
मुख्य आहार विशेषज्ञ सौम्या चड्ढा नें सभी को सम्बोधित करते हुए कहा कि सभी को यह ध्यान रखना चाहिए कि हमारा आहार इस तरह का हो जिसमें वह सभी पोषक तत्व आ जाए जो शरीर के लिए आवश्यक है। उन्होंने बताया कि लें। थाली में अनाज, दाल/ प्रोटीन, सब्जी, फल, दूध, दही जैसी चीजें शामिल करें। समय पर भोजन करें, सीजनल फल और सब्जियां लें, दिनभर में 8 से 10 गिलास पानी पिएं, शारीरिक व्यायाम करें या कम से कम 30 मिनिट पैदल चलें, जरूरत से ज्यादा भोजन न करें।
ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के मेडिटेशन विशेषज्ञ बीके प्रहलाद भाई एवं बीके सुरभि नें सभी को मन को स्वस्थ्य रखने के लिए टिप्स दिए एवं राजयोग ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि राजयोग ध्यान करने से अनेक लाभ होते है। जैसे – यह तनाव कम करता है, मन को शांति और स्थिरता देता है, गुस्सा, चिंता और नकारात्मक सोच को घटाता है, एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ाता है, नींद की गुणवत्ता में सुधार लाता है। यह सब ठीक है तो शारीरिक स्वास्थ्य भी ठीक रहता है।
सेमिनार में ग्रुप केन्द्र के सैंकड़ों कार्मिकों एवं इस ग्रुप केन्द्र में निवासरत महिलाओं द्वारा बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया गया। सेमिनार के अंत में क्षेत्रीय कावा अध्यक्षा श्रीमती सुनीता निगम द्वारा डाईटीशियन सौम्या चड्ढा एवं बी के प्रहलाद भाई को स्मृति चिन्ह भेंट किए एवं विशेषज्ञों द्वारा इस विषय पर महत्वपूर्ण ज्ञानवर्धन करने हेतु धन्यवाद एवं आभार व्‍यक्‍त किया।

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खुशनुमा और स्वस्थ जीवन (एसएएफ 13 बटालियन)

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प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के द्वारा 13वीं वाहिनी विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ 13 बटालियन) में “तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली” विषय पर एक प्रेरणादायक सत्र आयोजित किया गया। जिसका उद्देश्य लोगों को मानसिक शांति, सकारात्मक सोच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रेरक वक्ता एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई तथा ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र की मुख्य संचालिका बीके आदर्श दीदी उपस्थित थीं।
इस अवसर पर एस ए एफ 13 बटालियन से प्रभारी सेनानी अनुराग पांडे, सहायक सेनानी, गुलबाग सिंह, डॉक्टर ओ पी वर्मा निरीक्षक मुनेन्द्र सिंह भदोरिया, निरीक्षक, धर्मेंद्र वर्मा, निरीक्षक मुकेश परिहार, निरीक्षक पुष्पेंद्र सिंह भदौरिया, निरीक्षक जादौन, निरीक्षक राय सिंह जयंत, समस्त पी टी एस स्टाफ एवं 350 से अधिक प्रशिक्षणार्थी सहित ब्रह्माकुमारीज से बीके सुरभि, बीके रोशनी, बीके पवन उपस्थित थे।
कार्यक्रम में बीके प्रहलाद भाई ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आज के तेज रफ़्तार जीवन में तनाव हर किसी की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। जिसकी वजह से हमारे जीवन में काफी उतार चढाव आते है। इन सबसे छूटने के लिए तनाव का सही ढंग से प्रबंधन करना ही खुशनुमा और स्वस्थ जीवन जीने की कला है। यदि तनाव पर नियंत्रण न हो तो यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ को प्रभावित करता है। इसके लिए कुछ सरल उपाय अपनाकर हम संतुलित, आनंदमय और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। उन्होंने कहा कि – सकारात्मक सोच विकसित करें, हर परिस्थिति में अच्छा पक्ष देखने का प्रयास करें, नकारात्मक विचारों से दूर रहें, योग और ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाये, रोजाना 15 से 20 मिनिट ध्यान करें जिससे मन स्थिर रहता है एवं मानसिक शांति भी मिलती है, प्राणायाम और योगासन से शरीर स्वस्थ्य रहता है, 6 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद लें, संतुलित भोजन लें, नशे से दूरी बनाकर रखें, जंक फ़ूड से बचें, व्यवस्थित दिनचर्या बनायें, कोई न कोई रोज अच्छी पुस्तक पढ़ने की आदत डालें, कार्यक्रम स्थल पर किसी भी तरह का दवाव आता है तो घबरायें नहीं, परिवार के साथ समय विताएं, हर कार्य को एक खेल की तरह से लें।
बीके प्रहलाद भाई नें अनेकानेक रचनात्मक गतिविधि भी कराई जिससे सभी का मन हल्का हुआ और उमंग उत्साह भी बढ़ा। और दिन कि शुरुआत किस तरह से करें वह भी बताया।
कार्यक्रम में बीके आदर्श दीदी नें कहा कि तनाव को दूर करने के लिए योग, ध्यान, प्राणायाम, सकारात्मक चिंतन और समय प्रबंधन जैसे उपाय बेहद प्रभावी हैं। पर्याप्त नींद और रुचियों के लिए समय निकालना जीवन को सुखद और तनावमुक्त बना सकता है साथ ही कहा कि तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है यदि हम स्वस्थ दिनचर्या और आत्म नियंत्रण को अपनाएं तो जीवन अधिक खुशनुमा और आनंदमय बन सकता है। दीदी नें सभी को राजयोग ध्यान की विधि बताई तथा सभी को उसके फायदे बताते हुए अभ्यास भी कराया।
इस अवसर पर उपस्थित प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे अपने जीवन में स्वस्थ दिनचर्या, योग ध्यान और सकारात्मक सोच को अपनायेंगे और परिवार एवं समाज के प्रेरणास्त्रोत बनेगें।
कार्यक्रम में मेडिकल ऑफिसर डॉ ओपी वर्मा ने बताया कि तनाव आता है तो लोग आसानी से नशे की तरफ भागते है जबकि वह समाधान नहीं है। समाधान के लिए हमें ब्रह्माकुमारीज़ जैसे आध्यात्मिक संस्थानों से जुड़कर ध्यान के माध्यम में हमें अपने को सकारात्मक बनाना चाहिए। इस अवसर पर अन्य पदाधिकारियों नें भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में संस्थान के लोंगो का अभिनन्दन करते हुए पौधे भेंट किए गए।

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तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी(न्यूज़ कवरेज)

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