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Indraganj Lashkar

Gwalior: “Feeling Great” by BK Prahlad

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समस्या चाहे कितनी भी बड़ी हो समाधान मेरे पास ही है – बी.के. प्रह्लाद
ग्वालियर : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के माधवगंज स्थित स्थानीय सेवाकेंद्र पर “फीलिंग ग्रेट” कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बी.के. प्रह्लाद ने कहा कि हमारे जीवन में समस्या चाहे कितनी भी बड़ी हो उसका समाधान मेरे अर्थात स्वयं के पास ही है जबकि आज हम छोटी छोटी बातो में दुखी हो जाते है, क्रोध में आ जाते है उसका हमारे ऊपर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है, उन्होंने बताया कि यदि एक व्यक्ति 5 मिनिट भी क्रोध करता है तो वह अपनी अगले 2 घंटे की कार्य क्षमता को खो देता है फिर यदि ऐसी स्थिति में वह जो भी कार्य करता है तो मन से भी बीमार और तन से भी बीमार होने की आशंका बढ़ जाती है अब यदि हमें जीवन में हर पल अच्छा अनुभव करना है तो हमें हर कार्य प्रेम पूर्वक करना चाहिए जब हम किसी को एक बार दो बार प्यार से बोलते है और वह कार्य नहीं होता जो हम करवाना चाहते है तो फिर हम गुस्से का प्रयोग करते है और कार्य हो जाता है तो प्रायः हम यह मान लेते है की आजकल कोई प्यार से कार्य नहीं करता तो आगे हम हर वार हम तीसरा फार्मूला गुस्से का प्रयोग करते है अपने धैर्य को खो देते है | जिसके कारण यह धीरे धीरे यह हमारी आदत बन जाती है और हम फिर दुखी होने लगते है एक वार यदि कोई कर्म हमारी आदत बन जाता तो उसको बदलना बड़ा कठिन होता है तो ऐसी कोई आदत न बनने दें इसके साथ ही बताया कि हमारा शरीर एक कम्प्यूटर की तरह है और मन, बुद्धि, संस्कार तीन सॉफ्टवेयर है हमारे मन में विचार उत्पन्न होते है| बुद्धि अपनी समझ के आधार से उन विचारों पर अपना निर्णय देती है और वही विचार फिर हमारे संस्कार बन जाते है तो जैसे विचार हमारे मन में आते है वैसी ही अनुभूति हम करने लगते है | इसलिए रोज रात को अपने मन से उन सभी फाईलो को डिलीट कर दें जो आपके काम कीं नहीं है तो मन हल्का रहेगा और सही दिशा में काम करेगा और आपको हर कार्य करनें में मदद मिलेगी |

हमेशा अच्छी अनुभूति या ख़ुशी का अनुभव करने के लिए हमें कुछ बातों पर ध्यान देने की आवश्यकता है |
1. बीती बातों पर फुल स्टॉप लगाने की आदत डालें |
2. हमेशा अपनी वाणी में मधुर शव्दों का प्रयोग करें |
3. परिवार में एवं कार्य स्थान पर सभी के साथ एडजस्ट होना सीखें |
4. दूसरों को सम्मान दें तो आपको सम्मान स्वतः मिलेगा, देना ही लेना है |
5. यदि भूलवश स्वभाव संस्कार के कारण किसी से भी टकरार हो तो उसको आपस में बैठकर समाप्त करें |
6. रात्रि को जल्दी विश्राम करें प्रातः जल्दी जागने का अभ्यास करें |
7. भोजन करते समय व्यर्थ बातें और टी.व्ही. देखने से बचे | भोजन का हमारे मन पर 100% असर पड़ता है |
8. समय पर कार्य करने की आदत डालें |
9. अकारण झूंठ बोलने से बचें |
10. क्रोधी व्यक्ति बीमार के समान है उस पर रहम करें |
11. प्रतिदिन जागते समय एवं रात्रि सोने से पहले राजयोग मैडिटेशन का अभ्यास करें |
12. परिवार के सदस्यों पर गुस्सा करने की वजह उन्हें प्यार से समझाने का अभ्यास करें |
कार्यक्रम में शहर से अनेकानेक लोगो ने लाभ लिया एवं संस्थान की ओर से बी.के. ज्योति, बी.के. अरुण, आदि उपस्थित रहे | कार्यक्रम के अंत में सभी को राजयोग मैडिटेशन की गहन अनुभूति कराई गई |
धन्यवाद् |

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म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी ने ‘सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर किया सम्मानित

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Gwalior : म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी, भारत सरकार के केंद्रीय संचार मंत्री माननीय श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी, म.प्र. विधानसभा अध्यक्ष माननीय श्री नरेंद्र सिंह तोमर जी ने ग्वालियर के दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार, कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। जिसमें ब्रह्माकुमारी रोशनी, ब्रह्माकुमारी सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में प्रदेश के अनेकानेक कैबिनेट मंत्री गण, सांसद, विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधि तथा प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।

इस अवसर पर बीके रोशनी, बीके सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह ने माननीय मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी का अभिनंदन करते हुए उन्हें ईश्वरीय सौगात भेंट की।

कार्यक्रम में शहर से अनेकानेक सम्माननीय धर्मगुरु, धार्मिक संस्थान, सामाजिक संस्थान से तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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बाल व्यक्तित्व विकास शिविर

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ब्रह्माकुमारीज केंद्र पर तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का हुआ शुभारंभ

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बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास, सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक – आदर्श दीदी

जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है – प्रहलाद भाई

ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की भगिनी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाऊंडेशन के युवा प्रभाग और शिक्षा प्रभाग के द्वारा माधवगंज स्थित प्रभु उपहार भवन में तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का शुभारंभ हुआ।
इस शिविर में बच्चों के सम्पूर्ण विकास के लिए आध्यात्मिकता, नैतिक शिक्षा, व्यवहारिक ज्ञान और सकारात्मक सोच आदि विषयों को रचनात्मक ढंग से बताया जायेगा।
शिविर के शुभारंभ में मुख्य प्रशिक्षक के रूप में उपस्थित मोटिवेशनल स्पीकर एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई ने नए सभी बच्चों को मोटिवेट करते हुए मजेदार शिक्षाप्रद कहानियाँ सुनाकर शिविर की शुरुआत की। उन्होंने एक रचनात्मक एक्टिविटी के माध्यम से शिविर में उपस्थित बच्चों को सिखाया कि हमें ध्यान से सुनना चाहिए। क्योकि ध्यान से सुनने का बहुत महत्व है। जबकि सुनने से ज्यादा हम देखकर कर्म करते है, हम जैसा देखते है वैसा हम बनते चले जाते है। यदि हम कुछ गलत चीजों को देखते है या हमारे सामने कोई गलती कर रहा है तो उसका प्रभाव भी हमारे जीवन पर पड़ता है। इसलिए हमेशा टीवी या मोबाईल पर कुछ देखते है तो अच्छा ही देखे।
उन्होंने कहा कि अच्छे गुणों और संस्कारों का बीज बोने का यह सही समय है। इस समय अंदर लचीलापन होता है। सही शब्दों में कहा जाए तो व्यक्तित्व का निर्माण और जीवन को दिशा देने का काम इसी समयावधि में हो सकता है। हम जैसा बनना चाहें वैसा अपने को बना सकते हैं। आजकल कई बच्चे अपना कीमती समय मोबाइल पर नष्ट कर रहे हैं। अभिभावक और शिक्षक चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। इस समय में मोबाईल का ज्यादा उपयोग करना हमारे लिए बहुत नुकशान दायक है । मोबाईल हमारी सुविधा के लिए है पढ़ाई आदि के लिए ही हम इसे थोडा बहुत उपयोग कर सकते है। बांकी और और चीजों में हमें नहीं जाना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि सभी बच्चो को प्रातः सूर्योदय से पहले जाग जाना चाहिए तथा रात्रि को जल्दी सोना चाहिए। देर रात तक नहीं जागना चाहिए। सभी बच्चों को अपने माता पिता कहना मानना चाहिए। हरेक माता पिता अपने बच्चों की भलाई के लिए ही उन्हें समझाते है कभी भी माता पिता से नाराज नहीं होना चाहिए। जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है। और वह जीवन में आगे बढ़ते जाते है। इस पर एक रोचक कहानी भी बच्चों को सुनाई।
आगे भाई जी ने बच्चों को मन बुद्धि और संस्कार के बारे में बताया कि कैसे हम अच्छा सोचकर अपने अन्दर अच्छी आदतों को डाल सकते है। और अपनी ख़राब आदतों को छोड़ सकते है।


कार्यक्रम में बच्चो को मेडिटेशन (ध्यान) की सरल विधि सिखाई गई साथ ही ध्यान का अभ्यास भी कराया गया।
इस अवसर पर केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि हम थोडा समय पढ़ाई से पूर्व या कोई कार्य करने से पूर्व राजयोग ध्यान का अभ्यास करते है। अथवा परमात्मा को याद करते है तो हमें सफलता अवश्य मिलती है, साथ ही हमारी एकाग्रता भी बढती है। दीदी ने आगे कहा कि हमें इतना सुंदर जीवन मिला है तो उसके लिए हमें ईश्वर का शुक्रिया अदा करना चाहिए, साथ ही उन सभी का शुक्रिया करना चाहिए जो हमारे जीवन को अच्छा बनाने में हमारे मददगार है जैसे माता-पिता एवं गुरुजन आदि।
दीदी ने आगे बताया कि बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास और सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक है। यह शिविर निश्चित ही बच्चों में दिव्य गुणों की धारणा और चारित्रिक विकास में मददगार साबित होगा। जो बच्चे बचपन से ही आध्यात्मिक शिक्षा और नैतिक शिक्षा और व्यवहारिक शिक्षा से जुड़ते है, तो वह न केवल बड़े होकर एक अच्छे नागरिक बनते है, बल्कि समाज और विश्व के लिए भी एक प्रेरणा और आदर्श बनकर उभरते है।
अंत में शिक्षाप्रद गेम भी खिलाये गए जिसका बच्चों ने आनंद लिया|
इस अवसर पर बीके जीतू, बीके सुरभि, बीके रोशनी, रीता मिड्ढा सहित अनेकानेक बच्चो के पैरेंट्स भी उपस्थित थे।

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