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राष्ट्रीय युवा दिवस पर “सशक्त युवा सशक्त भारत” कार्यक्रम संपन्न

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युवाओं के जीवन में आध्यात्मिकता के समावेश की आवश्यकता – बी. के. आदर्श दीदी

ग्वालियर: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के माधवगंज लश्कर सेवाकेंद्र द्वारा राष्ट्रीय युवा दिवस के उपलक्ष्य में युवा भाई-बहिनों के लिए “सशक्त युवा सशक्त भारत” विषय पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया| कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य युवाओं को उनकी सुषुप्त शक्तियों को जाग्रत कर अपने जीवन में आध्यात्मिकता के समावेश द्वारा स्वयं का एक श्रेष्ठ चरित्र व महान व्यक्तित्व गढ़ सशक्त भारत, विश्वसिरोमणि भारत के निर्माण में उच्च भूमिका कैसे निभाई जाए| कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ| कार्यक्रम में मुख्य रूप से बी. के. आदर्श दीदी (सेवाकेंद्र संचालिका लश्कर ग्वालियर) बी. के. प्रह्लाद भाई, बी. के. डॉ. गुरुचरण भाई, बी. के. ज्योति दीदी, बी.के. पवन भाई आदि मौजूद रहे |

दीप प्रज्वलन के पश्चात बी. के. प्रहलाद भाई ने स्वामी विवेकानंद जी को नमन करते हुए सभी को राष्ट्रीय युवा दिवस की शुभकामनाएं दी | इसके बाद स्वामी विवेकानंद जी की विशेषताओं को बताते हुआ कहा कि हर युवा को उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए और उसके अनुरूप सकारात्मक चिंतन के साथ अपने जीवन को उदाहरण स्वरुप बनाना चाहिए| इस अवसर पर उन्होंने महात्मा बुद्ध के इस कथन को दोहराया कि जीवन क्षणिक है इसलिए वह हमेशा के लिए नहीं रहेगा| लेकिन क्षण क्षणिक नहीं है वह सदैव के लिए इतिहास के पन्नों पर लिख दिया जायेगा| अत: उस क्षण में जीवन कैसे बिताया जाये कैसे प्रत्येक क्षण को श्रेष्ठ से श्रेष्ठ बनाकर, सही दिशा देकर उन्नति के शिखर पर पहुंचकर उसे हमेशा के लिए अमिट कर दिया जाये| उस दिशा में हमें बढ़ना होगा |

सेवाकेंद्र संचालिका बी. के. आदर्श दीदी जी ने कहा कि किसी भी राष्ट्र के निर्माण का आधार युवा हैं| आज का युवा कल के विश्वगुरु भारत का आधार है| वे ही सफलता के बीज हैं| यदि सारे इतिहास के पन्ने पलट कर देख लिया जाये तो संसार में जो भी परिवर्तन की क्रांतियाँ हुई हैं, परिवर्तन हुए हैं वह युवाओं के द्वारा ही किये गये हैं| और पूरे विश्व में सर्वाधिक युवाशक्ति भारत देश में हैं| उन्होंने ‘युवा’ शब्द का अर्थ एवं उनकी शक्तियों को स्पष्ट करते हुए बताया कि युवा अर्थात ‘ऊर्जा’ | यदि ऊर्जा का प्रयोग सही दिशा अर्थात सकारात्मक दिशा में हो तो वह निश्चित ही प्रगति के रूप में प्रत्यक्ष होगी और यदि इसका प्रयोग नकारात्मक दिशा में किया जाये तो निश्चित ही यह पतन का कारण बनेगी| क्यों कि किसी भी राष्ट्र का निर्माण भौतिकता से नहीं हो सकता उसके लिए आवश्यकता है सशक्त सोच की| और सोच में विशालता आध्यात्मिकता से ही आती है और सशक्त राष्ट्र के निर्माण के लिए प्रत्येक युवा के जीवन में कहीं ना कहीं आध्यात्मिकता के समावेश की आवश्यकता है|

जैसा कि हम सभी देख रहे हैं आज सभी का मन बहुत कमजोर हो गया है जो जल्दी ही व्यसन और व्यर्थ की तरफ आकर्षित हो जाता है| अतः अब मन को सही दिशा देकर सशक्त बनाने की आवश्यकता है| उन्होंने बताया कि मन की प्रवृत्ति चंचल है यदि मन को सही दिशा में न लगाया जाये तो मन किसी भी व्यर्थ में उलझकर हमारे जीवन को अनेक प्रकार की समस्याओं में डाल सकता है |

उन्होंने कहा कि युवावस्था दोपहर के सूर्य के समान तेजोमय अवस्था है एवं ऊर्जा से भरपूर होती है अतः युवाओं को आवश्यकता है अपनी इस ऊर्जा को सकारात्मक दिशा देकर सशक्त युवा के रूप में खुद को स्थापित कर सशक्त वातावरण निर्मित करने की|

बी. के. डॉ. गुरचरण भाई ने सभी को संबोधित करते हुए बताया कि आज वर्तमान समय आवश्यकता है परमात्मा की याद से आत्मा रुपी बैटरी को चार्ज कर अपने दिमाग को शीतल-शांत बनाकर जो हमारे अंदर शक्तियां सुषुप्त अवस्था में हैं उनको जाग्रत कर अपने अंदर की कमी-कमजोरी को समाप्त कर स्वयं को सही दिशा देने की| साथ ही जो संसार के अन्दर भटके हुए युवा हैं जो कि अनेक प्रकार के लडाई-झगडे में, काम बंद कलम बंद के नारों में आज अपनी शक्ति बर्बाद कर रहे हैं उन्हें जागरूक करने की और उन्हें इस युवा जीवन में ईश्वर प्रदत्त शक्तियों के महत्व से परिचित करवाने की तथा इस ऊर्जा को व्यर्थ में ना लगाते हुए सकारात्मक दिशा में उसका प्रयोग करने की |साथ ही हम सभी की  जिम्मेदारी है अपने से छोटों के लिए मार्गदर्शन देने के निमित्त बनें और अपने से बड़े हैं उनकी जो हमारे प्रति आस है  उस आस को पूर्ण कर घर का दीपक बनने के साथ-साथ राष्ट्र और विश्व के भी दीपक बनें|

कार्यक्रम के अंत में बी.के. ज्योति दीदी ने सभी को गहन राजयोग मैडिटेशन कि अनुभूति कराई | तत्पश्चात सभी को कुछ प्रतिज्ञाएँ भी करायीं गयीं |

 

 

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नवरात्रि के पावन अवसर पर ब्रह्मा कुमारीज केंद्र पर लगी चैतन्य देवियों की झांकी

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नवरात्रि के पावन अवसर पर ब्रह्मा कुमारीज केंद्र पर लगी चैतन्य देवियों की झांकी
देवियों की अष्ट भुजा अष्ट शक्तियों का प्रतीक – आदर्श दीदी
ग्वालियर: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की भगिनी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के कला एवं संस्कृति प्रभाग द्वारा प्रभु उपहार भवन माधवगंज में चैत्र नवरात्री के पावन अवसर पर चैतन्य देवियों की झांकी एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। अनेकानेक लोगों ने किये चैतन्य देवियों के दर्शन। कार्यक्रम में केंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी आदर्श दीदी ने सभी को नवरात्री का आध्यात्मिक रहस्य बताते हुए कहा कि नवरात्री का पावन उत्सव हमें हिंसक वृतियों पर विजय प्राप्त करने की प्रेरणा देता है। उन्होंने नौ देवियों का रहस्य बताते हुए कहा कि – देवियों के हाथ में माला परमात्मा शिव की याद का प्रतीक है। हाथ में बाण अर्थात – ज्ञान रूपी बाण मुख द्वारा चलाकर विकारों का संहार किया। ऐसे ही कमल का फूल, त्रिशूल, सुदर्शन चक्र, तलवार,शंख, गदा आदि इन सबका भी आध्यात्मिक रहस्य है । साथ ही उन्होंने कहा कि देवियों को अष्ट भुजाधारी दिखाते है तो ये विशेष आठ शक्तियों का प्रतीक है। जिसमें – सामना करने की शक्ति, निर्णय करने की शक्ति, सहन करने की शक्ति, सहयोग की शक्ति, समेटने की शक्ति, परखने की शक्ति, समाने की शक्ति और विस्तार को संकीर्ण करने की शक्ति शामिल है।
1. नवरात्रि के पहले दिन माँ ‘शैलपुत्री’ की पूजी होती है। उनकी बैल पर सबारी दिखाते है ।
2. नवरात्रि का दूसरा दिन देवी ‘ब्रह्मचारिणी’ का है, जिसका अर्थ है- तप का आचरण करने वाली। तप का आधार पवित्रता है।
3. नवरात्रि के तीसरे दिन देवी ‘चंद्रघण्टा’ के रूप में पूजा की जाती है। मान्यता है कि असुरों के प्रभाव से देवता काफी दीन-हीन तथा दुःखी हो गए, तब देवी की आराधना करने लगे। फलस्वरूप देवी चंद्रघण्टा प्रकट होकर असुरों का संहार करके देवताओं को संकट से मुक्त किया। देवी के मस्तक पर घण्टे के आकार का अर्द्धचंद्र, हाथों में खड्ग, शस्त्र, बाण इत्यादि धारण किए दिखाये जाते हैं।
4. नवरात्रि के चौथे दिन देवी ‘कुष्माण्डा’ के रूप में पूजा की जाती है। देवी को सृष्टि की ‘आदि स्वरुपा’ और ‘आदि शक्ति’ माना जाता है, जो ब्रह्माण्ड में चारों ओर फैले अंधकार को नष्ट कर ब्रह्माण्ड का ज्ञान प्रदान करती है। हमें उनसे शक्ति लेकर हमारे अन्दर जो भी विकारी स्वभाव और संस्कार है उस पर विकराल रूप धारण करके अर्थात् दृढ प्रतिज्ञा करके मुक्ति पाना है।
5. नवरात्रि के पाँचवें दिन देवी ‘स्कन्द माता’ के रूप में पूजा की जाती है। कहते हैं- यह ज्ञान देने वाली देवी है। इनकी पूजा करने से ही मनुष्य ज्ञानी बनता है। यह भी बताया गया है कि स्कन्दमाता की पूजा से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। असम्भव कार्य भी स्वतः सिद्ध हो जाते हैं।
6. नवरात्रि के छठवें दिन देवी ‘कात्यायनी’ के रूप में पूजा की जाती है। एक मत यह भी है कि यह देवी, महर्षि कात्यायन की पुत्री थी जिसने आश्विन कृष्ण चतुर्दशी को जन्म लेकर शुक्ल सप्तमी, अष्टमी व नवमी, तीन दिनों तक महर्षि कात्यायन की पूजा स्वीकार की और फिर दशमी को महिषासुर का वध किया। इनका वाहन ‘सिंह’ दिखाया जाता है। इनके चार हाथों में बाईं ओर के ऊपर वाले हाथ में तलवार और नीचे वाले हाथ में कमल-पुष्प दिखाते हैं जो कि क्रमशः शक्ति व पवित्रता के प्रतीक है।
7. नवरात्रि के सातवें दिन देवी ‘कालरात्रि’ के रूप में पूजा की जाती है। इनके शरीर का रंग काला और सिर के बाल रौद्र रूप में बिखरे हुए दिखाए जाते हैं। इनका वाहन गधे को दिखाया गया है। कलियुग में एक सामान्य गृहस्थ की हालत प्रतिकूल परिस्थितियों में खराब हो जाती है। जब अपने मन-बुद्धि में कालरात्रि जैसी देवी को बैठा लेता है तो देवी उस गृहस्थ को परिस्थितियों से पार निकाल ले जाती है।
8. नवरात्रि के आठवें दिन देवी ‘महागौरी’ के रूप में पूजा की जाती है। महागौरी अपने भक्तो की सभी इच्छाओं को पूरा करती है।
9. नवरात्रि के नौवें दिन देवी ‘सिद्धिदात्री’ के रूप में पूजा की जाती है। कहा गया है कि यह सिद्धिदायी वह शक्ति है, जो विश्व का कल्याण करती है।
इन शक्तियों की आराधना द्वारा हम अपने अंदर की विकृतियां व बुराइयों को समाप्त कर सकते हैं वर्तमान पुरुषोत्तम कल्याणकारी संगमयुग पर परमपिता शिव परमात्मा जो सर्व के कल्याणकारी है सर्वे के रचयिता है वह अभी सर्वात्माओं को शक्ति दे रहे हैं जिससे बुराइयों पर विजय और उनकी शक्ति से हमारे अंदर जो दिव्यता छुपी वह जागृत हो जाती है।
दीदी जी ने बताया कि नवरात्रि में जो व्रत करते हैं तो व्रत का मतलब है कि हम अपने अंदर की बुराइयों और कमी कमजोरियों को समाप्त करने का व्रत लेना ।
और किसी के लिए भी बुरा नहीं सोचना सबके कल्याण का भाव लेकर चलना सबका भला करना सबको सुख देना, सहयोग देना।
इस अवसर पर कार्यक्रम में उपस्थित वरिष्ठ आयुर्वेदिक डॉ कमल गुप्ता और निर्मला गुप्ता ने भी सभी को नवरात्रि की सभी को शुभकामनाएं दी।
कार्यक्रम में चैतन्य देवी दर्शन झांकी के साथ साथ बच्चों ने विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी।
जिसमें कु. सृष्टि, नंदिनी, नव्या, देवस्मिता, श्रेष्ठा और पवन आदि मुख्य रूप से थे ।
इसके साथ ही कार्यक्रम में 200 से अधिक श्रद्धालु उपस्थित थे। मंच का संचालन बीके ज्योति दीदी ने किया।

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बेहतर कार्य करने के लिए खुश रहना जरूरी – आदर्श दीदी

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ब्रह्माकुमारीज प्रभु उपहार भवन का वार्षिक उत्सव संपन्न

बेहतर कार्य करने के लिए खुश रहना जरूरी – आदर्श दीदी

मुस्कराने से जीवन की आधी समस्याएं समाप्त हो जाती है – प्रहलाद भाई

ग्वालियर: माधवगंज स्थित प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय “प्रभु उपहार भवन” की छठवीं वर्षगाँठ पर वार्षिक उत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से व्यवसायी श्री पीताम्बर लोकवानी, नगर निगम वार्ड 50 के क्षेत्रीय अधिकारी श्री सतेन्द्र सिंह सोलंकी, पी.एम.पी एसोसिएशन के प्रदेश सचिव श्री रंजीत सिंह छावरा, वरिष्ठ नेत्र सर्जन डॉ. एच. एस. कुशवाह, स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. रानी कुशवाह, ब्रह्माकुमारीज सेवाकेंद्र की संचालिका बीके आदर्श दीदी, बीके प्रहलाद भाई, बीके डॉ गुरुचरण सिंह उपस्थित थे।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्जवलन के साथ हुआ। तत्पश्चात
बीके आदर्श दीदी ने प्रभु उपहार भवन में सेवाओं के 6 वर्ष पूर्ण होने पर सभी को शुभकामनाएं दीं और कहा कि ब्रह्माकुमारीज संस्थान विगत 8 दसको से देश और दुनिया में आध्यात्म के माध्यम से लोगो के जीवन में शांति और खुशहाली लाने का प्रयास कर रहा है, क्योकि खुशी के बिना कोई भी कार्य बेहतर ढंग से नहीं किया जा सकता। इसलिए खुश रहना जरुरी है, इसमें आध्यात्मिक ज्ञान हमारी बहुत मदद करता है। संस्थान के द्वारा लोगो को आध्यात्मिक ज्ञान देने के साथ साथ बिभिन्न अभियान चलाये गए। जिसमें पर्यावरण सरंक्षण, जल सरंक्षण, स्वच्छ भारत, नशा मुक्त भारत जैसे अनेक कार्यक्रम शामिल है। ग्वालियर जिले में भी इन्ही अभियान के अंतर्गत वर्ष भर में अनेकनेक कार्यक्रम आयोजित किये गए। जिसका लाभ लाखो लोगो को मिला।
दीदी ने आगे कहा कि सभी को व्यक्तिगत हित से ऊपर उठकर समाज कल्याण व विश्व कल्याण के लिए कार्य करना चाहिए। साथ ही सभी के प्रति परस्पर सहयोग, स्नेह, सम्मान की भावना भी अपने मन में रखनी चाहिए। क्यों कि जिस प्रकार बूंद बूंद से घड़ा भरता है ठीक उसी प्रकार एक-एक व्यक्ति से मिलकर ही समाज व देश का निर्माण होता है और एक मूल्यनिष्ठ समाज की स्थापना के लिए हर व्यक्ति के सहयोग की आवश्यकता होती है। इसलिए कहाबत भी है सबके सहयोग से सुखमय संसार।
कार्यक्रम में बीके प्रहलाद भाई ने वर्ष 2023-24 में किये गए अनेकानेक जनहितकारी कार्यक्रम की वार्षिक रिपोर्ट वीडिओ प्रजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुत की जिसमें मैडिटेशन शिविर, स्वास्थ्य शिविर, नशामुक्ति शिविर, जल जन अभियान, वृक्षा रोपण, स्वच्छता अभियान, बच्चों के लिए नैतिक शिक्षा, मोटिवेशनल कार्यक्रम, सामाजिक, आध्यात्मिक आदि कार्यक्रम शामिल है। इन सभी कार्यक्रम के माध्यम से लाखों लोगो को संदेश दिया गया। बीके प्रहलाद ने वार्षिक रिपोर्ट पेश करने के साथ साथ सभी को कहा कि हम सदैव जब दूसरों को कुछ न कुछ देने की भावना रखते है। तो हमारा खुशी का स्तर बढ़ता है। इसलिए हमें सदैव देने की भावना रखनी चाहिए। यदि कुछ नहीं दे सकते तो कम से कम मुस्कराकर सभी से बात करें तो सारे कार्य सहज हो जायेंगे।
कार्यक्रम में पधारे सतेन्द्र सिंह सोलंकी ने सभी को वार्षिक उत्सव पर शुभकामनाएं दीं। और कहा कि यह बहुत ही ख़ुशी की बात है इतना अच्छा आश्रम हमारे क्षेत्र में है जहाँ लोगो को सकारात्मक दिशा मिलती है। मुझे सौभाग्य मिला कि अनेकानेक जन जागृति के कार्यक्रम संस्थान के साथ मिलकर किए।
कार्यक्रम पीताम्बर लोकवानी ने अपने विचार रखते हुए सभी को बधाई दी और कहा कि जब यह माधवगंज केंद्र बन रहा था तभी मुझे यह अहसास था कि इस क्षेत्र के लोगो को इसका लाभ मिलेगा और आज जिस तरह से लोग यहाँ बड़ी संख्या में पहुँचते है कि बैठने का हॉल भी छोटा पड़ जाता है इससे यह पता चलता है कि लोगो की संस्थान के प्रति कितनी आस्था और श्रद्धा है। और लोगो के जीवन में कितना परिवर्तन आया है। संस्थान के लोगो को जब भी मिलते है तो यह अपने कार्य को करते हुए हमेशा खुश नजर आते है जो हम सबको प्रेरणा देते है।
कार्यक्रम में रंजीत सिंह छावरा ने अपनी शुभकामनाएं दीं और कहा कि संस्थान मानव सेवा के लिए समर्पित है और जो आंनद सेवा में वह किसी कार्य में नहीं है।
डॉ.एच.एस. कुशवाह ने वार्षिक उत्सव पर सबको बधाई दी और कहा कि पूरे वर्ष में संस्थान के द्वारा अनेकानेक कार्यक्रम किये जाते है जो कि सराहनीय और अनुकरणीय है, यह लोग निःस्वार्थ भाव से समाज के लिए कार्य करते है। और यह हमारा सौभाग्य है ऐसे महान लोगो का सानिध्य हम सबको मिलता है। उन्होंने आगे कहा कि मुझे तीन से चार बार माउंट आबू जाने का मौका मिला तब में संस्थान के संपर्क में हूँ मै भले संस्थान में रोज नहीं आ पाता लेकिन इनके द्वारा सिखाया गया मैडिटेशन मैं रोज करता हूँ और जब भी कोई समस्या आती है तो मै परमात्मा को याद कर हल्का हो जाता हूँ ।
कार्यक्रम में डॉ रानी कुशवाह और अभय खंडेलवाल ने भी अपनी शुभकामनाएं रखी ।
इसके साथ ही बाल कलाकारों के द्वारा सुन्दर सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी दी गई जिसने सभी का मन मोहा। प्रस्तुति देने वालों में कु. दृष्टि पमनानी, कु. पिहु, बीके पवन आदि मोजूद थे।
कार्यक्रम में संतोष गुप्ता, बीएम सोनी, प्रो. आर एस. वर्मा, राजेंद्र सिंह, अशोक पमनानी, नीलम मोतिरमानी, जया लोकवानी, कविता, एकता, सुरेन्द्र, रवि, हर्षित सहित सैकड़ों की संख्या में लोग उपस्थित थे ।
मंच का कुशल संचालन एवं सभी का आभार बीके प्रहलाद भाई ने किया।

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हेलीपेड कॉलोनी ग्वालियर: खुशनुमा जीवनशैली पर हुआ कार्यक्रम आयोजित

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– सदा खुश रहने के लिए सुव्यवस्थित दिनचर्या बहुत आवश्यक – प्रहलाद भाई
– परमात्मा से मन की तार जोंडे तो सब समस्याएं समाप्त हो जाएँगी – आदर्श दीदी
ग्वालियर: सदा खुश रहने के लिए हमें किसी व्यक्ति, वस्तु या वैभव की आवश्यकता नहीं यह तो परमात्मा का अनमोल उपहार है। परन्तु सदा खुश वही रह पाता है जिसकी मन की तार परमात्मा से जुडी है उक्त बात बीके आदर्श दीदी ने अपने आशीर्वचन में कही। यह कार्यक्रम प्रजापिता ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के द्वारा हेलीपेड कॉलोनी समिति के सहयोग से श्री हनुमान मंदिर प्रांगण पार्क में आयोजित खुशनुमा जीवनशैली एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम में कही | दीदी ने आगे कहा कि आज भागती दौड़ती जिन्दगी में अनेक उतार चढाव है व्यक्ति स्वयं के लिए समय ही नहीं निकाल पाता आज हर व्यक्ति छोटी छोटी बातों को लेकर दुखी हो जाता है, परिवार में मधुरता कम होती जा रही है जीवन में अगर ख़ुशी नहीं तो जीवन नीरस है| आज व्यक्ति अच्छे मकान में रह रहा है। अच्छी सिटी में रह रहा है। अच्छी सुविधाएँ मिली हुई है। फिर भी खुश नहीं रह पा रहा है तो उसका मूल कारण है कि कहीं न कहीं हमारे में आन्तरिक गुण और शक्तियों की कमी है। यदि हम चाहते है कि हम अपने आपको दिव्य गुणों और शक्तियों से सुसज्जित करें तो उसके लिए हमें मन की तार को परमात्मा से जोड़ना पड़ेगा तो हम सदा खुश रह सकते है। और समस्यामुक्त भी रह सकते है।
कार्यक्रम में आगे प्रेरक वक्ता वाम राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई ने खुशनुमा जीवन शैली पर सभी को संबोधित करते हुए कहा कि यदि हम अपनी दिनचर्या सुव्यवस्थित रखे तो हम हमेशा खुश रह सकते है| आज यह देखा गया कि अधिकतर लोगो की दिनचर्या अस्त व्यस्त होती है जिस कारण समय पर सभी कार्य नहीं हो पाते। जहाँ कम समय देना होता है वहाँ अधिक चला जाता है और जहाँ अधिक समय देना चाहिए उसके लिए समय ही नहीं बचता जिस कारण प्रेसर क्रियेट होता है और समय पर सभी कार्य नहीं हो पाते जिसकी बजह से हमारी ख़ुशी गुम हो जाती है। उन्होंने आगे एक स्लोगन बोलते हुए कहा कि “पेड़ न खाते कभी अपना फल और नदी न पीती कभी अपना जल” यह सदैव दूसरों को देते है। तो हमारा जीवन भी ऐसा ही होना चाहिए यदि हम दूसरों की सेवा करते है तो यह भी एक सबसे अच्छा माध्यम है खुश रहने का। यदि आपके पास लोगो को देने के लिए कुछ नहीं है तो लोगो से मुस्कराकर बात करो तो यह भी एक सेवा है। जो चीज आपको चाहिए वह देना प्रारंभ करो आपके पास स्वतः बढ़ जाएगी। आगे भाई जी ने सभी को राजयोग ध्यान का आभ्यास भी कराया जिसकी अनुभूति सभी ने की।
कार्यक्रम में डॉ. के.के. तिवारी एवं पूर्व पार्षद विनती शर्मा ने भी अपनी शुभकामाएं व्यक्त की|
इसके साथ ही कार्यक्रम में बाल कलाकारों के द्वारा सुन्दर सुन्दर प्रस्तुतियां दी गई जिसे देखकर सभी मंत्र मुग्ध हो गए। प्रस्तुतियां देंने बाले बच्चो में मन्नत रोहिरा, लयेशा घई, रूचि राठौर, संकल्प गुप्ता, श्रेष्ठा गुप्ता, बीके पवन थे ।
कार्यक्रम में हेलीपेड कॉलोनी समिति के पदाधिकारी एवं कॉलोनी निवासी रामसेवक शर्मा, भारतेंदु गुप्ता, महेश आर्य, दीपक जैसवानी, मनोज गंडोत्रा, शिवकुमार तोतलानी, हेमंत ढींगरा, डॉ वीके जैन, गीता तिवारी, रेखा गंडोत्रा, मोना चांदवानी, मंजू गंडोत्रा, अंकिता जसेजा, पूजा गाबरा, कंचन गाबरा, गीता गाबरा, साबी केशवानी, रजनी नागवानी सहित कॉलोनी के अनेकानेक लोग उपस्थित थे।

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