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Indraganj Lashkar

ब्रह्माकुमारीज केंद्र पर साइबर सुरक्षा अभियान के तहत हुआ कार्यक्रम

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ग्वालियर: साइबर सुरक्षा अभियान के तहत पुराना हाई कोर्ट लाईन स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के संगम भवन केंद्र पर साइबर सुरक्षा के लिए जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन हुआ। कार्यक्रम में थाना झाँसी रोड़ ग्वालियर से उपनिरीक्षक आशीष शर्मा, गुरुकुल ड्रीम फाउंडेशन से बहिन अंजलि परिहार, ब्रह्माकुमारीज केंद्र प्रमुख राजयोगिनी बीके आदर्श दीदी, प्रेरक वक्ता बीके प्रहलाद भाई मुख्य रूप से उपस्थित थे।
यह कार्यक्रम ब्रह्माकुमारीज संस्थान के आई. टी. विंग (आर.ई.आर.एफ), दैनिक समाचार पत्र नई दुनिया, गुरुकुल ड्रीम फाउंडेशन, आकाश बरुआ तथा नगर पुलिस अधीक्षक विश्वविद्यालय ग्वालियर सुश्री हिना खान के संयुक्त प्रयास से सम्पन्न हुआ।
कार्यक्रम के शुभारंभ मे बी के प्रहलाद ने बताया कि आज का सत्र साइबर सुरक्षा के संबंध में है जिसका उद्देश्य लोगों को जागुरुक करना है। आज जानकारी के अभाव में कई बार हम साइबर धोखाधड़ी के शिकार हो जाते है। तो कैसे सजगता के साथ हम खुद को और दूसरों को इससे बचाएं।
कार्यक्रम में उपनिरीक्षक आशीष शर्मा के द्वारा साइबर अपराध के सम्बन्ध में चर्चा कर डिजिटल अरेस्ट, सोशल मीडिया का उपयोग, सेफ क्लिक, ऑनलाइन खरीददारी, सहित होने वाली ऑनलाइन धोखाधड़ी के बारे में विस्तार से बताया गया तथा सायबर अपराध से किस प्रकार सुरक्षित रहा जा सकता है एवं अपराध घटित होने पर डायल 1930 और NCRP (National Cyber Crime Report Portal) पर मदद ली जा सकती है के बारे में भी बताया। साथ ही सभी को यह जानकारी अधिक से अधिक लोगों तक पंहुचाने के लिए साझा करने हेतु आग्रह किया, सायबर शपथ के लिए क्यूँ आर कोड भी शेयर किया।
कार्यक्रम में अंजली परिहार ने बताया कि व्यतिगत जानकारी साझा करने से बचे, अपने अकाउंट मे मजबूत पासवर्ड रखें, हमें आकर्षक ऑफर देने वाले असत्यापित लिंक पर क्लिक नहीं करना चाहिए, अचानक किसी का वीडियो कॉल या फोन कॉल आता है जिसमें वह आपके संबंधी को किसी तरह कि हानि की बात कहता या रुपये कि मांग करता है तो यह साइबर अपराधी हो सकते है। इनसे घबराएं नहीं साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराएं।
कार्यक्रम में बीके आदर्श दीदी ने कहा कि आज यहाँ साइबर सुरक्षा के बारे में जो भी जानकारी दी गई जैसे – साइबर अपराध क्या है व इससे कैसे बच सकते हैं, तो निश्चित ही इसका लाभ सभी को मिलेगा। आज कई तरह से डिजिटली धोखाधड़ी कि बातें देखने और सुनने में आती है तो उसके लिए सावधानी और जागुरुकता ही सबसे अच्छा उपाय है। मुझे विश्वास है कि इस सत्र के माध्यम से खुद भी जागरूक होंगे और दूसरों को भी जागरूक करेंगे।

सायबर धोखाधड़ी से बचने के लिए कुछ सावधानियाँ –
1. ईमेल आईडी, सोशल मीडिया प्रोफाइल, नेट बैंकिंग, ई-वॉलेट, के पासवर्ड मजबूत रखें एवं नियमित अंतराल पर बदलते रहें।
2. अनजान व्यक्ति के साथ किसी भी तरह कि ओटीपी साझा न करें।
3. ऑनलाइन लॉटरी, कैश बैक, जॉब, लोन, बीमा शपिंग आदि के ऑफर्स के प्रलोभनों से सावधान रहें।
4. विश्वसनीय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, आधिकारिक ऑनलाईन शॉपिंग वेबसाईट का ही उपयोग करें।
5. सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर निवेश आदि पर लाभ पहुचाने के नाम पर ठगी की जा रही है इस तरह के ग्रुप मे न जुड़े और न ही किसी तरह का पेमेंट करें।
6. किसी संस्थान कंपनी के कस्टमर केयर नंबर के लिए उनकी आधिकारिक वेबसाईट का ही प्रयोग करें।
7. पुलिस या जांच एजेंसियों के नाम पर कॉल कर बच्चों या नाती पोतों का किसी अपराध में भय दिखाकर पैसे कि मांग करने वालों से सावधान रहें, किसी के खाते में पैसे जमा न करें। डिजिटल अरेस्ट जैसे कोई प्रावधान नहीं है।
8. ऑनलाइन गेमिंग मे सतर्क रहें फ्री गिफ्ट या इनाम के झांसे में न आएं।
9. सार्वजनिक वाईफाई का उपयोग करते समय संवेदनशील जानकारी साझा करें से बचें।
10. अज्ञात लिंक, ईमेल, और मैसेज पर क्लिक करने से बचे।
11. वेबसाइट खोलने से पहले सुनिश्चित करें कि यह “https” से ही शुरू हो।

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सीआरपीएफ संतुलित आहार

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सीआरपीएफ समूह केंद्र में क्षेत्रीय परिवार कल्याण केन्द्र के सहयोग से सेमिनार का आयोजन

ग्वालियर। सीआरपीएफ समूह केंद्र में क्षेत्रीय परिवार कल्याण केन्द्र के सहयोग से एक सेमिनार व वक्तव्य का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम समूह केन्द्र के तानसेन क्लब में आयोजित हुआ। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डाईटीशियन सौम्या चड्ढा, ब्रह्माकुमारीज संस्थान से प्रेरक वक्ता बी के प्रहलाद भाई उपस्थित थे।
इस अवसर पर क्षेत्रीय कावा अध्यक्षा श्रीमती सुनीता निगम, श्रीमती भावना गुप्ता, डिप्टी कमांडेंट दिलाबर सिंह, श्रीमती गीता, श्रीमती आशा सहित क्षेत्रीय कावा के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।
केन्द्र में निवासरत महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता व उनको लाभान्वित करने के लिए विशेषज्ञों द्वारा पोषण एवं अंधत्व नियंत्रण के विषय पर चर्चा की गयी
मुख्य आहार विशेषज्ञ सौम्या चड्ढा नें सभी को सम्बोधित करते हुए कहा कि सभी को यह ध्यान रखना चाहिए कि हमारा आहार इस तरह का हो जिसमें वह सभी पोषक तत्व आ जाए जो शरीर के लिए आवश्यक है। उन्होंने बताया कि लें। थाली में अनाज, दाल/ प्रोटीन, सब्जी, फल, दूध, दही जैसी चीजें शामिल करें। समय पर भोजन करें, सीजनल फल और सब्जियां लें, दिनभर में 8 से 10 गिलास पानी पिएं, शारीरिक व्यायाम करें या कम से कम 30 मिनिट पैदल चलें, जरूरत से ज्यादा भोजन न करें।
ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के मेडिटेशन विशेषज्ञ बीके प्रहलाद भाई एवं बीके सुरभि नें सभी को मन को स्वस्थ्य रखने के लिए टिप्स दिए एवं राजयोग ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि राजयोग ध्यान करने से अनेक लाभ होते है। जैसे – यह तनाव कम करता है, मन को शांति और स्थिरता देता है, गुस्सा, चिंता और नकारात्मक सोच को घटाता है, एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ाता है, नींद की गुणवत्ता में सुधार लाता है। यह सब ठीक है तो शारीरिक स्वास्थ्य भी ठीक रहता है।
सेमिनार में ग्रुप केन्द्र के सैंकड़ों कार्मिकों एवं इस ग्रुप केन्द्र में निवासरत महिलाओं द्वारा बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया गया। सेमिनार के अंत में क्षेत्रीय कावा अध्यक्षा श्रीमती सुनीता निगम द्वारा डाईटीशियन सौम्या चड्ढा एवं बी के प्रहलाद भाई को स्मृति चिन्ह भेंट किए एवं विशेषज्ञों द्वारा इस विषय पर महत्वपूर्ण ज्ञानवर्धन करने हेतु धन्यवाद एवं आभार व्‍यक्‍त किया।

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खुशनुमा और स्वस्थ जीवन (एसएएफ 13 बटालियन)

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प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के द्वारा 13वीं वाहिनी विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ 13 बटालियन) में “तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली” विषय पर एक प्रेरणादायक सत्र आयोजित किया गया। जिसका उद्देश्य लोगों को मानसिक शांति, सकारात्मक सोच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रेरक वक्ता एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई तथा ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र की मुख्य संचालिका बीके आदर्श दीदी उपस्थित थीं।
इस अवसर पर एस ए एफ 13 बटालियन से प्रभारी सेनानी अनुराग पांडे, सहायक सेनानी, गुलबाग सिंह, डॉक्टर ओ पी वर्मा निरीक्षक मुनेन्द्र सिंह भदोरिया, निरीक्षक, धर्मेंद्र वर्मा, निरीक्षक मुकेश परिहार, निरीक्षक पुष्पेंद्र सिंह भदौरिया, निरीक्षक जादौन, निरीक्षक राय सिंह जयंत, समस्त पी टी एस स्टाफ एवं 350 से अधिक प्रशिक्षणार्थी सहित ब्रह्माकुमारीज से बीके सुरभि, बीके रोशनी, बीके पवन उपस्थित थे।
कार्यक्रम में बीके प्रहलाद भाई ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आज के तेज रफ़्तार जीवन में तनाव हर किसी की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। जिसकी वजह से हमारे जीवन में काफी उतार चढाव आते है। इन सबसे छूटने के लिए तनाव का सही ढंग से प्रबंधन करना ही खुशनुमा और स्वस्थ जीवन जीने की कला है। यदि तनाव पर नियंत्रण न हो तो यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ को प्रभावित करता है। इसके लिए कुछ सरल उपाय अपनाकर हम संतुलित, आनंदमय और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। उन्होंने कहा कि – सकारात्मक सोच विकसित करें, हर परिस्थिति में अच्छा पक्ष देखने का प्रयास करें, नकारात्मक विचारों से दूर रहें, योग और ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाये, रोजाना 15 से 20 मिनिट ध्यान करें जिससे मन स्थिर रहता है एवं मानसिक शांति भी मिलती है, प्राणायाम और योगासन से शरीर स्वस्थ्य रहता है, 6 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद लें, संतुलित भोजन लें, नशे से दूरी बनाकर रखें, जंक फ़ूड से बचें, व्यवस्थित दिनचर्या बनायें, कोई न कोई रोज अच्छी पुस्तक पढ़ने की आदत डालें, कार्यक्रम स्थल पर किसी भी तरह का दवाव आता है तो घबरायें नहीं, परिवार के साथ समय विताएं, हर कार्य को एक खेल की तरह से लें।
बीके प्रहलाद भाई नें अनेकानेक रचनात्मक गतिविधि भी कराई जिससे सभी का मन हल्का हुआ और उमंग उत्साह भी बढ़ा। और दिन कि शुरुआत किस तरह से करें वह भी बताया।
कार्यक्रम में बीके आदर्श दीदी नें कहा कि तनाव को दूर करने के लिए योग, ध्यान, प्राणायाम, सकारात्मक चिंतन और समय प्रबंधन जैसे उपाय बेहद प्रभावी हैं। पर्याप्त नींद और रुचियों के लिए समय निकालना जीवन को सुखद और तनावमुक्त बना सकता है साथ ही कहा कि तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है यदि हम स्वस्थ दिनचर्या और आत्म नियंत्रण को अपनाएं तो जीवन अधिक खुशनुमा और आनंदमय बन सकता है। दीदी नें सभी को राजयोग ध्यान की विधि बताई तथा सभी को उसके फायदे बताते हुए अभ्यास भी कराया।
इस अवसर पर उपस्थित प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे अपने जीवन में स्वस्थ दिनचर्या, योग ध्यान और सकारात्मक सोच को अपनायेंगे और परिवार एवं समाज के प्रेरणास्त्रोत बनेगें।
कार्यक्रम में मेडिकल ऑफिसर डॉ ओपी वर्मा ने बताया कि तनाव आता है तो लोग आसानी से नशे की तरफ भागते है जबकि वह समाधान नहीं है। समाधान के लिए हमें ब्रह्माकुमारीज़ जैसे आध्यात्मिक संस्थानों से जुड़कर ध्यान के माध्यम में हमें अपने को सकारात्मक बनाना चाहिए। इस अवसर पर अन्य पदाधिकारियों नें भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में संस्थान के लोंगो का अभिनन्दन करते हुए पौधे भेंट किए गए।

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तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी(न्यूज़ कवरेज)

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