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Indraganj Lashkar

जीवन में सदा खुश रहने का आधार श्रेष्ठ संकल्प – राजयोगी बीके आत्मप्रकाश भाई

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ग्वालियर। जब हम किसी से अपने आप को कंपेयर करते या तुलना करते है तो कई वार दूसरों को श्रेष्ठ और अपने को कनिष्ठ मान लेते है जिस कारण हमारे अंदर हीन भावना आ जाती है, जो हमारी क्षमताओं को घटा देती है। जबकि हर व्यक्ति अपने आप में विशेष है। अपनी विशेषताओं को देखते हुए उन्हें स्मृति में रखते हुए श्रेष्ठ संकल्प करो, साथ ही परमात्मा के द्वारा दिए हुए वरदानों को भी स्मृति में रखो अर्थात स्वमान में रहो, जैसे कि मैं एक महान आत्मा हूँ…. मैं एक दिव्य आत्मा हूँ… मेरा जन्म सबको सुख देने के लिए हुआ है…. मैं शक्तिशाली आत्मा हूँ…. मैं परमात्मा की सुंदर रचना हूँ…. आदि आदि तो यह श्रेष्ठ संकल्प सबसे अच्छा उपाय है जीवन में सदा खुश रहने की उक्त बात ब्रह्माकुमारीज संस्थान के अंतर्राष्ट्रीय मुख्यालय आबू पर्वत से पधारे राजयोगी बीके आत्मप्रकाश भाई ने माधौगंज स्थित प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्व विद्यालय के स्थानीय सेवाकेंद्र प्रभु उपहार भवन में राजयोग ध्यान साधना शिविर के उद्घाटन सत्र के दौरान उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने आगे कहा कि आज वर्तमान समय को देखते हुए आध्यात्म को जीवन मे अपनाना मनुष्य की सबसे बढ़ी उपलब्धि है। आध्यात्मिकता को जीवन मे शामिल करने से कार्यक्षमता, कार्यकुशलता, कार्यदक्षता बढ़ती है और हमारी आंतरिक शक्तियां भी जाग्रत हो जाती है।

आध्यात्म के मार्ग पर चलने के लिए दो बातें सदैव याद रखो सत्यता और स्पष्टता।
सत्यता होगी तो हर कार्य में सफलता मिलेगी और स्पष्टता होगी तो संबंधों मे समरसता होगी और उस आधार पर आप जीवन का आनंद ले सकेंगे।
श्रेष्ठ चिंतन या स्वमान में रहने से अनेक लाभ हमको होते है –
स्वमान में स्थित होने से हम स्वराज्य अधिकारी अर्थात स्वयं कि कर्मेन्द्रियां स्थूल और सूक्ष्म दोनों को नियंत्रित कर सकते है।
स्वमान में रहने वालो के लिए सकारात्मक चिंतन, स्वचिन्तन और परमात्म चिंतन करना आसान हो जाता है।
स्वमान मे रहने से संकल्पों का, खुशी का शक्तियों का, गुणों का, दुआओं का जमा का खाता हम बढ़ा सकते है।
स्वमान में रहने से हम विकारों पर विजय प्राप्त कर सकते है।
स्वमान कवच है हर प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा से बचने का।
स्वमान में रहना अर्थात आत्म चिंतन करना।
स्वमान में रहना अर्थात समय का सदुपयोग करना।
स्वमान में रहकर हम अपने संस्कारों को दिव्य बना सकते है।
स्वमान मे रहने से हम अपने बोल, कर्म और संस्कारों में सुधार ला सकते है।
स्वमान में रहने वाला हमेशा दूसरों कि विशेषताएं देखेगा, किसी की खामियां या त्रुटियां नहीं देखेगा।
स्वमान में रहने वाला कभी अनुमान नहीं लगाएगा क्योकि अनुमान कभी भी हमें अच्छा नहीं बनने देगा।

इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ जिसमें ब्रह्माकुमारीज लश्कर केंद्र प्रभारी बीके आदर्श दीदी, बीके प्रहलाद, सब इंसपेक्टर अनिल तिवारी, व्यवसायी गजेन्द्र अरोरा, राजेश चावला, अशोक पमनानी, प्रभुदयाल, नंदन सिंह रोतेला, जवाहर कुशवाह, संजय चौहान आदि उपस्थित थे।
कार्यक्रम में बीके आदर्श दीदी ने अपने विचार रखते हुए कहा कि जैसे हमारे शरीर मे श्वांसों का महत्व है ठीक उसी तरह से जीवन में मूल्यों का महत्व है इसलिए सभी को अपने जीवन में नैतिक, व्यवहारिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक मूल्यों को अपनाना चाहिए इससे हमारे जीवन में निखार आता है।
कार्यक्रम मे सभी को राजयोग की गहन साधना का भी दिव्य अनुभव कराया गया।

इस अवसर पर बीके पवन, बीके सुरभि, बीके महिमा, बीके रोशनी, रतन चौहान, ब्रजेन्द्र राजपूत, दिनेश यादव, सुरेन्द्र बैस, दशरथ सिंह, सुमेर, पंकज, सुनील सहित सैकड़ों की संख्या मे संस्थान से जुड़े अनेकानेक श्रद्धालु उपस्थित थे।

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सीआरपीएफ संतुलित आहार

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सीआरपीएफ समूह केंद्र में क्षेत्रीय परिवार कल्याण केन्द्र के सहयोग से सेमिनार का आयोजन

ग्वालियर। सीआरपीएफ समूह केंद्र में क्षेत्रीय परिवार कल्याण केन्द्र के सहयोग से एक सेमिनार व वक्तव्य का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम समूह केन्द्र के तानसेन क्लब में आयोजित हुआ। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डाईटीशियन सौम्या चड्ढा, ब्रह्माकुमारीज संस्थान से प्रेरक वक्ता बी के प्रहलाद भाई उपस्थित थे।
इस अवसर पर क्षेत्रीय कावा अध्यक्षा श्रीमती सुनीता निगम, श्रीमती भावना गुप्ता, डिप्टी कमांडेंट दिलाबर सिंह, श्रीमती गीता, श्रीमती आशा सहित क्षेत्रीय कावा के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।
केन्द्र में निवासरत महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता व उनको लाभान्वित करने के लिए विशेषज्ञों द्वारा पोषण एवं अंधत्व नियंत्रण के विषय पर चर्चा की गयी
मुख्य आहार विशेषज्ञ सौम्या चड्ढा नें सभी को सम्बोधित करते हुए कहा कि सभी को यह ध्यान रखना चाहिए कि हमारा आहार इस तरह का हो जिसमें वह सभी पोषक तत्व आ जाए जो शरीर के लिए आवश्यक है। उन्होंने बताया कि लें। थाली में अनाज, दाल/ प्रोटीन, सब्जी, फल, दूध, दही जैसी चीजें शामिल करें। समय पर भोजन करें, सीजनल फल और सब्जियां लें, दिनभर में 8 से 10 गिलास पानी पिएं, शारीरिक व्यायाम करें या कम से कम 30 मिनिट पैदल चलें, जरूरत से ज्यादा भोजन न करें।
ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के मेडिटेशन विशेषज्ञ बीके प्रहलाद भाई एवं बीके सुरभि नें सभी को मन को स्वस्थ्य रखने के लिए टिप्स दिए एवं राजयोग ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि राजयोग ध्यान करने से अनेक लाभ होते है। जैसे – यह तनाव कम करता है, मन को शांति और स्थिरता देता है, गुस्सा, चिंता और नकारात्मक सोच को घटाता है, एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ाता है, नींद की गुणवत्ता में सुधार लाता है। यह सब ठीक है तो शारीरिक स्वास्थ्य भी ठीक रहता है।
सेमिनार में ग्रुप केन्द्र के सैंकड़ों कार्मिकों एवं इस ग्रुप केन्द्र में निवासरत महिलाओं द्वारा बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया गया। सेमिनार के अंत में क्षेत्रीय कावा अध्यक्षा श्रीमती सुनीता निगम द्वारा डाईटीशियन सौम्या चड्ढा एवं बी के प्रहलाद भाई को स्मृति चिन्ह भेंट किए एवं विशेषज्ञों द्वारा इस विषय पर महत्वपूर्ण ज्ञानवर्धन करने हेतु धन्यवाद एवं आभार व्‍यक्‍त किया।

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खुशनुमा और स्वस्थ जीवन (एसएएफ 13 बटालियन)

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प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के द्वारा 13वीं वाहिनी विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ 13 बटालियन) में “तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली” विषय पर एक प्रेरणादायक सत्र आयोजित किया गया। जिसका उद्देश्य लोगों को मानसिक शांति, सकारात्मक सोच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रेरक वक्ता एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई तथा ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र की मुख्य संचालिका बीके आदर्श दीदी उपस्थित थीं।
इस अवसर पर एस ए एफ 13 बटालियन से प्रभारी सेनानी अनुराग पांडे, सहायक सेनानी, गुलबाग सिंह, डॉक्टर ओ पी वर्मा निरीक्षक मुनेन्द्र सिंह भदोरिया, निरीक्षक, धर्मेंद्र वर्मा, निरीक्षक मुकेश परिहार, निरीक्षक पुष्पेंद्र सिंह भदौरिया, निरीक्षक जादौन, निरीक्षक राय सिंह जयंत, समस्त पी टी एस स्टाफ एवं 350 से अधिक प्रशिक्षणार्थी सहित ब्रह्माकुमारीज से बीके सुरभि, बीके रोशनी, बीके पवन उपस्थित थे।
कार्यक्रम में बीके प्रहलाद भाई ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आज के तेज रफ़्तार जीवन में तनाव हर किसी की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। जिसकी वजह से हमारे जीवन में काफी उतार चढाव आते है। इन सबसे छूटने के लिए तनाव का सही ढंग से प्रबंधन करना ही खुशनुमा और स्वस्थ जीवन जीने की कला है। यदि तनाव पर नियंत्रण न हो तो यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ को प्रभावित करता है। इसके लिए कुछ सरल उपाय अपनाकर हम संतुलित, आनंदमय और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। उन्होंने कहा कि – सकारात्मक सोच विकसित करें, हर परिस्थिति में अच्छा पक्ष देखने का प्रयास करें, नकारात्मक विचारों से दूर रहें, योग और ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाये, रोजाना 15 से 20 मिनिट ध्यान करें जिससे मन स्थिर रहता है एवं मानसिक शांति भी मिलती है, प्राणायाम और योगासन से शरीर स्वस्थ्य रहता है, 6 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद लें, संतुलित भोजन लें, नशे से दूरी बनाकर रखें, जंक फ़ूड से बचें, व्यवस्थित दिनचर्या बनायें, कोई न कोई रोज अच्छी पुस्तक पढ़ने की आदत डालें, कार्यक्रम स्थल पर किसी भी तरह का दवाव आता है तो घबरायें नहीं, परिवार के साथ समय विताएं, हर कार्य को एक खेल की तरह से लें।
बीके प्रहलाद भाई नें अनेकानेक रचनात्मक गतिविधि भी कराई जिससे सभी का मन हल्का हुआ और उमंग उत्साह भी बढ़ा। और दिन कि शुरुआत किस तरह से करें वह भी बताया।
कार्यक्रम में बीके आदर्श दीदी नें कहा कि तनाव को दूर करने के लिए योग, ध्यान, प्राणायाम, सकारात्मक चिंतन और समय प्रबंधन जैसे उपाय बेहद प्रभावी हैं। पर्याप्त नींद और रुचियों के लिए समय निकालना जीवन को सुखद और तनावमुक्त बना सकता है साथ ही कहा कि तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है यदि हम स्वस्थ दिनचर्या और आत्म नियंत्रण को अपनाएं तो जीवन अधिक खुशनुमा और आनंदमय बन सकता है। दीदी नें सभी को राजयोग ध्यान की विधि बताई तथा सभी को उसके फायदे बताते हुए अभ्यास भी कराया।
इस अवसर पर उपस्थित प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे अपने जीवन में स्वस्थ दिनचर्या, योग ध्यान और सकारात्मक सोच को अपनायेंगे और परिवार एवं समाज के प्रेरणास्त्रोत बनेगें।
कार्यक्रम में मेडिकल ऑफिसर डॉ ओपी वर्मा ने बताया कि तनाव आता है तो लोग आसानी से नशे की तरफ भागते है जबकि वह समाधान नहीं है। समाधान के लिए हमें ब्रह्माकुमारीज़ जैसे आध्यात्मिक संस्थानों से जुड़कर ध्यान के माध्यम में हमें अपने को सकारात्मक बनाना चाहिए। इस अवसर पर अन्य पदाधिकारियों नें भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में संस्थान के लोंगो का अभिनन्दन करते हुए पौधे भेंट किए गए।

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तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी(न्यूज़ कवरेज)

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