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सिर्फ अच्छे कर्म ही हमें खुशी दे सकते हैं – बीके शिवानी
हम संसार के बाह्य संसाधनों में खुशी ढूंढते हैं लेकिन खुशी हमारे अंतर मन में निहित है। अपने संस्कारों से दूर होने की वजह से जो हमें हासिल नहीं हो रही है, खुशी हमारे व्यवहार कर्म सोच में मौजूद है, सिर्फ अच्छे कर्म ही हमें खुशी दे सकते हैं यह विचार अंतर्राष्ट्रीय प्रेरक वक्ता शिवानी दीदी ने राजमाता विजयाराजे कृषि विश्वविद्यालय के दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार में खुशियों की चाबी विषय पर आयोजित व्याख्यान के दौरान व्यक्त किए।
शिवानी दीदी ने कहा कि शीशे में मैं नहीं दिखता बल्कि मेरा शरीर दिखता है इसलिए जब भी हम शीशा देखें तो यही सोचें मेरा शरीर कैसा दिख रहा है क्योंकि मैं तो अजर अमर अविनाशी आत्मा हूं ।
उन्होंने कहा कि हम अपने वस्त्र आभूषण और घर को तो साफ सुथरा रखने की कोशिश करते हैं लेकिन मन को स्वच्छ रखने के लिए कोई प्रयास नहीं करते जबकि कपड़ों से ज्यादा मन का स्वच्छ रहना जरूरी है। कपड़े पर दाग लग सकता है लेकिन हमारे मन पर कोई दाग नहीं लगना चाहिए, मन यदि साफ रहेगा तो मन को खुशी भी मिलेगी ।
उन्होंने आगे कहा कि जीवन की तमाम समस्याओं को हल करते हुए हमें खुद को खुश करना सीखना होगा, खुशी फ्री में मिलती है खुशी के लिए कुछ नहीं करना पड़ता है, खुशी के लिए ये ध्यान रखना है सारा दिन मन साफ रहे, और जब ये साफ रहेगा ओर खुद खुश रहेंगे तो सिर्फ खुश नहीं रहेंगे खुशी के वाइब्रेशंस आपसे औरों तक भी पहुंचेंगे जो औरों को भी खुशी प्रदान करेंगे
हर परिस्थिति में सकारात्मक सोच रखनी होगी जिससे आंतरिक शक्ति बढ़ती जाएगी। परफेक्शन बाहर के साथ अंदर भी होना चाहिए जो तभी संभव है जब हम टेंशन (तनाव) को छोड़कर अटेंशन (ध्यान) में रहेंगे। हर व्यक्ति को अपनी सुबह की शुरुआत ध्यान से करना चाहिए जिस प्रकार मोबाइल की बैटरी चार्ज होती है, उसी प्रकार ध्यान से हमारी आत्मा और शरीर फिर से तरो ताजा होकर रीचार्ज हो जाता है। उन्होंने कहा कि स्वयं के कर्म से भाग्य बनता है वह कर्म ही हमारे साथ जाते हैं रिश्ते नाते रुपया पैसा हमें सब यही छोड़ कर जाना है। जीवन यात्रा का यह सफर हमें अकेले ही तय करना है इसलिए अपनी मन की खुशी के लिए कर्म करें। उन्होंने बताया कि हम शरीर नहीं है आत्मा है, आत्मा को सशक्त बनाएंगे तो जीवन सफल हो जाएगा। अपने को ठीक रखने के लिए आज किसी के पास समय नहीं है लेकिन मन को ठीक रखने के लिए ध्यान अवश्य करना ही होगा। उन्होंने बताया कि शक्तिशाली आत्मा राई का पहाड़ नहीं बल्कि पहाड़ को राई बना देती है और उसे फिर रुई बना देती है।
उन्होंने कहा कि नव वर्ष एवं त्यौहार पर हम दूसरों की खुशी के लिए दुआ करते हैं, लेकिन जब तक हम खुद खुश नहीं होंगे दूसरों को भी खुश होने की दुआ नहीं लगेगी। जीवन में सच्ची खुशी हासिल करने के लिए अपने लिए तीन दिन का समय निकाले और ब्रह्माकुमारीज केंद्र पर जाकर राजयोग ध्यान का अभ्यास सीखे और उसे नियमित रूप से करें तो आपके जीवन में खुशियां ही खुशियां होगी ।
इससे पूर्व दीप प्रज्वलन से कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए ग्वालियर लश्कर केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी ने सभी का स्वागत अभिनंदन किया तत्पश्चात कार्यक्रम मे मुख्य अतिथि के रूप में पधारी म.प्र. हाई कोर्ट ग्वालियर खंडपीठ की जस्टिस श्रीमती सुनीता यादव ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि मैं एक दशक से ब्रह्माकुमारीज संस्थान से जुड़ी हूं, कहा जाता है कि ऊपर भगवान का जो कार्य है वहीं काम नीचे न्यायाधीश करता है, न्यायालय में रोज ही विचलित करने वाले आते हैं वहां पीड़ित भी है अपराधी भी है ऐसे में नकारात्मक एनर्जी से बचकर रहना कठिन कार्य है लेकिन जब हम राजयोग का अभ्यास करते हैं तो हमारी क्षमता 10 गुना बढ़ जाती है यह मेरे स्वयं का अनुभव है।
इस अवसर पर राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय के निदेशक बाय पी सिंह, निदेशक अनुसंधान डॉ संजय शर्मा, कुल सचिव अनिल सक्सेना, विक्रांत यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर अमरीका सिंह, भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य आशीष प्रताप सिंह राठौड़, आरोग्य भारती से डॉ एस पी बत्रा, डॉ राहुल सप्रा, स्वदेश समूह संपादक अतुल तारे, डॉ जे एस नामधारी, पीतांबर लोकवानी इत्यादि ने शिवानी दीदी का स्वागत किया। कार्यक्रम में शहर के अनेकानेक गणमान्य नागरिक उपस्थित थे ।
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तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी(न्यूज़ कवरेज)
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तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी
24 सितंबर 2025
खुशनुमा और स्वस्थ जीवन के लिए तनाव प्रबंधन आवश्यक – बीके प्रहलाद भाई

एसएएफ 13 बटालियन में तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली विषय पर प्रेरणादायक सत्र आयोजित
ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के द्वारा 13वीं वाहिनी विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ 13 बटालियन) में “तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली” विषय पर एक प्रेरणादायक सत्र आयोजित किया गया। जिसका उद्देश्य लोगों को मानसिक शांति, सकारात्मक सोच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रेरक वक्ता एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई तथा ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र की मुख्य संचालिका बीके आदर्श दीदी उपस्थित थीं।

इस अवसर पर एस ए एफ 13 बटालियन से प्रभारी सेनानी अनुराग पांडे, सहायक सेनानी, गुलबाग सिंह, डॉक्टर ओ पी वर्मा निरीक्षक मुनेन्द्र सिंह भदोरिया, निरीक्षक, धर्मेंद्र वर्मा, निरीक्षक मुकेश परिहार, निरीक्षक पुष्पेंद्र सिंह भदौरिया, निरीक्षक जादौन, निरीक्षक राय सिंह जयंत, समस्त पी टी एस स्टाफ एवं 350 से अधिक प्रशिक्षणार्थी सहित ब्रह्माकुमारीज से बीके सुरभि, बीके रोशनी, बीके पवन उपस्थित थे।
कार्यक्रम में बीके प्रहलाद भाई ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आज के तेज रफ़्तार जीवन में तनाव हर किसी की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। जिसकी वजह से हमारे जीवन में काफी उतार चढाव आते है। इन सबसे छूटने के लिए तनाव का सही ढंग से प्रबंधन करना ही खुशनुमा और स्वस्थ जीवन जीने की कला है। यदि तनाव पर नियंत्रण न हो तो यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ को प्रभावित करता है। इसके लिए कुछ सरल उपाय अपनाकर हम संतुलित, आनंदमय और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। उन्होंने कहा कि – सकारात्मक सोच विकसित करें, हर परिस्थिति में अच्छा पक्ष देखने का प्रयास करें, नकारात्मक विचारों से दूर रहें, योग और ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाये, रोजाना 15 से 20 मिनिट ध्यान करें जिससे मन स्थिर रहता है एवं मानसिक शांति भी मिलती है, प्राणायाम और योगासन से शरीर स्वस्थ्य रहता है, 6 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद लें, संतुलित भोजन लें, नशे से दूरी बनाकर रखें, जंक फ़ूड से बचें, व्यवस्थित दिनचर्या बनायें, कोई न कोई रोज अच्छी पुस्तक पढ़ने की आदत डालें, कार्यक्रम स्थल पर किसी भी तरह का दवाव आता है तो घबरायें नहीं, परिवार के साथ समय विताएं, हर कार्य को एक खेल की तरह से लें।
बीके प्रहलाद भाई नें अनेकानेक रचनात्मक गतिविधि भी कराई जिससे सभी का मन हल्का हुआ और उमंग उत्साह भी बढ़ा। और दिन कि शुरुआत किस तरह से करें वह भी बताया।

कार्यक्रम में बीके आदर्श दीदी नें कहा कि तनाव को दूर करने के लिए योग, ध्यान, प्राणायाम, सकारात्मक चिंतन और समय प्रबंधन जैसे उपाय बेहद प्रभावी हैं। पर्याप्त नींद और रुचियों के लिए समय निकालना जीवन को सुखद और तनावमुक्त बना सकता है साथ ही कहा कि तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है यदि हम स्वस्थ दिनचर्या और आत्म नियंत्रण को अपनाएं तो जीवन अधिक खुशनुमा और आनंदमय बन सकता है। दीदी नें सभी को राजयोग ध्यान की विधि बताई तथा सभी को उसके फायदे बताते हुए अभ्यास भी कराया।
इस अवसर पर उपस्थित प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे अपने जीवन में स्वस्थ दिनचर्या, योग ध्यान और सकारात्मक सोच को अपनायेंगे और परिवार एवं समाज के प्रेरणास्त्रोत बनेगें।

कार्यक्रम में मेडिकल ऑफिसर डॉ ओपी वर्मा ने बताया कि तनाव आता है तो लोग आसानी से नशे की तरफ भागते है जबकि वह समाधान नहीं है। समाधान के लिए हमें ब्रह्माकुमारीज़ जैसे आध्यात्मिक संस्थानों से जुड़कर ध्यान के माध्यम में हमें अपने को सकारात्मक बनाना चाहिए। इस अवसर पर अन्य पदाधिकारियों नें भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में संस्थान के लोंगो का अभिनन्दन करते हुए पौधे भेंट किए गए।
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ब्रह्माकुमारीज़ के माधौगंज केंद्र पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में भव्य कार्यक्रम का हुआ आयोजन
ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के माधौगंज स्थित प्रभु उपहार भवन में भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।

कार्यक्रम में संस्थान के बाल कलाकारों ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का मंचन किया। जिसने सभी का मन मोह लिया तो वहीं भजन गायकों द्वारा सुंदर भजनों की प्रस्तुति ने सभी को आनंदित कर दिया।
कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी ने सभी को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की बधाई दी और कहा कि आज हम भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को हर्ष और उल्लास के साथ मना रहे हैं। यह केवल एक धार्मिक त्योहार ही नहीं, बल्कि हमारे जीवन को दिशा देने वाला आध्यात्मिक संदेश है। भगवान श्रीकृष्ण जी का जीवन हमें सिखाता है कि धर्म की रक्षा और अन्याय तथा बुराइयों का अंत करना ही जीवन का सबसे बड़ा उद्देश्य होना चाहिए।

भगवान ने गीता में कहा है कि अपने कर्तव्यों को निष्ठा और ईमानदारी से करना चाहिए, फल की चिंता नहीं करनी चाहिए। यह शिक्षा आज के समाज के लिए बहुत प्रासंगिक है। यदि हर व्यक्ति अपना कर्तव्य सही भावना से निभाए, तो समाज में अन्याय, भ्रष्टाचार और असमानता स्वतः ही समाप्त हो सकती है।
भगवान श्रीकृष्ण का जीवन हमें गहन शिक्षाएँ देता है। उनका जन्म कारागार में दिखाते है, लेकिन परिस्थितियाँ कैसी भी रही हों, उन्होंने हमेशा धर्म और न्याय की स्थापना का कार्य किया। उनका पूरा जीवन हमें यह संदेश देता है कि मनुष्य को अपने कर्तव्य का पालन निस्वार्थ भाव से करना चाहिए।
यह पर्व हमें नई श्रेष्ठाचारी और पावन दुनिया की याद दिलाता है। जब-जब संसार में अन्याय, अधर्म और असत्य बढ़ता है, तब ईश्वर अवतरित होकर मानवता को सही दिशा दिखाते हैं।
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कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार महेश कुमार, प्रेरक वक्ता बीके प्रहलाद ने भी सभी को जन्माष्टमी की शुभकामनाएं देते हुए अपने विचार प्रकट किए।
कार्यक्रम में सुंदर झांकी लगाई गई थी। जिसका दर्शन लाभ सभी ने लिया। साथ ही भजनों की सुंदर प्रस्तुति एवं भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का मंचन करने वाले कलाकारों में कु. रोशनी, कु. तनवी, कु. पीहू, कु. नंदनी, कु. हंसिका, कु. रुचि, कु. नव्या, रूबी, सोनिया, पवन, अखिलेश, निलक्ष तथा बीके जीतू आदि शामिल थे।
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