Indraganj Lashkar
एन सी सी कैडेट को दिए सफलता के मंत्र
पॉजिटिव थिंकिंग से पायें बेहतर रिजल्ट – बीके प्रहलाद
एन सी सी कैडेट को दिए सफलता के मंत्र
ग्वालियर: आज के जीवन में सबसे महत्वपूर्ण है हमारी खुशी यदि हम तनाव मुक्त रहकर सकारात्मक सोच के साथ हर परिस्थिति में खुश रहकर आगे बढ़ते है तो जीवन में वो हासिल कर सकते है जो हम करना चाहते है यह विचार राजयोग ध्यान प्राशिक्षक एवं प्रेरक वक्ता ब्रह्माकुमार प्रहलाद भाई ने 3 एम पी नेवल एन सी सी यूनिट ग्वालियर में रविवार को सुबह के सत्र के व्यक्त किए। इस अवसर पर कैंप कमान्डेंट अखिल शर्मा, चीफ इंस्ट्रक्टर गौरव सिंह चंदेल, एएनओ विद्या एवं पीआई स्टाफ अशोक और अंशुल शर्मा उपस्थित थे।

एनसीसी कैडेट को सफलता के सूत्र बताते हुए प्रहलाद भाई ने कहा कि विद्यार्थी जीवन सबसे अहम् समय है। और जो विद्यार्थी इस समय का सदुपयोग कर लेते है, वह निश्चित तौर पर जीवन में अपना लक्ष्य हासिल कर लेते है।
सोशल मीडिया इसमें सबसे बड़ी बाधा बन रहा है। सोशल मीडिया का उपयोग सिर्फ जरुरत के मुताबिक करें। क्योकि यह हमारे मन को प्रभावित कर रहा है। हमेशा ध्यान रखें सोशल मीडिया हमारी सुविधा के लिए है न कि दुविधा के लिए, इसके उपयोग के लिए समय निर्धारित करें। जो बच्चे सूर्य उदय से पहले जागकर अपनी दिनचर्या आरम्भ कर देते है। उनका पूरा दिन सुन्दर गुजरता है और उनके लिए जीवन का लक्ष्य सरल हो जाता है।
हम सोशल मीडिया का इस्तेमाल तो करें, लेकिन यह ध्यान रखें कि वह हमें न चलाए उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि जिस प्रकार डोर पतंग तो नियंत्रित करती है उसी प्रकार हमारे माता पिता और शिक्षक हमारे जीवन को बेहतर बनाने के लिए हमें मार्गदर्शन देते है इसलिए उनकी बातों को ध्यान पूर्वक सुनें, उनका सम्मान करते हुए उसका पालन करें। तभी हम जीवन में आगे बढ़ एक बेहतरीन इंसान बन सकते है।
क्रोध को कैसे नियंत्रित करें –
प्रहलाद भाई ने क्रोध को मनुष्य की सबसे बड़ी कमजोरी बताते हुए कहा कि यह व्यक्ति की कार्य क्षमता को घटा देता है। क्रोध क्षणिक होता है लेकिन एक क्षण में कई बार इतनी बड़ी गलती करवा देता है, जिसका पछतावा जीवन भर रहता है। इसलिए जब भी क्रोध आए तो उस क्षण वहां से किनारा कर लें और जिस वजह से क्रोध आ रहा है उसे समझने का प्रयास करें और समाधान ढूँढें। कभी किसी बात को पकड़कर न रखें, नकारात्मक विचारों से जितना दूर रहने की कोशिश करेंगे और सकारत्मक विचारो का चिंतन करेंगे तो जीवन में खुश रह पाएंगे।
कैडेट्स के सबालों के दिए जबाब –
सवाल – टाइम मैनेजमेंट कैसे करें ?
जबाब – समय का सदुपयोग करने के लिए सबसे पहले अपना टाइम टेवल बनायें और सोने से पहले उसे टेली करें। कि जो तय किया था, उसको कितना फ़ॉलो कर पाये। ऐसा निरंतर करने से आप अपने समय को बचा पायेंगे।
सवाल – आत्म विश्वास को कैसे बढ़ाएं ?
जबाब – हम अपनी स्वयं की शक्तियों को पहचाने और दूसरो की नकारात्मक बातों से प्रभावित हुए बिना अपने कार्य को दृढ़ता से करेंगे तो कभी विश्वास नहीं डगमगाएगा।
सवाल – तनाव को कैसे दूर करें ?
जवाव – जब भी हम कोई बात बार बार सोचते है तब हमें तनाव होता है, ऐसे में इस बात को मन से निकालने के लिए अपने आप को किसी न किसी रचनात्मक कार्य में बिजी कर दें।
सवाल – मन को शांत कैसे रखें ?
जबाब – मन को शांत रखने के लिए दिन की शुरुवात मेडिटेशन से करें।
सवाल – रात में जल्दी सोने और सुबह जल्दी जागने के लिए क्या करें ?
जबाब – रात्रि में सोने से तीन घंटे पहले भोजन कर लें और और मोबाइल और टीवी स्क्रीन से दूरी बना लें। जब समय से सोएंगे तो निश्चित तौर पर जल्दी जाग पाएंगे।
कार्यक्रम में क्रिएटिव एक्टिविटी कराई और साथ ही सभी को राजयोग ध्यान का अभ्यास भी कराया गया।
कार्यक्रम के अंत मे गौरव सिंह चंदेल द्वारा सभी का आभार प्रकट किया गया।
इस अवसर पर लगभग 350 एन सी सी के छात्र एवम छात्राओं ने सत्र का लाभ लिया।
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सीआरपीएफ संतुलित आहार
सीआरपीएफ समूह केंद्र में क्षेत्रीय परिवार कल्याण केन्द्र के सहयोग से सेमिनार का आयोजन
ग्वालियर। सीआरपीएफ समूह केंद्र में क्षेत्रीय परिवार कल्याण केन्द्र के सहयोग से एक सेमिनार व वक्तव्य का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम समूह केन्द्र के तानसेन क्लब में आयोजित हुआ। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डाईटीशियन सौम्या चड्ढा, ब्रह्माकुमारीज संस्थान से प्रेरक वक्ता बी के प्रहलाद भाई उपस्थित थे।
इस अवसर पर क्षेत्रीय कावा अध्यक्षा श्रीमती सुनीता निगम, श्रीमती भावना गुप्ता, डिप्टी कमांडेंट दिलाबर सिंह, श्रीमती गीता, श्रीमती आशा सहित क्षेत्रीय कावा के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।
केन्द्र में निवासरत महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता व उनको लाभान्वित करने के लिए विशेषज्ञों द्वारा पोषण एवं अंधत्व नियंत्रण के विषय पर चर्चा की गयी
मुख्य आहार विशेषज्ञ सौम्या चड्ढा नें सभी को सम्बोधित करते हुए कहा कि सभी को यह ध्यान रखना चाहिए कि हमारा आहार इस तरह का हो जिसमें वह सभी पोषक तत्व आ जाए जो शरीर के लिए आवश्यक है। उन्होंने बताया कि
लें। थाली में अनाज, दाल/ प्रोटीन, सब्जी, फल, दूध, दही जैसी चीजें शामिल करें। समय पर भोजन करें, सीजनल फल और सब्जियां लें, दिनभर में 8 से 10 गिलास पानी पिएं, शारीरिक व्यायाम करें या कम से कम 30 मिनिट पैदल चलें, जरूरत से ज्यादा भोजन न करें।
ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के मेडिटेशन विशेषज्ञ बीके प्रहलाद भाई एवं बीके सुरभि नें सभी को मन को स्वस्थ्य रखने के लिए टिप्स दिए एवं राजयोग ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि राजयोग ध्यान करने से अनेक लाभ होते है। जैसे – यह तनाव कम करता है, मन को शांति और स्थिरता देता है, गुस्सा, चिंता और नकारात्मक सोच को घटाता है, एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ाता है, नींद की गुणवत्ता में सुधार लाता है। यह सब ठीक है तो शारीरिक स्वास्थ्य भी ठीक रहता है।
सेमिनार में ग्रुप केन्द्र के सैंकड़ों कार्मिकों एवं इस ग्रुप केन्द्र में निवासरत महिलाओं द्वारा बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया गया। सेमिनार के अंत में क्षेत्रीय कावा अध्यक्षा श्रीमती सुनीता निगम द्वारा डाईटीशियन सौम्या चड्ढा एवं बी के प्रहलाद भाई को स्मृति चिन्ह भेंट किए एवं विशेषज्ञों द्वारा इस विषय पर महत्वपूर्ण ज्ञानवर्धन करने हेतु धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किया।
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खुशनुमा और स्वस्थ जीवन (एसएएफ 13 बटालियन)
प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के द्वारा 13वीं वाहिनी विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ 13 बटालियन) में “तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली” विषय पर एक प्रेरणादायक सत्र आयोजित किया गया। जिसका उद्देश्य लोगों को मानसिक शांति, सकारात्मक सोच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रेरक वक्ता एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई तथा ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र की मुख्य संचालिका बीके आदर्श दीदी उपस्थित थीं।
इस अवसर पर एस ए एफ 13 बटालियन से प्रभारी सेनानी अनुराग पांडे, सहायक सेनानी, गुलबाग सिंह, डॉक्टर ओ पी वर्मा निरीक्षक मुनेन्द्र सिंह भदोरिया, निरीक्षक, धर्मेंद्र वर्मा, निरीक्षक मुकेश परिहार, निरीक्षक पुष्पेंद्र सिंह भदौरिया, निरीक्षक जादौन, निरीक्षक राय सिंह जयंत, समस्त पी टी एस स्टाफ एवं 350 से अधिक प्रशिक्षणार्थी सहित ब्रह्माकुमारीज से बीके सुरभि, बीके रोशनी, बीके पवन उपस्थित थे।
कार्यक्रम में बीके प्रहलाद भाई ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आज के तेज रफ़्तार जीवन में तनाव हर किसी की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। जिसकी वजह से हमारे जीवन में काफी उतार चढाव आते है। इन सबसे छूटने के लिए तनाव का सही ढंग से प्रबंधन करना ही खुशनुमा और स्वस्थ जीवन जीने की कला है। यदि तनाव पर नियंत्रण न हो तो यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ को प्रभावित करता है। इसके लिए कुछ सरल उपाय अपनाकर हम संतुलित, आनंदमय और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। उन्होंने कहा कि – सकारात्मक सोच विकसित करें, हर परिस्थिति में अच्छा पक्ष देखने का प्रयास करें, नकारात्मक विचारों से दूर रहें, योग और ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाये, रोजाना 15 से 20 मिनिट ध्यान करें जिससे मन स्थिर रहता है एवं मानसिक शांति भी मिलती है, प्राणायाम और योगासन से शरीर स्वस्थ्य रहता है, 6 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद लें, संतुलित भोजन लें, नशे से दूरी बनाकर रखें, जंक फ़ूड से बचें, व्यवस्थित दिनचर्या बनायें, कोई न कोई रोज अच्छी पुस्तक पढ़ने की आदत डालें, कार्यक्रम स्थल पर किसी भी तरह का दवाव आता है तो घबरायें नहीं, परिवार के साथ समय विताएं, हर कार्य को एक खेल की तरह से लें।
बीके प्रहलाद भाई नें अनेकानेक रचनात्मक गतिविधि भी कराई जिससे सभी का मन हल्का हुआ और उमंग उत्साह भी बढ़ा। और दिन कि शुरुआत किस तरह से करें वह भी बताया।
कार्यक्रम में बीके आदर्श दीदी नें कहा कि तनाव को दूर करने के लिए योग, ध्यान, प्राणायाम, सकारात्मक चिंतन और समय प्रबंधन जैसे उपाय बेहद प्रभावी हैं। पर्याप्त नींद और रुचियों के लिए समय निकालना जीवन को सुखद और तनावमुक्त बना सकता है साथ ही कहा कि तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है यदि हम स्वस्थ दिनचर्या और आत्म नियंत्रण को अपनाएं तो जीवन अधिक खुशनुमा और आनंदमय बन सकता है। दीदी नें सभी को राजयोग ध्यान की विधि बताई तथा सभी को उसके फायदे बताते हुए अभ्यास भी कराया।
इस अवसर पर उपस्थित प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे अपने जीवन में स्वस्थ दिनचर्या, योग ध्यान और सकारात्मक सोच को अपनायेंगे और परिवार एवं समाज के प्रेरणास्त्रोत बनेगें।
कार्यक्रम में मेडिकल ऑफिसर डॉ ओपी वर्मा ने बताया कि तनाव आता है तो लोग आसानी से नशे की तरफ भागते है जबकि वह समाधान नहीं है। समाधान के लिए हमें ब्रह्माकुमारीज़ जैसे आध्यात्मिक संस्थानों से जुड़कर ध्यान के माध्यम में हमें अपने को सकारात्मक बनाना चाहिए। इस अवसर पर अन्य पदाधिकारियों नें भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में संस्थान के लोंगो का अभिनन्दन करते हुए पौधे भेंट किए गए।

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