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ब्रह्माकुमारीज ग्वालियर केंद्र के 63 वें स्थापना दिवस पर मनाई गयी हीरक जयंती, हुआ रंगारंग सांस्कृति कार्यक्रम

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हर एक के लिए काम करके उनका दिल जीतो : संतोष दीदी
ब्रह्माकुमारीज ग्वालियर केंद्र के 63 वें स्थापना दिवस पर मनाई गयी हीरक जयंती, हुआ रंगारंग सांस्कृति कार्यक्रम
दीदी जी के माध्यम से प्रसन्नता का भाव रखने में मदद मिलेगी – जिलाधीश रुचिका चौहान
भारत की संस्कृति का प्रचार प्रसार विदेशों में हो रहा है यह जानकार प्रसन्नता होती है – आशीष प्रताप सिंह
ग्वालियर। हमको मन की शक्ति देना मन विजय करे, दूसरों की जय से पहले खुद की जय करे। पहले हम खुद को सम्मान देना सीखें। जब हम सेल्फ रेस्पेक्ट करना सीख जाएंगे, तो हम दूसरों का भी सम्मान कर सकेंगे। यह विचार रशिया सेंट पीटसबर्ग ब्रह्माकुमारी केंद्र की प्रमुख बीके संतोष दीदी ने ब्रह्माकुमारी केंद्र ग्वालियर के 63 वें स्थापना दिवस पर आईआईटीटीएम सभागार में आयोजित भव्य समारोह में व्यक्त किए।
इस मौके पर कलेक्टर रुचिका सिंह चौहान, भोपाल ज़ोन की क्षेत्रीय निदेशिका राजयोगिनी बीके अवेधश दीदी, भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य आशीष प्रताप सिंह, आईआईटीटीएम के निदेशक आलोक शर्मा, आरोग्य भारती मध्य भारत प्रान्त अध्यक्ष डॉ एस पी बत्रा की मौजूदगी में केक काटकर सेलिब्रेशन किया गया। कलाकारों ने एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति देकर आगुन्तकों का मन मोह लिया।
इस मौके पर बीके संतोष दीदी ने कहा कि हर एक के लिए काम करके उनका दिल जीतो। एक-एक व्यक्ति आपसे संतुष्ट होना चाहिए। 95 फीसदी लोग यदि आपके काम से संतुष्ट हैं तो ठीक वरना अपना आंकलन स्वयं करें। आज समूची दुनिया की निगाहें भारत पर हैं। सब कुछ होने के बावजूद वे भारत से आध्यात्मिक शक्ति लेना चाहते हैं। दुनिया में यदि पवित्रता, सुख, शांति, आनंद, प्रेम उत्पन्न हो जाए, तो विश्व सोने की चिड़िया बन सकता है। हमारा सौभाग्य ही है जो हम भगवान के कार्य को देख रहे है।
कलेक्टर रुचिका चौहान ने इस मौके दीदी जी का स्वागत अभिनंदन करते हुए कहा कि विश्वभर में अपने प्रेरक वक्तव्य से आध्यामित्क चेतना उत्पन्न कर रही संतोष दीदी को मैं भी सुनने के लिए उत्सुक थी। दीदी जी के लिए कहेंगे कि जैसे आपके माध्यम से नया पॉजिटिव एनर्जी का सोर्स आ गया है और आप हम सबको एकदम चार्ज करके जा रहे है, निश्चित ही पिछले कुछ दिनों में सभी भाई एवं बहनों बहुत सारी ऊर्जा से अपने को भरपूर किया। दीदी जी के माध्यम से हमें अपने जीवन में सही रास्ते पर चलने, किसी भी व्यक्ति के प्रति द्वेष नहीं रखनें और प्रसन्नता का भाव रखनें में मदद मिलेगी। और हम चाहेंगे कि आप बहुत जल्दी जल्दी इसी तरह से यहाँ आते रहें खूब हम लोगों को आशीष जैसा दे रहीं है, ऐसा देते रहें।
भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य आशीष प्रताप सिंह राठौर ने कहा कि संतोष दीदी के सामने बोलना सूरज के समक्ष दीपक जलाना हैं। जहां चेतना का अनुसंधान हो, वहां बोलना आसान नहीं होता है।
संतोष दीदी जी के लिए इतना ही कहूँगा कि आपने ग्वालियर के इस डायमंड जुबली सेलिब्रेशन में अपनी उपस्थिति दर्ज कराके हम सबको गौरवान्वित किया और ये हमारा सौभाग्य है कि हमारे भारत की जो सनातन संस्कृति है, उसका प्रचार प्रसार विदेशों में भी हो रहा है । यह जानकार बहुत आत्मिक प्रसन्नता होती है।
कार्यक्रम मे आईआईटीटीएम के डायरेक्टर आलोक शर्मा ने कहा कि आप सबको यह बताना चाहता हूँ कि हमारे देश में स्प्रिचुअल और रिलिजियस टूरिज्म की बड़ी संभावनाएं है । आध्यात्मिक टूरिज्म का एक बहुत बड़ा उदाहरण में मानता हूँ कि ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्व विद्यालय ने पैदा किया है बहुत सारे लोग आपके यहाँ एक जगह से दूसरे जगह आ जा रहे है, इक्कट्ठे हो रहे है, आध्यात्मिक कार्यक्रम कर रहे है। इतना आध्यात्मिक वातावरण बना है, आईआईटीटीएम में। इसके लिए मैं यहाँ आए हुए सभी लोगों को धन्यवाद करता हूँ।
ब्रह्माकुमारीज कि क्षेत्रीय निदेशिका राजयोगिनी बी के अवधेश दीदी ने पिछले 6 दशकों के इतिहास पर नजर डालते हुए, ग्वालियर वासियों को जो आध्यामिक खुराक दी है, उससे यहां एक नई चेतना का संचार हुआ है। कार्यक्रम में डॉ सत्यप्रकाश बत्रा ने कहा कि भोजन के साथ मानसिक भोजन भी कभी कभी जरूरी है, जो यहां संतोष दीदी ने उपलब्ध कराया है। कार्यक्रम को ब्रह्माकुमारी लश्कर केंद्र की प्रभारी बी के आदर्श दीदी, तानसेन नगर केंद्र की प्रभारी बी के सुधा दीदी, मुरैना केंद्र प्रभारी बी के रेखा दीदी ने भी संबोधित किया। संचालन बीके डॉ गुरूचरण सिंह एवं बीके ज्योति बहन ने तथा आभार बी के प्रहलाद भाई ने व्यक्त किया। इस मौके पर ब्रह्माकुमारीज ग्वालियर के सभी केंद्रों के प्रमुख एवं बड़ी संख्या में भाई-बहिन मौजूद थे।

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तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी(न्यूज़ कवरेज)

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तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी

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24 सितंबर 2025

खुशनुमा और स्वस्थ जीवन के लिए तनाव प्रबंधन आवश्यक – बीके प्रहलाद भाई

एसएएफ 13 बटालियन में तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली विषय पर प्रेरणादायक सत्र आयोजित

ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के द्वारा 13वीं वाहिनी विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ 13 बटालियन) में “तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली” विषय पर एक प्रेरणादायक सत्र आयोजित किया गया। जिसका उद्देश्य लोगों को मानसिक शांति, सकारात्मक सोच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रेरक वक्ता एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई तथा ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र की मुख्य संचालिका बीके आदर्श दीदी उपस्थित थीं।


इस अवसर पर एस ए एफ 13 बटालियन से प्रभारी सेनानी अनुराग पांडे, सहायक सेनानी, गुलबाग सिंह, डॉक्टर ओ पी वर्मा निरीक्षक मुनेन्द्र सिंह भदोरिया, निरीक्षक, धर्मेंद्र वर्मा, निरीक्षक मुकेश परिहार, निरीक्षक पुष्पेंद्र सिंह भदौरिया, निरीक्षक जादौन, निरीक्षक राय सिंह जयंत, समस्त पी टी एस स्टाफ एवं 350 से अधिक प्रशिक्षणार्थी सहित ब्रह्माकुमारीज से बीके सुरभि, बीके रोशनी, बीके पवन उपस्थित थे।
कार्यक्रम में बीके प्रहलाद भाई ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आज के तेज रफ़्तार जीवन में तनाव हर किसी की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। जिसकी वजह से हमारे जीवन में काफी उतार चढाव आते है। इन सबसे छूटने के लिए तनाव का सही ढंग से प्रबंधन करना ही खुशनुमा और स्वस्थ जीवन जीने की कला है। यदि तनाव पर नियंत्रण न हो तो यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ को प्रभावित करता है। इसके लिए कुछ सरल उपाय अपनाकर हम संतुलित, आनंदमय और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। उन्होंने कहा कि – सकारात्मक सोच विकसित करें, हर परिस्थिति में अच्छा पक्ष देखने का प्रयास करें, नकारात्मक विचारों से दूर रहें, योग और ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाये, रोजाना 15 से 20 मिनिट ध्यान करें जिससे मन स्थिर रहता है एवं मानसिक शांति भी मिलती है, प्राणायाम और योगासन से शरीर स्वस्थ्य रहता है, 6 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद लें, संतुलित भोजन लें, नशे से दूरी बनाकर रखें, जंक फ़ूड से बचें, व्यवस्थित दिनचर्या बनायें, कोई न कोई रोज अच्छी पुस्तक पढ़ने की आदत डालें, कार्यक्रम स्थल पर किसी भी तरह का दवाव आता है तो घबरायें नहीं, परिवार के साथ समय विताएं, हर कार्य को एक खेल की तरह से लें।
बीके प्रहलाद भाई नें अनेकानेक रचनात्मक गतिविधि भी कराई जिससे सभी का मन हल्का हुआ और उमंग उत्साह भी बढ़ा। और दिन कि शुरुआत किस तरह से करें वह भी बताया।


कार्यक्रम में बीके आदर्श दीदी नें कहा कि तनाव को दूर करने के लिए योग, ध्यान, प्राणायाम, सकारात्मक चिंतन और समय प्रबंधन जैसे उपाय बेहद प्रभावी हैं। पर्याप्त नींद और रुचियों के लिए समय निकालना जीवन को सुखद और तनावमुक्त बना सकता है साथ ही कहा कि तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है यदि हम स्वस्थ दिनचर्या और आत्म नियंत्रण को अपनाएं तो जीवन अधिक खुशनुमा और आनंदमय बन सकता है। दीदी नें सभी को राजयोग ध्यान की विधि बताई तथा सभी को उसके फायदे बताते हुए अभ्यास भी कराया।
इस अवसर पर उपस्थित प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे अपने जीवन में स्वस्थ दिनचर्या, योग ध्यान और सकारात्मक सोच को अपनायेंगे और परिवार एवं समाज के प्रेरणास्त्रोत बनेगें।


कार्यक्रम में मेडिकल ऑफिसर डॉ ओपी वर्मा ने बताया कि तनाव आता है तो लोग आसानी से नशे की तरफ भागते है जबकि वह समाधान नहीं है। समाधान के लिए हमें ब्रह्माकुमारीज़ जैसे आध्यात्मिक संस्थानों से जुड़कर ध्यान के माध्यम में हमें अपने को सकारात्मक बनाना चाहिए। इस अवसर पर अन्य पदाधिकारियों नें भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में संस्थान के लोंगो का अभिनन्दन करते हुए पौधे भेंट किए गए।

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ब्रह्माकुमारीज़ के माधौगंज केंद्र पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में भव्य कार्यक्रम का हुआ आयोजन

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ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के माधौगंज स्थित प्रभु उपहार भवन में भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।


कार्यक्रम में संस्थान के बाल कलाकारों ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का मंचन किया। जिसने सभी का मन मोह लिया तो वहीं भजन गायकों द्वारा सुंदर भजनों की प्रस्तुति ने सभी को आनंदित कर दिया।
कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी ने सभी को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की बधाई दी और कहा कि आज हम भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को हर्ष और उल्लास के साथ मना रहे हैं। यह केवल एक धार्मिक त्योहार ही नहीं, बल्कि हमारे जीवन को दिशा देने वाला आध्यात्मिक संदेश है। भगवान श्रीकृष्ण जी का जीवन हमें सिखाता है कि धर्म की रक्षा और अन्याय तथा बुराइयों का अंत करना ही जीवन का सबसे बड़ा उद्देश्य होना चाहिए।


भगवान ने गीता में कहा है कि अपने कर्तव्यों को निष्ठा और ईमानदारी से करना चाहिए, फल की चिंता नहीं करनी चाहिए। यह शिक्षा आज के समाज के लिए बहुत प्रासंगिक है। यदि हर व्यक्ति अपना कर्तव्य सही भावना से निभाए, तो समाज में अन्याय, भ्रष्टाचार और असमानता स्वतः ही समाप्त हो सकती है।
भगवान श्रीकृष्ण का जीवन हमें गहन शिक्षाएँ देता है। उनका जन्म कारागार में दिखाते है, लेकिन परिस्थितियाँ कैसी भी रही हों, उन्होंने हमेशा धर्म और न्याय की स्थापना का कार्य किया। उनका पूरा जीवन हमें यह संदेश देता है कि मनुष्य को अपने कर्तव्य का पालन निस्वार्थ भाव से करना चाहिए।
यह पर्व हमें नई श्रेष्ठाचारी और पावन दुनिया की याद दिलाता है। जब-जब संसार में अन्याय, अधर्म और असत्य बढ़ता है, तब ईश्वर अवतरित होकर मानवता को सही दिशा दिखाते हैं।

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कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार महेश कुमार, प्रेरक वक्ता बीके प्रहलाद ने भी सभी को जन्माष्टमी की शुभकामनाएं देते हुए अपने विचार प्रकट किए।
कार्यक्रम में सुंदर झांकी लगाई गई थी। जिसका दर्शन लाभ सभी ने लिया। साथ ही भजनों की सुंदर प्रस्तुति एवं भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का मंचन करने वाले कलाकारों में कु. रोशनी, कु. तनवी, कु. पीहू, कु. नंदनी, कु. हंसिका, कु. रुचि, कु. नव्या, रूबी, सोनिया, पवन, अखिलेश, निलक्ष तथा बीके जीतू आदि शामिल थे।

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