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Indraganj Lashkar

अपने को स्वस्थ रखना जीवन की सबसे बड़ी पूंजी है : प्रहलाद भाई

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अपने को स्वस्थ रखना जीवन की सबसे बड़ी पूंजी है : प्रहलाद भाई

ग्वालियर। द्वितीय वाहिनी वि.स.बल. ग्वालियर द्वारा सामुदायिक भवन में आज एक निःशुल्क काउंसलिंग शिविर का आयोजन किया गया। जिसका विषय था नशा मुक्ति, तनाव प्रबंधन एवं सकारात्मक चिंतन। इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रजापिता ब्रह्मा कुमारीज ईश्वरीय विश्व विद्यालय से राष्ट्रीय प्रेरक वक्ता एवं राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई को विशेष रूप से आमंत्रित किया गया था। साथ में बीके महिमा बहन, बीके रोशनी बहन, बीके राजेंद्र सिंह उपस्थित थे। इस अवसर पर एसएएफ सैकेंड बटालियन से एडज्यूटेंट सुरेश यादव, डॉ ओम प्रकाश वर्मा, निरीक्षक नरेन्द्र कुशवाह, सूबेदार मेजर सुरेन्द्र गोयल, बीएचएम अरविन्द रावत सहित साप्ताहिक समाचार पत्र सत्यम के संपादक विनोद केशसनी भी उपस्थित थे।
कार्यक्रम कि शुरुवात में डॉ. ओम प्रकाश वर्मा ने स्वस्थ्य जीवन शैली पर प्रकाश डाला और बताया कि हमारा भोजन कैसा होना चाहिए। ऐसी चींजे खाने से बचना जो हमारे लिए हानिकारक है। खान पान में हमें शुद्ध सात्विक चींजे ही खानी चाहिए। जो हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हो। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि प्रतिदिन व्यायाम करें, ध्यान करें तथा नशे से अपने को दूर रखे।
तत्पश्चात मुख्य वक्ता के रूप में पधारे बीके प्रहलाद भाई ने कहा कि आज हर तीसरा चौथा व्यक्ति किसी न किसी नशे का शिकार होता जा रहा है। और किसी भी तरह का नशा हमारे लिए हानिकारक है। यह हम जानते है फिर भी लोग उसके आदि हो जाते है। नशा नाश की जड़ है। नाश करने वाले व्यक्ति का सब कुछ खत्म हो जाता है नशे में इसलिए इससे हमें अपने को बचाना है। हमें अपने मन को शक्तिशाली बनाना होगा। हर प्रकार को बुराई और व्यसन को छोड़कर अपने जीवन को अच्छा बनाना होगा। हम सबको मिलकर एक मुहिम चलानी चाहिए कि खुद भी नशा नहीं करेंगे और दूसरों को भी नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित करेंगे यह हम सबकी नैतिक जिम्मेदारी भी है। आज प्रायः देखने में आता है कि लोग छोटी छोटी बातों में चिंता कर लेते है तनाव में आ जाते है जिसका उनके स्वस्थ्य पर बुरा असर पडता है। अपने को स्वस्थ्य रखना जीवन कि सबसे बड़ी पूँजी है। स्वास्थ्य है तो सबकुछ है। ईश्वर ने हमें शरीर दिया है जो अनमोल है इसका ध्यान हमें ही रखना है। परमपिता परमात्मा ने अपनी जीवन चलाने के लिए इतनी लाजवाब गाड़ी प्रदान की है शरीर। आत्मा शरीर के बिना अपनी दैनिक क्रियाकलाप नहीं कर सकती आप जानते है कि हार्ट कि एक नाडी में ब्लॉक आ जाती है तो तीन- चार लाख से कम में ओपरेशन नहीं होता है, एक गुर्दा बदलने में भी लाखों का खर्चा आ जाता है ऐसे शरीर के अन्य पार्ट्स भी अनमोल है। हम इस अनुपम उपहार के लिए ईश्वर का धन्यवाद करना तो दूर उस गाडी को कचरे का डिब्बा बना लेते है। सोचिये जब आप कार में पेट्रोल कि जगह डीजल नहीं डालते क्योंकि इंजन ख़राब होने का डर है जबकि शरीर रुपी गाडी में बिना उसकी फिकर किये हम क्या क्या डाल देते है जैसे बीडी, सिगरेट, गुटखा, तम्बाकू ,शराव आदि । हमें इस जहर से अपने को बचाना है। और अपने को स्वस्थ्य रखना है।
इसलिए रोज रात को सोने से पहले चैक करो कि आज हमसे कोई भूल तो नहीं हुई यदि हुई है तो उसको वहां ही चैक कर ठीक करना है। ऐसा करने से हम अपने जीवन को वेहतर बना सकते है। इसके साथ ही उन्होंने नशे से होने वाले दुष्परिणाम बताते हुए कहा कि लाखों लोग वेवजह नशे कि लत से प्रतिवर्ष मौत का शिकार हो जाते है। साथ ही उन्होंने ने जीवन में खुश रहने के लिए तथा सकारात्मक उर्जा से अपने को भरपूर रखने के लिए राजयोग ध्यान के बारे में सभी को बताया।
कुछ रचनात्मक एक्टिविटी भी कराई जिसको सभी मे सराहा और खुश रहने के टिप्स भी दिये।
कार्यक्रम में उपस्थित बीके महिमा बहन ने सभी को ध्यान का अभ्यास कराते हुए गहन शांति कि अनुभूति कराई।
अंत में एसएएफ बटालियन से पदाधिकारी एडज्यूटेंट सुरेश यादव ने सभी का आभार व्यक्त किया। तथा निरीक्षक नरेन्द्र कुशवाहा ने मंच का कुशल संचालन किया।
इस शिविर में लगभग एक सैकड़ा पुलिस के जवान उपस्थित थे। जिसका लाभ सभी ने लिया।

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तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी(न्यूज़ कवरेज)

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तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी

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24 सितंबर 2025

खुशनुमा और स्वस्थ जीवन के लिए तनाव प्रबंधन आवश्यक – बीके प्रहलाद भाई

एसएएफ 13 बटालियन में तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली विषय पर प्रेरणादायक सत्र आयोजित

ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के द्वारा 13वीं वाहिनी विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ 13 बटालियन) में “तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली” विषय पर एक प्रेरणादायक सत्र आयोजित किया गया। जिसका उद्देश्य लोगों को मानसिक शांति, सकारात्मक सोच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रेरक वक्ता एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई तथा ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र की मुख्य संचालिका बीके आदर्श दीदी उपस्थित थीं।


इस अवसर पर एस ए एफ 13 बटालियन से प्रभारी सेनानी अनुराग पांडे, सहायक सेनानी, गुलबाग सिंह, डॉक्टर ओ पी वर्मा निरीक्षक मुनेन्द्र सिंह भदोरिया, निरीक्षक, धर्मेंद्र वर्मा, निरीक्षक मुकेश परिहार, निरीक्षक पुष्पेंद्र सिंह भदौरिया, निरीक्षक जादौन, निरीक्षक राय सिंह जयंत, समस्त पी टी एस स्टाफ एवं 350 से अधिक प्रशिक्षणार्थी सहित ब्रह्माकुमारीज से बीके सुरभि, बीके रोशनी, बीके पवन उपस्थित थे।
कार्यक्रम में बीके प्रहलाद भाई ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आज के तेज रफ़्तार जीवन में तनाव हर किसी की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। जिसकी वजह से हमारे जीवन में काफी उतार चढाव आते है। इन सबसे छूटने के लिए तनाव का सही ढंग से प्रबंधन करना ही खुशनुमा और स्वस्थ जीवन जीने की कला है। यदि तनाव पर नियंत्रण न हो तो यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ को प्रभावित करता है। इसके लिए कुछ सरल उपाय अपनाकर हम संतुलित, आनंदमय और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। उन्होंने कहा कि – सकारात्मक सोच विकसित करें, हर परिस्थिति में अच्छा पक्ष देखने का प्रयास करें, नकारात्मक विचारों से दूर रहें, योग और ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाये, रोजाना 15 से 20 मिनिट ध्यान करें जिससे मन स्थिर रहता है एवं मानसिक शांति भी मिलती है, प्राणायाम और योगासन से शरीर स्वस्थ्य रहता है, 6 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद लें, संतुलित भोजन लें, नशे से दूरी बनाकर रखें, जंक फ़ूड से बचें, व्यवस्थित दिनचर्या बनायें, कोई न कोई रोज अच्छी पुस्तक पढ़ने की आदत डालें, कार्यक्रम स्थल पर किसी भी तरह का दवाव आता है तो घबरायें नहीं, परिवार के साथ समय विताएं, हर कार्य को एक खेल की तरह से लें।
बीके प्रहलाद भाई नें अनेकानेक रचनात्मक गतिविधि भी कराई जिससे सभी का मन हल्का हुआ और उमंग उत्साह भी बढ़ा। और दिन कि शुरुआत किस तरह से करें वह भी बताया।


कार्यक्रम में बीके आदर्श दीदी नें कहा कि तनाव को दूर करने के लिए योग, ध्यान, प्राणायाम, सकारात्मक चिंतन और समय प्रबंधन जैसे उपाय बेहद प्रभावी हैं। पर्याप्त नींद और रुचियों के लिए समय निकालना जीवन को सुखद और तनावमुक्त बना सकता है साथ ही कहा कि तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है यदि हम स्वस्थ दिनचर्या और आत्म नियंत्रण को अपनाएं तो जीवन अधिक खुशनुमा और आनंदमय बन सकता है। दीदी नें सभी को राजयोग ध्यान की विधि बताई तथा सभी को उसके फायदे बताते हुए अभ्यास भी कराया।
इस अवसर पर उपस्थित प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे अपने जीवन में स्वस्थ दिनचर्या, योग ध्यान और सकारात्मक सोच को अपनायेंगे और परिवार एवं समाज के प्रेरणास्त्रोत बनेगें।


कार्यक्रम में मेडिकल ऑफिसर डॉ ओपी वर्मा ने बताया कि तनाव आता है तो लोग आसानी से नशे की तरफ भागते है जबकि वह समाधान नहीं है। समाधान के लिए हमें ब्रह्माकुमारीज़ जैसे आध्यात्मिक संस्थानों से जुड़कर ध्यान के माध्यम में हमें अपने को सकारात्मक बनाना चाहिए। इस अवसर पर अन्य पदाधिकारियों नें भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में संस्थान के लोंगो का अभिनन्दन करते हुए पौधे भेंट किए गए।

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ब्रह्माकुमारीज़ के माधौगंज केंद्र पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में भव्य कार्यक्रम का हुआ आयोजन

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ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के माधौगंज स्थित प्रभु उपहार भवन में भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।


कार्यक्रम में संस्थान के बाल कलाकारों ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का मंचन किया। जिसने सभी का मन मोह लिया तो वहीं भजन गायकों द्वारा सुंदर भजनों की प्रस्तुति ने सभी को आनंदित कर दिया।
कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी ने सभी को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की बधाई दी और कहा कि आज हम भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को हर्ष और उल्लास के साथ मना रहे हैं। यह केवल एक धार्मिक त्योहार ही नहीं, बल्कि हमारे जीवन को दिशा देने वाला आध्यात्मिक संदेश है। भगवान श्रीकृष्ण जी का जीवन हमें सिखाता है कि धर्म की रक्षा और अन्याय तथा बुराइयों का अंत करना ही जीवन का सबसे बड़ा उद्देश्य होना चाहिए।


भगवान ने गीता में कहा है कि अपने कर्तव्यों को निष्ठा और ईमानदारी से करना चाहिए, फल की चिंता नहीं करनी चाहिए। यह शिक्षा आज के समाज के लिए बहुत प्रासंगिक है। यदि हर व्यक्ति अपना कर्तव्य सही भावना से निभाए, तो समाज में अन्याय, भ्रष्टाचार और असमानता स्वतः ही समाप्त हो सकती है।
भगवान श्रीकृष्ण का जीवन हमें गहन शिक्षाएँ देता है। उनका जन्म कारागार में दिखाते है, लेकिन परिस्थितियाँ कैसी भी रही हों, उन्होंने हमेशा धर्म और न्याय की स्थापना का कार्य किया। उनका पूरा जीवन हमें यह संदेश देता है कि मनुष्य को अपने कर्तव्य का पालन निस्वार्थ भाव से करना चाहिए।
यह पर्व हमें नई श्रेष्ठाचारी और पावन दुनिया की याद दिलाता है। जब-जब संसार में अन्याय, अधर्म और असत्य बढ़ता है, तब ईश्वर अवतरित होकर मानवता को सही दिशा दिखाते हैं।

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कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार महेश कुमार, प्रेरक वक्ता बीके प्रहलाद ने भी सभी को जन्माष्टमी की शुभकामनाएं देते हुए अपने विचार प्रकट किए।
कार्यक्रम में सुंदर झांकी लगाई गई थी। जिसका दर्शन लाभ सभी ने लिया। साथ ही भजनों की सुंदर प्रस्तुति एवं भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का मंचन करने वाले कलाकारों में कु. रोशनी, कु. तनवी, कु. पीहू, कु. नंदनी, कु. हंसिका, कु. रुचि, कु. नव्या, रूबी, सोनिया, पवन, अखिलेश, निलक्ष तथा बीके जीतू आदि शामिल थे।

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