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Indraganj Lashkar

ग्वालियर । एनसीसी ग्रुप मुख्यालय 15 एमपी बटालियन कम्पू ग्वालियर में पॉजिटिव थिंकिंग, माइंड पावर, एकाग्रता और नैतिक मूल्य विषय पर एक कार्यक्रम

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हमारी सोच का प्रभाव वाणी और कर्म पर भी पड़ता है – बीके डॉ. गुरचरण सिंह

हमारा व्यवहार सभी के साथ सकारात्मक और अच्छा होना चाहिए

जीवन के हर क्षेत्र में सफल होने के लिए अपनी दिनचर्या सेट करें

ग्वालियर । एनसीसी ग्रुप मुख्यालय 15 एमपी बटालियन कम्पू ग्वालियर में पॉजिटिव थिंकिंग, माइंड पावर, एकाग्रता और नैतिक मूल्य विषय पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जिसमें प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय ग्वालियर से मुख्य वक्ता के रूप में प्रेरक वकता बीके डॉ गुरचरण सिंह एवं बीके जीतू शामिल हुए।
इस अवसर पर एनसीसी ग्रुप मुख्यालय 15 एमपी बटालियन ग्वालियर के पदाधिकारी कर्नल डीएस वर्मा जी, कर्नल आकाश शर्मा जी, सूबेदार मेजर जाफ़रअली, सूबेदार अनिल ठाकुर, नायब सूबेदार शेर सिंह, बीएचएम देवेंदर सिंह सहित अन्य लोग उपस्थित थे।
वार्षिक ट्रैनिंग कैम्प 5, में ट्रैनिंग के लिए आये हुए फ्रेशर ग्रुप के 300 से भी अधिक केडेट्स को संबोधित करते हुए मुख्य वक्ता के रूप में पधारे बीके डॉ. गुरचरण सिंह ने कहा मूल्यों को अपने दैनिक व्यवहारिक जीवन में लाने से हमारा जीवन मूल्यवान बन जाता है। मूल्य हमारी शक्ति हैं। आप जो निर्णय लेते हैं। वह उन मूल्यों का विकल्प है जो हर तरह से आपके जीवन को प्रतिबिंबित करते हैं। मूल्य हमारे बचपन से ही हमारे माता-पिता, स्कूली शिक्षा और आस-पास के परिवेश से प्राप्त होते हैं। मूल्य हमारे कार्यों और निर्णय लेने की प्रक्रिया के पीछे हमारे इरादे या मकसद को बताते हैं। जिस तरह से हम जीवन में लोगों और चीजों को महत्व देते हैं। उससे पता चलता है कि हमारी प्राथमिकताएं क्या हैं? ईमानदारी, सच्चाई और सत्यनिष्ठा जैसे नैतिक मूल्यों का जीवन में बड़ा महत्व है। हमारा व्यवहार सभी के साथ सकारात्मक और अच्छा होना चाहिए, ताकि हमारी अनुपस्थिति में भी हमारी कार्यशैली को लोग याद रखें।
उन्होंने आगे कहा कि हमारी सोच का प्रभाव वाणी और कर्म पर भी पड़ता है, जिससे अच्छी आदतें बनती हैं। जो हमारे नैतिक चरित्र को निर्धारित करती हैं। इसलिए हमेशा सकारात्मक चिंतन ही करना चाहिए। और इसके साथ ही ध्यान मेडिटेशन एक ऐसी शक्ति है जो हमारी एकाग्रता को बढ़ाता है। साथ ही उन्होंने बताया कि युवा जीवन में अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमारा लक्ष्य स्पष्ट होना चाहिए। और उस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए हमें अर्जुन के सामान मन को एकाग्र करने की आवश्यकता होती है। मन की एकाग्रता को बढ़ाने के लिए हमें रोजाना अपने मन को पेंसिल की तरह शार्प अर्थात तेज करना होगा। उन्होंने बताया कि परमात्मा ने हमें अनेकों क्षमताएं, कौशल, योग्यताएं, गुण और शक्तियों से समर्थ बनाया है। परन्तु हमारा ध्यान बाहरी परिवेश में अधिक समय तक होने से हम अपनी आतंरिक योग्यताओं का अनुभव अधिक नहीं कर पाते है। जीवन के हर क्षेत्र में सफल बनने के लिए हमें अपनी दिनचर्या सेट करनी चाहिए। और थोडा समय निकालकर राजयोग ध्यान का भी अभ्यास करना करना चाहिए। जिससे हमारा मन शक्तिशाली बनेगा।
कार्यक्रम में बीके जीतू ने संस्थान का परिचय देते हुए बताया कि ब्रह्माकुमारीज संस्थान एक विश्व व्यापी संस्थान है जिसका मुख्यालय माउंट आबू राजस्थान में है। भारत सहित विश्व के 146 देशों में इसकी हजारों शाखाएं है जिसके माध्यम से राजयोग ध्यान और आध्यात्मिक शिक्षा के द्वारा समाज में फैली विकृति, बुराईयों तथा नशे से दूर रहने की शिक्षा दी जाती है। इसके साथ ही मानव जीवन में मूल्यों की पुनर्स्थापना के लिए ब्रह्माकुमारीज़ द्वारा किये जा रहे विश्व व्यापी सेवाओं के बारे में भी अवगत कराया।
कार्यक्रम में उपस्थित एनसीसी बटालियन के पदाधिकारियों ने भी अपनी शुभकामनाएं रखीं तथा ब्रह्माकुमारीज से पधारे अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।
कार्यक्रम के अंत में सभी को राजयोग ध्यान का अभ्यास भी कराया गया।

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म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी ने ‘सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर किया सम्मानित

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Gwalior : म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी, भारत सरकार के केंद्रीय संचार मंत्री माननीय श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी, म.प्र. विधानसभा अध्यक्ष माननीय श्री नरेंद्र सिंह तोमर जी ने ग्वालियर के दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार, कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। जिसमें ब्रह्माकुमारी रोशनी, ब्रह्माकुमारी सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में प्रदेश के अनेकानेक कैबिनेट मंत्री गण, सांसद, विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधि तथा प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।

इस अवसर पर बीके रोशनी, बीके सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह ने माननीय मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी का अभिनंदन करते हुए उन्हें ईश्वरीय सौगात भेंट की।

कार्यक्रम में शहर से अनेकानेक सम्माननीय धर्मगुरु, धार्मिक संस्थान, सामाजिक संस्थान से तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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बाल व्यक्तित्व विकास शिविर

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ब्रह्माकुमारीज केंद्र पर तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का हुआ शुभारंभ

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बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास, सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक – आदर्श दीदी

जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है – प्रहलाद भाई

ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की भगिनी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाऊंडेशन के युवा प्रभाग और शिक्षा प्रभाग के द्वारा माधवगंज स्थित प्रभु उपहार भवन में तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का शुभारंभ हुआ।
इस शिविर में बच्चों के सम्पूर्ण विकास के लिए आध्यात्मिकता, नैतिक शिक्षा, व्यवहारिक ज्ञान और सकारात्मक सोच आदि विषयों को रचनात्मक ढंग से बताया जायेगा।
शिविर के शुभारंभ में मुख्य प्रशिक्षक के रूप में उपस्थित मोटिवेशनल स्पीकर एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई ने नए सभी बच्चों को मोटिवेट करते हुए मजेदार शिक्षाप्रद कहानियाँ सुनाकर शिविर की शुरुआत की। उन्होंने एक रचनात्मक एक्टिविटी के माध्यम से शिविर में उपस्थित बच्चों को सिखाया कि हमें ध्यान से सुनना चाहिए। क्योकि ध्यान से सुनने का बहुत महत्व है। जबकि सुनने से ज्यादा हम देखकर कर्म करते है, हम जैसा देखते है वैसा हम बनते चले जाते है। यदि हम कुछ गलत चीजों को देखते है या हमारे सामने कोई गलती कर रहा है तो उसका प्रभाव भी हमारे जीवन पर पड़ता है। इसलिए हमेशा टीवी या मोबाईल पर कुछ देखते है तो अच्छा ही देखे।
उन्होंने कहा कि अच्छे गुणों और संस्कारों का बीज बोने का यह सही समय है। इस समय अंदर लचीलापन होता है। सही शब्दों में कहा जाए तो व्यक्तित्व का निर्माण और जीवन को दिशा देने का काम इसी समयावधि में हो सकता है। हम जैसा बनना चाहें वैसा अपने को बना सकते हैं। आजकल कई बच्चे अपना कीमती समय मोबाइल पर नष्ट कर रहे हैं। अभिभावक और शिक्षक चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। इस समय में मोबाईल का ज्यादा उपयोग करना हमारे लिए बहुत नुकशान दायक है । मोबाईल हमारी सुविधा के लिए है पढ़ाई आदि के लिए ही हम इसे थोडा बहुत उपयोग कर सकते है। बांकी और और चीजों में हमें नहीं जाना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि सभी बच्चो को प्रातः सूर्योदय से पहले जाग जाना चाहिए तथा रात्रि को जल्दी सोना चाहिए। देर रात तक नहीं जागना चाहिए। सभी बच्चों को अपने माता पिता कहना मानना चाहिए। हरेक माता पिता अपने बच्चों की भलाई के लिए ही उन्हें समझाते है कभी भी माता पिता से नाराज नहीं होना चाहिए। जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है। और वह जीवन में आगे बढ़ते जाते है। इस पर एक रोचक कहानी भी बच्चों को सुनाई।
आगे भाई जी ने बच्चों को मन बुद्धि और संस्कार के बारे में बताया कि कैसे हम अच्छा सोचकर अपने अन्दर अच्छी आदतों को डाल सकते है। और अपनी ख़राब आदतों को छोड़ सकते है।


कार्यक्रम में बच्चो को मेडिटेशन (ध्यान) की सरल विधि सिखाई गई साथ ही ध्यान का अभ्यास भी कराया गया।
इस अवसर पर केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि हम थोडा समय पढ़ाई से पूर्व या कोई कार्य करने से पूर्व राजयोग ध्यान का अभ्यास करते है। अथवा परमात्मा को याद करते है तो हमें सफलता अवश्य मिलती है, साथ ही हमारी एकाग्रता भी बढती है। दीदी ने आगे कहा कि हमें इतना सुंदर जीवन मिला है तो उसके लिए हमें ईश्वर का शुक्रिया अदा करना चाहिए, साथ ही उन सभी का शुक्रिया करना चाहिए जो हमारे जीवन को अच्छा बनाने में हमारे मददगार है जैसे माता-पिता एवं गुरुजन आदि।
दीदी ने आगे बताया कि बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास और सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक है। यह शिविर निश्चित ही बच्चों में दिव्य गुणों की धारणा और चारित्रिक विकास में मददगार साबित होगा। जो बच्चे बचपन से ही आध्यात्मिक शिक्षा और नैतिक शिक्षा और व्यवहारिक शिक्षा से जुड़ते है, तो वह न केवल बड़े होकर एक अच्छे नागरिक बनते है, बल्कि समाज और विश्व के लिए भी एक प्रेरणा और आदर्श बनकर उभरते है।
अंत में शिक्षाप्रद गेम भी खिलाये गए जिसका बच्चों ने आनंद लिया|
इस अवसर पर बीके जीतू, बीके सुरभि, बीके रोशनी, रीता मिड्ढा सहित अनेकानेक बच्चो के पैरेंट्स भी उपस्थित थे।

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