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Indraganj Lashkar

राष्ट्रीय युवा दिवस आयोजन

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जो बाते आपके काम की नहीं उन्हें डिलीट करें – डॉ. गुरचरण सिंह

युवा दोपहर के सूर्य की तरह तेजोमय होता है – आदर्श दीदी

सफलता के लिए शरीर की दिनचर्या के साथ मन की भी दिनचर्या बनायें – प्रहलाद भाई

ग्वालियर :  प्रजापिता ब्रह्मा कुमारीज ईश्वरीय विश्व विद्यालय की सहयोगी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के युवा प्रभाग द्वारा राष्ट्रीय युवा दिवस पर प्रभु उपहार भवन माधौगंज सेवा केंद्र पर युवाओं के लिए एक सेमिनार का आयोजन किया गया | जिसका विषय था “रिसेट योर ब्रेन” (अपने मस्तिष्क को रिसेट करें)

कार्यक्रम में मुख्य रूप से लश्कर सेवा केंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी आदर्श दीदी जी, ब्रह्माकुमार डॉ.गुरचरण भाई, ब्रह्माकुमार प्रहलाद भाई उपस्थित थे

कार्यक्रम के शुभारम्भ में सभी ने स्वामी विवेकानंद जी की तस्वीर पर माल्यार्पण किया तत्पश्चात वरिष्ठ राजयोग प्रशिक्षक बीके डॉ गुरचरण सिंह ने सभी को राष्ट्रीय युवा दिवस की सभी को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद जी का जीवन हम सबको प्रेरणा देता है | हम उनके पदचिन्हों पर चलकर अपने जीवन को सशक्त बना सकते है |

इसके साथ ही उन्होंने रिसेट योर ब्रेन विषय को लेते हुए कहा कि अगर हम अपनी सोचने की क्षमता, निर्णय करने की क्षमता, कार्य करने की क्षमता को बढ़ाना है तो उसके लिए अपने मस्तिष्क को प्रतिदिन रोज़ रात को सोने से पहले रीसेट करना बहुत जरूरी है जो भी अनावश्यक डेटा हमारे मस्तिष्क में है उसे डिलीट नहीं करेंगे तो हमारा मस्तिष्क पूर्ण रूप से कार्य नही कर पायेगा जिस प्रकार कंप्यूटर से अनावश्यक और पुरानी फाइल्स अगर हटाई ना जाए तो वह धीमी गति से कार्य करता है उसी प्रकार से अगर प्रतिदिन अपने मस्तिष्क को रीसेट नही करेंगे तो वह भी सुचारू रूप से कार्य करने में असमर्थ हो जाता है। अपने मस्तिष्क को शक्तिशाली बनाए के लिए उन्होंने कुछ टिप्स देते हुए कहा कि अपने ब्रेन को शक्तिशाली बनाने के लिए राजयोग ध्यान एक सबसे अच्छा उपाय हो सकता है | प्रतिदिन ध्यान करने से हम अपने को ओरिजिनल गुणों और शक्तियों से भर सकते है | अनावश्यक फाइल्स या जो बाते हमारे काम की नहीं है अर्थात व्यर्थ बातों से परहेज करें । अपनी शब्दावली में अच्छे शब्दों का चयन करें | उन्होंने कॉन्शियस और सबकॉन्शियस के बारे में भी बताया कहा कि जब भी आप कोई कार्य करते हैं तो सबकॉन्शियस माइंड में चला जाता है फिर बार-बार माइंड में वही आता है इसलिए सोच समझकर अच्छे विचार ही मन में लेकर आने चाहिए |

 

कार्यक्रम में सेवाकेंद्र इंचार्ज बीके आदर्श दीदी ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि स्वामी विवेकानंद जी की जयंती पर हम सबको यह संकल्प लेना चाहिए कि हम सदैव सकारात्मक सोचेंगे तथा अपने को हर प्रकार की बुराई और व्यसनों से दूर रखेंगे | युवा दोपहर के सूर्य की तरह तेजोमय होता है जिस पर दो तरह की जिम्मेबारी होती है जैसे दोपहर का सूर्य सुबह शाम की तुलना में तेजोमय होता है उसी तरह से युवा अत्यधिक उर्जावान होते है उन पर बृद्धजन और आने वाली पीढ़ी की भी जिम्मेबारी होती है | आज का युवा व्यसन और फेशन में ज्यादा घिरता नजर आ रहा है | युवा अपनी शक्ति का सही दिशा में प्रयोग कर समाज को एक नई दिशा दे सकता है | हर युवा को अपने को आदर्श युवा बनाना चाहिए और अपने जीवन से अनेकों को प्रेरित भी करना चाहिए |

कार्यक्रम में बी के प्रह्लाद (राष्ट्रीय कार्यसमिति सदस्य युवा प्रभाग) ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि हर व्यक्ति अपने आप में विशेष है उसे अपनी शक्तियों को पहचानना है | यदि आपके पास कोई नकारात्मक बोलने वाला नहीं है तो आप हर वह कार्य सकते हो जो करना चाहते हो आज होता यह है कि हम कार्य को करने से पहले सोचते है यह होगा या नहीं होगा ऐसा सोचने पर हमारी उर्जा बट जाती है और हम अपने कार्य को बेहतर ढंग से नहीं कर पाते है | हर युवा अपना एक लक्ष्य निर्धारित करे और उस लक्ष्य को पाने लिए उसी किन किन बातों का ध्यान रखना है इस पर कार्य करे तो निश्चित ही उसे सफलता मिल सकती है | जैसे हम अपने शरीर की दिनचर्या बनाते है वैसे हमें अपने मन की दिनचर्या बनानी चाहिए| साथ ही साथ अगर हम अपने लक्ष्य को पाने में प्रयास रहते है तो व्यर्थ के लिए समय नहीं बजेगा | इसके साथ ही एक्टिविटीज कराते हुए सभी को राजयोग ध्यान का अभ्यास कराया |

कार्यक्रम में मंच संचालन बीके सुरभि बीके रोशनी ने किया तथा आभार प्रदर्शन बीके पवन के द्वारा किया गया| इस अवसर पर शहर से अनेकानेक युवा कार्यक्रम में उपस्थित थे |

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तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी(न्यूज़ कवरेज)

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तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी

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24 सितंबर 2025

खुशनुमा और स्वस्थ जीवन के लिए तनाव प्रबंधन आवश्यक – बीके प्रहलाद भाई

एसएएफ 13 बटालियन में तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली विषय पर प्रेरणादायक सत्र आयोजित

ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के द्वारा 13वीं वाहिनी विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ 13 बटालियन) में “तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली” विषय पर एक प्रेरणादायक सत्र आयोजित किया गया। जिसका उद्देश्य लोगों को मानसिक शांति, सकारात्मक सोच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रेरक वक्ता एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई तथा ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र की मुख्य संचालिका बीके आदर्श दीदी उपस्थित थीं।


इस अवसर पर एस ए एफ 13 बटालियन से प्रभारी सेनानी अनुराग पांडे, सहायक सेनानी, गुलबाग सिंह, डॉक्टर ओ पी वर्मा निरीक्षक मुनेन्द्र सिंह भदोरिया, निरीक्षक, धर्मेंद्र वर्मा, निरीक्षक मुकेश परिहार, निरीक्षक पुष्पेंद्र सिंह भदौरिया, निरीक्षक जादौन, निरीक्षक राय सिंह जयंत, समस्त पी टी एस स्टाफ एवं 350 से अधिक प्रशिक्षणार्थी सहित ब्रह्माकुमारीज से बीके सुरभि, बीके रोशनी, बीके पवन उपस्थित थे।
कार्यक्रम में बीके प्रहलाद भाई ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आज के तेज रफ़्तार जीवन में तनाव हर किसी की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। जिसकी वजह से हमारे जीवन में काफी उतार चढाव आते है। इन सबसे छूटने के लिए तनाव का सही ढंग से प्रबंधन करना ही खुशनुमा और स्वस्थ जीवन जीने की कला है। यदि तनाव पर नियंत्रण न हो तो यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ को प्रभावित करता है। इसके लिए कुछ सरल उपाय अपनाकर हम संतुलित, आनंदमय और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। उन्होंने कहा कि – सकारात्मक सोच विकसित करें, हर परिस्थिति में अच्छा पक्ष देखने का प्रयास करें, नकारात्मक विचारों से दूर रहें, योग और ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाये, रोजाना 15 से 20 मिनिट ध्यान करें जिससे मन स्थिर रहता है एवं मानसिक शांति भी मिलती है, प्राणायाम और योगासन से शरीर स्वस्थ्य रहता है, 6 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद लें, संतुलित भोजन लें, नशे से दूरी बनाकर रखें, जंक फ़ूड से बचें, व्यवस्थित दिनचर्या बनायें, कोई न कोई रोज अच्छी पुस्तक पढ़ने की आदत डालें, कार्यक्रम स्थल पर किसी भी तरह का दवाव आता है तो घबरायें नहीं, परिवार के साथ समय विताएं, हर कार्य को एक खेल की तरह से लें।
बीके प्रहलाद भाई नें अनेकानेक रचनात्मक गतिविधि भी कराई जिससे सभी का मन हल्का हुआ और उमंग उत्साह भी बढ़ा। और दिन कि शुरुआत किस तरह से करें वह भी बताया।


कार्यक्रम में बीके आदर्श दीदी नें कहा कि तनाव को दूर करने के लिए योग, ध्यान, प्राणायाम, सकारात्मक चिंतन और समय प्रबंधन जैसे उपाय बेहद प्रभावी हैं। पर्याप्त नींद और रुचियों के लिए समय निकालना जीवन को सुखद और तनावमुक्त बना सकता है साथ ही कहा कि तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है यदि हम स्वस्थ दिनचर्या और आत्म नियंत्रण को अपनाएं तो जीवन अधिक खुशनुमा और आनंदमय बन सकता है। दीदी नें सभी को राजयोग ध्यान की विधि बताई तथा सभी को उसके फायदे बताते हुए अभ्यास भी कराया।
इस अवसर पर उपस्थित प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे अपने जीवन में स्वस्थ दिनचर्या, योग ध्यान और सकारात्मक सोच को अपनायेंगे और परिवार एवं समाज के प्रेरणास्त्रोत बनेगें।


कार्यक्रम में मेडिकल ऑफिसर डॉ ओपी वर्मा ने बताया कि तनाव आता है तो लोग आसानी से नशे की तरफ भागते है जबकि वह समाधान नहीं है। समाधान के लिए हमें ब्रह्माकुमारीज़ जैसे आध्यात्मिक संस्थानों से जुड़कर ध्यान के माध्यम में हमें अपने को सकारात्मक बनाना चाहिए। इस अवसर पर अन्य पदाधिकारियों नें भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में संस्थान के लोंगो का अभिनन्दन करते हुए पौधे भेंट किए गए।

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ब्रह्माकुमारीज़ के माधौगंज केंद्र पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में भव्य कार्यक्रम का हुआ आयोजन

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ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के माधौगंज स्थित प्रभु उपहार भवन में भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।


कार्यक्रम में संस्थान के बाल कलाकारों ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का मंचन किया। जिसने सभी का मन मोह लिया तो वहीं भजन गायकों द्वारा सुंदर भजनों की प्रस्तुति ने सभी को आनंदित कर दिया।
कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी ने सभी को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की बधाई दी और कहा कि आज हम भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को हर्ष और उल्लास के साथ मना रहे हैं। यह केवल एक धार्मिक त्योहार ही नहीं, बल्कि हमारे जीवन को दिशा देने वाला आध्यात्मिक संदेश है। भगवान श्रीकृष्ण जी का जीवन हमें सिखाता है कि धर्म की रक्षा और अन्याय तथा बुराइयों का अंत करना ही जीवन का सबसे बड़ा उद्देश्य होना चाहिए।


भगवान ने गीता में कहा है कि अपने कर्तव्यों को निष्ठा और ईमानदारी से करना चाहिए, फल की चिंता नहीं करनी चाहिए। यह शिक्षा आज के समाज के लिए बहुत प्रासंगिक है। यदि हर व्यक्ति अपना कर्तव्य सही भावना से निभाए, तो समाज में अन्याय, भ्रष्टाचार और असमानता स्वतः ही समाप्त हो सकती है।
भगवान श्रीकृष्ण का जीवन हमें गहन शिक्षाएँ देता है। उनका जन्म कारागार में दिखाते है, लेकिन परिस्थितियाँ कैसी भी रही हों, उन्होंने हमेशा धर्म और न्याय की स्थापना का कार्य किया। उनका पूरा जीवन हमें यह संदेश देता है कि मनुष्य को अपने कर्तव्य का पालन निस्वार्थ भाव से करना चाहिए।
यह पर्व हमें नई श्रेष्ठाचारी और पावन दुनिया की याद दिलाता है। जब-जब संसार में अन्याय, अधर्म और असत्य बढ़ता है, तब ईश्वर अवतरित होकर मानवता को सही दिशा दिखाते हैं।

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कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार महेश कुमार, प्रेरक वक्ता बीके प्रहलाद ने भी सभी को जन्माष्टमी की शुभकामनाएं देते हुए अपने विचार प्रकट किए।
कार्यक्रम में सुंदर झांकी लगाई गई थी। जिसका दर्शन लाभ सभी ने लिया। साथ ही भजनों की सुंदर प्रस्तुति एवं भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का मंचन करने वाले कलाकारों में कु. रोशनी, कु. तनवी, कु. पीहू, कु. नंदनी, कु. हंसिका, कु. रुचि, कु. नव्या, रूबी, सोनिया, पवन, अखिलेश, निलक्ष तथा बीके जीतू आदि शामिल थे।

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