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Indraganj Lashkar

बेहतर कल के लिए संरक्षित करना है जल

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बेहतर कल के लिए संरक्षित करना है जल : बीके आदर्श दीदी

ब्रह्माकुमारीज का जल जन अभियान

बीके प्रहलाद ने जल सरंक्षण एवं सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग नही करने की दिलाई शपथ

ग्वालियर।  जल जीवन के लिए प्रकृति द्वारा प्रदत्त वो सौगात है जिसके बगैर जीवन की कल्पना संभव नहीं है लेकिन चिंताजनक बात यह है कि धीरे-धीरे हमारे जल स्रोत कम हो रहे हैं ऐसे में यदि हमने जल संरक्षण नहीं किया तो हमारा आने वाला कल अच्छा नहीं होगा।
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय द्वारा भारत सरकार के जल शक्ति मंत्रालय के सहयोग से चलाए जा रहे अभियान के अंतर्गत यह विचार ब्रह्माकुमारी आदर्श दीदी ने अम्मा महाराज की छतरी पर आयोजित हुए जागरूकता कार्यक्रम के दौरान व्यक्त किए।
उन्होंने लगातार बढ़ रहे जल संकट को लेकर कहा कि जल की जरूरत हर प्राणी को होती है चाहे वह मनुष्य हो अथवा पशु पक्षी। भोजन के बिना तो कुछ समय जीवित रहा जा सकता है लेकिन पानी के बिना जीवन संभव नहीं है। हम सब जानते हैं कि पृथ्वी पर जल की मात्रा 70 फ़ीसदी है जिसमें से 97 फीसदी पानी समुद्र और महासागरों में समाया हुआ है जो पीने योग्य नहीं है खारा है। शेष 3 फीसदी मीठा जल है। इस पानी का भी 75.2 फीसदी ध्रुवीय क्षेत्रों में 22.6 फीसदी भूमि जल के रूप में शेष भाग झीलों, नदियों, कुओं, वायु मंडल में, नमीं के रूप में तथा हरे पेड़ पौधों में उपस्थित होता है।
जल को बर्बाद करने वाले हर शख्स को यह बात समझनी होगी कि पृथ्वी पर जो चंद पानी है उसे हमने बर्बाद किया तो हमारी आने वाली पीढ़िओं पर इसका बुरा असर पड़ेगा। इसलिए पानी की बूंद बूंद को हमें सहेजना होगा। वाटर हार्वेस्टिंग कर बारिश के जल को संरक्षित होगा। घरों में पानी का उपयोग कर टोंटी बंद करने की आदत डालनी होगी। हम ऐसा नहीं करते हैं तो आने वाली पीढ़ियों को पीने के लिए पानी नहीं मिल पाएगा और जिसके दोषी हम होंगे। हम आम जीवन में देखते हैं कि लोग वाहन धोने और पशुओं को नहलाने में तथा अन्य ऐसे ही कार्यों में बहुत अधिक जल की बर्बादी करते हैं। पीने के पानी की इस तरह बर्बादी करना निश्चित तौर पर आने वाली पीढ़ी के साथ अन्याय करने जैसा है जिसके लिए आने वाली पीढ़ी हमें माफ नहीं करेंगी। जल की महत्ता को हम ऐसे समझे कि हमारा शरीर के भीतर भी 60 फ़ीसदी जल मौजूद है। शरीर में जब पानी की कमी होती है तो हम बीमार पड़ जाते हैं इसी प्रकार पृथ्वी पर जब पानी की कमी होगी तो चारों ओर हाहाकार पैदा हो जाएगा। कई विद्वानों ने इस संदर्भ में भविष्यवाणी भी की है। समय रहते यदि हम नहीं समझे तो स्थिति भयाभय होना तय है इसलिए हम सब संकल्प लें  कि पानी की एक-एक बूंद का संरक्षण करेंगे न तो स्वयं पानी की बर्बादी करेंगे और दूसरे लोग जो पानी की बर्बादी करते हैं उनको भी समझाईश देंगे।
बीके प्रहलाद भाई ने संरक्षण के साथ सिंगल यूज़ प्लास्टिक का उपयोग न करने की शपथ दिलाई और कहा कि पॉलिथीन हमारे वातावरण को ना सिर्फ गंदा कर रही है बल्कि पर्यावरण को भी भारी नुकसान पहुंचा रही है इसलिए बाजार जाते समय घर से थैला लेकर जाएं और सिंगल यूज़ पॉलिथीन का प्रयोग ना करें।
बीके रोशनी ने सभी को अपने जीवन मे नैतिक मूल्य और आध्यात्मिकता को जीवन मे बनाये रखने की बात कही और सभी को राजयोग ध्यान का अभ्यास भी कराया।
इस अवसर पर अम्मा महाराज छतरी के प्रबंधक जयंत जपे भी प्रमुख रूप से मौजूद रहे।
साथ ही 400 से अधिक भाई बहनें कार्यक्रम में शामिल रहे।

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म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी ने ‘सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर किया सम्मानित

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Gwalior : म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी, भारत सरकार के केंद्रीय संचार मंत्री माननीय श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी, म.प्र. विधानसभा अध्यक्ष माननीय श्री नरेंद्र सिंह तोमर जी ने ग्वालियर के दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार, कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। जिसमें ब्रह्माकुमारी रोशनी, ब्रह्माकुमारी सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में प्रदेश के अनेकानेक कैबिनेट मंत्री गण, सांसद, विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधि तथा प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।

इस अवसर पर बीके रोशनी, बीके सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह ने माननीय मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी का अभिनंदन करते हुए उन्हें ईश्वरीय सौगात भेंट की।

कार्यक्रम में शहर से अनेकानेक सम्माननीय धर्मगुरु, धार्मिक संस्थान, सामाजिक संस्थान से तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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बाल व्यक्तित्व विकास शिविर

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ब्रह्माकुमारीज केंद्र पर तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का हुआ शुभारंभ

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बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास, सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक – आदर्श दीदी

जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है – प्रहलाद भाई

ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की भगिनी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाऊंडेशन के युवा प्रभाग और शिक्षा प्रभाग के द्वारा माधवगंज स्थित प्रभु उपहार भवन में तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का शुभारंभ हुआ।
इस शिविर में बच्चों के सम्पूर्ण विकास के लिए आध्यात्मिकता, नैतिक शिक्षा, व्यवहारिक ज्ञान और सकारात्मक सोच आदि विषयों को रचनात्मक ढंग से बताया जायेगा।
शिविर के शुभारंभ में मुख्य प्रशिक्षक के रूप में उपस्थित मोटिवेशनल स्पीकर एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई ने नए सभी बच्चों को मोटिवेट करते हुए मजेदार शिक्षाप्रद कहानियाँ सुनाकर शिविर की शुरुआत की। उन्होंने एक रचनात्मक एक्टिविटी के माध्यम से शिविर में उपस्थित बच्चों को सिखाया कि हमें ध्यान से सुनना चाहिए। क्योकि ध्यान से सुनने का बहुत महत्व है। जबकि सुनने से ज्यादा हम देखकर कर्म करते है, हम जैसा देखते है वैसा हम बनते चले जाते है। यदि हम कुछ गलत चीजों को देखते है या हमारे सामने कोई गलती कर रहा है तो उसका प्रभाव भी हमारे जीवन पर पड़ता है। इसलिए हमेशा टीवी या मोबाईल पर कुछ देखते है तो अच्छा ही देखे।
उन्होंने कहा कि अच्छे गुणों और संस्कारों का बीज बोने का यह सही समय है। इस समय अंदर लचीलापन होता है। सही शब्दों में कहा जाए तो व्यक्तित्व का निर्माण और जीवन को दिशा देने का काम इसी समयावधि में हो सकता है। हम जैसा बनना चाहें वैसा अपने को बना सकते हैं। आजकल कई बच्चे अपना कीमती समय मोबाइल पर नष्ट कर रहे हैं। अभिभावक और शिक्षक चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। इस समय में मोबाईल का ज्यादा उपयोग करना हमारे लिए बहुत नुकशान दायक है । मोबाईल हमारी सुविधा के लिए है पढ़ाई आदि के लिए ही हम इसे थोडा बहुत उपयोग कर सकते है। बांकी और और चीजों में हमें नहीं जाना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि सभी बच्चो को प्रातः सूर्योदय से पहले जाग जाना चाहिए तथा रात्रि को जल्दी सोना चाहिए। देर रात तक नहीं जागना चाहिए। सभी बच्चों को अपने माता पिता कहना मानना चाहिए। हरेक माता पिता अपने बच्चों की भलाई के लिए ही उन्हें समझाते है कभी भी माता पिता से नाराज नहीं होना चाहिए। जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है। और वह जीवन में आगे बढ़ते जाते है। इस पर एक रोचक कहानी भी बच्चों को सुनाई।
आगे भाई जी ने बच्चों को मन बुद्धि और संस्कार के बारे में बताया कि कैसे हम अच्छा सोचकर अपने अन्दर अच्छी आदतों को डाल सकते है। और अपनी ख़राब आदतों को छोड़ सकते है।


कार्यक्रम में बच्चो को मेडिटेशन (ध्यान) की सरल विधि सिखाई गई साथ ही ध्यान का अभ्यास भी कराया गया।
इस अवसर पर केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि हम थोडा समय पढ़ाई से पूर्व या कोई कार्य करने से पूर्व राजयोग ध्यान का अभ्यास करते है। अथवा परमात्मा को याद करते है तो हमें सफलता अवश्य मिलती है, साथ ही हमारी एकाग्रता भी बढती है। दीदी ने आगे कहा कि हमें इतना सुंदर जीवन मिला है तो उसके लिए हमें ईश्वर का शुक्रिया अदा करना चाहिए, साथ ही उन सभी का शुक्रिया करना चाहिए जो हमारे जीवन को अच्छा बनाने में हमारे मददगार है जैसे माता-पिता एवं गुरुजन आदि।
दीदी ने आगे बताया कि बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास और सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक है। यह शिविर निश्चित ही बच्चों में दिव्य गुणों की धारणा और चारित्रिक विकास में मददगार साबित होगा। जो बच्चे बचपन से ही आध्यात्मिक शिक्षा और नैतिक शिक्षा और व्यवहारिक शिक्षा से जुड़ते है, तो वह न केवल बड़े होकर एक अच्छे नागरिक बनते है, बल्कि समाज और विश्व के लिए भी एक प्रेरणा और आदर्श बनकर उभरते है।
अंत में शिक्षाप्रद गेम भी खिलाये गए जिसका बच्चों ने आनंद लिया|
इस अवसर पर बीके जीतू, बीके सुरभि, बीके रोशनी, रीता मिड्ढा सहित अनेकानेक बच्चो के पैरेंट्स भी उपस्थित थे।

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