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दिव्यांगों को दिव्यशक्ति देता है परमात्मा: ब्रह्माकुमारीज

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-ब्रह्राकुमारीज का दिव्यांगों के लिए समानता, संरक्षण और सशक्तिकरण अभियान

ग्वालियर: प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय के दिव्यांग सेवा प्रभाग माउंट आबू के द्वारा
समाजिक न्याय एवं दिव्यांगजन सशक्तिकरण संचालनालय मध्यप्रदेश के सहयोग से पूरे म.प्र. में
दिव्यांगों के लिए समानता, संरक्षण और सशक्तिकरण अभियान निकाला गया है। यह अभियान बिभिन्न जिलों में होते हुए आज ग्वालियर पहुँचा।
अभियान के अंतर्गत आज बिभिन्न दिव्यांग स्कूल
म.प्र. मूक बधिर कल्याण संस्था आंग्रे की गोठ लश्कर, शासकीय डंप एण्ड डीफ़ उच्चतर माध्यमिक विद्यालय मुरार (हुरावली), अमर ज्योति स्कूल चेरीटेबल ट्रस्ट ग्वालियर में बच्चों के लिए कार्यक्रम आयोजित किया गए।
परिजन जब दिव्यांगों के होंसला तोड़ते हैं तो रिश्तेदार और समाज भी उनका मनोबल कमजोर करता है, इसलिए परिवारजनों की जिम्मेदारी है कि वो अपने अपने दिव्यांग बच्चों का मनोबल सदा ऊंचा रखें। वे परमात्मा द्वारा प्रदत्त दिव्यशक्ति से युक्त होते हैं। यह विचार ब्रह्माकुमारी भावना बहन ने बुधवार को संस्थान द्वारा चलाए जा रहे अभियान दिव्यांग संरक्षण, समानता एवं सशक्तिकरण के लिए आयोजित कार्यक्रम में व्यक्त किए। इस मौके पर प्रभु उपहार भवन माधवगंज केंद्र की प्रभारी बीके आदर्श दीदी एवं विनय नगर केंद्र प्रभारी बीके रूखमणी दीदी, मुरार केंद्र प्रभारी बीके ज्योति दीदी प्रमुख रूप से मौजूद रहीं।
आंग्रे की गोठ स्थित मध्यप्रदेश मूक वधिर कल्याण संस्था में आयोजित कार्यक्रम में बीके किरण बहन ने थॉमस अल्वा एडीसन का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्होंने दस हजार बार प्रयास करने के बाद बल्व का अविष्कार कर पाया, जबकि लोग एक दो बार प्रयास करके ही हार मान लेते हैं। देश की पहली दृष्टि बाधित बेटी प्रांजल पाटिल दृष्टि बाधित होने के बाद भी आईएएस बनी। बीके मोनिका ने कहा कि दिव्यांग सबकुछ कर सकते हैं। हम दिव्यांगों के संरक्षण की बात करते हैं, लेकिन दिव्यांगों का संरक्षण तो स्वयं परम पिता परमात्मा करता है, जिसने उन्हें इस संसार में कुछ विशेष बनाकर भेजा है।
बीके दीपेंद्र ने कहा कि दिव्यांग वो सबकुछ कर सकते हैं जो आमजन कर सकते हैं। भगवान उन्हें दिव्यशक्ति और दिव्यअंग देकर भेजता है। यदि इरादे पक्के हैं तो शारीरिक मानसिक कमजोरी भी आपको लक्ष्य तक पहुंचने से नहीं रोक सकती है।
बीके आदर्श दीदी ने दिव्यांग बच्चों से कहा कि आप खुद को कमजोर न समझे। आत्मविश्वास को बनाए रखें, तो आप जीवन में अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे। इस मौके पर बच्चों को मूल्य आधारित गेम खिलाए गए, साथ ही उन्हें राजयोग मेडिटेशन कराया गया। इस मौके पर आंग्रे की गोठ स्कूल प्रभारी नरोत्तम दीक्षित, हुरावली स्थित शासकीय स्कूल प्रभारी नम्रता जी, अमर ज्योति स्कूल प्रभारी नीतू ओझा आदि उपस्थित थी।
अभियान में शामिल वक्ताओं में भोपाल से बीके दीपेंद्र, बीके आशीष, बीके सरिता, बीके संगीता बीके मोनिका, बीके किरन, बीके जगदीश, बीके जय, सागर से बीके कल्पना, बीके प्रांशु, विदिशा की बीके नंदनी, बीके नरेश, बीके रूबी बहन, बीके प्रहलाद, बीके विजेंद्र, बीके मुस्कान सहित
स्कूल शिक्षिका प्रतिका धमानी, रिचा त्रिपाठी, सुषमा वर्मा प्रमुख रूप से मौजूद रहीं।

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म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी ने ‘सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर किया सम्मानित

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Gwalior : म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी, भारत सरकार के केंद्रीय संचार मंत्री माननीय श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी, म.प्र. विधानसभा अध्यक्ष माननीय श्री नरेंद्र सिंह तोमर जी ने ग्वालियर के दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार, कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। जिसमें ब्रह्माकुमारी रोशनी, ब्रह्माकुमारी सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में प्रदेश के अनेकानेक कैबिनेट मंत्री गण, सांसद, विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधि तथा प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।

इस अवसर पर बीके रोशनी, बीके सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह ने माननीय मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी का अभिनंदन करते हुए उन्हें ईश्वरीय सौगात भेंट की।

कार्यक्रम में शहर से अनेकानेक सम्माननीय धर्मगुरु, धार्मिक संस्थान, सामाजिक संस्थान से तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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बाल व्यक्तित्व विकास शिविर

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ब्रह्माकुमारीज केंद्र पर तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का हुआ शुभारंभ

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बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास, सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक – आदर्श दीदी

जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है – प्रहलाद भाई

ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की भगिनी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाऊंडेशन के युवा प्रभाग और शिक्षा प्रभाग के द्वारा माधवगंज स्थित प्रभु उपहार भवन में तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का शुभारंभ हुआ।
इस शिविर में बच्चों के सम्पूर्ण विकास के लिए आध्यात्मिकता, नैतिक शिक्षा, व्यवहारिक ज्ञान और सकारात्मक सोच आदि विषयों को रचनात्मक ढंग से बताया जायेगा।
शिविर के शुभारंभ में मुख्य प्रशिक्षक के रूप में उपस्थित मोटिवेशनल स्पीकर एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई ने नए सभी बच्चों को मोटिवेट करते हुए मजेदार शिक्षाप्रद कहानियाँ सुनाकर शिविर की शुरुआत की। उन्होंने एक रचनात्मक एक्टिविटी के माध्यम से शिविर में उपस्थित बच्चों को सिखाया कि हमें ध्यान से सुनना चाहिए। क्योकि ध्यान से सुनने का बहुत महत्व है। जबकि सुनने से ज्यादा हम देखकर कर्म करते है, हम जैसा देखते है वैसा हम बनते चले जाते है। यदि हम कुछ गलत चीजों को देखते है या हमारे सामने कोई गलती कर रहा है तो उसका प्रभाव भी हमारे जीवन पर पड़ता है। इसलिए हमेशा टीवी या मोबाईल पर कुछ देखते है तो अच्छा ही देखे।
उन्होंने कहा कि अच्छे गुणों और संस्कारों का बीज बोने का यह सही समय है। इस समय अंदर लचीलापन होता है। सही शब्दों में कहा जाए तो व्यक्तित्व का निर्माण और जीवन को दिशा देने का काम इसी समयावधि में हो सकता है। हम जैसा बनना चाहें वैसा अपने को बना सकते हैं। आजकल कई बच्चे अपना कीमती समय मोबाइल पर नष्ट कर रहे हैं। अभिभावक और शिक्षक चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। इस समय में मोबाईल का ज्यादा उपयोग करना हमारे लिए बहुत नुकशान दायक है । मोबाईल हमारी सुविधा के लिए है पढ़ाई आदि के लिए ही हम इसे थोडा बहुत उपयोग कर सकते है। बांकी और और चीजों में हमें नहीं जाना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि सभी बच्चो को प्रातः सूर्योदय से पहले जाग जाना चाहिए तथा रात्रि को जल्दी सोना चाहिए। देर रात तक नहीं जागना चाहिए। सभी बच्चों को अपने माता पिता कहना मानना चाहिए। हरेक माता पिता अपने बच्चों की भलाई के लिए ही उन्हें समझाते है कभी भी माता पिता से नाराज नहीं होना चाहिए। जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है। और वह जीवन में आगे बढ़ते जाते है। इस पर एक रोचक कहानी भी बच्चों को सुनाई।
आगे भाई जी ने बच्चों को मन बुद्धि और संस्कार के बारे में बताया कि कैसे हम अच्छा सोचकर अपने अन्दर अच्छी आदतों को डाल सकते है। और अपनी ख़राब आदतों को छोड़ सकते है।


कार्यक्रम में बच्चो को मेडिटेशन (ध्यान) की सरल विधि सिखाई गई साथ ही ध्यान का अभ्यास भी कराया गया।
इस अवसर पर केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि हम थोडा समय पढ़ाई से पूर्व या कोई कार्य करने से पूर्व राजयोग ध्यान का अभ्यास करते है। अथवा परमात्मा को याद करते है तो हमें सफलता अवश्य मिलती है, साथ ही हमारी एकाग्रता भी बढती है। दीदी ने आगे कहा कि हमें इतना सुंदर जीवन मिला है तो उसके लिए हमें ईश्वर का शुक्रिया अदा करना चाहिए, साथ ही उन सभी का शुक्रिया करना चाहिए जो हमारे जीवन को अच्छा बनाने में हमारे मददगार है जैसे माता-पिता एवं गुरुजन आदि।
दीदी ने आगे बताया कि बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास और सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक है। यह शिविर निश्चित ही बच्चों में दिव्य गुणों की धारणा और चारित्रिक विकास में मददगार साबित होगा। जो बच्चे बचपन से ही आध्यात्मिक शिक्षा और नैतिक शिक्षा और व्यवहारिक शिक्षा से जुड़ते है, तो वह न केवल बड़े होकर एक अच्छे नागरिक बनते है, बल्कि समाज और विश्व के लिए भी एक प्रेरणा और आदर्श बनकर उभरते है।
अंत में शिक्षाप्रद गेम भी खिलाये गए जिसका बच्चों ने आनंद लिया|
इस अवसर पर बीके जीतू, बीके सुरभि, बीके रोशनी, रीता मिड्ढा सहित अनेकानेक बच्चो के पैरेंट्स भी उपस्थित थे।

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