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Y 20 के अंतर्गत “वॉक फॉर पीस”

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ग्वालियर: प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज ईश्वरीय विश्व विद्यालय की सहयोगी संस्था राजयोग एजुकेशन एण्ड रिसर्च फाउंडेशन के युवा प्रभाग द्वारा भारत सरकार के युवा कार्यक्रम एवं खेल मंत्रालय के सहयोग से Y20 श्रृंखला के अंतर्गत “स्वास्थ्य, तंदुरुस्ती एवं खेल: एजेंडा फ़ॉर यूथ” थीम के तहत भारत के विभिन्न राज्यों में आज “वॉक फ़ॉर पीस” शांति के लिए पदयात्रा का आयोजन किया गया।
इसी अभियान के अंतर्गत आज ग्वालियर में वॉक फॉर पीस कार्यक्रम की पैदल यात्रा सुबह 6 बजे फूलबाग से प्रारम्भ हुई जो नदिगेट, इंदरगंज चौराहा, अचलेश्वर चौराहा, थीं रोड आमखो, कम्पू, रॉक्ससीपुल होते हुए माधौगंज ब्रह्माकुमारीज के स्थानीय केंद्र पर समाप्त हुई।
कार्यक्रम के शुभारंभ में लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक श्री योगेश्वर शर्मा, भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य श्री आशीष प्रताप सिंह राठौर, नगर निगम ग्वालियर के उपायुक्त श्री शिशिर श्रीवास्तव, प्रतीक इंस्टीट्यूट के संचालक मनोज चौरसिया, समाजसेवी महेश मुद्गल, प्रसूति-रोग विशेषज्ञ डॉ. निर्मला कंचन, ब्रह्माकुमारीज लश्कर सेवाकेंद्र की प्रभारी बी.के. आदर्श दीदी, बी.के. डॉ. गुरचरण सिंह, बी.के. प्रह्लाद, बी.के. जीतू उपस्थित थे| सभी उपस्थित अतिथिओं ने अपनी शुभकामनाएं दीं और झंडा दिखाकर यात्रा का शुभारम्भ कराया|
6 कि. मी. की पैदल यात्रा करने के बाद यात्रा के समापन अवसर पर मुख्य रूप से पधारे नई दुनिया अख़बार के स्थानीय संपादक श्री वीरेंद्र तिवारी जी ने सभी युवाओं को सम्बोधित किया और कहा कि पहले कहा जाता था कि जैसा खायेंगे अन्न वैसा बनेगा परन्तु आज एक बात और इसमें जोड़ेंगे कि जैसी इन्फोर्मेशन वैसा मन आज नकारात्मक सूचनाओं की बजह से हमारे मन और तन पर गहरा असर पड़ता है| आज हमारी मन की शांति हमसे छिन गई है| आजके समय में सोशल मीडिया पर समझकर हमें प्रतिक्रिया देनी चाहिए समाज के लिए जो अच्छा है वही विचार आगे बढाने चाहिए |
खेल के बारे में बताया कि पहले कहते थे कि खेलो कून्दोगे तो होगे खराव परन्तु खेल स्वास्थ्य के लिए तो लाभकारी है ही परन्तु इसमें अपना कैरियर भी बनाया जा सकता है |
इस अवसर पर बी. के. आदर्श दीदी ने युवाओं का उमंग उत्साह बढ़ाते हुए कहा कि युवा दोपहर के तेज सूर्य की तरह है जिसमें बहुत ऊर्जा होती है आने वाली नई पीढ़ी की जिम्मेबारी उस पर है और वुजुर्गों की भी जिम्मेबारी युवाओं पर है | इसलिए युवाओं को फैशन और व्यसन में न उलझकर अपने तन और मन को स्वस्थ्य रखने के लिए व्यवस्थित दिनचर्या, वॉक, व्यायाम शुद्ध भोजन, ध्यान आदि को अपने जीवन में शामिल कर सुन्दर जीवन जीना चाहिए | दीदी जी ने सभी युवाओं से सुन्दर नारे भी लगवाए|
कार्यक्रम में बी. के. डॉ. गुरचरण सिंह ने “स्वास्थ्य, तंदुरुस्ती एवं खेल: एजेंडा फ़ॉर यूथ” के वारे में बताते हुए “वॉक फॉर पीस” का महत्व बताया और ब्रह्माकुमारीज के युवा प्रभाग द्वारा हो रही गतिविधियों को भी बताया|
कार्यक्रम का कुशल संचालन एवं आभार बी. के. प्रह्लाद भाई के द्वारा किया गया |
इस पैदल यात्रा में भाग लेने वाले युवाओं को प्रमाणपत्र देकर सम्मानित भी किया गया |
इस अवसर पर ब्रह्माकुमारीज संसथान से जुड़े अनेकानेक युवा भाई एवं बहने, दीक्षा वेळफेयर फाउंडेशन से दीक्षा दुबे और साथी, फिर एक प्रयास संस्था से अंकित शर्मा और साथी, प्रतीक इंस्टिट्यूट के छात्र छात्राएं सहित अन्य गणमान्य नागरिक गजेन्द्र अरोरा, संतोष बंसल, जगदीश मकरानी, राजेश आहूजा, योगेश बंसल, भागीरथ प्रसाद, अमित गुप्ता, दीपा, रीता, ऋतू बंसल, जयकिशन, सुरेन्द्र, पंकज, आकाश, ध्रुव सहित अनेकानेक लोग उपस्थित रहे |

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सीआरपीएफ संतुलित आहार

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सीआरपीएफ समूह केंद्र में क्षेत्रीय परिवार कल्याण केन्द्र के सहयोग से सेमिनार का आयोजन

ग्वालियर। सीआरपीएफ समूह केंद्र में क्षेत्रीय परिवार कल्याण केन्द्र के सहयोग से एक सेमिनार व वक्तव्य का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम समूह केन्द्र के तानसेन क्लब में आयोजित हुआ। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डाईटीशियन सौम्या चड्ढा, ब्रह्माकुमारीज संस्थान से प्रेरक वक्ता बी के प्रहलाद भाई उपस्थित थे।
इस अवसर पर क्षेत्रीय कावा अध्यक्षा श्रीमती सुनीता निगम, श्रीमती भावना गुप्ता, डिप्टी कमांडेंट दिलाबर सिंह, श्रीमती गीता, श्रीमती आशा सहित क्षेत्रीय कावा के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।
केन्द्र में निवासरत महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता व उनको लाभान्वित करने के लिए विशेषज्ञों द्वारा पोषण एवं अंधत्व नियंत्रण के विषय पर चर्चा की गयी
मुख्य आहार विशेषज्ञ सौम्या चड्ढा नें सभी को सम्बोधित करते हुए कहा कि सभी को यह ध्यान रखना चाहिए कि हमारा आहार इस तरह का हो जिसमें वह सभी पोषक तत्व आ जाए जो शरीर के लिए आवश्यक है। उन्होंने बताया कि लें। थाली में अनाज, दाल/ प्रोटीन, सब्जी, फल, दूध, दही जैसी चीजें शामिल करें। समय पर भोजन करें, सीजनल फल और सब्जियां लें, दिनभर में 8 से 10 गिलास पानी पिएं, शारीरिक व्यायाम करें या कम से कम 30 मिनिट पैदल चलें, जरूरत से ज्यादा भोजन न करें।
ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के मेडिटेशन विशेषज्ञ बीके प्रहलाद भाई एवं बीके सुरभि नें सभी को मन को स्वस्थ्य रखने के लिए टिप्स दिए एवं राजयोग ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि राजयोग ध्यान करने से अनेक लाभ होते है। जैसे – यह तनाव कम करता है, मन को शांति और स्थिरता देता है, गुस्सा, चिंता और नकारात्मक सोच को घटाता है, एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ाता है, नींद की गुणवत्ता में सुधार लाता है। यह सब ठीक है तो शारीरिक स्वास्थ्य भी ठीक रहता है।
सेमिनार में ग्रुप केन्द्र के सैंकड़ों कार्मिकों एवं इस ग्रुप केन्द्र में निवासरत महिलाओं द्वारा बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया गया। सेमिनार के अंत में क्षेत्रीय कावा अध्यक्षा श्रीमती सुनीता निगम द्वारा डाईटीशियन सौम्या चड्ढा एवं बी के प्रहलाद भाई को स्मृति चिन्ह भेंट किए एवं विशेषज्ञों द्वारा इस विषय पर महत्वपूर्ण ज्ञानवर्धन करने हेतु धन्यवाद एवं आभार व्‍यक्‍त किया।

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खुशनुमा और स्वस्थ जीवन (एसएएफ 13 बटालियन)

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प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के द्वारा 13वीं वाहिनी विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ 13 बटालियन) में “तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली” विषय पर एक प्रेरणादायक सत्र आयोजित किया गया। जिसका उद्देश्य लोगों को मानसिक शांति, सकारात्मक सोच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रेरक वक्ता एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई तथा ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र की मुख्य संचालिका बीके आदर्श दीदी उपस्थित थीं।
इस अवसर पर एस ए एफ 13 बटालियन से प्रभारी सेनानी अनुराग पांडे, सहायक सेनानी, गुलबाग सिंह, डॉक्टर ओ पी वर्मा निरीक्षक मुनेन्द्र सिंह भदोरिया, निरीक्षक, धर्मेंद्र वर्मा, निरीक्षक मुकेश परिहार, निरीक्षक पुष्पेंद्र सिंह भदौरिया, निरीक्षक जादौन, निरीक्षक राय सिंह जयंत, समस्त पी टी एस स्टाफ एवं 350 से अधिक प्रशिक्षणार्थी सहित ब्रह्माकुमारीज से बीके सुरभि, बीके रोशनी, बीके पवन उपस्थित थे।
कार्यक्रम में बीके प्रहलाद भाई ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आज के तेज रफ़्तार जीवन में तनाव हर किसी की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। जिसकी वजह से हमारे जीवन में काफी उतार चढाव आते है। इन सबसे छूटने के लिए तनाव का सही ढंग से प्रबंधन करना ही खुशनुमा और स्वस्थ जीवन जीने की कला है। यदि तनाव पर नियंत्रण न हो तो यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ को प्रभावित करता है। इसके लिए कुछ सरल उपाय अपनाकर हम संतुलित, आनंदमय और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। उन्होंने कहा कि – सकारात्मक सोच विकसित करें, हर परिस्थिति में अच्छा पक्ष देखने का प्रयास करें, नकारात्मक विचारों से दूर रहें, योग और ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाये, रोजाना 15 से 20 मिनिट ध्यान करें जिससे मन स्थिर रहता है एवं मानसिक शांति भी मिलती है, प्राणायाम और योगासन से शरीर स्वस्थ्य रहता है, 6 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद लें, संतुलित भोजन लें, नशे से दूरी बनाकर रखें, जंक फ़ूड से बचें, व्यवस्थित दिनचर्या बनायें, कोई न कोई रोज अच्छी पुस्तक पढ़ने की आदत डालें, कार्यक्रम स्थल पर किसी भी तरह का दवाव आता है तो घबरायें नहीं, परिवार के साथ समय विताएं, हर कार्य को एक खेल की तरह से लें।
बीके प्रहलाद भाई नें अनेकानेक रचनात्मक गतिविधि भी कराई जिससे सभी का मन हल्का हुआ और उमंग उत्साह भी बढ़ा। और दिन कि शुरुआत किस तरह से करें वह भी बताया।
कार्यक्रम में बीके आदर्श दीदी नें कहा कि तनाव को दूर करने के लिए योग, ध्यान, प्राणायाम, सकारात्मक चिंतन और समय प्रबंधन जैसे उपाय बेहद प्रभावी हैं। पर्याप्त नींद और रुचियों के लिए समय निकालना जीवन को सुखद और तनावमुक्त बना सकता है साथ ही कहा कि तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है यदि हम स्वस्थ दिनचर्या और आत्म नियंत्रण को अपनाएं तो जीवन अधिक खुशनुमा और आनंदमय बन सकता है। दीदी नें सभी को राजयोग ध्यान की विधि बताई तथा सभी को उसके फायदे बताते हुए अभ्यास भी कराया।
इस अवसर पर उपस्थित प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे अपने जीवन में स्वस्थ दिनचर्या, योग ध्यान और सकारात्मक सोच को अपनायेंगे और परिवार एवं समाज के प्रेरणास्त्रोत बनेगें।
कार्यक्रम में मेडिकल ऑफिसर डॉ ओपी वर्मा ने बताया कि तनाव आता है तो लोग आसानी से नशे की तरफ भागते है जबकि वह समाधान नहीं है। समाधान के लिए हमें ब्रह्माकुमारीज़ जैसे आध्यात्मिक संस्थानों से जुड़कर ध्यान के माध्यम में हमें अपने को सकारात्मक बनाना चाहिए। इस अवसर पर अन्य पदाधिकारियों नें भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में संस्थान के लोंगो का अभिनन्दन करते हुए पौधे भेंट किए गए।

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तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी(न्यूज़ कवरेज)

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