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Indraganj Lashkar

“आओ हम खुद को बदले जग बदलता जाएगा स्वयं को परिवर्तन करने से परिवर्तन जगत में आएगा”  –  ब्रह्माकुमारी आदर्श दीदी जी

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आओ हम खुद को बदले जग बदलता जाएगा

स्वयं को परिवर्तन करने से परिवर्तन जगत में आएगा”  –  ब्रह्माकुमारी आदर्श दीदी जी

लश्कर ग्वालियर : होली मिलन समारोह  के उपलक्ष्य में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की सहयोगी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के  द्वारा प्रभु उपहार भवन, माधौगंज केंद्र पर  कार्यक्रम का आयोजन हुआ |

कार्यक्रम में मुख्य रूप से रानी नरेश गुप्ता (वैश्य महिला इकाई महासम्मेलन संभागीय अध्यक्ष), मीना सचान (पूर्व पार्षद, पूर्व कार्य परिषद् सदस्य जीवाजी विश्व विद्यालय), एड्वोकेट रागिनी मिश्रा (ग्वालियर उच्च न्यायलय), कल्पना भदौरिया (प्रदेश अध्यक्ष महिला विंग), आशा सिंह (समाज सेवीका), ब्रह्माकुमारीज़ लश्कर केंद्र प्रभारी बी.के.आदर्श दीदी जी, बी.के.जीतू,बी.के. पवन, बी.के. रोशनी, बी.के. सुरभि सहित संसथान से अन्य भाई बहने उपस्थित थे |

कार्यक्रम के शुभारम्भ में बी. के. आदर्श दीदी ने सभी को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस एवं होली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आदिकाल से ही नारी को उच्च, पूजनीय स्थान प्राप्त था इसलिए भगवान ने भी दुनिया के नवनिर्माण के कार्य में माताओं के ऊपर कलश रखा एवं सारी दुनिया को नया बनाने के निमित्त बनाया है | वास्तव में उस कलश के साथ ही नारी इस समाज का, इस संसार का उद्धार कर सकती है | इसकी शुरुवात हमें स्व परिवर्तन से करनी होगी | जीवन में सुख शांति का आधार परमात्मा की याद और आध्यात्मिकता है| यदि इस संसार को फिर से स्वर्ग बनाना है तो हमें अपने जीवन में श्रेष्ठ संस्कारों को धारण करना होगा| और हर एक व्यक्ति की विशेषताएं देखनी होगी क्योंकि जब हम दूसरों की विशेषताएं देखना शुरू करेंगे तो हम विशेष आत्मा बन जायेंगे |

आगे मीना सचान ने सभी का धन्यवाद् किया और कहा की मैं आज स्वयं को बहुत ही सौभाग्यशाली महसूस कर रही हूँ कि मुझे ब्रह्माकुमारीज़ संस्था में आने का अवसर मिला इसीके साथ उन्होंने बताया कि जब हम कभी निराश हो जाते हैं तो जो कार्य हम करना चाहते हैं उसे अच्छी रीती नहीं कर पाते लेकिन अगर हम सब कुछ ईश्वर पर छोड़ दें तो हमारे हर कार्य स्वत: ही बन जाते हैं |

कार्यक्रम में कल्पना भदौरिया ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि मैं पहली बार यहाँ आई हूँ और मैं नियमित रूप से यहाँ आने की कोशिश करुँगी | यहाँ बहुत ही शांति का अनुभव हो रहा है |

रागिनी मिश्रा ने कहा कि मैं एक लॉयर हूँ और मैं इतने केसों से गुज़रती हूँ परन्तु आज यहाँ आकर मुझे आन्तरिक शांति का अनुभव हो रहा और ऐसा लग रहा की जैसे सारी समस्या समाप्त हो गयी | ईश्वर जो करता है अच्छा ही करता है| यहाँ आने से पहले मेरे मन में बहुत सारे प्रश्न थे वह सारे दूर हो गए हैं |

आगे रानी नरेश गुप्ता ने सभी को शुभकामनाएं दीं और कहा कि यह संस्था विश्व कल्याण का कार्य बहुत ही सुन्दर रीती से कर रही है| मुझे ख़ुशी है कि मुझे ऐसी संस्था में आने का मौका मिला |

इस अवसर पर आशा सिंह ने भी अपनी शुभकामनाएं |

कार्यक्रम का कुशल संचालन बी.के. जीतू के द्वारा किया गया |

 

 

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म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी ने ‘सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर किया सम्मानित

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Gwalior : म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी, भारत सरकार के केंद्रीय संचार मंत्री माननीय श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी, म.प्र. विधानसभा अध्यक्ष माननीय श्री नरेंद्र सिंह तोमर जी ने ग्वालियर के दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार, कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। जिसमें ब्रह्माकुमारी रोशनी, ब्रह्माकुमारी सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में प्रदेश के अनेकानेक कैबिनेट मंत्री गण, सांसद, विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधि तथा प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।

इस अवसर पर बीके रोशनी, बीके सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह ने माननीय मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी का अभिनंदन करते हुए उन्हें ईश्वरीय सौगात भेंट की।

कार्यक्रम में शहर से अनेकानेक सम्माननीय धर्मगुरु, धार्मिक संस्थान, सामाजिक संस्थान से तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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बाल व्यक्तित्व विकास शिविर

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ब्रह्माकुमारीज केंद्र पर तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का हुआ शुभारंभ

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बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास, सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक – आदर्श दीदी

जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है – प्रहलाद भाई

ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की भगिनी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाऊंडेशन के युवा प्रभाग और शिक्षा प्रभाग के द्वारा माधवगंज स्थित प्रभु उपहार भवन में तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का शुभारंभ हुआ।
इस शिविर में बच्चों के सम्पूर्ण विकास के लिए आध्यात्मिकता, नैतिक शिक्षा, व्यवहारिक ज्ञान और सकारात्मक सोच आदि विषयों को रचनात्मक ढंग से बताया जायेगा।
शिविर के शुभारंभ में मुख्य प्रशिक्षक के रूप में उपस्थित मोटिवेशनल स्पीकर एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई ने नए सभी बच्चों को मोटिवेट करते हुए मजेदार शिक्षाप्रद कहानियाँ सुनाकर शिविर की शुरुआत की। उन्होंने एक रचनात्मक एक्टिविटी के माध्यम से शिविर में उपस्थित बच्चों को सिखाया कि हमें ध्यान से सुनना चाहिए। क्योकि ध्यान से सुनने का बहुत महत्व है। जबकि सुनने से ज्यादा हम देखकर कर्म करते है, हम जैसा देखते है वैसा हम बनते चले जाते है। यदि हम कुछ गलत चीजों को देखते है या हमारे सामने कोई गलती कर रहा है तो उसका प्रभाव भी हमारे जीवन पर पड़ता है। इसलिए हमेशा टीवी या मोबाईल पर कुछ देखते है तो अच्छा ही देखे।
उन्होंने कहा कि अच्छे गुणों और संस्कारों का बीज बोने का यह सही समय है। इस समय अंदर लचीलापन होता है। सही शब्दों में कहा जाए तो व्यक्तित्व का निर्माण और जीवन को दिशा देने का काम इसी समयावधि में हो सकता है। हम जैसा बनना चाहें वैसा अपने को बना सकते हैं। आजकल कई बच्चे अपना कीमती समय मोबाइल पर नष्ट कर रहे हैं। अभिभावक और शिक्षक चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। इस समय में मोबाईल का ज्यादा उपयोग करना हमारे लिए बहुत नुकशान दायक है । मोबाईल हमारी सुविधा के लिए है पढ़ाई आदि के लिए ही हम इसे थोडा बहुत उपयोग कर सकते है। बांकी और और चीजों में हमें नहीं जाना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि सभी बच्चो को प्रातः सूर्योदय से पहले जाग जाना चाहिए तथा रात्रि को जल्दी सोना चाहिए। देर रात तक नहीं जागना चाहिए। सभी बच्चों को अपने माता पिता कहना मानना चाहिए। हरेक माता पिता अपने बच्चों की भलाई के लिए ही उन्हें समझाते है कभी भी माता पिता से नाराज नहीं होना चाहिए। जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है। और वह जीवन में आगे बढ़ते जाते है। इस पर एक रोचक कहानी भी बच्चों को सुनाई।
आगे भाई जी ने बच्चों को मन बुद्धि और संस्कार के बारे में बताया कि कैसे हम अच्छा सोचकर अपने अन्दर अच्छी आदतों को डाल सकते है। और अपनी ख़राब आदतों को छोड़ सकते है।


कार्यक्रम में बच्चो को मेडिटेशन (ध्यान) की सरल विधि सिखाई गई साथ ही ध्यान का अभ्यास भी कराया गया।
इस अवसर पर केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि हम थोडा समय पढ़ाई से पूर्व या कोई कार्य करने से पूर्व राजयोग ध्यान का अभ्यास करते है। अथवा परमात्मा को याद करते है तो हमें सफलता अवश्य मिलती है, साथ ही हमारी एकाग्रता भी बढती है। दीदी ने आगे कहा कि हमें इतना सुंदर जीवन मिला है तो उसके लिए हमें ईश्वर का शुक्रिया अदा करना चाहिए, साथ ही उन सभी का शुक्रिया करना चाहिए जो हमारे जीवन को अच्छा बनाने में हमारे मददगार है जैसे माता-पिता एवं गुरुजन आदि।
दीदी ने आगे बताया कि बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास और सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक है। यह शिविर निश्चित ही बच्चों में दिव्य गुणों की धारणा और चारित्रिक विकास में मददगार साबित होगा। जो बच्चे बचपन से ही आध्यात्मिक शिक्षा और नैतिक शिक्षा और व्यवहारिक शिक्षा से जुड़ते है, तो वह न केवल बड़े होकर एक अच्छे नागरिक बनते है, बल्कि समाज और विश्व के लिए भी एक प्रेरणा और आदर्श बनकर उभरते है।
अंत में शिक्षाप्रद गेम भी खिलाये गए जिसका बच्चों ने आनंद लिया|
इस अवसर पर बीके जीतू, बीके सुरभि, बीके रोशनी, रीता मिड्ढा सहित अनेकानेक बच्चो के पैरेंट्स भी उपस्थित थे।

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