Connect with us

Indraganj Lashkar

आज के इस स्वार्थ भरे संसार में “परोपकार” के गुण की अति आवश्यकता है – बी.के. प्रहलाद (02-10-2022)

Published

on

आज के इस स्वार्थ भरे संसार में परोपकार” के गुण की अति आवश्यकता है – बी.के. प्रहलाद

लश्कर  ग्वालियर  : लॉयन्स क्लब ग्वालियर की शाईन एवं क्वीन शाखा द्वारा आयोजित सेवा सप्ताह  “परोपकार” विषय के अंतर्गत “विश्व शांति प्रार्थना” कार्यक्रम का आयोजन हुआ l

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय ग्वालियर से शामिल हुए प्रेरक वक्ता राजयोगी बी.के.प्रहलाद भाई जी। साथ ही मुख्य रूप से लॉयन्स क्लब ग्वालियर के पदाधिकारी डॉꓸ अनुराधा शर्मा,  सविता विजयवर्गीय, पूनम अग्रवाल, रानी अग्रवाल, संगीता जादौन, एसꓸकेꓸ गुप्ता (सेवा सप्ताह संयोजक), हिमेश डंडोतिया (सेवा सप्ताह अध्यक्ष), राजीव माहेश्वरी (सेवा सप्ताह संरक्षक), अजय चोपरा (सेवा सप्ताह (सेवा सप्ताह जनसंपर्क अधिकारी), सुनील गोयल, राका पाठक, पिंकी बंसल, हनी शर्मा भी उपस्थित रहे l

कार्यक्रम में  ब्रह्माकुमार प्रहलाद भाई जी  ने उपस्थित  सभी अतिथियों और श्रोताओं का धन्यवाद किया तथा सभी को बताया की आज के विषय की बात करें तो सबसे श्रेष्ठ और सबसे अच्छा कार्य अगर कोई है तो वह है “परोपकार”  l आज के इस स्वार्थ भरे संसार में “परोपकार” के गुण की अति आवश्यकता है l परोपकार अर्थात दूसरों के प्रति दया का भाव, सहयोग का भाव, रहम का भाव हो  l वर्तमान समय की बात की जाए तो स्व उपकारी तो सब ही हैं परन्तु दूसरों पर उपकार करने वाले बहुत कम हैं लेकिन जो स्वयं के साथ साथ दूसरों पर भी उपकार करते हैं उनसे अधिक धनवान आज इस धरा पर कोई नहीं क्योंकि उनके पास सद्गुणों का स्टॉक भरपूर रहेगा – दुआएं, प्रेम, ख़ुशी, सुख  आदि से वह भरपूर होंगे l परोपकार का भाव तो मनुष्य में है परन्तु उनके लिए है जो मेरे साथ बहुत अच्छा व्यव्हार करते हैं, मेरी कभी बुराई नहीं करते हैं या मुझ से कोई बैर नहीं रखते हैं उनके लिए परोपकारी बनना तो बहुत आसान है परन्तु जिनका मेरे  साथ व्यव्हार  अच्छा नहीं है या जिससे मेरा मन भेद है उसके लिए सहयोगी बन कर देखो तब कहेंगे सच्चे सच्चे परोपकारी  l

तो आज से हम सभी ये पक्का करें की जिस भी मनुष्य से मेरा मन भेद है अगर मैं उनके लिए कुछ नहीं कर सकता तो मुस्कुरा के बात तो कर ही सकता हूँ l जीवन की आधी समस्या तो वैसे ही समाप्त हो जाएँगी जिस दिन से मैंने मुस्कुरा कर सभी से बात करना चालू कर दिया यही परोपकारी बनने की शुरुवात है l जब आप अपनी तरफ से सामने वाले के लिए सकारात्मक सोच रखने लग जायेंगे तो धीरे – धीरे उनकी सोच भी आपके लिए बदलती जाएगी l

कार्यक्रम में लॉयन्स क्लब ग्वालियर के पदाधिकारी ने भी सभी के समक्ष अपनी शुभकामनाएं रखीं l

कार्यक्रम के अंत में  ब्रह्माकुमार प्रहलाद भाई जी ने सभी को राजयोग मैडिटेशन करवायाl

 

 

 

Indraganj Lashkar

म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी ने ‘सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर किया सम्मानित

Published

on

By

Gwalior : म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी, भारत सरकार के केंद्रीय संचार मंत्री माननीय श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी, म.प्र. विधानसभा अध्यक्ष माननीय श्री नरेंद्र सिंह तोमर जी ने ग्वालियर के दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार, कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। जिसमें ब्रह्माकुमारी रोशनी, ब्रह्माकुमारी सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में प्रदेश के अनेकानेक कैबिनेट मंत्री गण, सांसद, विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधि तथा प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।

इस अवसर पर बीके रोशनी, बीके सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह ने माननीय मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी का अभिनंदन करते हुए उन्हें ईश्वरीय सौगात भेंट की।

कार्यक्रम में शहर से अनेकानेक सम्माननीय धर्मगुरु, धार्मिक संस्थान, सामाजिक संस्थान से तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

Continue Reading

Indraganj Lashkar

बाल व्यक्तित्व विकास शिविर

Published

on

Continue Reading

Indraganj Lashkar

ब्रह्माकुमारीज केंद्र पर तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का हुआ शुभारंभ

Published

on

बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास, सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक – आदर्श दीदी

जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है – प्रहलाद भाई

ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की भगिनी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाऊंडेशन के युवा प्रभाग और शिक्षा प्रभाग के द्वारा माधवगंज स्थित प्रभु उपहार भवन में तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का शुभारंभ हुआ।
इस शिविर में बच्चों के सम्पूर्ण विकास के लिए आध्यात्मिकता, नैतिक शिक्षा, व्यवहारिक ज्ञान और सकारात्मक सोच आदि विषयों को रचनात्मक ढंग से बताया जायेगा।
शिविर के शुभारंभ में मुख्य प्रशिक्षक के रूप में उपस्थित मोटिवेशनल स्पीकर एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई ने नए सभी बच्चों को मोटिवेट करते हुए मजेदार शिक्षाप्रद कहानियाँ सुनाकर शिविर की शुरुआत की। उन्होंने एक रचनात्मक एक्टिविटी के माध्यम से शिविर में उपस्थित बच्चों को सिखाया कि हमें ध्यान से सुनना चाहिए। क्योकि ध्यान से सुनने का बहुत महत्व है। जबकि सुनने से ज्यादा हम देखकर कर्म करते है, हम जैसा देखते है वैसा हम बनते चले जाते है। यदि हम कुछ गलत चीजों को देखते है या हमारे सामने कोई गलती कर रहा है तो उसका प्रभाव भी हमारे जीवन पर पड़ता है। इसलिए हमेशा टीवी या मोबाईल पर कुछ देखते है तो अच्छा ही देखे।
उन्होंने कहा कि अच्छे गुणों और संस्कारों का बीज बोने का यह सही समय है। इस समय अंदर लचीलापन होता है। सही शब्दों में कहा जाए तो व्यक्तित्व का निर्माण और जीवन को दिशा देने का काम इसी समयावधि में हो सकता है। हम जैसा बनना चाहें वैसा अपने को बना सकते हैं। आजकल कई बच्चे अपना कीमती समय मोबाइल पर नष्ट कर रहे हैं। अभिभावक और शिक्षक चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। इस समय में मोबाईल का ज्यादा उपयोग करना हमारे लिए बहुत नुकशान दायक है । मोबाईल हमारी सुविधा के लिए है पढ़ाई आदि के लिए ही हम इसे थोडा बहुत उपयोग कर सकते है। बांकी और और चीजों में हमें नहीं जाना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि सभी बच्चो को प्रातः सूर्योदय से पहले जाग जाना चाहिए तथा रात्रि को जल्दी सोना चाहिए। देर रात तक नहीं जागना चाहिए। सभी बच्चों को अपने माता पिता कहना मानना चाहिए। हरेक माता पिता अपने बच्चों की भलाई के लिए ही उन्हें समझाते है कभी भी माता पिता से नाराज नहीं होना चाहिए। जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है। और वह जीवन में आगे बढ़ते जाते है। इस पर एक रोचक कहानी भी बच्चों को सुनाई।
आगे भाई जी ने बच्चों को मन बुद्धि और संस्कार के बारे में बताया कि कैसे हम अच्छा सोचकर अपने अन्दर अच्छी आदतों को डाल सकते है। और अपनी ख़राब आदतों को छोड़ सकते है।


कार्यक्रम में बच्चो को मेडिटेशन (ध्यान) की सरल विधि सिखाई गई साथ ही ध्यान का अभ्यास भी कराया गया।
इस अवसर पर केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि हम थोडा समय पढ़ाई से पूर्व या कोई कार्य करने से पूर्व राजयोग ध्यान का अभ्यास करते है। अथवा परमात्मा को याद करते है तो हमें सफलता अवश्य मिलती है, साथ ही हमारी एकाग्रता भी बढती है। दीदी ने आगे कहा कि हमें इतना सुंदर जीवन मिला है तो उसके लिए हमें ईश्वर का शुक्रिया अदा करना चाहिए, साथ ही उन सभी का शुक्रिया करना चाहिए जो हमारे जीवन को अच्छा बनाने में हमारे मददगार है जैसे माता-पिता एवं गुरुजन आदि।
दीदी ने आगे बताया कि बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास और सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक है। यह शिविर निश्चित ही बच्चों में दिव्य गुणों की धारणा और चारित्रिक विकास में मददगार साबित होगा। जो बच्चे बचपन से ही आध्यात्मिक शिक्षा और नैतिक शिक्षा और व्यवहारिक शिक्षा से जुड़ते है, तो वह न केवल बड़े होकर एक अच्छे नागरिक बनते है, बल्कि समाज और विश्व के लिए भी एक प्रेरणा और आदर्श बनकर उभरते है।
अंत में शिक्षाप्रद गेम भी खिलाये गए जिसका बच्चों ने आनंद लिया|
इस अवसर पर बीके जीतू, बीके सुरभि, बीके रोशनी, रीता मिड्ढा सहित अनेकानेक बच्चो के पैरेंट्स भी उपस्थित थे।

Continue Reading

Brahmakumaris