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Indraganj Lashkar

स्वर्णिम भारत पुनर्स्थापना में राजनेताओं का योगदान (04-09-2022)

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स्वर्णिम भारत पुनर्स्थापना में राजनेताओं का योगदान

लश्कर  ग्वालियर  : आज़ादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर थीम के अंतर्गत आज प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विधालय की सहयोगी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के राजनीतिक प्रभाग द्वारा स्वर्णिम भारत पुनर्स्थापना में राजनेताओं का योगदान विषय पर कार्यक्रम संपन्न हुआ।

 

इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से के रूप में  बहन यामिनी परांडे   (पार्षद वार्ड 44),  बहन चेतना तोमर  (महिला मोर्चा मंडल अध्यक्ष), भ्राता नवीन परांडे (जिला मंत्री, भापा), भ्राता मनोज शर्मा (भापा), जयंती पाल (उपाध्यक्ष महिला मोर्चा मंडल, भाजापा), ब्रह्माकुमारी आदर्श दीदी (संस्थान प्रमुख लश्कर ग्वालियर), ब्रह्माकुमारी रेखा बहन (जोनल कोऑर्डिनेटर राजनीतिक प्रभाग), ब्रह्माकुमार प्रहलाद भाई उपस्थित थे ।

कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी रेखा बहन  ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि संस्थान के 20 प्रभाग है जिसमें से एक प्रभाग राजनीतिक प्रभाग है। राजनीतिक प्रभाग के अंतर्गत कार्यक्रम करने का उद्देश्य है की राजनीती के साथ अगर राजयोग जोड़ दिया जाए तो हमारे जो राजनेता हैं वो बहुत ही सुन्दर रीती से अपना कार्य कर सकते हैं। क्योंकि आज कल कार्य क्षेत्र में रहकर सकारात्मकता से कार्य करना आज के समय में सभी के लिए बहुत ही मुश्किल हो गया है। वर्तमान समय में आज वरिष्ठ राजनेता हो या युवा राजनेता हो सभी अपने काम को लेकर चिंतित रहते हैं तो इसलिए आज अपने जीवन में राजयोग को जोड़ना अतिआवश्यक है तो बड़े से बड़ा कार्य भी आसानी से हो जायेगा। तो इसकी शुरुवात ब्रह्माकुमारी संस्थान के द्वारा हुई है जिसमे अनेकानेक राजनेता राजयोग मैडिटेशन सीखकर अपने अन्दर आन्तरिक शक्तियो को और दिव्य गुणों को धारण करते हुए अपने कार्य क्षेत्र में रहकर अपना कार्य को सुन्दर ढंग से कर सकते है।

 

कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी आदर्श दीदीजी ने भी सभी को गणेश उत्सब की शुभकामनाएं दीं और  बताया कि आज व्यस्त जीवन में हम सब ईश्वर को और उनकी शक्तियों को भूल गए हैं इसलिए आज सभी का मन अशांत हो गया है। आज वर्तमान समय की स्थिति को देखते हैं तो आज प्रत्येक व्यक्ति शक्तिहीन सा हो गया है। तो आज आवश्यकता है ईश्वर को यथार्थ रीति से जानने की तथा अपना कनेक्शन उनसे जोड़कर अपने अन्दर शक्तियों को भरने की क्योंकि परमात्मा हम सबके पिता है। आज इतनी मेहनत करने के बाद भी सफलता बहुत कम हासिल होती है। क्योंकि हमनें अपने मन की गति- विधियों पर कभी ध्यान ही नहीं दिया तो आज से पक्का करें कुछ समय अपने लिए निकाले और अपने आप को परमात्म शक्तियों से भरपूर करें।

 

आगे नवीन परांडे जी ने सभी को संबोधित करते हुए बताया कि ब्रह्माकुमारी संस्थान का नाम तो बाल्यकाल से सुनता आ रहा हूँ परन्तु आज यहाँ आने का सौभाग्य प्राप्त हुआ तो काफी अच्छा अनुभव अनुभव हो रहा है। मैं आज वर्तमान समय को सामने रखते हुए पहली बात तो यह कहूँगा की आज प्रत्येक व्यक्ति स्वयं को ना बदलते हुए दूसरों को पहले बदलना चाहता है। दूसरी बात आज सभी ने अपने आप को कार्य मे इतना व्यस्त कर लिया है कि अपने परिवार के लिए इस समाज के लिए किसी के पास वक़्त ही नहीं है तो इस स्थिति में आध्यात्म और मैडिटेशन को जीवन में धारण करना अतिआवश्यक है। और मैं देख रहा हूँ की निश्चित रूप से ब्रह्माकुमारी संस्था सुचारू रूप से इस पर कार्य कर रही है कि सब अपने प्रति और दूसरो के प्रति एक सकारात्मक भाव रखे, एक दूसरे को सहयोग करें, दूसरो को नहीं स्वयं को पहले बदले और अपने जीवन में आध्यात्म और मैडिटेशन को अपनाएं।

 

इसके साथ ही मनोज शर्मा जी ने बताया की मुझे काफी समय हो गया है ब्रह्माकुमारी संस्थान से जुड़े हुए है और मैं आप सबके समक्ष बस यह कहना चाहूँगा की इस संस्था में मैं जब भी आता हूँ तो कुछ ना कुछ अनुभव करके जाता हूँ यहाँ का वातावरण अशांत मन को भी शांत कर देता है। यहाँ आकर एक शक्ति मिलती है तो नकारात्मक सोच भी सकारात्मक हो जाती है और कार्य क्षेत्र में रहकर भी आन्तरिक शांति का अनुभव होता है।

 

बहन जयंती पाल ने कहा की मुझे भी इस संस्थान के संपर्क में रहते हुए काफी समय हुआ है और तब से आज तक  मैंने स्वयं में और अपने जीवन में काफी परिवर्तन देखा है।

 

बहन चेतना तोमर ने अपने उद्बोधन में कहा कि मैंने सिर्फ संस्थान का नाम सुना आज पहली बार आना हुआ संस्थान का प्रयास सराहनीय है मे खुद भी संस्थान से जुड़कर सेवा करूंगी।

तथा बहन यामिनी परांडे ने भी सभी को अपनी शुभ कामनाएं दीं।

तत्पश्चात

कार्यक्रम के अंत में  ब्रह्माकुमारी आदर्श दीदीजी  ने सभी को मैडिटेशन करवाया जिससे सभी को गहन शांति की अनुभूति हुई।

 

कार्यक्रम का कुशल संचालन तथा आभार बी के प्रहलाद भाई के द्वारा किया गया।

 

कार्यक्रम में अनेकानेक भाई बहनों ने भी  हिस्सा लिया।

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

Right to Left in the picture – ब्रह्माकुमार प्रहलाद भाई, भ्राता मनोज शर्मा, जयंती पाल,ब्रह्माकुमारी रेखा बहन, ब्रह्माकुमारी आदर्श दीदी, बहन चेतना तोमर, बहन यामिनी परांडे, भ्राता नवीन परांडे

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

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म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी ने ‘सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर किया सम्मानित

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Gwalior : म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी, भारत सरकार के केंद्रीय संचार मंत्री माननीय श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी, म.प्र. विधानसभा अध्यक्ष माननीय श्री नरेंद्र सिंह तोमर जी ने ग्वालियर के दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार, कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। जिसमें ब्रह्माकुमारी रोशनी, ब्रह्माकुमारी सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में प्रदेश के अनेकानेक कैबिनेट मंत्री गण, सांसद, विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधि तथा प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।

इस अवसर पर बीके रोशनी, बीके सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह ने माननीय मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी का अभिनंदन करते हुए उन्हें ईश्वरीय सौगात भेंट की।

कार्यक्रम में शहर से अनेकानेक सम्माननीय धर्मगुरु, धार्मिक संस्थान, सामाजिक संस्थान से तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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बाल व्यक्तित्व विकास शिविर

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ब्रह्माकुमारीज केंद्र पर तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का हुआ शुभारंभ

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बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास, सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक – आदर्श दीदी

जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है – प्रहलाद भाई

ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की भगिनी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाऊंडेशन के युवा प्रभाग और शिक्षा प्रभाग के द्वारा माधवगंज स्थित प्रभु उपहार भवन में तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का शुभारंभ हुआ।
इस शिविर में बच्चों के सम्पूर्ण विकास के लिए आध्यात्मिकता, नैतिक शिक्षा, व्यवहारिक ज्ञान और सकारात्मक सोच आदि विषयों को रचनात्मक ढंग से बताया जायेगा।
शिविर के शुभारंभ में मुख्य प्रशिक्षक के रूप में उपस्थित मोटिवेशनल स्पीकर एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई ने नए सभी बच्चों को मोटिवेट करते हुए मजेदार शिक्षाप्रद कहानियाँ सुनाकर शिविर की शुरुआत की। उन्होंने एक रचनात्मक एक्टिविटी के माध्यम से शिविर में उपस्थित बच्चों को सिखाया कि हमें ध्यान से सुनना चाहिए। क्योकि ध्यान से सुनने का बहुत महत्व है। जबकि सुनने से ज्यादा हम देखकर कर्म करते है, हम जैसा देखते है वैसा हम बनते चले जाते है। यदि हम कुछ गलत चीजों को देखते है या हमारे सामने कोई गलती कर रहा है तो उसका प्रभाव भी हमारे जीवन पर पड़ता है। इसलिए हमेशा टीवी या मोबाईल पर कुछ देखते है तो अच्छा ही देखे।
उन्होंने कहा कि अच्छे गुणों और संस्कारों का बीज बोने का यह सही समय है। इस समय अंदर लचीलापन होता है। सही शब्दों में कहा जाए तो व्यक्तित्व का निर्माण और जीवन को दिशा देने का काम इसी समयावधि में हो सकता है। हम जैसा बनना चाहें वैसा अपने को बना सकते हैं। आजकल कई बच्चे अपना कीमती समय मोबाइल पर नष्ट कर रहे हैं। अभिभावक और शिक्षक चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। इस समय में मोबाईल का ज्यादा उपयोग करना हमारे लिए बहुत नुकशान दायक है । मोबाईल हमारी सुविधा के लिए है पढ़ाई आदि के लिए ही हम इसे थोडा बहुत उपयोग कर सकते है। बांकी और और चीजों में हमें नहीं जाना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि सभी बच्चो को प्रातः सूर्योदय से पहले जाग जाना चाहिए तथा रात्रि को जल्दी सोना चाहिए। देर रात तक नहीं जागना चाहिए। सभी बच्चों को अपने माता पिता कहना मानना चाहिए। हरेक माता पिता अपने बच्चों की भलाई के लिए ही उन्हें समझाते है कभी भी माता पिता से नाराज नहीं होना चाहिए। जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है। और वह जीवन में आगे बढ़ते जाते है। इस पर एक रोचक कहानी भी बच्चों को सुनाई।
आगे भाई जी ने बच्चों को मन बुद्धि और संस्कार के बारे में बताया कि कैसे हम अच्छा सोचकर अपने अन्दर अच्छी आदतों को डाल सकते है। और अपनी ख़राब आदतों को छोड़ सकते है।


कार्यक्रम में बच्चो को मेडिटेशन (ध्यान) की सरल विधि सिखाई गई साथ ही ध्यान का अभ्यास भी कराया गया।
इस अवसर पर केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि हम थोडा समय पढ़ाई से पूर्व या कोई कार्य करने से पूर्व राजयोग ध्यान का अभ्यास करते है। अथवा परमात्मा को याद करते है तो हमें सफलता अवश्य मिलती है, साथ ही हमारी एकाग्रता भी बढती है। दीदी ने आगे कहा कि हमें इतना सुंदर जीवन मिला है तो उसके लिए हमें ईश्वर का शुक्रिया अदा करना चाहिए, साथ ही उन सभी का शुक्रिया करना चाहिए जो हमारे जीवन को अच्छा बनाने में हमारे मददगार है जैसे माता-पिता एवं गुरुजन आदि।
दीदी ने आगे बताया कि बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास और सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक है। यह शिविर निश्चित ही बच्चों में दिव्य गुणों की धारणा और चारित्रिक विकास में मददगार साबित होगा। जो बच्चे बचपन से ही आध्यात्मिक शिक्षा और नैतिक शिक्षा और व्यवहारिक शिक्षा से जुड़ते है, तो वह न केवल बड़े होकर एक अच्छे नागरिक बनते है, बल्कि समाज और विश्व के लिए भी एक प्रेरणा और आदर्श बनकर उभरते है।
अंत में शिक्षाप्रद गेम भी खिलाये गए जिसका बच्चों ने आनंद लिया|
इस अवसर पर बीके जीतू, बीके सुरभि, बीके रोशनी, रीता मिड्ढा सहित अनेकानेक बच्चो के पैरेंट्स भी उपस्थित थे।

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