Connect with us

Indraganj Lashkar

आध्यात्मिकता द्वारा समाज को नई दिशा (28-07-2022)

Published

on

आध्यात्मिकता द्वारा समाज को नई दिशा

 

लश्कर ग्वालियर : आज प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा एक कार्यक्रम का आयोजन “प्रभु उपहार भवन” माधौगंज स्थित सेवाकेंद्र पर किया गया  |

कार्यक्रम में मुख्य रूप पानीपत से पधारे ब्रह्माकुमार भारत भूषण भाईजी (इंटरनेशनल मोटिवेशनल स्पीकर, निदेशक ज्ञान मानसरोवर अकादमी), ब्रह्माकुमारी  आदर्श दीदी (स्थानीय सेवाकेंद्र इंचार्ज), ब्रह्माकुमारी ज्योति बहन, श्रीमती आशा सिंह (राष्ट्रीय महिला जागरण प्रमुख), श्रीमती शकुंतला सिंह परिहार (पूर्व किशोर न्यायालय बोर्ड सदस्य), श्रीमती रानू नाहर (समाज सेवी), श्रीमती दीपिका जैन (संचालिका आर्यन स्कूल और आर्यन कॉलेज), डॉ.वीरा लोहिया (निदेशक जनक हॉस्पिटल, ग्वालियर) उपस्थित रहे |

कार्यक्रम का शुभारम्भ दीप प्रज्जवलन के साथ हुआ तत्पश्चात सभी उपस्थित अतिथियों का स्वागत तिलक और फूल माला के साथ बी. के. महिमा और बी.के.सुरभि  के द्वारा किया गया|

 

कार्यक्रम में बी.के.आदर्श दीदीजी  ने सभी का अभिनन्दन करते हुए कहा कि आज लोग इस समाज के लिए  कुछ ना कुछ करना तो चाहते हैं परन्तु सही मार्ग दर्शन ना मिलने के कारण सही दिशा में कार्य नहीं कर पाते इसलिए आज हम सभी को स्वयं पर काम करने की आवश्यकता है, अपनी सोच को बदलने की आवश्यकता है की मैं इस जीवन में किसी के काम आ सकूँ,  स्वयं को ऐसा बना लूँ जो सभी मेरे जीवन से प्रेरित हो सके | मेरे सम्बन्ध – संपर्क में आने वाला प्रत्येक मनुष्य अपना जीवन भी परिवर्तन कर ले तथा इस समाज के परिवर्तन के कार्य में लग जाए और वह तब होगा जब प्रत्येक मनुष्य आध्यात्म से जुडा रहे और अपने जीवन को ऐसा प्रेरणादायक बनाये जो दूसरे  भी हमें देख कर उस मार्ग पर चलने लग जाए तो इस समाज को अवश्य ही एक नई दिशा मिल जाएगी |

कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में पधारे  बी.के. भारत भूषण भाई  ने सभी को संबोधित करते हुए बताया कि  आज अगर कोई इस समाज का उद्धार कर सकता है या इस समाज को नई दिशा दिखा सकता है  तो वो हैं शिव शक्तियां क्योंकि आज प्रैक्टिकल में भी वो ज्ञान गंगाएं बन कर इस समाज का कल्याण करने का कार्य कर रहीं हैं | इसीलिए आप सभी ने सुना होगा की हम भारत माता कहते हैं भारत पिता नहीं | आज प्रत्येक मनुष्य धन की प्राप्ति के लिए किसको याद करते है माँ लक्ष्मी को, विद्या की प्राप्ति के लिए याद करते है माँ सरस्वती को और जीवन में संतोष की प्राप्ति के लिए याद करते है संतोषी माँ को इसलिए इन शिव शक्तियों का विशेष पार्ट है इस समाज को एक सही राह दिखा कर परिवर्तन करने में  | शिव शक्तियां अर्थात पिता परमात्मा शिव अपनी शक्तियों के साथ आध्यात्मिकता द्वारा समाज को एक नई दिशा देने का कार्य कर रहे हैं तो आज ज़रूरत है हम सब भी इस विशेष कार्य में अपना सहयोग दें और समाज को एक सही मार्ग पर चलने का रास्ता बताएं |  श्रीमती आशा सिंह ने आज के विषय को ध्यान में रखते हुए बताया कि अगर हम सभी को उस सर्वशक्तिमान परमात्मा का अच्छी रीती ज्ञान हो जाए,  अगर इतना भी सभी को समझ  में आ जाए की हम उस ईश्वर की संतान हैं  तो इस समाज में कही किसी को कोई परेशानी नहीं होने वाली, क्योंकि हमारी इस समाज के प्रति सकारात्मक सोच , बदले की भावना के बजाये मदद की भावना, हमारी दृष्टि, हमारे कर्म, हमारे बोल स्वतः ही परिवर्तन हो जायेंगे |

आगे  श्रीमती  शकुंतला  सिंह  परिहार ने कहा कि बहुत भाग्यशाली हैं हम सब जो सावन के महीने में ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान में आने का मौका मिला और आध्यात्म से समाज को कैसे नई दिशा मिले उसे भी अच्छी रीती जाना | आज आध्यात्मिकता हर एक  को अपने जीवन में अपनाना चाहिए क्योंकि आज समाज में सब एक दूसरे को सहयोग देने के बजाय बदले की भावना रखते हैं तो एक अच्छे समाज का निर्माण कैसे हो | तो इसलिए अपनी दिनचर्या में से कुछ समय आध्यात्मिकता के लिए निकाले ताकि स्वयं को और समाज को एक सही मार्ग दर्शन दिखा सकें |

डॉ. वीरा  लोहिया ने बताया कि आज हम सभी का जीवन इतना व्यस्ताओं में घिर गया है की आध्यात्मिकता को लोग भूल ही गए हैं  | आज कहीं ना कहीं सबके जीवन में आंतरिक ख़ुशी मानो गुम हो गई है तो हम सभी ख़ुशी को बहार ढूंढने लग जाते हैं परन्तु किसी को ये ज्ञान ही नहीं है कि वो हमारे अन्दर ही है परन्तु आज इस  भागम भाग भरे जीवन में हमें सेल्फ चैकिंग का समय ही नहीं मिल पाता है तो आध्यात्म हमें यही सिखाता है कि स्वयं को जाने, स्वयं से बातें करें और खुद को परिवर्तन करें |

अंत में श्रीमती  रानू  नाहर,  श्रीमती  दीपिका  जैन ने भी अपनी शुभकामनाएं दीं |

कार्यक्रम का कुशल संचालन और आभार बी.के.ज्योति बहन  के द्वारा किया गया |

इस अवसर पर 400 से भी अधिक श्रद्धालु कार्यक्रम में शामिल हुए |

Indraganj Lashkar

म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी ने ‘सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर किया सम्मानित

Published

on

By

Gwalior : म.प्र. के माननीय मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव जी, भारत सरकार के केंद्रीय संचार मंत्री माननीय श्री ज्योतिरादित्य सिंधिया जी, म.प्र. विधानसभा अध्यक्ष माननीय श्री नरेंद्र सिंह तोमर जी ने ग्वालियर के दत्तोपंत ठेंगड़ी सभागार, कृषि विश्वविद्यालय में आयोजित सामाजिक समरसता’ कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारी बहनों को शॉल ओढ़ाकर सम्मानित किया। जिसमें ब्रह्माकुमारी रोशनी, ब्रह्माकुमारी सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह को सम्मानित किया गया।

कार्यक्रम में प्रदेश के अनेकानेक कैबिनेट मंत्री गण, सांसद, विधायक सहित अन्य जनप्रतिनिधि तथा प्रशासनिक अधिकारी उपस्थित थे।

इस अवसर पर बीके रोशनी, बीके सुरभि, बीके डॉ.गुरचरण सिंह ने माननीय मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी का अभिनंदन करते हुए उन्हें ईश्वरीय सौगात भेंट की।

कार्यक्रम में शहर से अनेकानेक सम्माननीय धर्मगुरु, धार्मिक संस्थान, सामाजिक संस्थान से तथा गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

Continue Reading

Indraganj Lashkar

बाल व्यक्तित्व विकास शिविर

Published

on

Continue Reading

Indraganj Lashkar

ब्रह्माकुमारीज केंद्र पर तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का हुआ शुभारंभ

Published

on

बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास, सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक – आदर्श दीदी

जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है – प्रहलाद भाई

ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की भगिनी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाऊंडेशन के युवा प्रभाग और शिक्षा प्रभाग के द्वारा माधवगंज स्थित प्रभु उपहार भवन में तीन दिवसीय बाल व्यक्तित्व विकास शिविर का शुभारंभ हुआ।
इस शिविर में बच्चों के सम्पूर्ण विकास के लिए आध्यात्मिकता, नैतिक शिक्षा, व्यवहारिक ज्ञान और सकारात्मक सोच आदि विषयों को रचनात्मक ढंग से बताया जायेगा।
शिविर के शुभारंभ में मुख्य प्रशिक्षक के रूप में उपस्थित मोटिवेशनल स्पीकर एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई ने नए सभी बच्चों को मोटिवेट करते हुए मजेदार शिक्षाप्रद कहानियाँ सुनाकर शिविर की शुरुआत की। उन्होंने एक रचनात्मक एक्टिविटी के माध्यम से शिविर में उपस्थित बच्चों को सिखाया कि हमें ध्यान से सुनना चाहिए। क्योकि ध्यान से सुनने का बहुत महत्व है। जबकि सुनने से ज्यादा हम देखकर कर्म करते है, हम जैसा देखते है वैसा हम बनते चले जाते है। यदि हम कुछ गलत चीजों को देखते है या हमारे सामने कोई गलती कर रहा है तो उसका प्रभाव भी हमारे जीवन पर पड़ता है। इसलिए हमेशा टीवी या मोबाईल पर कुछ देखते है तो अच्छा ही देखे।
उन्होंने कहा कि अच्छे गुणों और संस्कारों का बीज बोने का यह सही समय है। इस समय अंदर लचीलापन होता है। सही शब्दों में कहा जाए तो व्यक्तित्व का निर्माण और जीवन को दिशा देने का काम इसी समयावधि में हो सकता है। हम जैसा बनना चाहें वैसा अपने को बना सकते हैं। आजकल कई बच्चे अपना कीमती समय मोबाइल पर नष्ट कर रहे हैं। अभिभावक और शिक्षक चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं। इस समय में मोबाईल का ज्यादा उपयोग करना हमारे लिए बहुत नुकशान दायक है । मोबाईल हमारी सुविधा के लिए है पढ़ाई आदि के लिए ही हम इसे थोडा बहुत उपयोग कर सकते है। बांकी और और चीजों में हमें नहीं जाना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि सभी बच्चो को प्रातः सूर्योदय से पहले जाग जाना चाहिए तथा रात्रि को जल्दी सोना चाहिए। देर रात तक नहीं जागना चाहिए। सभी बच्चों को अपने माता पिता कहना मानना चाहिए। हरेक माता पिता अपने बच्चों की भलाई के लिए ही उन्हें समझाते है कभी भी माता पिता से नाराज नहीं होना चाहिए। जो बच्चे आज्ञाकारी होते है उन्हें सभी की दुवाएं एवं स्नेह मिलता है। और वह जीवन में आगे बढ़ते जाते है। इस पर एक रोचक कहानी भी बच्चों को सुनाई।
आगे भाई जी ने बच्चों को मन बुद्धि और संस्कार के बारे में बताया कि कैसे हम अच्छा सोचकर अपने अन्दर अच्छी आदतों को डाल सकते है। और अपनी ख़राब आदतों को छोड़ सकते है।


कार्यक्रम में बच्चो को मेडिटेशन (ध्यान) की सरल विधि सिखाई गई साथ ही ध्यान का अभ्यास भी कराया गया।
इस अवसर पर केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी ने बच्चों को संबोधित करते हुए कहा कि यदि हम थोडा समय पढ़ाई से पूर्व या कोई कार्य करने से पूर्व राजयोग ध्यान का अभ्यास करते है। अथवा परमात्मा को याद करते है तो हमें सफलता अवश्य मिलती है, साथ ही हमारी एकाग्रता भी बढती है। दीदी ने आगे कहा कि हमें इतना सुंदर जीवन मिला है तो उसके लिए हमें ईश्वर का शुक्रिया अदा करना चाहिए, साथ ही उन सभी का शुक्रिया करना चाहिए जो हमारे जीवन को अच्छा बनाने में हमारे मददगार है जैसे माता-पिता एवं गुरुजन आदि।
दीदी ने आगे बताया कि बच्चों में प्रेम, दया, क्षमा, आत्मविश्वास और सहनशीलता जैसे गुणों का विकास बहुत आवश्यक है। यह शिविर निश्चित ही बच्चों में दिव्य गुणों की धारणा और चारित्रिक विकास में मददगार साबित होगा। जो बच्चे बचपन से ही आध्यात्मिक शिक्षा और नैतिक शिक्षा और व्यवहारिक शिक्षा से जुड़ते है, तो वह न केवल बड़े होकर एक अच्छे नागरिक बनते है, बल्कि समाज और विश्व के लिए भी एक प्रेरणा और आदर्श बनकर उभरते है।
अंत में शिक्षाप्रद गेम भी खिलाये गए जिसका बच्चों ने आनंद लिया|
इस अवसर पर बीके जीतू, बीके सुरभि, बीके रोशनी, रीता मिड्ढा सहित अनेकानेक बच्चो के पैरेंट्स भी उपस्थित थे।

Continue Reading

Brahmakumaris