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Indraganj Lashkar

ऊँची सोच युवा की खोज विषय पर वेबिनार आयोजित (26-06-2022)

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ऊँची सोच युवा की खोज विषय पर वेबिनार आयोजित

लश्कर  ग्वालियर  : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की सहयोगी संस्था राजयोग एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के युवा प्रभाग द्वारा एक वेबिनार का आयोजन किया गया | जिसका विषय था – “ऊँची सोच युवा की खोज” |

इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप से बी.के.प्रहलाद भाई (मोटिवेशनल स्पीकर एंड ट्रेनर, ग्वालियर), बी.के.अर्चना बहन (राजयोग प्रशिक्षका, सीधी), बी.के.अभिलाषा बहन (राजयोग प्रशिक्षका, भोपाल), विवेक सिंह चौहान (युवा व्यवसायी समाज सेवी, सीधी), मनोज कुमार सिंह ( रिसर्चर एंड सोशल इंटरप्रेन्योर, सिंगरौली) उपस्थित रहे |

बी.के.अर्चना बहन ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी का स्वागत अभिनन्दन किया तथा उन्होंने कार्यक्रम को एक सुन्दर गीत के साथ आरम्भ किया  |

इसके तत्पश्चात बी.के.प्रहलाद भाई  ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि देखा जाए तो युवाओं के अन्दर बहुत शक्ति होती है  इसलिए उन्हें दोपहर का सूर्य भी कहा जाता है क्योकि आपने देखा होगा दोपहर का सूर्य बहुत ही तेजोमय दिखाई पड़ता है इसलिए युवा जो है वो दोपहर के सूर्य के सामान है क्योकि आने वाली जो पीड़ी है उनकी जवाबदारी युवा पर है और जो अनुभवी होकर उस वृद्ध अवस्था तक पहुचे हैं उनकी भी जवाबदारी युवा पर है | परन्तु आज युवाओं का गलत संग होने के कारण अपने जीवन का सदुपयोग करने के बजाये दुरूपयोग करने लग जाते हैं | उन्होंने एक उद्धारण देते हुए सभी युवाओं को बताया कि आज युवा छोटी – छोटी बातों में दु:खी हो जाता है, नाराज़ हो जाता है, और तोड़ फोड़ में अपनी ऊर्जा करता है, एक दुसरे के प्रति कटुता की भावना, बदले की भावना आज बहुत देखने  में मिलती है लेकिन यदि युवा इन व्यर्थ की बातों से अपने मन से हटा कर एकांत में बैठकर स्व-चिंतन करे,  अपनी शक्तियों को पहचाने तो युवा जो करना चाहता है  वह कर सकता है । वह अपनी ऊर्जा को जिस दिशा में लगाना चाहता है लगा सकता है। उसे कभी असफलता का सामना नहीं करना पड़ेगा। बस ज़रूरत है स्वयं की शक्ति को पहचान कर उसे कार्य में लगाने की | तो आज हम सभी संकल्प लें कि हम अपने को बुरे संग और नशे आदि से बचाएंगे । अपनी ऊर्जा को अच्छे कार्य में, विश्व सेवा के कार्य में लगायेंगे। इसीके साथ अपने  आस पास के जितने भी लोग होंगे उन्हें भी सही राह पर लाने का प्रयास करेंगे।  क्योकि यह हम सभी युवाओं की ज़िम्मेदारी है। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि आज एक नशा और हमारे जीवन में शामिल हो गया और वह है मोबाइल फोन का आवश्यकता से ज्यादा उपयोग एवं सोशल मीडिया का ज्यादा उपयोग इसकी वजह से हम अपनी शांति और शक्ति को खोते जा रहे है। आवश्यकता के अनुसार उपयोग अवश्य करें लेकिन इनको अपने ऊपर हावी नहीं होने दें।

कार्यक्रम में मनोज सिंह जी  ने बताया कि जब युवाओं की बात आती है तो सर्व प्रथम नाम स्वामी विवेकानंद जी का आता है, वह हमारे लिए बहुत ही प्रेरणाश्रोत हैं | विवेकानंद जी भी कहते थे सबसे ज्यादा ज़रूरत है अपनी सोच को बदलने की | क्योकि जिस दिन हमने अपनी सोच को बदल दिया उस दिन हमारा देश परिवर्तन हो जायेगा क्योकि नीव ही युवा है | आज युवा बहुत कुछ अपने जीवन में हासिल करना चाहता है परन्तु वह बहुत जल्दी हार मान लेता अगर मुझे अपने जीवन में सफलता प्राप्त करनी है तो उसके लिए ज़रूरी है अपना उद्धेश्य स्पष्ट हो और उसे प्राप्त करने की ऊर्जा कभी समाप्त ना हो तो आप देखना अवश्य ही अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे | इसके साथ उन्होंने अपने जीवन में आई चुनोतियो का किस तरह से सामना किया वह भी स्पष्ट किया |

विवेक  सिंह चौहान जी  ने सभी को संबोधित करते हुए बताया कि आज युवाओं के जीवन में जो सबसे बड़ी चुनोती है वह है सोशल मीडिया,  जीवन का सदुपयोग युवा इसलिए ही नहीं  कर पा रहा  है  क्योकि वह सोशल मीडिया को इस्तेमाल करने में इतना व्यस्त हो गया है कि इसके आगे युवाओं का उज्जवल भविष्य अंधकार की ओर जाता हुआ नज़र आ रहा है | तो अगर हम सभी लोग इन सब से छुटना चाहते हैं तो  “Digital Detox” का अभ्यास करना शुरू करें अर्थात अपने जीवन में एक से दो दिन सोशल मीडिया का इस्तेमाल ना करें और धीरे धीरे इस अभ्यास को बढ़ाये तब सभी को यह अनुभव होगा की इतनी ज़रूरत आज इन साधनों की नहीं है जितना हम इनका इस्तेमाल करते हैं | तो जब इन सब से स्वयं को दूर करेंगे तो सफलता भी अवश्य मिलेगी  |

कार्यक्रम का कुशल संचालन एवं आभार बी.के.अभिलाषा बहन द्वारा किया गया |

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तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी(न्यूज़ कवरेज)

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तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी

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24 सितंबर 2025

खुशनुमा और स्वस्थ जीवन के लिए तनाव प्रबंधन आवश्यक – बीके प्रहलाद भाई

एसएएफ 13 बटालियन में तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली विषय पर प्रेरणादायक सत्र आयोजित

ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के द्वारा 13वीं वाहिनी विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ 13 बटालियन) में “तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली” विषय पर एक प्रेरणादायक सत्र आयोजित किया गया। जिसका उद्देश्य लोगों को मानसिक शांति, सकारात्मक सोच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रेरक वक्ता एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई तथा ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र की मुख्य संचालिका बीके आदर्श दीदी उपस्थित थीं।


इस अवसर पर एस ए एफ 13 बटालियन से प्रभारी सेनानी अनुराग पांडे, सहायक सेनानी, गुलबाग सिंह, डॉक्टर ओ पी वर्मा निरीक्षक मुनेन्द्र सिंह भदोरिया, निरीक्षक, धर्मेंद्र वर्मा, निरीक्षक मुकेश परिहार, निरीक्षक पुष्पेंद्र सिंह भदौरिया, निरीक्षक जादौन, निरीक्षक राय सिंह जयंत, समस्त पी टी एस स्टाफ एवं 350 से अधिक प्रशिक्षणार्थी सहित ब्रह्माकुमारीज से बीके सुरभि, बीके रोशनी, बीके पवन उपस्थित थे।
कार्यक्रम में बीके प्रहलाद भाई ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आज के तेज रफ़्तार जीवन में तनाव हर किसी की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। जिसकी वजह से हमारे जीवन में काफी उतार चढाव आते है। इन सबसे छूटने के लिए तनाव का सही ढंग से प्रबंधन करना ही खुशनुमा और स्वस्थ जीवन जीने की कला है। यदि तनाव पर नियंत्रण न हो तो यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ को प्रभावित करता है। इसके लिए कुछ सरल उपाय अपनाकर हम संतुलित, आनंदमय और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। उन्होंने कहा कि – सकारात्मक सोच विकसित करें, हर परिस्थिति में अच्छा पक्ष देखने का प्रयास करें, नकारात्मक विचारों से दूर रहें, योग और ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाये, रोजाना 15 से 20 मिनिट ध्यान करें जिससे मन स्थिर रहता है एवं मानसिक शांति भी मिलती है, प्राणायाम और योगासन से शरीर स्वस्थ्य रहता है, 6 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद लें, संतुलित भोजन लें, नशे से दूरी बनाकर रखें, जंक फ़ूड से बचें, व्यवस्थित दिनचर्या बनायें, कोई न कोई रोज अच्छी पुस्तक पढ़ने की आदत डालें, कार्यक्रम स्थल पर किसी भी तरह का दवाव आता है तो घबरायें नहीं, परिवार के साथ समय विताएं, हर कार्य को एक खेल की तरह से लें।
बीके प्रहलाद भाई नें अनेकानेक रचनात्मक गतिविधि भी कराई जिससे सभी का मन हल्का हुआ और उमंग उत्साह भी बढ़ा। और दिन कि शुरुआत किस तरह से करें वह भी बताया।


कार्यक्रम में बीके आदर्श दीदी नें कहा कि तनाव को दूर करने के लिए योग, ध्यान, प्राणायाम, सकारात्मक चिंतन और समय प्रबंधन जैसे उपाय बेहद प्रभावी हैं। पर्याप्त नींद और रुचियों के लिए समय निकालना जीवन को सुखद और तनावमुक्त बना सकता है साथ ही कहा कि तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है यदि हम स्वस्थ दिनचर्या और आत्म नियंत्रण को अपनाएं तो जीवन अधिक खुशनुमा और आनंदमय बन सकता है। दीदी नें सभी को राजयोग ध्यान की विधि बताई तथा सभी को उसके फायदे बताते हुए अभ्यास भी कराया।
इस अवसर पर उपस्थित प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे अपने जीवन में स्वस्थ दिनचर्या, योग ध्यान और सकारात्मक सोच को अपनायेंगे और परिवार एवं समाज के प्रेरणास्त्रोत बनेगें।


कार्यक्रम में मेडिकल ऑफिसर डॉ ओपी वर्मा ने बताया कि तनाव आता है तो लोग आसानी से नशे की तरफ भागते है जबकि वह समाधान नहीं है। समाधान के लिए हमें ब्रह्माकुमारीज़ जैसे आध्यात्मिक संस्थानों से जुड़कर ध्यान के माध्यम में हमें अपने को सकारात्मक बनाना चाहिए। इस अवसर पर अन्य पदाधिकारियों नें भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में संस्थान के लोंगो का अभिनन्दन करते हुए पौधे भेंट किए गए।

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ब्रह्माकुमारीज़ के माधौगंज केंद्र पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में भव्य कार्यक्रम का हुआ आयोजन

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ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के माधौगंज स्थित प्रभु उपहार भवन में भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।


कार्यक्रम में संस्थान के बाल कलाकारों ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का मंचन किया। जिसने सभी का मन मोह लिया तो वहीं भजन गायकों द्वारा सुंदर भजनों की प्रस्तुति ने सभी को आनंदित कर दिया।
कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी ने सभी को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की बधाई दी और कहा कि आज हम भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को हर्ष और उल्लास के साथ मना रहे हैं। यह केवल एक धार्मिक त्योहार ही नहीं, बल्कि हमारे जीवन को दिशा देने वाला आध्यात्मिक संदेश है। भगवान श्रीकृष्ण जी का जीवन हमें सिखाता है कि धर्म की रक्षा और अन्याय तथा बुराइयों का अंत करना ही जीवन का सबसे बड़ा उद्देश्य होना चाहिए।


भगवान ने गीता में कहा है कि अपने कर्तव्यों को निष्ठा और ईमानदारी से करना चाहिए, फल की चिंता नहीं करनी चाहिए। यह शिक्षा आज के समाज के लिए बहुत प्रासंगिक है। यदि हर व्यक्ति अपना कर्तव्य सही भावना से निभाए, तो समाज में अन्याय, भ्रष्टाचार और असमानता स्वतः ही समाप्त हो सकती है।
भगवान श्रीकृष्ण का जीवन हमें गहन शिक्षाएँ देता है। उनका जन्म कारागार में दिखाते है, लेकिन परिस्थितियाँ कैसी भी रही हों, उन्होंने हमेशा धर्म और न्याय की स्थापना का कार्य किया। उनका पूरा जीवन हमें यह संदेश देता है कि मनुष्य को अपने कर्तव्य का पालन निस्वार्थ भाव से करना चाहिए।
यह पर्व हमें नई श्रेष्ठाचारी और पावन दुनिया की याद दिलाता है। जब-जब संसार में अन्याय, अधर्म और असत्य बढ़ता है, तब ईश्वर अवतरित होकर मानवता को सही दिशा दिखाते हैं।

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कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार महेश कुमार, प्रेरक वक्ता बीके प्रहलाद ने भी सभी को जन्माष्टमी की शुभकामनाएं देते हुए अपने विचार प्रकट किए।
कार्यक्रम में सुंदर झांकी लगाई गई थी। जिसका दर्शन लाभ सभी ने लिया। साथ ही भजनों की सुंदर प्रस्तुति एवं भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का मंचन करने वाले कलाकारों में कु. रोशनी, कु. तनवी, कु. पीहू, कु. नंदनी, कु. हंसिका, कु. रुचि, कु. नव्या, रूबी, सोनिया, पवन, अखिलेश, निलक्ष तथा बीके जीतू आदि शामिल थे।

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