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मातेश्वरी जगदम्बा सरस्वती जी का 57 वाँ स्मृति दिवस आध्यात्मिक ज्ञान दिवस के रूप में मनाया(24-06-2022)

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मातेश्वरी जगदम्बा सरस्वती जी का 57 वाँ स्मृति दिवस आध्यात्मिक ज्ञान दिवस के रूप में मनाया

ग्वालियर : प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय की प्रथम मुख्य प्रशासिका मातेश्वरी जगदम्बा सरस्वती जी का 57 वाँ स्मृति  दिवस आध्यात्मिक ज्ञान दिवस के रूप में मनाया गया |

यह कार्यक्रम माधौगंज लश्कर में आयोजित हुआ | कार्यक्रम में मुख्य रूप से भोपाल से पधारे ब्रह्माकुमार श्री प्रकाश भाई, लश्कर सेवाकेंद्र की मुख्य इंचार्ज ब्रह्माकुमारी आदर्श दीदी, ब्रह्माकुमारी लक्ष्मी दीदी उपस्थित थी |

कार्यक्रम के शुभारंभ में ब्रम्हाकुमारी आदर्श दीदी जी ने सभी को संबोधित करते हुए संस्था की प्रथम मुख्य मातेश्वरी ब्रह्मा जी के जीवन परिचय को बताते हुए कहा कि उनका जन्म 1919 में अमृतसर में परिवार में एक सामान्य परिवार में हुआ था| उनके बचपन का नाम “ओम राधे” था जब ओम की ध्वनि का उच्चारण करती थी तो पूरे वातावरण में गहन शांति छा जाती थी इसलिए भी ओम राधे के नाम से लोकप्रिय हुई मातेश्वरी जी ने 24 जून 1965 को अपने नश्वर देह का त्याग करके संपूर्णता को प्राप्त किया था| इस दिवस को ब्रह्माकुमारी संस्थान के देश विदेश के भाई बहनें “आध्यात्मिक ज्ञान दिवस” के रूप में मना रहे हैं| आज मातेश्वरी जी का 57 वाँ पुण्य स्मृति दिवस है |

मातेश्वरी जगदम्बाजी का जन्म अविभाजित भारत के सिंध हैदराबाद में हुआ था जगदंबा जी का व्यक्तित्व समस्त नारी जगत के लिए गौरव और प्रेरणा का स्रोत है | मातेश्वरी जी ने आध्यात्मिक शक्ति के द्वारा मानवता की सेवा के पथ को उस समय चुना जब नारिओं को घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं होती थी | भारतीय संस्कृति के उत्थान के लिए मातेश्वरी जी का यह त्याग समर्पण और सेवा तथा विश्व के लिए अत्यंत गौरव का विषय है |

मातेश्वरी जी ने अपने त्याग तपस्या और सेवा से समस्त मानव समुदाय को जीवन मुक्ति की राह दिखाई तथा नारिओं को अध्यात्म के पथ पर चलते हुए समाज की सेवा करने के लिए प्रेरणा प्रदान किया|  मनमोहिनी दीदी जी, दादी प्रकाशमणि जी, दादी जानकी जी, दादी ह्रदय मोहिनी जी इत्यादि बहनों ने मातेश्वरी जगदम्बा जी के सानिध्य में रहकर मानवता की सेवा का पाठ सीखा| इन महान आत्माओं ने भारतीय संस्कृति सभ्यता एवं मानवीय मूल्यों के आध्यात्मिक शिक्षा को विश्व के 140 देशों में पहुंचाया|

 मातेश्वरी जगदंबा जी आधुनिक युग की चेतन देवी थी उन्हें श्री ज्ञान गुण और शक्तियों को धारण करके लोगों को अनुभव कराने का दिव्य वरदान प्राप्त था | उनके दिखाए गए मार्ग पर चलते हुए ब्रह्माकुमारी संस्था विश्व सेवा का जो महान कार्य कर रही है, यह मातेश्वरी जी के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है|

तत्पश्चात ब्रह्माकुमार श्री प्रकाश ने सभी को संबोधित करते हुए मातेश्वरी जगदंबा सरस्वती जी की विशेषताएं  सभी को बताते हुए कहा कि जैसा उनका नाम नाम था वैसा ही उनका जीवन था | परमात्मा शिव ने मम्मा के सिर पर ज्ञान का अमृत का कलश रखा मम्मा उसे धारण कर सुनाने के निमित्त बनी|  लेकिन वह हमेशा कहती थी परमपिता का प्रसाद है मिला हुआ सुना रही हूं| धारणा में जो है वही सुना रही हूं| तभी उनकी वाणी में मधुरता सच्चाई झलकती थी वह कहती थी जितनी हमारे में सत्यता पवित्रता होगी उतनी मिठास आएगी जरा भी अपवित्रत आई या मन में किसी के लिए गिलानी है तो वाणी कडवी हो जाएगी |

वह सदैव आत्म स्थिति में रहती थी जो उनमें बाबा के गुण और कर्म दिखाई देते थे उन्होंने सदैव सभी को मर्यादा में एक्यूरेट रहना सिखाया कितनी भी मनुष्य आत्माओं के संग में आते हुए भी सभी की बातों को सुनते हुए भी खुद हर बात से न्यारी और प्यारी रहती थी | कभी मम्मा की दृष्टि किसी आत्मा के प्रति भी चेंज नहीं होती थी हर किसी के प्रति कल्याण का भाव रहता था |

इसके साथ सभी ने पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी |

इस अवसर पर बी. के. ज्योति बहन, बी.के. प्रहलाद, बी.के. पवन, बी. के. सुरभि, बी.के. रोशनी, बी.के. विजेंद्र सहित संस्थान से जुड़े सैकड़ो भाई एवं बहनें उपस्थित थे |

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तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी(न्यूज़ कवरेज)

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तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी

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24 सितंबर 2025

खुशनुमा और स्वस्थ जीवन के लिए तनाव प्रबंधन आवश्यक – बीके प्रहलाद भाई

एसएएफ 13 बटालियन में तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली विषय पर प्रेरणादायक सत्र आयोजित

ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के द्वारा 13वीं वाहिनी विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ 13 बटालियन) में “तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली” विषय पर एक प्रेरणादायक सत्र आयोजित किया गया। जिसका उद्देश्य लोगों को मानसिक शांति, सकारात्मक सोच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रेरक वक्ता एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई तथा ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र की मुख्य संचालिका बीके आदर्श दीदी उपस्थित थीं।


इस अवसर पर एस ए एफ 13 बटालियन से प्रभारी सेनानी अनुराग पांडे, सहायक सेनानी, गुलबाग सिंह, डॉक्टर ओ पी वर्मा निरीक्षक मुनेन्द्र सिंह भदोरिया, निरीक्षक, धर्मेंद्र वर्मा, निरीक्षक मुकेश परिहार, निरीक्षक पुष्पेंद्र सिंह भदौरिया, निरीक्षक जादौन, निरीक्षक राय सिंह जयंत, समस्त पी टी एस स्टाफ एवं 350 से अधिक प्रशिक्षणार्थी सहित ब्रह्माकुमारीज से बीके सुरभि, बीके रोशनी, बीके पवन उपस्थित थे।
कार्यक्रम में बीके प्रहलाद भाई ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आज के तेज रफ़्तार जीवन में तनाव हर किसी की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। जिसकी वजह से हमारे जीवन में काफी उतार चढाव आते है। इन सबसे छूटने के लिए तनाव का सही ढंग से प्रबंधन करना ही खुशनुमा और स्वस्थ जीवन जीने की कला है। यदि तनाव पर नियंत्रण न हो तो यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ को प्रभावित करता है। इसके लिए कुछ सरल उपाय अपनाकर हम संतुलित, आनंदमय और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। उन्होंने कहा कि – सकारात्मक सोच विकसित करें, हर परिस्थिति में अच्छा पक्ष देखने का प्रयास करें, नकारात्मक विचारों से दूर रहें, योग और ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाये, रोजाना 15 से 20 मिनिट ध्यान करें जिससे मन स्थिर रहता है एवं मानसिक शांति भी मिलती है, प्राणायाम और योगासन से शरीर स्वस्थ्य रहता है, 6 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद लें, संतुलित भोजन लें, नशे से दूरी बनाकर रखें, जंक फ़ूड से बचें, व्यवस्थित दिनचर्या बनायें, कोई न कोई रोज अच्छी पुस्तक पढ़ने की आदत डालें, कार्यक्रम स्थल पर किसी भी तरह का दवाव आता है तो घबरायें नहीं, परिवार के साथ समय विताएं, हर कार्य को एक खेल की तरह से लें।
बीके प्रहलाद भाई नें अनेकानेक रचनात्मक गतिविधि भी कराई जिससे सभी का मन हल्का हुआ और उमंग उत्साह भी बढ़ा। और दिन कि शुरुआत किस तरह से करें वह भी बताया।


कार्यक्रम में बीके आदर्श दीदी नें कहा कि तनाव को दूर करने के लिए योग, ध्यान, प्राणायाम, सकारात्मक चिंतन और समय प्रबंधन जैसे उपाय बेहद प्रभावी हैं। पर्याप्त नींद और रुचियों के लिए समय निकालना जीवन को सुखद और तनावमुक्त बना सकता है साथ ही कहा कि तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है यदि हम स्वस्थ दिनचर्या और आत्म नियंत्रण को अपनाएं तो जीवन अधिक खुशनुमा और आनंदमय बन सकता है। दीदी नें सभी को राजयोग ध्यान की विधि बताई तथा सभी को उसके फायदे बताते हुए अभ्यास भी कराया।
इस अवसर पर उपस्थित प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे अपने जीवन में स्वस्थ दिनचर्या, योग ध्यान और सकारात्मक सोच को अपनायेंगे और परिवार एवं समाज के प्रेरणास्त्रोत बनेगें।


कार्यक्रम में मेडिकल ऑफिसर डॉ ओपी वर्मा ने बताया कि तनाव आता है तो लोग आसानी से नशे की तरफ भागते है जबकि वह समाधान नहीं है। समाधान के लिए हमें ब्रह्माकुमारीज़ जैसे आध्यात्मिक संस्थानों से जुड़कर ध्यान के माध्यम में हमें अपने को सकारात्मक बनाना चाहिए। इस अवसर पर अन्य पदाधिकारियों नें भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में संस्थान के लोंगो का अभिनन्दन करते हुए पौधे भेंट किए गए।

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ब्रह्माकुमारीज़ के माधौगंज केंद्र पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के उपलक्ष्य में भव्य कार्यक्रम का हुआ आयोजन

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ग्वालियर। प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के माधौगंज स्थित प्रभु उपहार भवन में भगवान श्रीकृष्ण जन्माष्टमी उत्सव को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।


कार्यक्रम में संस्थान के बाल कलाकारों ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का मंचन किया। जिसने सभी का मन मोह लिया तो वहीं भजन गायकों द्वारा सुंदर भजनों की प्रस्तुति ने सभी को आनंदित कर दिया।
कार्यक्रम में ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र प्रमुख बीके आदर्श दीदी ने सभी को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की बधाई दी और कहा कि आज हम भगवान श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव को हर्ष और उल्लास के साथ मना रहे हैं। यह केवल एक धार्मिक त्योहार ही नहीं, बल्कि हमारे जीवन को दिशा देने वाला आध्यात्मिक संदेश है। भगवान श्रीकृष्ण जी का जीवन हमें सिखाता है कि धर्म की रक्षा और अन्याय तथा बुराइयों का अंत करना ही जीवन का सबसे बड़ा उद्देश्य होना चाहिए।


भगवान ने गीता में कहा है कि अपने कर्तव्यों को निष्ठा और ईमानदारी से करना चाहिए, फल की चिंता नहीं करनी चाहिए। यह शिक्षा आज के समाज के लिए बहुत प्रासंगिक है। यदि हर व्यक्ति अपना कर्तव्य सही भावना से निभाए, तो समाज में अन्याय, भ्रष्टाचार और असमानता स्वतः ही समाप्त हो सकती है।
भगवान श्रीकृष्ण का जीवन हमें गहन शिक्षाएँ देता है। उनका जन्म कारागार में दिखाते है, लेकिन परिस्थितियाँ कैसी भी रही हों, उन्होंने हमेशा धर्म और न्याय की स्थापना का कार्य किया। उनका पूरा जीवन हमें यह संदेश देता है कि मनुष्य को अपने कर्तव्य का पालन निस्वार्थ भाव से करना चाहिए।
यह पर्व हमें नई श्रेष्ठाचारी और पावन दुनिया की याद दिलाता है। जब-जब संसार में अन्याय, अधर्म और असत्य बढ़ता है, तब ईश्वर अवतरित होकर मानवता को सही दिशा दिखाते हैं।

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कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार महेश कुमार, प्रेरक वक्ता बीके प्रहलाद ने भी सभी को जन्माष्टमी की शुभकामनाएं देते हुए अपने विचार प्रकट किए।
कार्यक्रम में सुंदर झांकी लगाई गई थी। जिसका दर्शन लाभ सभी ने लिया। साथ ही भजनों की सुंदर प्रस्तुति एवं भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का मंचन करने वाले कलाकारों में कु. रोशनी, कु. तनवी, कु. पीहू, कु. नंदनी, कु. हंसिका, कु. रुचि, कु. नव्या, रूबी, सोनिया, पवन, अखिलेश, निलक्ष तथा बीके जीतू आदि शामिल थे।

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