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Indraganj Lashkar

“खेलेगा इंडिया तो जीतेगा इंडिया”  कार्यक्रम आयोजित – ब्रह्माकुमारीज़ ग्वालियर(19-02-2022)

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“खेलेगा इंडिया तो जीतेगा इंडिया”  कार्यक्रम आयोजित – ब्रह्माकुमारीज़ ग्वालियर

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की भगिनी संस्थान राजयोगा एजुकेशन एंड रिसर्च फाउंडेशन के स्पोर्ट्स प्रभाग के द्वारा “आजादी के अमृत महोत्सव से स्वर्णिम भारत की ओर “खेलेगा इंडिया जीतेगा इंडिया” का आयोजन किया गया । यह आयोजन अंतर्राष्ट्रीय “टग ऑफ वार डे”  के उपलक्ष में विशेष रूप से स्थानीय सेवा केंद्र ओल्ड हाई कोर्ट स्थित संगम भवन में आयोजित किया गया । जिसमें खेल जगत से जुड़े हुए विशिष्ट महानुभावों ने अपने अनुभव व्यक्त किए । कार्यक्रम में विशेष रूप से किस प्रकार से हम जीतने का दृष्टिकोण अपने जीवन में धारण कर सकते हैं इस बारे में हमारे विशेषज्ञों ने अनेक प्रकार के टिप्स दिए ।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आईटीएम यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ स्पोर्ट्स एजुकेशन के डीन डॉ प्रोफेसर कपिल दवे जी ने कहा कि हमारे जीवन को स्वस्थ रुप से आगे बढ़ाने के लिए खेलकूद का बहुत ही महत्व है । यहां तक कि अगर हम इस महामारी के समय पर देखें तो वह भाई बहने जो कि शारीरिक रूप से एक्टिव थे उन्हें इस महामारी ने कम प्रभावित किया । इसी तथ्य को सामने रखते हुए हमें स्पोर्ट्स को अपने जीवन में विशेष स्थान देना चाहिए, जैसे हम और चीजों को महत्व देते हैं । रिसर्च में यहां तक भी देखा गया है कि जो माताएं खेलकूद में ध्यान देती हैं तो उनके होने वाले बच्चे भी शारीरिक मानसिक रूप से स्वस्थ रहते हैं ।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्पोर्ट्स प्रभाग के नेशनल कोऑर्डिनेटर बी के राजयोगी डॉ जगबीर सिंह भाई जी ने अपने अनुभव व्यक्त करते हुए कहा कि हमारे मानसिक संतुलन का खेल में संतुलित रूप से खेलने के लिए एवं अपनी विजय प्राप्त करने के लिए बहुत आवश्यक है । आपने अपने पिछले अनुभवों के आधार पर कई खिलाड़ियों के साथ किए गए प्रयोगों का वर्णन करते हुए बताया कि इस प्रकार से सकारात्मक चिंतन जिसमें-
1- मेडिटेशन
2- विजुलाइजेशन
3- सकारात्मक एफर्मेशन
4- सेल्फ टॉक और
5-  साइलेंस
इन पांचों टूल्स का उपयोग करके हम अपने परफॉर्मेंस में सकारात्मक परिवर्तन ला सकते हैं । आपने ब्रह्मा कुमारीज ग्वालियर का धन्यवाद करते हुए कहा कि आज के इस अंतरराष्ट्रीय टग ऑफ वॉर डे पर इस प्रकार का आयोजन किया । अपने कहा कि हमारी आदरणीय दादी जी और शशि दीदी जी भी हमारे पीस पार्क हेड क्वार्टर में सभी भाई बहनों को टग ऑफ वार खेल खिलाते हैं ।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एम पी व्हीलचेयर क्रिकेट टीम के कैप्टन श्री कबीर सिंह भदोरिया ने अपने अनुभवों को व्यक्त करते हुए कहा कि एक समय ऐसा होता था जबकि पैरा स्पोर्ट्स इतने प्रचलित नहीं थे परंतु आज के समय पर सरकारें इस ओर ध्यान दे रही है जिस वजह से कई भाई बहने बहुत इस ओर अग्रसर हो रहे हैं और अच्छा परफॉर्म कर रहे हैं । तो हमें इन स्पोर्ट्स को अपने जीवन में धारण करते हुए उमंग उत्साह के साथ अपने परफॉर्मेंस अच्छे से अच्छा करने  का लक्ष्य में जीवन में रखना है । अपने माइंड और बॉडी को फिट रखने के लिए स्पोर्ट्स बहुत जरूरी है ।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए आर्मी ऑफिसर कर्नल डॉ. अरविंद झा जी ने कहा कि सकारात्मक चिंतन का और राजयोग का बहुत ही सकारात्मक प्रभाव हमारे खेल के परिणामों पर पड़ता है इसके अभ्यास से हम मनचाहे  परिणाम अपने खेल के परफॉर्मेंस में प्राप्त कर सकते हैं । आपने कहा कि जगबीर भाई जी के साथ कई ओलंपिक्स में आपने खिलाड़ियों के लिए सकारात्मक चिंतन की ट्रेनिंग दी है और आप इसके सकारात्मक प्रभावों से भलीभांति परिचित हैं । आपने अपनी सेवाएं भविष्य में भी संस्थान को प्रदान करने के लिए कहा कि खिलाड़ियों के लिए जिस भी प्रकार के सहयोग की आवश्यकता हो वह हमेशा इस बारे में तत्पर है ।
इसके पश्चात संस्थान के युवा भाईयों ने मिलकर रस्साकशी अथवा टग ऑफ़ वॉर का आनंद भी लिया । जिसमें एक टीम फरिश्ता और दूसरी महावीर टीम थी, जिसमें टीम फरिश्ता ने इस खेल को जीतकर आदरणीय दीदी जी से सम्मान भी प्राप्त किया । कार्यक्रम को संबोधित करते हुए स्थानीय सेवा केंद्र प्रभारी बी के आदर्श दीदी जी ने कहा कि हमारे जीवन में स्पोर्ट्स चाहे वह किसी भी प्रकार का हो उसका होना अति आवश्यक है, ताकि हम शारीरिक रूप से जागरूक और चुस्त बने । जिसके आधार पर हम अपने कार्यों को और अच्छे से कर पाऐंगे । आपने कहा कि ध्यान एकाग्र करने के लिए भी स्पोर्ट्स का जीवन में होना अति आवश्यक है और इसकी शिक्षाएं विशेष रूप से संस्थान का स्पोर्ट्स प्रभाग बखूबी प्रदान कर रहा है । आपने आह्वान किया स्पोर्ट्स से जुड़े भाई बहनों का जो कि इस सकारात्मक चिंतन के इस विशेष शिविर से विशेष लाभ प्राप्त कर सकते हैं ।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए बी के डॉ गुरचरन सिंह ने कहा कि हमें विशेष रूप से पांच बातों का ध्यान रखना चाहिए-
1- अपने जीवन में और खेलकूद में निरंतर प्रगति को प्राप्त करने के लिए हमेशा सपोर्ट स्पिरिट यानि कि खेल की भावना को हमेशा बनाए रखना चाहिए ।
2- हर परिस्थिति में सकारात्मक सोचना चाहिए, विपरीत परिस्थितियां भी ज्यादा से ज्यादा क्या कर सकती है और अगर हम पॉजिटिव सोचते हैं तो हम क्या कुछ कर सकते हैं
3- हमेशा स्वदर्शन करना है अर्थात अपनी जहां कमी कमजोरियों को चेक करते हुए उनको निकालने का प्रयास करना है साथ-साथ अपनी शक्तियों को बढ़ाने का भी प्रयास निरंतर जारी रखना है ।
4- हर परिस्थिति को साक्षी होकर देखना है साक्षी माना न्यारे हो कर ।जब हम न्यारे होते हैं तो हर परिस्थिति में हमारी निर्णय शक्ति बढ़ जाती है । इसीलिए खेल में निर्णय करने के लिए रेफरी या एम्पायरस की आवश्यकता होती है ।
5- अंत में सकारात्मक रूप से अपने जीवन को चलाने के लिए अपनी सारी जिम्मेदारियों का बोझ पिता परमात्मा को दे देना है अर्थात उनको समर्पित कर देना है । समर्पण भाव से बड़े से बड़े कार्य सहज रूप से हो सकते हैं ।
आपने कहा कि इस प्रकार से खेलकूद करने से हमारे अंदर हैप्पी हारमोंस का भी निर्माण होता है जिसकी वजह से हम हमेशा खुशी उमंग उत्साह में रह सकते हैं ।
अंत में सभी भाई बहनों का धन्यवाद करते हुए बी के प्रहलाद भाई ने कहा कि यह विशेष आयोजन इस चीज को ध्यान में रखते हुए किया गया है कि हम अपने जीवन में आने वाली परिस्थितियों और खेलकूद में आने वाली विपरीत परिस्थितियों का सहजता से सामना कर सकें । कार्यक्रम का लाइव प्रसारण ब्रह्माकुमारीज़  ग्वालियर के यूट्यूब चैनल पर भी किया गया ।


Programme Link :

 

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सीआरपीएफ संतुलित आहार

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सीआरपीएफ समूह केंद्र में क्षेत्रीय परिवार कल्याण केन्द्र के सहयोग से सेमिनार का आयोजन

ग्वालियर। सीआरपीएफ समूह केंद्र में क्षेत्रीय परिवार कल्याण केन्द्र के सहयोग से एक सेमिनार व वक्तव्य का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम समूह केन्द्र के तानसेन क्लब में आयोजित हुआ। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डाईटीशियन सौम्या चड्ढा, ब्रह्माकुमारीज संस्थान से प्रेरक वक्ता बी के प्रहलाद भाई उपस्थित थे।
इस अवसर पर क्षेत्रीय कावा अध्यक्षा श्रीमती सुनीता निगम, श्रीमती भावना गुप्ता, डिप्टी कमांडेंट दिलाबर सिंह, श्रीमती गीता, श्रीमती आशा सहित क्षेत्रीय कावा के अन्य सदस्य भी उपस्थित थे।
केन्द्र में निवासरत महिलाओं के स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता व उनको लाभान्वित करने के लिए विशेषज्ञों द्वारा पोषण एवं अंधत्व नियंत्रण के विषय पर चर्चा की गयी
मुख्य आहार विशेषज्ञ सौम्या चड्ढा नें सभी को सम्बोधित करते हुए कहा कि सभी को यह ध्यान रखना चाहिए कि हमारा आहार इस तरह का हो जिसमें वह सभी पोषक तत्व आ जाए जो शरीर के लिए आवश्यक है। उन्होंने बताया कि लें। थाली में अनाज, दाल/ प्रोटीन, सब्जी, फल, दूध, दही जैसी चीजें शामिल करें। समय पर भोजन करें, सीजनल फल और सब्जियां लें, दिनभर में 8 से 10 गिलास पानी पिएं, शारीरिक व्यायाम करें या कम से कम 30 मिनिट पैदल चलें, जरूरत से ज्यादा भोजन न करें।
ब्रह्माकुमारीज़ संस्थान के मेडिटेशन विशेषज्ञ बीके प्रहलाद भाई एवं बीके सुरभि नें सभी को मन को स्वस्थ्य रखने के लिए टिप्स दिए एवं राजयोग ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाने की बात कही। उन्होंने कहा कि राजयोग ध्यान करने से अनेक लाभ होते है। जैसे – यह तनाव कम करता है, मन को शांति और स्थिरता देता है, गुस्सा, चिंता और नकारात्मक सोच को घटाता है, एकाग्रता और स्मरण शक्ति बढ़ाता है, नींद की गुणवत्ता में सुधार लाता है। यह सब ठीक है तो शारीरिक स्वास्थ्य भी ठीक रहता है।
सेमिनार में ग्रुप केन्द्र के सैंकड़ों कार्मिकों एवं इस ग्रुप केन्द्र में निवासरत महिलाओं द्वारा बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया गया। सेमिनार के अंत में क्षेत्रीय कावा अध्यक्षा श्रीमती सुनीता निगम द्वारा डाईटीशियन सौम्या चड्ढा एवं बी के प्रहलाद भाई को स्मृति चिन्ह भेंट किए एवं विशेषज्ञों द्वारा इस विषय पर महत्वपूर्ण ज्ञानवर्धन करने हेतु धन्यवाद एवं आभार व्‍यक्‍त किया।

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खुशनुमा और स्वस्थ जीवन (एसएएफ 13 बटालियन)

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प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज़ ईश्वरीय विश्व विद्यालय के द्वारा 13वीं वाहिनी विशेष सशस्त्र बल (एसएएफ 13 बटालियन) में “तनाव प्रबंधन, खुशनुमा और स्वस्थ जीवन शैली” विषय पर एक प्रेरणादायक सत्र आयोजित किया गया। जिसका उद्देश्य लोगों को मानसिक शांति, सकारात्मक सोच और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना था।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में प्रेरक वक्ता एवं वरिष्ठ राजयोग ध्यान प्रशिक्षक बीके प्रहलाद भाई तथा ब्रह्माकुमारीज़ केंद्र की मुख्य संचालिका बीके आदर्श दीदी उपस्थित थीं।
इस अवसर पर एस ए एफ 13 बटालियन से प्रभारी सेनानी अनुराग पांडे, सहायक सेनानी, गुलबाग सिंह, डॉक्टर ओ पी वर्मा निरीक्षक मुनेन्द्र सिंह भदोरिया, निरीक्षक, धर्मेंद्र वर्मा, निरीक्षक मुकेश परिहार, निरीक्षक पुष्पेंद्र सिंह भदौरिया, निरीक्षक जादौन, निरीक्षक राय सिंह जयंत, समस्त पी टी एस स्टाफ एवं 350 से अधिक प्रशिक्षणार्थी सहित ब्रह्माकुमारीज से बीके सुरभि, बीके रोशनी, बीके पवन उपस्थित थे।
कार्यक्रम में बीके प्रहलाद भाई ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि आज के तेज रफ़्तार जीवन में तनाव हर किसी की दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। जिसकी वजह से हमारे जीवन में काफी उतार चढाव आते है। इन सबसे छूटने के लिए तनाव का सही ढंग से प्रबंधन करना ही खुशनुमा और स्वस्थ जीवन जीने की कला है। यदि तनाव पर नियंत्रण न हो तो यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ को प्रभावित करता है। इसके लिए कुछ सरल उपाय अपनाकर हम संतुलित, आनंदमय और स्वस्थ जीवन जी सकते हैं। उन्होंने कहा कि – सकारात्मक सोच विकसित करें, हर परिस्थिति में अच्छा पक्ष देखने का प्रयास करें, नकारात्मक विचारों से दूर रहें, योग और ध्यान को जीवन का हिस्सा बनाये, रोजाना 15 से 20 मिनिट ध्यान करें जिससे मन स्थिर रहता है एवं मानसिक शांति भी मिलती है, प्राणायाम और योगासन से शरीर स्वस्थ्य रहता है, 6 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद लें, संतुलित भोजन लें, नशे से दूरी बनाकर रखें, जंक फ़ूड से बचें, व्यवस्थित दिनचर्या बनायें, कोई न कोई रोज अच्छी पुस्तक पढ़ने की आदत डालें, कार्यक्रम स्थल पर किसी भी तरह का दवाव आता है तो घबरायें नहीं, परिवार के साथ समय विताएं, हर कार्य को एक खेल की तरह से लें।
बीके प्रहलाद भाई नें अनेकानेक रचनात्मक गतिविधि भी कराई जिससे सभी का मन हल्का हुआ और उमंग उत्साह भी बढ़ा। और दिन कि शुरुआत किस तरह से करें वह भी बताया।
कार्यक्रम में बीके आदर्श दीदी नें कहा कि तनाव को दूर करने के लिए योग, ध्यान, प्राणायाम, सकारात्मक चिंतन और समय प्रबंधन जैसे उपाय बेहद प्रभावी हैं। पर्याप्त नींद और रुचियों के लिए समय निकालना जीवन को सुखद और तनावमुक्त बना सकता है साथ ही कहा कि तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है यदि हम स्वस्थ दिनचर्या और आत्म नियंत्रण को अपनाएं तो जीवन अधिक खुशनुमा और आनंदमय बन सकता है। दीदी नें सभी को राजयोग ध्यान की विधि बताई तथा सभी को उसके फायदे बताते हुए अभ्यास भी कराया।
इस अवसर पर उपस्थित प्रतिभागियों ने संकल्प लिया कि वे अपने जीवन में स्वस्थ दिनचर्या, योग ध्यान और सकारात्मक सोच को अपनायेंगे और परिवार एवं समाज के प्रेरणास्त्रोत बनेगें।
कार्यक्रम में मेडिकल ऑफिसर डॉ ओपी वर्मा ने बताया कि तनाव आता है तो लोग आसानी से नशे की तरफ भागते है जबकि वह समाधान नहीं है। समाधान के लिए हमें ब्रह्माकुमारीज़ जैसे आध्यात्मिक संस्थानों से जुड़कर ध्यान के माध्यम में हमें अपने को सकारात्मक बनाना चाहिए। इस अवसर पर अन्य पदाधिकारियों नें भी अपने विचार रखे।
कार्यक्रम में संस्थान के लोंगो का अभिनन्दन करते हुए पौधे भेंट किए गए।

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तनाव प्रबंध केवल एक तकनीक नहीं बल्कि एक जीवन जीने की कला है – बीके आदर्श दीदी(न्यूज़ कवरेज)

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